अधिक पैदावार के लिए खरीफ सीजन में धान की खेती करने की सबसे उपयुक्त विधी Paddy cultivation by DSR method जानिए..
Paddy cultivation by DSR method | धान खरीफ सीजन की महत्वपूर्ण फसल है। खरीफ सीजन में अधिकांश किसान प्रमुख रूप से धान की खेती (Paddy farming) करते हैं। कम लागत में अधिक उत्पादन प्राप्त करने के लिए धान की खेती के लिए नई वैरायटियों का चयन करना बहुत जरूरी है। इसके अलावा धान की खेती में सबसे अधिक ध्यान देने वाली बात यह है कि इसकी बुवाई सही होना चाहिए।
कई किसान मई महीने में धान की नर्सरी लगाते हैं, इसके बाद धान की रोपाई करते हैं। लेकिन अब धीरे-धीरे स्थान की सीधी बुवाई का चलन बढ़ने लगा है। बुवाई की सही विधि से धान की खेती करने पर लागत कम आती है, वहीं मुनाफा बढ़ जाता है। इस खबर में लिए जानते हैं धान की बुवाई करने की उपयुक्त विधि Paddy cultivation by DSR method ..
किसान इस विधि से करें धान की खेती
जबलपुर के कृषि उपसंचालक ने बताया कि अगर किसान डायरेक्ट सीडेड राईस (डीएसआर) विधि Paddy cultivation by DSR method को अपनाकर धान, गेहूं एवं मूंग, उड़द की बोनी करते हैं, तो सभी फसलों का बोनी एवं कटाई के समय में 10-15 दिन की बचत की जा सकती है, जिससे तीनों मौसम की फसलों का उत्पादन बढ़ाया जा सकता है। ज्ञात हो कि धान खरीफ सीजन की मुख्य फसलों में से एक है। देश में अधिकतर किसान इसकी खेती प्रमुखता से करते हैं। ऐसे में किसान नई तकनीकों को अपनाकर इसकी लागत कम करके उत्पादन बढ़ा सकते हैं। जिससे किसानों को मुनाफा भी अच्छा होगा।
क्या है डीएसआर विधि
Paddy cultivation by DSR method कृषि विभाग के अधिकारियों ने किसानों को धान की खेती से अधिक मुनाफा कमाने के लिए डीएसआर विधि से खेती करने की सलाह दी है। डी.एस.आर पद्धति के अंतर्गत धान की सीधी बुवाई की जाती है अर्थात धान की सीधी बुवाई के तरीकों को डीएसआर विधि (Direct Seeded Rice – सीधे बोया गया धान) कहा जाता है।
इस तरह करें डीएसआर विधि से धान की बुआई
Paddy cultivation by DSR method धान की बुआई डी.एस.आर सीडड्रिल या जीरोटिलेज सीडड्रिल से की जा सकती है। यह सीडड्रिल उपलब्ध न होने पर सामान्य सीडड्रिल में ही फ्लूटेड-रोलर पर्याप्त स्थिति में खोलकर उपयोग किया जा सकता है। इससे धान के बीज टूटने से बच जाते हैं, साथ ही बीज के साथ डी.ए.पी. का मिश्रण भी किया जा सकता है।
कृषि विभाग के जबलपुर उपसंचालक ने बताया कि जबलपुर में कृषि अभियांत्रिकी द्वारा इस वर्ष सभी विकास खण्डों में खरीफ मौसम में धान की बोनी डायरेक्ट सीडेड राईस (डीएसआर) विधि Paddy cultivation by DSR method के प्रदर्शन भी आयोजित किये जाएंगे।
डीएसआर विधि से धान की बुवाई करने के फायदे
कृषि उपसंचालक ने किसानों को धान में रोपा के बजाय डी.एस.आर पद्धति से सीधे बुवाई Paddy cultivation by DSR method करने की सलाह दी है। इस पद्धति में धान की बुवाई करने से लागत में कमी आती है जैसे- रोपाई से अपेक्षाकृत कम मजदूरों की आवश्यकता होती है, धान में पानी की कम आवश्यकता होती है अत: जल संरक्षण भी होता है, लाईन से बोनी होने के कारण खरपतवार, कीड़े, बीमारियों के नियंत्रण के लिये की जाने वाली गतिविधियां एवं दवाओं के उपयोग में सुविधा होती है।
इस विधि Paddy cultivation by DSR method से बुवाई करने पर खड़ी फसल में कृषि यंत्रों का उपयोग भी आसानी से किया जा सकता है। डी.एस.आर लाईन में बोनी होने के कारण पौधों को सूर्य का प्रकाश स्थान पानी एवं पोषक तत्वों के लिये आपस में प्रतिस्पर्धा नहीं होती है। फलस्वरूप फसल में अधिक कल्ले निकलते हैं और उत्पादन में वृद्घि होती है। धान की उन्नत नवीन किस्मों की जानकारी प्राप्त करने के लिए यहां क्लिक करें..
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