सोयाबीन कृषकों को कृषि विभाग की खास सलाह, जानिए अच्छी पैदावार के लिए बुवाई से पूर्व क्या करें, जानिए..

Soybean Advisory : सोयाबीन कृषकों के लिए कृषि विभाग ने जारी की साप्ताहिक सलाह (2-8 जून 2025) देखें डिटेल।

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Soybean Advisory | देश के कुछ क्षेत्रों में असामयिक/ मानसून पूर्व बारिश होने के समाचार हैं। पूर्व अनुभव के अनुसार उत्पादन की दृष्टि से 10 जून के पश्चात सोयाबीन की बोवनी करना अत्यंत लाभकारी देखा गया हैं।

अतः सोया कृषकों को सलाह हैं कि वे मानसून के आगमन के पश्चात ही सोयाबीन की बोवनी करें। आइए कृषि विभाग से जानते है सोयाबीन कृषकों के लिए साप्ताहिक सलाह (2-8 जून 2025)..

सोयाबीन कृषकों के लिए साप्ताहिक सलाह (2-8 जून 2025)

सोयाबीन की खेती के लिए आदान (बीज दर, खाद-उर्वरक, फफूंदनाशक, खरपतवारनाशक, जैविक कल्चर और उनकी आवश्यक मात्रा आदि की जानकारी दी गई हैं।) का क्रय एवं उपलब्धता सुनिश्चित करें। Soybean Advisory

किस्मों का चयनः अपने जलवायु क्षेत्र के लिए अनुकूल विभिन्न समयावधि में पक्नेवाली न्यूनतम 2-3 नोटिफाइड सोयाबीन की किस्मों का चयन कर बीज उपलब्धता सुनिश्चित करें।

ऐसे किसान जो सोयाबीन के बाद आलू, प्याज, लहसुन जैसी फसल लेकर गेंहू/चना लगाते हो, सोयाबीन की शीघ्र समयावधि वाली किस्म को लगाये। उसी प्रकार वर्ष में केवल दो फसलें लेने वाले कृषक मध्यम/अधिक समय परिपक्वता अवधि वाली किस्मों (Soybean Advisory) का चयन करें।

एकल किस्म की खेती के स्थान पर न्यूनतम 2-3 किस्मों की खेती करने में जोखिम कम होती हैं। अतः कृषकों को सलाह हैं कि कृपया स्थानीय जलवायु अनुरूप अपने क्षेत्र के लिए अनुशंसित किस्मों में से न्यूनतम 2-3 किस्मों का चयन कर बीज उपलब्धता सुनिश्चित करें तथा बीज गुणवत्ता जांच कर 70% अंकुरण सुनिश्चित करें।

देश के विभिन्न क्षेत्रों में सोयाबीन की बोवनी के उपयुक्त समय की जानकारी दी गई हैं। मध्य क्षेत्र के लिए जून माह के दुसरे सप्ताह से जुलाई माह के प्रथम सप्ताह का समय सबसे उचित होता। लेकिन सलाह हैं कि मानसून के आगमन के पश्चात ही, न्यूनतम 10 सेमी वर्षा होने की स्थिति में सोयाबीन (Soybean Advisory) की बोवनी करें।

उत्पादन में स्थिरता की दृष्टि से 3 वर्ष में एक बार खेत की गहरी जुताई करना लाभकारी होता हैं. अतः ऐसे किसान जिन्होंने इस पद्धति को नहीं अपनाया हैं, कृपया इस समय अपने खेत की गहरी जुताई करें. उसके पश्चात विपरीत दिशा में कल्टीवेटर एवं पाटा चलाकर खेत को तैयार करें। सामान्य वर्षो में विपरीत दिशा में दो बार कल्टीवेटर एवं पाटा चलाकर खेत को तैयार करें।

कार्बनिक खाद का प्रयोगः पोषण प्रबंधन के लिए, अंतिम बखरनी से पूर्व गोबर की खाद (5-10 टन/हे) या मुर्गी की खाद (2.5 टन/हे) को खेत में फैलाकर अछि तरह मिला दे। Soybean Advisory

विगत कुछ वर्षों से फसल में सुखा, अतिवृष्टि या असामयिक वर्षा जैसी घटनाये देखि जा रही हैं। ऐसी विपरीत परिस्थितियों में फसल को बचाने हेतु सलाह हैं कि सोयाबीन की बोवनी के लिए बी.बी.एफ (चौड़ी क्यारी प्रणाली) या (रिज-फरो पद्धति) कुड-मेड-प्राणाली का चयन करें तथा सम्बंधित यन्त्र या उपकरणों का प्रबंध करें।

बोवनी के लिए अनुशंसित सस्य क्रियाओं का अनुपालन एवं दुरी : Soybean Advisory उत्पादन की दृष्टि से प्रति हेक्टेयर पौध संख्या अत्यंत महत्वपूर्ण बिंदु हैं। अतः सोयाबीन किस्म के प्रकार (फैलनेवाली/सीधी बढवार) के अनुसार 30-45 सेमी कतारों पर तथा 5-10 सेमी पौधों की दूरी पर बोवनी करें।

देश के विभिन्न क्षेत्रों के लिए सोयाबीन बोवनी का उपर्युक्त समय, एवं बीज दर, बोवनी का समय और उर्वरक की मात्रा :-

मध्य क्षेत्र (मध्यप्रदेश, उत्तरप्रदेश का बुंदेलखंड भाग, राजस्थान, गुजरात, उत्तर पश्चिमी महाराष्ट्र) के लिए बोवनी का समय 20 जून से 5 जुलाई एवं बीज दर 65 किलोग्राम प्रति हेक्टेयर। Soybean Advisory

उत्तर पूर्वी पहाड़ी (छत्तीसगढ़, झारखंड, बिहार, उड़ीसा एवं पश्चिम बंगाल, असम, मेघालय, मणिपुर, नागालैंड एवं सिक्किम) क्षेत्र के लिए बोवनी का समय 15 से 30 जून एवं बीज दर 55 किलोग्राम प्रति हेक्टेयर।

उत्तर मैदानी (पंजाब, हरियाणा, दिल्ली, उत्तरप्रदेश के पूर्वी मैदान, मैदानी उत्तराखंड एवं पूर्वी बिहार) क्षेत्र के लिए बोवनी का समय 20 जून से 5 जुलाई एवं बीज दर 65 किलोग्राम प्रति हेक्टेयर।

पूर्वी क्षेत्र के लिए बोवनी का समय 15 से 30 जून एवं बीज दर 55 किलोग्राम प्रति हेक्टेयर। Soybean Advisory

दक्षिणी क्षेत्र (कर्नाटक, तमिलनाडु, तेलंगाना, आंध्रप्रदेश व महाराष्ट्र का दक्षिणी भाग) के लिए बोवनी का समय 15 से 30 जून एवं बीज दर 55 किलोग्राम प्रति हेक्टेयर।

*मानसून के आगमन पश्चात 100 मिमी वर्ष होने पर*

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विभिन्न क्षेत्रों के लिए पोषक तत्वों की मात्रा

मध्य क्षेत्र (25:60:40:20 एनपीके किग्रा./हेक्टे.) : 56 किग्रा यूरिया, 375 किग्रा. सुपर फास्फेट एवं 67 किग्रा म्यूरेट ऑफ फास्फेट। Soybean Advisory

दक्षिण क्षेत्र (25:80:20:30 एनपीके किग्रा./हेक्टे.) : 56 किग्रा यूरिया, 500 किग्रा. सुपर फास्फेट एवं 34 किग्रा म्यूरेट ऑफ फास्फेट।

उत्तर मैदानी क्षेत्र (25:75:25:37:5 एनपीके किग्रा./हेक्टे.) : 56 किग्रा यूरिया, 470 किग्रा. सुपर फास्फेट एवं 42 किग्रा म्यूरेट ऑफ फास्फेट।

उत्तर पूर्वी पहाड़ी क्षेत्र एवं पूर्वी क्षेत्र (25:100:50:50 एनपीके किग्रा./हेक्टे.) : 56 किग्रा यूरिया, 625 किग्रा. सुपर फास्फेट एवं 84 किग्रा म्यूरेट ऑफ फास्फेट। Soybean Advisory

मध्य क्षेत्र के लिए अनुशंसित पोषक तत्वों की मात्रा (25:60:40:20 किग्रा/हे) नाइट्रोजन, फॉस्फोरस, पोटाश व सल्फर की पूर्ति निम्न प्रकार से की जा सकती हैं :-

56 कि.ग्रा युरिया, 375 कि.ग्रा. सुपर फास्फेट एवं 67 कि .ग्रा. म्युरेट ऑफ पोटाश) अथवा

125 किग्रा DAP+67 किग्रा MOP +25 किग्रा बेंटोनेट सल्फर अथवा

मिश्रित उर्वरक 12:32:16 @ 200 किग्रा + 25 किग्रा बेंटोनेट सल्फर

प्रति हेक्टेयर 25 किग्रा जिंक सल्फेट +50 किग्रा आयरन सल्फेट (आवशयकता अनुसार) Soybean Advisory

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