धान खरीद (Paddy Procurement) को लेकर केंद्र सरकार का सख्त रुख के विरोध में किसान सड़कों पर उतरे, भाव पर पड़ेगा असर..
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Paddy Procurement | खरीफ सीजन की प्रमुख फसल धान की कटाई हो रही है, लगभग 50 से 60% धान काटकर तैयार हो चुका है।
धान की सरकारी खरीदी भी कई राज्यों में शुरू हो चुकी है। मध्य प्रदेश में धान की न्यूनतम समर्थन मूल्य पर खरीदी 2 नवंबर से शुरू होगी।
इधर पंजाब को लेकर धान खरीदी के मामले में बड़ी खबर आई है इससे किसानों को धान के कम भाव मिलने की संभावना अधिक हो गई है। यही कारण है कि सरकार के एक फैसले के विरोध में किसान सड़कों पर उतर आए हैं।
वहीं मंडियों में धान की आवक (Paddy Procurement) कम हो गई है, यह सब केंद्र सरकार के सख्त निर्णय के कारण हुआ है, आईए जानते हैं पूरा मामला..
Paddy Procurement | यह है पूरा मामला
पंजाब में धान की सरकारी खरीदी हो रही है। राज्य सरकार ने इस खरीदी के संबंध में केंद्र सरकार से मांग की थी कि पंजाब के लिए एफसीआई के आउट ऑफ टर्न रेश्यो (ओटीआर) को 67% से कम किया जाए।
केंद्र सरकार ने इस पर सख्त रूप अपनाते हुए निर्देश दिए की धान खरीद के मामले में किसी भी राज्य को विशेष छूट नहीं दी जा सकती। इस निर्देश के साथ केंद्र सरकार ने राज्य सरकार को विशेष छूट देने से इनकार कर दिया है।
छूट के लिए चावल मिल मालिकों ने की थी मांग
Paddy Procurement | बताया जा रहा है कि धान की नई किस्म पीआर 126 सामान्य किस्म के धान की तुलना में 4- 5% कम ओटीआर दे रही है। कम ओटीआर होने का अर्थ यह है कि चावल मिलों को चावल तैयार करने में नुकसान उठाना पड़ रहा है।
दरअसल, पंजाब के चावल मिल मालिकों की प्रमुख मांग यह है कि पंजाब के लिए एफसीआई के आउट ऑफ टर्न रेश्यो (ओटीआर) को 67% से कम किया जाए।
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केंद्र सरकार ने यह कहा
Paddy Procurement | सरकार ने कहा कि जो भी छूट दी जाएगी, वह सभी पर समान रूप से लागू होगी। (OTR) पर चिंताओं को संबोधित करते हुए, विशेष रूप से PR-126 किस्म के साथ, केंद्रीय खाद्य मंत्री प्रहलाद जोशी ने कहा कि आईआईटी-खड़गपुर को एक विस्तृत अध्ययन करने के लिए नियुक्त किया गया है।
उन्होंने कहा, PR-126 किस्म का उपयोग 2016 से बिना किसी समस्या के किया जा रहा है। राष्ट्रीय ओटीआर मानक किस्म के बावजूद 67 फीसदी पर बना हुआ है।
खाद्य मंत्री प्रह्लाद जोशी ने कहा, ‘केंद्र के प्रस्तावित ओटीआर मानदंड पूरे देश में एक जैसे हैं। धान की खरीद एकीकृत पहचान के आधार पर है और इसे सामान्य तौर पर उचित औसत गुणवत्ता कहा जाता है। : Paddy Procurement
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मिल मालिकों की शिकायतों का समाधान किया जाएगा
मंत्रालय ने भंडारण क्षमता और ढुलाई योजनाओं की साप्ताहिक निगरानी के लिए एफसीआई की अध्यक्षता में एक उच्च स्तरीय समिति बनाई है।
अक्टूबर के लिए 34.75 लाख टन के राष्ट्रीय ढुलाई लक्ष्य में से पंजाब को 40% (13.76 लाख टन) आवंटित किया गया है। केंद्र सरकार मार्च 2025 तक पंजाब से हर महीने 13-14 लाख टन गेहूं निकालने की योजना बना रही है। : Paddy Procurement
चावल मिल मालिकों की शिकायतों के समाधान के लिए जल्द ही एक ऑनलाइन पोर्टल शुरू किया जाएगा। मंत्री ने कहा कि सरकार पीडीएस (PDS) के माध्यम से और तमिलनाडु जैसे राज्यों को मांग के आधार पर चावल वितरित कर रही है।
केंद्र ने धान भंडारण की चिंताओं को खारिज किया
Paddy Procurement | केंद्र सरकार ने उन खबरों को खारिज किया, जिनमें कहा गया था कि पंजाब में भंडारण जगह की कमी के कारण धान खरीद प्रभावित हो रही है। केंद्रीय खाद्य मंत्री प्रह्लाद जोशी ने भरोसा दिया कि पर्याप्त भंडारण स्थान बनाना सरकार की जिम्मेदारी है।
उन्होंने भंडारण जगह की कमी संबंधी खबरों को खारिज करते हुए इसे निहित स्वार्थों के कारण फैलाई गई गलत सूचना करार दिया।
16 लाख टन हो जाएगी भंडारण क्षमता
Paddy Procurement | जोशी ने खाद्य सचिव संजीव चोपड़ा और भारतीय खाद्य निगम (FCI) की चेयरमैन वनिता रतन शर्मा के साथ मीडिया से बातचीत की। इस दौरान उन्होंने कहा, कुछ अफवाहें फैलाई जा रही हैं।
उन्होंने कहा कि राज्य में इस समय 14 लाख टन भंडारण क्षमता है, जो 1 नवंबर तक बढ़कर 16 लाख टन हो जाएगी. प्राइवेटआंत्रप्नयोर गारंटी (PEG) योजना के तहत अतिरिक्त 31 लाख टन क्षमता विकसित की जा रही है।
मंत्री ने बताया कि 3,800 मिल वालों ने धान उठाने के लिए आवेदन किया है, जिनमें से 3,250 को चावल बनाने के लिए भंडार आवंटित किया जा चुका है। : Paddy Procurement
सरकार ने 9,819.88 करोड़ रुपये का भुगतान किया है, जिसमें से 7,641 करोड़ रुपये किसानों तक पहुंच चुके हैं। मंत्रालय ने भंडारण क्षमता और आवाजाही की साप्ताहिक निगरानी के लिए एफसीआई की अगुवाई में एक उच्चस्तरीय समिति बनाई है।
इधर किसान सड़कों पर उतरे, मंडियों में कम आवक
Paddy Procurement | केंद्र सरकार के इस रुख के पश्चात पंजाब के कई जिलों में किसान सड़कों पर उतर आए हैं। पंजाब की मंडियों में 26 अक्टूबर, 2024 तक 54.5 लाख टन धान की आवक हुई। बीते साल यह आंकड़ा 65.8 लाख टन था।
सरकार के रुख के बाद भाव पर यह पड़ेगा असर
केंद्र सरकार के इस सख्त रूप के पश्चात धान के भाव पर असर पढ़ने की संभावना जताई जाने लगी है। इसका असर मंडियों में धान की आवक पर भी देखने को मिल रहा है। : Paddy Procurement
बाजार विश्लेषकों का कहना है कि इससे धान के भाव में 100 से ₹200 तक की कमी आ सकती है। इसकी प्रमुख वजह चावल मिल मालिक सरकार के इस रूख के पश्चात धान के भाव में कटौती करेंगे, जिसका खामियाजा किसानों को भूगतना पड़ेगा।
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