जानें कौन सी है वह गेंहू की वह 7 नई किस्में (New Wheat Variety 2023) , पूरी डिटेल आर्टिकल में जानें..
New Wheat Variety 2023 | किसानों को ध्यान में रखते हुए आये दिन नई नई किस्मों को ईजाद कर रहे है। आपको बताते चले की, इस बार गेंहू की कुल 7 नई किस्में विकसित/ईजाद की गई है। कृषि वैज्ञानिकों का कहना है की, इन किस्मों के बीज इस रबी सीजन में तो नहीं मिल सकेगा। लेकिन जल्दी ही इसी वर्ष यानी अगले रबी सीजन में इन किस्मों के बीज बाजार में मिलने लगेगा। गेंहू की वह कौन सी है 7 नई किस्में? यह सब जानकारी डिटेल में जानने के लिए आर्टिकल को अंत तक पढ़ें..
सिंचित एवं सीमित सिंचाई उपर्युक्त 7 किस्में
इस वर्ष कृषि वैज्ञानिकों ने गेहूं की 7 और जौ की एक नई किस्म New Wheat Variety 2023 इजाद की है। इन नई किस्मों को सिंचित एवं सीमित सिंचाई के हिसाब से अलग-अलग इजाद किया गया है। दिल्ली, हिसार, करनाल और छत्तीसगढ़ में वैज्ञानिकों ने इन किस्मों की खोज की और इसी वर्ष से इनका बीज किसानों को उपलब्ध कराया जाएगा। गेंहू की इन 7 नई किस्मों में , डीबीडब्ल्यू-370, डीबीडब्ल्यू-371, डीबीडब्ल्यूए-372, डीबीडब्ल्यूए-316, डीडीडब्ल्यू-55, डब्ल्यूएच 1402 और एचडी 3386 गेंहू किस्म शामिल है।
112.7 मिलियन टन गेहूं का उत्पादन : निदेशक डॉ. ज्ञानेंद्र सिंह
New Wheat Variety 2023 : राष्ट्रीय गेहूं एवं जौ अनुसंधान केंद्र करनाल के निदेशक डॉक्टर ज्ञानेंद्र सिंह ने बताया कि उत्तर पूर्वी मैदानी भागों में सिंचित एवं समय से बुआई के लिए गेहूं की एचडी 3388 किस्म की पहचान की गई। इसे भी भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान पूसा (दिल्ली) की ओर से खोजा गया है। इसके साथ ही भारतीय गेहूं एवं जौ अनुसंधान संस्थान करनाल की ओर से कर्ण शिवानी डीबीडब्ल्यू 327 की किस्म को ईजाद किया गया. सीमित सिंचाई के लिए डीबीडब्ल्यू 359 को भी भारतीय गेहूं एवं जौ अनुसंधान संस्थान करनाल ने इजाद किया है।
उन्होंने कहा कि इस वर्ष व्यवसायीकरण के लिए गेहूं की पांच नई किस्में डीबीडब्ल्यू-370, डीबीडब्ल्यू-371, डीबीडब्ल्यूए-372, डीबीडब्ल्यूए-316 और डीडीडब्ल्यू-55 का व्यवसायीकरण हो जाएगा। यह किस्में किसानों को उपलब्ध होंगी। यह सभी किस्में भारतीय गेहूं एवं जौ अनुसंधान संस्थान करनाल New Wheat Variety 2023 ने खोजी हैं।
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संस्थान के निदेशक डॉ. ज्ञानेंद्र सिंह ने कहा कि आने वाले समय में संस्थान अपने अनुसंधान विकास और प्रचार कार्यक्रमों के माध्यम से किसानों के लिए गेहूं New Wheat Variety 2023 और जौ के उत्पादन मूल्य संख्या में सुधारने के लिए निरंतर प्रयास करता रहेगा। इसके साथ ही डॉक्टर ज्ञानेंद्र सिंह ने कहा कि उन्होंने पिछले वर्ष 112.7 मिलियन टन गेहूं उत्पादन का लक्ष्य हासिल किया है जो एक रिकॉर्ड है।
इन 7 नई किस्मों की जानकारी एवं खासियत
New Wheat Variety 2023 | डीबीडब्ल्यू-370, डीबीडब्ल्यू-371, डीबीडब्ल्यू-372, डीबीडब्ल्यू-316, डीडीडब्ल्यू-55, डब्ल्यूएच 1402 और एचडी 3386 गेंहू किस्म की जानकारी नीचे देखें :-
1. डीबीडब्ल्यू-370 गेंहू किस्म
गेहूं की इस किस्म का उपयोग मुख्य रूप से चपाती और अन्य गेहूं-आधारित खाद्य उत्पाद बनाने के लिए किया जाता है। यह एक उच्च उपज देने वाली गेहूं की किस्म है, जिसका अर्थ है कि यह अनुकूल बढ़ती परिस्थितियों में प्रति इकाई क्षेत्र में अच्छी मात्रा में गेहूं के दाने पैदा कर सकती है।
गेहूं की डीबीडब्ल्यू-370 अधिक उत्पादन देने वाली किस्म New Wheat Variety 2023 है। इस किस्म की उत्पादन क्षमता 86.9 क्विंटल प्रति हैक्टेयर तक है। वहीं इसकी औसत उपज 74.9 क्विंटल तक प्राप्त होती है। गेहूं की यह किस्म 151 दिन में पककर तैयार हो जाती है।
2. डीबीडब्ल्यू-371 गेंहू किस्म
गेहूं की डीबीडब्ल्यू- 371 यह किस्म New Wheat Variety 2023 सिंचित क्षेत्रों में गेहूं की अगेती बुवाई के लिए उपयुक्त है। डीबीडब्ल्यू 371 गेंहू किस्म को हरियाणा, पंजाब, दिल्ली, राजस्थान जिसमें कोटा व उदयपुर को छोड़कर शेष जिलों में इसे उगाया जा सकता है। वहीं उत्तर प्रदेश में झांसी मंडल को छोड़कर इसकी खेती की जा सकती है।
इसके अलावा जम्मू कश्मीर के जम्मू और कठुआ जिले, हिमाचल प्रदेश का ऊना जिला, पोंटा घाटी और उत्तराखंड के तराई वाले इलाकों में इसकी खेती की जा सकती है। इस किस्म से अधिकतम 87.1 क्विंटल तक उपज प्राप्त की जा सकती है। जबकि इसकी औसत उपज 75.1 क्विंटल प्रति हैक्टेयर है। गेहूं की यह किस्म 150 दिन में पककर तैयार हो जाती है।
3. डीबीडब्ल्यू-372 गेंहू किस्म
गेहूं की इस किस्म New Wheat Variety 2023 को भारतीय गेहूं अनुसंधान संस्थान करनाल के वैज्ञानिकों ने विकसित किया है। इसकी खास बात यह है की, इसमें लॉजिंग की समस्या नहीं देखी गई है यानी ज्यादा गर्मी में भी समय पूर्व इसके दाने खिरेंगे नही। साथ ही यह किस्म रोगप्रतिरोधी भी है।
इस किस्म में प्रोटीन कंटेंट 12.2 प्रतिशत, जिंक 40.8 पीपीएम और लौह तत्व 37.7 पीपीएम होता है। इस किस्म के पौधे 96 सेमी के होते हैं। गेहूं की डीबीडब्ल्यू- 372 किस्म की उत्पादन क्षमता 84.9 क्विंटल प्रति हैक्टेयर है। वहीं इसकी औसत उपज 75.3 क्विंटल प्रति हैक्टेयर प्राप्त होती है। यह किस्म 151 दिन में पककर तैयार हो जाती है।
4. डीबीडब्ल्यू-316 गेंहू किस्म
गेंहू की डीबीडब्ल्यू-316 किस्म New Wheat Variety 2023 बेहतर पैदावार देने के साथ- साथ बीमारियों से लड़ने में भी सक्षम है। अगले सत्र से बीज का वितरण किया जायेगा। इसमें पानी भी कम लगेगा। गेहूं की फसल में आमतौर पर चार से पांच बार सिंचाई की जाती है। मध्य और पूर्वी भारत की जलवायु के लिए उपयुक्त है डीबीडब्ल्यू 316 गेंहू किस्म। यह एक अगेती किस्म है एवं 105 से 112 दिन में पककर तैयार हो जाती है।
नई किस्म डीबीडब्ल्यू 316 विभिन्न बीमारियों जैसे गेहूं के जंग, गेहूं ब्लास्ट और पर्ण झुलसा के प्रति सहनशील है, और इसमें उच्च गर्मी सहनशीलता (एचएसआई 0.19) और सूखा सहनशीलता (डीएसआई 0.88) स्तर है साथ ही साथ यह चपाती एवं ब्रेड के लिए भी बेस्ट किस्म है। फिलहाल इस किस्म की अधिकतम पैदावार 68 क्विंटल प्रति हेक्टेयर तक दर्ज की गई है।
5. डीडीडब्ल्यू-55 गेंहू किस्म
गेंहू की डीडीडब्ल्यू-55 किस्म New Wheat Variety 2023 की खास बात यह है की, यह किस्म अन्य किस्मों को तुलना में आधे पानी यानी की 2 सिंचाई में भी बढ़िया उत्पादन देने की क्षमता रखती है। इसे मध्य, उत्तर मध्य और पूर्वी भारत की जलवायु के अनुरूप डिजाइन किया गया है। डीडीबी 55 मध्य प्रदेश, राजस्थान, छत्तीसगढ़ और गुजरात के लिए सबसे उपयुक्त किस्म है। सिंचाई के तहत दोनों फसलें 112 से 120 दिनों में पक जाएंगी।
हाल ही में गेंहू की 2 नई किस्म की पहचान हुई
New Wheat Variety 2023 : उत्तर पश्चिमी मैदानी भागों में सिंचित एवं समय से बुआई के लिए गेहूं की एचडी 3386 किस्म की पहचान की गई। इस किस्म को भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान पूसा दिल्ली की ओर से खोजा गया है. इसके साथ ही सीमित सिंचाई के साथ गेहूं की फसल के लिए डब्ल्यूएच 1402 की पहचान की गई। इसकी खोज हिसार कृषि विश्वविद्यालय की ओर से की गई है। इन दोनों किस्मों की ज्यादा जानकारी अभी आई नही है।
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