सोयाबीन सहित अन्य खरीफ फसलों की नई MSP लिस्ट 2024-25 यहां देखें..

खरीफ सीजन शुरू होने वाला है आईए देखते हैं खरीफ फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य की Kharif MSP List 2025 नई लिस्ट..

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Kharif MSP List 2025 | खरीफ फसलें जून जुलाई में बोई जाती है एवं सितंबर अक्टूबर महीने में काटी जाती है।

खरीफ फसलों की कटाई शुरू होने वाली है। इसके बाद सरकार इन खरीफ फसलों को न्यूनतम समर्थन मूल्य पर खरीदेगा।

केंद्र सरकार खरीफ एवं रबी फसलों की एमएसपी प्रतिवर्ष तय करती है। इस वर्ष सरकार ने खरीफ फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य में बढ़ोतरी कर दी है। यह बढ़ोत्तरी खरीफ सीजन की शुरुआत से पहले ही कर दी है।

खरीफ फसलों में धान एवं सोयाबीन की खरीदी न्यूनतम समर्थन मूल्य पर की जाएगी इन फसलों के अलावा अन्य किन-किन फसलों के समर्थन मूल्य में बढ़ोतरी हुई है।

नई MSP से सरकार पर 2 लाख करोड़ रुपए का बोझ पड़ेगा। यह पिछले फसल सीजन की तुलना में 35 हजार करोड़ रुपए ज्यादा है। आईए देखते हैं Kharif MSP List 2025 खरीफ फसलों के समर्थन मूल्य की लिस्ट ..

MSP से यह होता है फायदा

सरकार न्यूनतम मूल्य तय कर फसलों को खरीदने लगती है तो इससे बाजार में उस फसल की कीमत का भाव बढ़ता है।

यही वजह है कि सरकार किसानों को फसलों की उचित कीमत दिलाने के लिए MSP पर फसलें खरीदती है।

देश में MSP लागू नहीं हो, तो बिजनेसमैन बाजार के हिसाब से फसल की कीमत तय करते हैं। उन्हें इससे कोई लेना-देना नहीं है कि फसलों के उत्पादन में किसानों की कितनी पूंजी लगी है।

वह सिर्फ यह देखते हैं कि अच्छी क्वालिटी की फसल सस्ते दामों में उन्हें कहां मिलेगी। (Kharif MSP List 2025)

इस तरह जब सरकार किसी राज्य में न्यूनतम समर्थन मूल्य में किसानों से फसल खरीदती है तो उस राज्य के व्यापारी न्यूनतम समर्थन मूल्य में फसल खरीदने के लिए बाध्य होते हैं। इससे किसानों को फसल की सही कीमत मिल पाती है। (Kharif MSP List 2025)

कैसे तय होती है एमएसपी

केंद्र सरकार ने 1965 में कृषि लागत और मूल्य आयोग यानी कमीशन फॉर एग्रीकल्चर कॉस्ट एंड प्राइज (CACP) का गठन किया था।

यह आयोग (CACP) ही फसलों का न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) तय करता है।

देश में पहली बार 1966-67 में MSP की दर से फसलों की खरीदी की गई थी। (Kharif MSP List 2025)

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MSP में यह फसलें शामिल

केंद्र सरकार द्वारा निर्धारित किए गए मापदंड के अनुसार सात प्रकार के अनाज धान, गेहूं, मक्का, बाजरा, ज्वार, रागी और जौ, 5 प्रकार की दालें चना, अरहर/तुअर, उड़द, मूंग और मसूर एवं 7 प्रकार की तिलहनी फसलों रेपसीड-सरसों, मूंगफली, सोयाबीन, सूरजमुखी, तिल, कुसुम, निगरसीड के अलावा 4 व्यावसायिक फसलों कपास, गन्ना, खोपरा, कच्चा जूट को एमएसपी में सम्मिलित किया गया है। (Kharif MSP List 2025)

इनमें से खरीफ फसलें धान (चावल), मक्का, ज्वार, बाजरा, मूंग, मूंगफली, गन्ना, सोयाबीन, उडद, तुअर, कुल्थी, जूट, सन, कपास आदि है। खरीफ की फसलें जून जुलाई में बोई जाती हैं। सितंबर-अक्टूबर में इनकी कटाई होती है। (Kharif MSP List 2025)

धान की MSP में 117 रुपए बढ़ाए गए

केंद्र सरकार ने खरीफ फसलों की मिनिमम सपोर्ट प्राइस (MSP) बढ़ा दी है। धान की नई MSP 2,300 रुपए तय की गई है, जो पिछली MSP से 117 रुपए ज्यादा है।

खरीफ फसलों में सम्मिलित कपास की नई MSP 7,121 रुपए तय की गई है। इसकी एक दूसरी किस्म की नई MSP 7,521 रुपए कर दी गई है, जो पहले से 501 रुपए ज्यादा है। (Kharif MSP List 2025)

तुअर दाल की MSP में 400 रुपए की बढ़ोतरी

केंद्र सरकार ने तुअर दाल की MSP को 550 रुपए प्रति क्विंटल और उड़द दाल की MSP को 450 रुपए प्रति क्विंटल बढ़ाने को मंजूरी दी है।

इसके बाद अब तुअर दाल की MSP बढ़कर 7550 रुपए प्रति क्विंटल और उड़द दाल की MSP 7400 रुपए प्रति क्विंटल हो गई है।

इसके साथ ही मक्का की MSP 135 रुपए प्रति क्विंटल और मूंग की MSP 124 रुपए प्रति क्विंटल बढ़ाई गई है। (Kharif MSP List 2025)

खरीफ फसलों की नई MSP लिस्ट (Kharif MSP List 2025)  

फसल का नाम

MSP 2024-25 MSP 2023-24 यह बढ़ोत्तरी हुई
रामतिल 8717 रु. 7734 रु. 983 रु.
कपास (मिडिल स्टेपल) 7121 रु. 6620 रु. 501 रु.
कपास (लांग स्टेपल) 7521 रु. 7020 501 रु.
धान (सामान्य) 2300 रु. 2183 रु. 117 रु.
धान (A ग्रेड) 2320 रु. 2203 117 रु.
सोयाबीन 4892 रु. 4600 292 रु.
तील 9267 रु. 8635 632 रु.
सूरजमुखी 7280 6760 520 रु.
मूंगफली 6783 रु. 6377 406 रु.
ज्वार (हाईब्रिड) 3371 रु. 3180 रु. 191 रु.
ज्वार (मालदंडी) 3421 रु. 3225 196 रु
बाजरा 2625 रु. 2500 रु. 125 रु.
रागी 4290 रु. 3846 रु. 444 रु.
मक्का 2225 रु. 2090 135 रु.
तुअर/अरहर 7550 रु. 7000 रु. 550 रु.
मूंग 8682 रु. 8558 124 रु.
उड़द 7400 रु. 6950 450 रु.

स्वामीनाथन आयोग ने कि थी महत्वपूर्ण सिफारिश

गौरतलब है कि 2004 में कांग्रेस की मनमोहन सिंह सरकार ने नेशनल कमीशन ऑन फार्मर्स यानी किसान आयोग बनाया था। इसके अध्यक्ष एमएस स्वामीनाथन थे।

इस कारण इसे स्वामीनाथन आयोग भी कहा जाता है। इसका उद्देश्य किसानों से जुड़ी समस्याओं का पता लगाकर उनका हल पता करना था। (Kharif MSP List 2025)

दिसंबर 2004 से अक्टूबर 2006 के बीच किसान आयोग ने 5 रिपोर्ट तैयार की थीं। इसमें सबसे ज्यादा महत्वपूर्ण रिपोर्ट MSP को लेकर थी। आयोग ने बताया कि MSP क्यों होना चाहिए एवं किसानों के लिए यह जरूरी है।

आयोग ने जो रिपोर्ट दी थी, उसे लागू करने के बजाय इस हरि रिपोर्ट के आधार पर सरकार किसान आयोग की जगह राष्ट्रीय किसान नीति लाई। इसमें सरकार ने वादा किया कि वो किसानों की आय बढ़ाएगी। उन्हें उच्च किस्म के बीज उपलब्ध कराएगी।

इसके अलावा कई बातें की गईं, लेकिन सरकार ने ये नहीं कहा कि वो एस स्वामीनाथन आयोग की सिफारिशें कब लागू करेगी। (Kharif MSP List 2025) 

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