कपास की बुवाई कब और कैसे करें? जानिए कपास की खेती को लेकर कृषि विशेषज्ञों की महत्वपूर्ण सलाह : Cotton Advisory
👉 व्हाट्सऐप चैनल को फॉलो करें।
Cotton Advisory | कपास की खेती का समय आ गया है। देश के कई राज्यों में कपास की खेती की जाती है। कई जगहों पर किसानों ने 15 अप्रैल से कपास की बुवाई शुरू कर दी है।
ऐसे में कपास किसानों को इसकी बेहतर पैदावार और इससे लाभ प्राप्त करने के लिए कुछ बातों का ध्यान रखना जरूरी होता है। किसान को कम लागत पर अधिक पैदावार मिले।
इसके लिए कृषि वैज्ञानिकों व विशेषज्ञों द्वारा समय–समय पर सलाह जारी की जाती है। चौधरी चरण सिंह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय हिसार की ओर से हाल ही में किसानों के लिए एडवाइजरी जारी की गई है।
कृषि विश्वविद्यालय हिसार के कृषि विशेषज्ञों द्वारा कपास की बुवाई का उचित समय, उन्नत किस्में, बीज दर, बीजोपचार, खाद एवं सिंचाई प्रबंधन को लेकर एडवाइजरी (Cotton Advisory) जारी की है। आइए आर्टिकल में जानते है सबकुछ…
कपास की बुवाई को लेकर जरूरी सलाह (Cotton Advisory)
किसान कपास की बुवाई का काम सुबह या शाम को ही करें। बुवाई से पहले किसानों को पलेवा यानी गहरी सिंचाई करनी चाहिए ताकि मिट्टी नम हो जाए जिससे अंकुरण अच्छा हो।
अच्छी पैदावार प्राप्त करने के लिए किसान कपास की बुवाई पूर्व से पश्चिम की ओर कतारें करनी चाहिए। कपास की बुवाई हमेशा कतार में करनी चाहिए जिसमें कतार से कतार की दूरी 100 x 45 से.मी. या 67.5 x 60 से.मी. रखी जा सकती है।
कपास की खेती के लिए उन्नत किस्में, बीज दर एवं बीजोपचार : Cotton Advisory
कपास की उन्नत किस्में : देसी कपास की किस्मों में HD-123, HD-432 को इस्तेमाल करने की सिफारिश की गई है। वहीं बीटी नरमा का केवल प्रमाणित बीज ही खरीदें और इसका दुकानदार से पक्का बिल अवश्य लें।
बीज दर : किसानों को अमेरिकन कपास (रोंएदार) का प्रति एकड़ 8 से 10 किलोग्राम बीज का इस्तेमाल बुवाई के लिए करना चाहिए। वहीं अमेरिकन कपास (रोंए उतारे) के लिए 6 से 8 किलोग्राम बीज उपयोग करना चाहिए।
इसी प्रकार देसी कपास (रोंएदार) के लिए 6 किलोग्राम व देसी कपास (रोंए उतारे) के लिए 5 किलोग्राम बीज का इस्तेमाल करना चाहिए। : Cotton Advisory
नरमा कपास का बीजोपचार : बुवाई से पहले नरमा–कपास के बीजों का उपचार अवश्य करना चाहिए। इससे रोगादि कम लगते हैं जिससे बेहतर पैदावार मिलती है। इसके बीजों को एमिशन 5 ग्राम, स्टेप्टोसाइक्लीन एक ग्राम, साक्सीनिक एक ग्राम, इन सबको 10 लीटर पानी में मिलाकर बीजो उपचार करना चाहिए।
अब रोंएदार बीज के लिए 6 से 8 घंटे तक उपचार करना चाहिए। वहीं रोंए उतारे बीज के लिए 2 घंटे बीज उपचार करना चाहिए। इस तरह बीजों को उपचारित करके बुवाई (Cotton Advisory) करने पर फसल को 40–45 दिन तक फफूंद और जीवाणुओं से बचाता है।
👉 व्हाट्सऐप चैनल को फॉलो करें।
कपास में खरपतवार नियंत्रण एवं सिंचाई प्रबंधन
Cotton Advisory | कपास की खेती में खरपतवार को नियंत्रण करने के लिए स्टोम्प दवा को 2 लीटर प्रति एकड़ की दर से छिड़काव करना चाहिए। यह छिड़काव बुवाई के तुरंत बाद या जमाव से पहले करना चाहिए।
बात करें सिंचाई की तो, टपका सिंचाई यानी ड्रिप सिंचाई सिस्टम का इस्तेमाल करने वाले किसान बुवाई में बीज जमाव से पहले रोज सुबह व शाम के समय 10 से 15 मिनट ड्रिप चलाएं। वहीं जमाव के बाद हर चौथे दिन 30 से 35 मिनट ड्रिप चलाना चाहिए।
ये भी पढ़ें 👉 अच्छी उपज प्राप्त करने के लिए गन्ने की फसल में इस समय कौन सा उर्वरक देना चाहिए, जानिए..
कपास की खेती में खाद व उर्वरक की मात्रा (Cotton Advisory)
कपास में खाद व उर्वरक का प्रयोग मिट्टी की जांच के आधार पर किया जाना चाहिए। एक बैग यूरिया, एक बैग डीएपी, 30 से 40 किलो पोटाश और 10 किलो जिंक सल्फेट (21 प्रतिशत) का प्रयोग करना चाहिए। इसके अलावा देसी कपास के लिए 15 किलो यूरिया व 10 किलो जिंक सल्फेट का उपयोग करना चाहिए।
दीमक नियंत्रण के लिए क्या करें किसान
Cotton Advisory | बीज को पहले दवाइयों से उपचारित करना चाहिए। इसके बाद छाया में सुखाना चाहिए। दीमक के बचाव के लिए 10 मि.ली. क्लोरपाइरीफॉस 20 ई.सी. को 10 मि.ली. पानी प्रति किलो बीज से बीज का छिड़काव करना चाहिए।
इस तरह ऊपर बताएं गए तरीके से नरमा या कपास की बुवाई करके किसान कम लागत में अच्छी पैदावार प्राप्त कर सकते हैं। किसानों को चाहिए कि कपास का बीज और दवाइयां केवल प्रमाणित स्त्रोतों से ही खरीदें, कपास की खेती से पहले एक बार मिट्टी की जांच अवश्य कराएं ताकि उसी के अनुसार फसल में खाद व उर्वरक का प्रयोग किया जा सके।
👉 व्हाट्सऐप चैनल को फॉलो करें।
खेती किसानी की नई नई जानकारी से अपडेट रहने के लिए आप हमारे व्हाट्सएप चैनल को फॉलो कर सकते है।
यह भी पढ़िए….👉 एमपी के लिए रिलीज हुई गेंहू की 3 बेहतरीन किस्में, रोगप्रतिरोधक और खाने योग्य भी, देखें सभी खासियतें
👉 जून-जुलाई तक करें बाजरे की इन टॉप किस्मों की बुवाई, मिलेगा जबरदस्त फायदा..
👉 पिछले साल सोयाबीन की इन टॉप 3 नई किस्मों ने किया कमाल, निकाला था सबसे ज्यादा उत्पादन, देखें डिटेल..
प्रिय पाठकों…! 🙏 Choupalsamachar.in में आपका स्वागत हैं, हम कृषि विशेषज्ञों कृषि वैज्ञानिकों एवं शासन द्वारा संचालित कृषि योजनाओं के विशेषज्ञ द्वारा गहन शोध कर Article प्रकाशित किये जाते हैं आपसे निवेदन हैं इसी प्रकार हमारा सहयोग करते रहिये और हम आपके लिए नईं-नईं जानकारी उपलब्ध करवाते रहेंगे। आप हमारे टेलीग्राम एवं व्हाट्सएप ग्रुप से नीचे दी गई लिंक के माध्यम से जुड़कर अनवरत समाचार एवं जानकारी प्राप्त करें.