खरीफ सीजन में मूंगफली (Mungfali Cultivation) की भरपूर पैदावार लेने के लिए किसानों को क्या करना होगा आइए जानते हैं..
👉 व्हाट्सऐप चैनल को फॉलो करें।
Mungfali Cultivation | मूंगफली हमारे देश में एक महत्त्वपूर्ण फसल है और खाद्य तेल का प्रमुख स्रोत भी है। यह नाइट्रोजन स्थिरीकरण के माध्यम से मिट्टी की गुणवत्ता को बढ़ाती है, जो अन्य फसलों के लिए लाभकारी है। मूंगफली की बुवाई जून के पहले हफ्ते से दूसरे हफ्ते तक की जाती है। खरीफ सीजन के दौरान मूंगफली की खेती के लिए कृषि विभाग में एडवाइजरी जारी की है।
कृषि विभाग द्वारा जारी की गई एडवाइजरी में मूंगफली की खेती (Mungfali Cultivation) की प्रक्रिया, उन्नत बीजों का चयन, बीजोपचार, सफेद लट से बचाव और रोग नियंत्रण से संबंधित महत्त्वपूर्ण जानकारी दी गई है आईए जानते हैं डिटेल..
बुवाई से पहले करें यह काम
मूंगफली की बुवाई से पहले प्रति हेक्टेयर 60 किलो फॉस्फोरस व 15 किलो नत्रजन नायले से ऊर कर दें। पोटाश की कमी वाले क्षेत्रों में 30 किलो पोटाश बुवाई से पहले डालें। खरपतवार प्रबंधन के लिए बुवाई के तुरन्त बाद पेन्डीमिथालीन (30%) और ईगिजाथापर (2%) उपलब्ध मिश्रित शाकनाशी 800 ग्राम सक्रिय तत्व प्रति हैक्टेयर की दर से छिड़काव करें अथवा पेन्डीमिथालीन (30%) शाकनाशी एक किलो ग्राम सक्रिय तत्व प्रति हैक्टेयर की दर से छिड़काव करे एवं 30 दिन बाद निराई-गुड़ाई करें।
मूंगफली की फसल को भूमिगत कीटों के समन्वित प्रबंधन के लिए बुवाई से पहले जमीन में 250 किलो नीम की खली प्रति हेक्टेयर की दर से डालें। सफेद लट से बचाने के लिए इमिडाक्लोप्रिड 600 एफ एस की 6.5 मि.ली. प्रति किलो बीज या क्लोथायोनिडिन 50 डब्ल्यूडी.जी. 2 ग्राम प्रति किलो बीज को उपचारित करें व बीज को 2 घंटे छाया में सुखाकर बुवाई करें। (Mungfali Cultivation)
किसान इन उन्नत किस्मों का चयन करें
मूंगफली की विभिन्न किस्में अलग-अलग क्षेत्र, मिट्टी, जलवायु और परिस्थितियों पर निर्भर करती है। इसकी प्रमुख किस्मों की जानकारी इस प्रकार है-
हल्की मिट्टी वाले क्षेत्र– आरजी 382, आरजी 510. एचएनजी 10. गिरनार 2.मलिका।
भारी मिट्टी वाले क्षेत्र- टीजी 37 ए. टीएजी 24, प्रताप मूंगफली 1 और 2
सिंचित क्षेत्र के लिए आरजी 382 आरजी 510, एचएनजी 10. गिरनार 2 एचएनजी 69. एचएनजी 123, आरजी 425, मलिका उपयुक्त रहेगी। (Mungfali Cultivation)
ये भी पढ़ें 👉अपनी विशेषताओं से किसानों के बीच लोकप्रिय हुई सोयाबीन की यह किस्म, देखें इस किस्म की जानकारी
बीजोपचार भी अत्यावश्यक, ऐसे करें बीजोपचार
बीजोपचार मूंगफली की फसल को विभिन्न रोगों से बचाने के लिए एक महत्त्वपूर्ण चरण होता है। बीजों का उपचार करने के लिए इन दवाओं का उपयोग कर सकते हैं। जिससे बीज में रोग नहीं लगेगा, गलेगा नहीं और समय पर अंकुरित होगा। (Mungfali Cultivation)
थाइरमः 3 ग्राम प्रति किलो बीज।
मेंकोजेब 2 ग्राम प्रति किलो बीज।
वीटावेक्स पाउडर 3 ग्राम प्रति किलो बीज।
ट्राइकोडर्मा वीरीडी 6 ग्राम प्रति किलो बीज। (Mungfali Cultivation)
रोग नियंत्रण आवश्यक
मूंगफली के विकास, उसमें केल्सियम और सल्फर की मात्रा के लिए 250 किलो से 5 सौ किलो प्रति हेक्टेयर की दर से जिप्सम का उपयोग कर सकते हैं। मूंगफली की फसल विभिन्न रोगों से प्रभावित हो सकती है। इसके लिए कृषक विशेष ध्यान रखें।
मूंगफली की फसल के कुछ रोग इस प्रकार से हैं :-
टिक्का रोग : इस रोग के नियंत्रण के लिए मैनकोजेब 2 ग्राम प्रति लीटर पानी में मिलाकर छिड़काव करें।
पीलिया रोग : किसान इस रोग के निदान के लिए 75 ग्राम फेरस सल्फेट और 15 ग्राम साइट्रिक एसिड को 15 लीटर पानी में मिलाकर छिड़काव करें।
कॉलर रॉट : फसल को इस रोग से बचने के लिए ट्राइकोडर्मा पाउडर का उपयोग करें और फफूंद नाशी दवाओं से बीजोपचार करें। (Mungfali Cultivation)
कृमि प्रबंधन जरूरी, कैसे करें जानिए
सफेद लट मूंगफली की फसल के लिए एक बड़ा खतरा है। इसे नियंत्रित करने के लिए इमीडाक्लोरपीड 600 एफएस: 6.5 एमएल प्रति किलो बीज या क्लोरोपायरीफॉस 20 ईसी 2 एमएल प्रति लीटर पानी छिड़काव कर सकते हैं। इसके अलावा कृषि विभाग के अधिकारी किसानों को सलाह देते हैं कि किसी पर प्रकार (Mungfali Cultivation) की जानकारी के लिए अपने निकटतम कृषि विभाग के स्थानीय कार्यालय से संपर्क करें एवं कृषि विस्तार अधिकारियों से सलाह लें।
👉 व्हाट्सऐप चैनल को फॉलो करें।
खेती किसानी की नई नई जानकारी से अपडेट रहने के लिए आप हमारे व्हाट्सएप चैनल को फॉलो कर सकते है।
यह भी पढ़िए….👉 सोयाबीन कृषकों को कृषि विभाग की खास सलाह, जानिए अच्छी पैदावार के लिए बुवाई से पूर्व क्या करें, जानिए..
👉 पिछले साल सोयाबीन की इन टॉप 3 नई किस्मों ने किया कमाल, निकाला था सबसे ज्यादा उत्पादन, देखें..
प्रिय पाठकों…! 🙏 Choupalsamachar.in में आपका स्वागत हैं, हम कृषि विशेषज्ञों कृषि वैज्ञानिकों एवं शासन द्वारा संचालित कृषि योजनाओं के विशेषज्ञ द्वारा गहन शोध कर Article प्रकाशित किये जाते हैं आपसे निवेदन हैं इसी प्रकार हमारा सहयोग करते रहिये और हम आपके लिए नईं-नईं जानकारी उपलब्ध करवाते रहेंगे। आप हमारे टेलीग्राम एवं व्हाट्सएप ग्रुप से नीचे दी गई लिंक के माध्यम से जुड़कर अनवरत समाचार एवं जानकारी प्राप्त करें