बजट में घोषणा होने के बाद चंबल व छोटी कालीसिंध नदी के संगम पर दो सिंचाई परियोजनाएं (Irrigation Projects Of Mp) आकार लेने वाली है आइए देखते हैं डिटेल..
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Irrigation Projects Of Mp | मध्य प्रदेश में अलग-अलग सिंचाई परियोजनाओं पर करोड़ों रुपए खर्च किए जा रहे हैं।
इसी की तर्ज पर इस वर्ष बजट में दो नई परियोजनाओं के लिए प्रावधान हो चुका है।इन सिंचाई परियोजना से मध्य प्रदेश एवं राजस्थान के किसानों को फायदा मिलेगा।
बताया जा रहा है कि इन परियोजनाओं से मध्य प्रदेश एवं राजस्थान की 15000 हैकटेयर जमीन सिंचित होगी एवं पेयजल की समस्या का निवारण भी होगा। Irrigation Projects Of Mp
इन परियोजनाओं के लिए जल संसाधन विभाग तैयार अंतिम तैयारी में जुटा हुआ है डीपीआर की प्रक्रिया भी तेज हो गई है आईए जानते हैं पूरी डिटेल..
यहां आकर लेगी दो नई सिंचाई परियोजनाएं
जलसंसाधन विभाग के एसई डीएन शर्मा के मुताबिक चौमहला क्षेत्र में प्रेशर आधारित सिंचाई परियोजना विकसित करने के लिए 1 करोड़ रुपए की लागत से डीपीआर बनवाई जा रही है। इसकी प्रक्रिया तेज हो गई है। डीपीआर बनने के बाद ही प्रोजेक्ट पर काम शुरू होगा। Irrigation Projects Of Mp
इन परियोजनाओं के तहत चंबल, छोटी कालीसिंध नदी के संगम पर दो लिफ्ट बनेंगी। इससे चंबल, छोटी कालीसिंध, क्षिप्रा नदी के बीच में प्रेशर आधारित सिंचाई प्रणाली विकसित होगी। बजट में घोषणा होने के बाद इसकी डीपीआर बनाने का काम तेज हो गया है।
एक करोड़ रुपए की लागत से इसकी डीपीआर बनाई जाएगी। इसमें तीनों नदियों के बीच का बड़ा सिंचाई हिस्सा सिंचित हो सकेगा। 15 हजार हेक्टेयर क्षेत्र के खेत सरसब्ज हो सकेंगे। अभी इन खेतों को पानी मिलने में काफी समस्याएं आती हैं। अब प्रेशर आधारित सिंचाई प्रणाली विकसित होने के बाद यहां पर स्प्रिंकलर सिस्टम लगेंगे और उससे ही सिंचाई होगी। Irrigation Projects Of Mp
लोगों को नहीं मिल रहा था सिंचाई का पानी
मध्यप्रदेश और राजस्थान की सीमा से ही चंबल भी निकल रही है। वहीं उन्हैल के नजदीक मध्यप्रदेश में क्षिप्रा नदी है। क्षिप्रा नदी शिपावरा धर्मस्थल पर चंबल से मिलती है। फिर यह दोनों नदियां पारापीपली में आकर छोटी कालीसिंध से मिलती हैं। यहां पर इन तीनों नदियों का संगम होता है। Irrigation Projects Of Mp
इतनी बड़ी नदियां होने के बाद भी सिंचाई का फायदा लोगों को नहीं मिल पा रहा है। इसी को देखते हुए इस क्षेत्र में दो लिफ्ट बनाई जाएंगी। यानी चंबल और छोटी कालीसिंध में एक-एक लिफ्ट बनेगी। इसी लिफ्ट के माध्यम से यह पूरा क्षेत्र सरसब्ज होगा।
इन दोनों परियोजनाओं के धरातल पर उतरने से राजस्थान के झालावाड़ चौमहला, पश्चिम मध्य प्रदेश के उन्हैल सहित इसके आसपास के क्षेत्रों में लोगों को सिंचाई के लिए आने वाली परेशानियां दूर होगी। इसके पहले यह क्षेत्र सुख था यहां पर सिंचाई की काफी परेशानियां आती थीं, जबकि क्षेत्र में छोटी कालीसिंध जैसी नदी है। Irrigation Projects Of Mp
जल संसाधन विभाग द्वारा बनाई जा रही डीपीआर
बजट में प्रावधान के पश्चात इन परियोजनाओं की डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट बनाई जा रही है। गौरतलब है कि छोटी कालीसिंध, चंबल और क्षिप्रा नदी के बीच का जो हिस्सा अभी सिंचाई के पानी को तरस रहा है, वहां तक पानी पहुंचाया जा सके। इसके लिए ही डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट
बनवाई जा रही है। जिले का यह भी काफी बड़ा प्रोजेक्ट होगा, जिससे 15 हजार हैक्टेयर क्षेत्र सिंचित होगा। डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट बनने के बाद ही इस प्रोजेक्ट की लागत और इसमें होने वाले कार्यों के बारे में विस्तार से रिपोर्ट सरकार को भेजी जाएगी। Irrigation Projects Of Mp
राजस्थान का यह क्षेत्र होगा हरा-भरा
इन परियोजनाओं से डग विधानसभा में चौमहला, गंगधार, उन्हेल तक का क्षेत्र आता है जो सीधे तौर पर मध्यप्रदेश से जुड़ा हुआ है। राजस्थान का हिस्सा होने के बाद भी यहां पर एक भी बांध नहीं है। इसी के चलते लोगों को सिंचाई के लिए काफी समस्याओं का सामना करना पड़ता है। यहां कई खेत पानी के अभाव में सूखे रह जाते हैं। Irrigation Projects Of Mp
इस क्षेत्र से बड़ी संख्या में ग्रामीण जुड़े हुए हैं, लेकिन उसके बाद भी किसानों को सिंचाई का कोई लाभ नहीं मिल पाता है। किसानों को सिंचाई के लिए काफी परेशानियां आती हैं। इसी समस्या को देखते हुए अब यहां पर वृहद सिंचाई परियोजना पर काम होगा। उसके बाद यहां के खेतों में हरियाली फैलेगी। Irrigation Projects Of Mp
गुड़ी पड़वा से शुरू होगा जल गंगा जल संवर्धन अभियान
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा है कि पानी से ही जिंदगानी है। हम सभी को जल की बूंद-बूंद बचाने की जरूरत है। जल से ही हम सबका आने वाला कल सुरक्षित है। जल गंगा जल संवर्धन अभियान में जल संरक्षण को प्रोत्साहित करने के लिए व्यापक गतिविधियां चलाई जाएं। जन सामान्य में जल संरक्षण के प्रति जागरूकता बढ़ाने में अभियान महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। Irrigation Projects Of Mp
सरकार विभिन्न विभागों, सामाजिक संगठनों और आम जनता की भागीदारी से जल संरक्षण गतिविधियों को प्रभावी ढंग से आगे बढ़ाएगी। अभियान में वर्षा जल संचयन, जल स्रोतों का पुनर्जीवन और जल संरक्षण तकनीकों को अपनाने पर विशेष जोर दिया जाए।
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने समत्व भवन (मुख्यमंत्री निवास) में हुई ‘जल गंगा जल संवर्धन अभियान’ की बैठक ये निर्देश दिए। जल गंगा संवर्धन अभियान गुड़ी पड़वा 30 मार्च से प्रारंभ होकर 30 जून 2025 तक तीन माह लगातार चलेगा।
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