गेंहू में पोटाश खाद के इस्तेमाल से बढ़ेगी पैदावार, जानें 50 किलो बोरी पोटाश की कीमत, इसके लाभ एवं किस समय कितना डालें

किसान भाई पोटाश खाद (Potash in wheat crop) का इस्तेमाल किस प्रकार कर सकते है एवं किस समय कितना कितना खाद देना उचित रहेगा, जानें..

Potash in wheat crop | देशभर के अधिकतर किसान भाई फसलों की पैदावार बढ़ाने के लिए डीएपी, एनपीके, यूरिया एवं अन्य तरह-तरह के खाद का इस्तेमाल करते है। आज हम यहां बात करने वाले है पोटाश खाद के बारे में। पोटाश खाद एक ऐसा उर्वरक है, जिसकी सीमित मात्रा खेत में अनिवार्य रूप से डालने से उसकी उत्पादन क्षमता बढ़ती है।

लेकिन फसलों में पोटाश Potash in wheat crop किस समय एवं कितना-कितना डालना चाहिए। अधिकतर किसानों को इसकी उचित जानकारी नहीं होती है। ऐसे में आज हम आपको पोटाश के लाभ, इस्तेमाल, उपयोग करने का सही समय एवं अन्य जानकारी चौपाल समाचार के इस आर्टिकल के माध्यम से साझा करेंगे।

रेतीली भूमि में 2 बार डाल सकते है पोटाश

Potash in wheat crop/गेहूं की बेहतर पैदावार के लिए पोटाश का उपयोग करना बहुत जरूरी है। रेतीली भूमि में पोटाश की मात्रा बहुत कम होती है। इसलिए अगर आप रेतीली भूमि में गेहूं की खेती कर रहे हैं तो पोटाश का उपयोग करना आवश्यक है। गेहूं की फसल में हम 2 बार पोटाश का उपयोग कर सकते हैं। अगर आप भी कर रहे हैं गेहूं की खेती तो पोटाश इस्तेमाल करने का सही समय एवं उचित मात्रा की जानकारी होना आवश्यक है।

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गेहूं की फसल में पोटाश उपयोग करने का सही समय

गेंहू की फसल में पोटाश Potash in wheat crop का इस्तेमाल उचित समय पर ही करना चाहिए। किसान भाइयों को कुछ इस तरह से पोटाश का इस्तेमाल करना चाहिए :-

  • खेत तैयार करते समय प्रति एकड़ भूमि में 25 किलोग्राम पोटाश मिलाएं।
  • यदि खेत तैयार करते समय पोटाश का उपयोग नहीं किया गया है तो इसकी कमी दूर करने के लिए पहली सिंचाई के समय इसका उपयोग कर सकते हैं।
  • पौधों में बालियां बनते समय पोटाश Potash in wheat crop की पूर्ति के लिए खेत में प्रति एकड़ खेत में 1 किलोग्राम एनपीके 00:00:50 खाद का उपयोग करें।

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गेंहू में पोटाश इस्तेमाल करने के फायदे

गेंहू में पोटाश Potash in wheat crop का इस्तेमाल करने पर फसलों को कई तरह के फायदे होते है। जैसे की :-

  • पौधों की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है।
  • दाने ठोस एवं चमकदार होते हैं।
  • अधिक ठंड होने पर पौधों का बचाव होता है।
  • फसल जल्दी पक कर तैयार होती है।
  • दानों में दूध की मात्रा अधिक होती है।
  • पौधों की जड़ें मजबूत होती हैं। जिससे पौधों के गिरने की समस्या नहीं होती।

पोटाश खाद की कीमत 50 kg

Potash in wheat crop/सरकारी लैम्पस में 50 किलो के पोटाश की बोरी 840 रुपए में मिलती है। जबकि यही बोरी निजी दुकानों पर 550 रुपए में बिकती है यानि 290 रुपए कम। पोटाश 3 तरह के हो सकते है: लाल, सफेद और गुलाबी। पोटाश का मुख्य काम है, पौधों को स्वस्थ रखने व पौधे की रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने में मदद करता है।

इस तरह पोटाश से बढ़िया खाद खुद बना सकेंगे किसान

यदि आप चाहते है की, फसलों में केमिकल उर्वरक Potash in wheat crop न डालकर जैविक खाद ही डाला जाए। तो यह जैविक खाद बनाने की आसान सी प्रक्रिया को समझ ले। खाद बनाने के लिए किसान भाई तीन फीट गहरा व पांच फीट चौड़ा गड्‌ढा खोदें। जिसकी लंबाई आवश्यकता अनुसार ली जा सकती है। इसमें गोबर कचरा बगैरा डालें। जब गड्‌ढा भर जाए तो उसे ढंक दें। ध्यान रखें कि उसमें नमी बनी रहे। फिर जब पूरी तरह खाद पक जाए तो उसे डालें।

जैविक खाद बनाते समय यह सावधानी रखें :- जैविक खाद बनाते समय किसान भाई 44 डिग्री तापमान के मौसम में खेतों में गोबर की खाद Potash in wheat crop न डालें। जिसके बाद बरसात से पहले ठंडी हवा चलेंगीं, तब खाद खेतों में डालें। वही गेहूं, सरसों व चना की फसल बोते समय खाद डालें।

FAQ/ वह जो आपके लिए जानना जरूरी..

प्रश्न : गेहूं की बुआई के बाद पोटाश का छिड़काव कब करें?

उत्तर : यदि आपने गेंहू बुआई के समय पोटाश 10 किलोग्राम प्रति हेक्टर की दर से दे दिया था तो आपको खड़ी फसल में छिड़काव द्वारा पोटाश Potash in wheat crop देने की कोई आवश्यकता नहीं हैं। यदि आपके खेत में पोटाश की कमी है तो फसल में पत्तियां किनारों से पीली पड़ जाती है इससे आप पोटाश की कमी को खड़े खेत में पहचान सकते हैं।

अच्छा होगा कि आप गेहूं की फसल की कटाई के बाद अपने खेत से मिट्टी के नमूने लेकर उनकी मिट्टी प्रयोगशाला में मुख्य व शुक्य तत्वों की जांच करा देंउसके परिणामों तथा अगली फसल में तत्वों की आवश्यकतानुसार ही उर्वरकों का प्रयोग करें।

प्रश्न : गेंहू में पोटाश का उपयोग कब करें?

उत्तर : गेंहू में पोटाश का उपयोग 2 बार किया जाता है। पहला, गेंहू की बुवाई के समय प्रति एक एकड़ में 24 किलो की दर से उपयोग में ले। दूसरा, गेंहू की फसल में दूसरी सिंचाई के पहले 24 किलो प्रति एकड़ की दर से पोटाश का छिड़काव करें।

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