बोरे भरने वाली सोयाबीन की टॉप 5 आरवीएस किस्में, 1135 सहित अन्य किस्मों की पैदावार एवं खासियत जानें..

खरीफ सीजन के पहले के पहले किसान साथी सोयाबीन की आरवीएस किस्मों Rvs Soybean Variety की जानकारी यहां पर देखें..

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Rvs Soybean Variety | खरीफ सीजन में धान के अलावा सोयाबीन की सबसे अधिक खेती होती है। मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, राजस्थान, उत्तर प्रदेश में सोयाबीन की खेती अधिक की जाती है। खरीफ सीजन में अभी ज्यादा समय नहीं बचा है। किसान अब सोयाबीन बीज की व्यवस्था में जुट गए हैं। इस वर्ष देश में अच्छे मानसून के संकेत हैं। अच्छे मानसून के संकेतों के बीच सोयाबीन की आरवीएस की सभी किस्मों Rvs Soybean Variety के बारे में जानिए..

ये है आरवीएस सीरीज की उन्नत किस्में (Rvs Soybean Variety)

  1. सोयाबीन आर.वी.एस. 2001-4 किस्म,
  2. सोयाबीन आर.वी.एस.एम. 11 – 35 किस्म,
  3. सोयाबीन आर.वी.एस. 18 (प्रज्ञा) किस्म,
  4. सोयाबीन आर.वी.एस. 2002-4 किस्म,
  5. सोयाबीन आरवीएसएम 2011-10 किस्म।

आइए अब इन आरवीएस किस्मों Rvs Soybean Variety की खासियत, अवधि, उत्पादन क्षमता, गुण एवं अन्य जानकारी देखें…

1. सोयाबीन आर.वी.एस. 2001-4 किस्म

Rvs Soybean Variety राजमाता सिंधिया कृषि विश्व विद्यालय द्वारा हाल ही में जारी सोयाबीन की इस नवीनतम किस्म आर.वी.एस. 2001-4 को विकसित किया गया है। इस किस्म को मध्य भारत क्षेत्र के लिए अनुसंशित किया गया है। इसकी खास बात ये है की, इसमें तेल की मात्रा 21.5 प्रतिशत प्रोटीन 42 प्रतिशत तक होता है। यही कारण है बाजार में इसकी कीमत मिलेगी। आइए अब जानते है इसकी अवधि, उत्पादन क्षमता एवं अन्य जानकारी..

सोयाबीन आर.वी.एस. 2001-4 किस्म की खासियत एवं गुण :-

  • सोयाबीन आर.वी.एस. 2001-4 किस्म की अवधि 93 दिवस है। जो की रबी में प्याज, लहसुन की खेती करने वाले किसानों के लिए किसी वरदान से कम नहीं है।
  • यह किस्म मजूबत जड़ तंत्र होने से जड़ सड़न, पीला मोजेक रोग, फलियाँ रोएंदार होने से गार्डल बीटल, सेमिलूपर आदि के लिए सहनशील है।
  • सोयाबीन आर.वी.एस. 2001-4 किस्म की औसत उत्पादन लगभग 25 क्विंटल प्रति हेक्टेयर है। जबकि, अधिकतम उत्पादन क्षमता 31 से 34 क्विंटल प्रति हेक्टेयर देखी गई है।
  • अधिक फैलाव वाला मजबूत जड़ तंत्र होने से सूखा पड़ने की स्थिति में पौधे की नमी बनाए रखता है। जिससे इस किस्म में सूखा निरोधक जाति के गुण भी जाये जाते हैं।
  • अत्यधिक अंकुरण क्षमता 90/95 प्रतिशत तक व फैलाव वाला पौधा होने व दाना छोटा होने से कम बीज दर में अधिकतम उत्पादन व डिबलिंग हेतु सर्वश्रेष्ठ किस्म है। Rvs Soybean Variety

2. सोयाबीन आर.वी.एस.एम. 11 – 35 किस्म

Rvs Soybean Variety सोयाबीन आर.वी.एस.एम. 11 – 35 किस्म को भी राजमाता सिंधिया कृषि विश्वविद्यालय (RVSKVV) के वैज्ञानिकों द्वारा विकसित किया गया है। कृषि विश्वविद्यालय ने इसे मध्यप्रदेश, महाराष्ट्र, राजस्थान, गुजरात, एवं बुंदेलखंड क्षेत्र के लिए अनुशंसा के रूप में चिन्हित किया है।

कृषि वैज्ञानिकों ने बताया की, इस किस्म में मानक किस्मों जैसे जे.एस. 335 व अन्य से लगभग 18 से 28% तक अधिक उत्पादन दिया है। वही वैज्ञानिकों एवं किसानों द्वारा लिए गए परिणाम एवं अभिमत अनुसार सोयाबीन की यह किस्म सभी मापदंडों पर 100% खरी उतरी है।

सोयाबीन आर.वी.एस.एम. 11 – 35 किस्म की खासियत एवं गुण :-

  • इस किस्म की खासियत ये है की, यह पीला मोजेक वायरस एवं चारकोल राॅट एवं जड़ सड़न के प्रति प्रतिरोधक पाई गई है।
  • परिपक्वता अवधि लगभग 94 से 96 दिवस अधिक वर्षा एवं देर तक वर्षा की स्थिति बहुत गहरी जमीनों में इस अवधि में स्वाभाविक रूप से परिवर्तन संभव है।
  • सोयाबीन आर.वी.एस.एम. 11-35 किस्म का औसत उत्पादन क्षमता लगभग 25 से 30 क्विंटल हेक्टेयर अधिकतम उत्पादन क्षमता व्यावहारिक एवं आदर्श परिस्थितियों में 30 से 35 क्विंटल हेक्टेयर उत्पादन लिया गया है।
  • इस किस्म के बीजों की बिजाई दर 13 से 15 किलो प्रति बीघा या 25/30 किलो एकड़ या 65-70 किलो हेक्टेयर तथा लाइन से लाइन की दूरी 18 इंच या 1.5 फिट रखने पर अच्छा परिणाम देखने को मिलेगा। Rvs Soybean Variety

3. सोयाबीन आर.वी.एस. 18 (प्रज्ञा) किस्म

सोयाबीन की आर.वी.एस. 2001-18 किस्म राजमाता सिंधिया कृषि विश्वविद्यालय द्वारा हाल ही में वर्ष 2017 में जारी की गई है। इस किस्म का गजट नोटिफिकेशन क्रमांक एस.ओ. 2458 (E) दि. 29.08.2017 है। इस नवीनतम सोयाबीन किस्म ने अपने पहले ही उत्पादन वर्ष में अपने चमत्कारी गुणों के कारण कृषकों का दिल जीत लिया है। यह किस्म देश के मध्य क्षेत्र म.प्र., राजस्थान, गुजरात, बुन्देलखण्ड, मराठवाडा, विदर्भ आदि क्षेत्रों के लिए अनुशंसित की गई है। Rvs Soybean Variety

सोयाबीन आर.वी.एस. 18 (प्रज्ञा) किस्म की खासियत एवं गुण :-

  • सोयाबीन की आर.वी.एस. 18 (प्रज्ञा) किस्म मध्यम अवधि लगभग 91-93 दिवस की होने के कारण सोयाबीन जे.एस. 9305 के लगभग पककर तैयार हो जायेगी।
  • यह किस्म मल्टीपल रेजिस्टेंस यानी बहुरोधक किस्म होने से इस किस्म में अनेक कीट एवं बिमारियों के प्रति विशेष प्रतिरोधकता एवं सहशीलता का गुण। विशेष रूप से येलो मोजेक एवं कॉलर रॉट बीमारी के प्रति सहशीलता।
  • वही, सोयाबीन की आर.वी.एस. 18 (प्रज्ञा) किस्म की औसत उतापदान 22 से 24 क्विंटल प्रति हेक्टेयर एवं अधिकतम उत्पादन 30 क्विंटल प्रति हेक्टेयर लिया गया है।
  • मध्यम अवधि व मजबूत जड़ तंत्र फैलावदार पौधा होने के कारण कम व अधिक वर्षा तथा वर्षा के जल्दी या देर तक वर्षा होने की स्थिति पर इसके उत्पादन पर असर नहीं पड़ेगा। Rvs Soybean Variety
  • प्रमुख गुण (केरेक्टर) – दाने का आकार गोल, मध्यम बोल्ड 100 दानों का वजन 10 से 11 ग्राम दाने का रंग पीला, चमकदार नाभिका (हायलम) का रंग काला, पोधे का प्रकार मध्यम ऊँची किस्म, ऊँचाई लगभग 60 से 70 से.मी.।
  • पत्तियों का आकार तीखी सकरी, फलियाँ रोएँदार नहीं (चिकनी), फली का रंग भूरा, तीन से चार दाने की फलियाँ, फलियों में चटकने (शेटरिंग) की समस्या नहीं, फूल आने की अवधि 32-36 दिवस, फूलों का रंग सफेद।
  • उपरोक्त गुणों को देखते हुए लगभग 70 किलो प्रति हेक्टेयर बीज दर रखने, लाईन से लाईन की दूरी 14″ से 16” रखने, आदर्श पौध संख्या 4.5 से 5.5 लाख पौध संख्या प्रति हेक्टेयर रखने पर कृषकों को अच्छा परिणाम देखने को मिलेगा। Rvs Soybean Variety

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4. सोयाबीन आर.वी.एस. 2002-4 किस्म

Rvs Soybean Variety सोयाबीन की आर.वी.एस. 2002-4 किस्म को राजमाता सिंधिया कृषि विश्वविद्यालय द्वारा हाल ही में वर्ष 2017 में जारी किया गया है। सोयाबीन की यह एक अत्यंत उन्नत किस्म है। यह देश के मध्य क्षेत्र के लिए अनुशंसित की गई है। सोयाबीन की यह किस्म लगभग मध्यम अवधि लगभग 91-94 दिवस में आने वाली तथा अपने मोजेक निरोधक किस्म के गुण के कारण जो कि आज की बहुत बड़ी समस्या है व अपनी उच्च उत्पादन क्षमता के कारण शीघ्र ही । किसानों में अपना एक मजबूत स्थान बना लेगी। इस किस्म में लगभग 70 किलो प्रति हेक्टेयर। Rvs Soybean Variety

5. सोयाबीन आरवीएसएम 2011-10 किस्म

Rvs Soybean Variety कृषि वैज्ञानिकों के मुताबिक, पिछले वर्ष सोयाबीन की RVS 2011/10 किस्म ने अच्छा उत्पादन दिया है। ज्यादा बीज डालने पर भी आडा गिरने की कोई समस्या नही दिखी जरमिनेशन का परसेंट भी 85 से 95 % तक काफी अच्छा रहा। मूंग वाले खेत मे भी जहां ज्यादा नमी रहती है वहा भी अच्छा उत्पादन देखने को मिला है।

इसकी खासियत की बात करें तो, सोयाबीन की इस किस्म में मुख्य बीमारिया जैसे येलो मोजेक वायरस, चारकोल रोट ,रायजेक्टोनिया एरियल ब्लाइट, स्टेम फ्लाई, फ्रॉग ऑय लीफ स्पोट, माईरोथिसियम पत्ती धब्बा के प्रति प्रतिरोधकता पाई गई है।

मध्य्म दिन में पकने वाली किस्म 95 से 100 दिन के लगभग। साथ ही इसमें फलिया छटकने की कोई समस्या नही दिखी गई है। मध्यम दिन मे भी अच्छा उत्पादन क्षमता 8 से 12 क्विंटल एकड़ तक है। साथ ही बता दें की, दाना मीडियम एवं 100 दाने का वजन 10 से 12 ग्राम। पौधे की ऊँचाई 55 से सेमी देखी गई है। Rvs Soybean Variety

यहां से खरीदे बीज

किसान सोयाबीन एवं अन्य फसलों की वैरायटीयों के संबंध में अधिक जानकारी के लिए वसुंधरा सीड्स, उज्जैन से संपर्क करें :-

प्रदीप खड़िकर : 9301606161 / 0734-2530547

किसान इन बातों का विशेष ध्यान रखें

अधिक बीज दर लाइन से लाइन की दूरी कम रखने ज्यादा घनी बिजाई करने पर पौधों के आडा पढ़ने (लाजिंग) की समस्या आ सकती है। किसान इस बात का विशेष ख्याल रखें अन्यथा बाद में अपनी गलती होने के बाद भी इस कथन को दोष देना इस किस्म के साथ अन्याय होगा। उच्च अंकुरण क्षमता, फैलावदार, शाखायुक्त पौधा होने से यह किस्म डिबलिंग (चुपाई) पद्धति से बोने के लिए भी एक आदर्श किस्में है।

विशेष नोट :- उपरोक्त समस्त फसलों एवं बीजों का विवरण/ विशेषता आदर्श कृषि कार्य माला एवं आदर्श परिस्थितियों के अनुसार प्राप्त जानकारी के आधार पर तथा कृषकों से प्राप्त व्यवहारिक/ वास्तविक आंकड़ों के आधार पर दिए गए हैं। इन आदर्श स्थितियों में परिवर्तन होने पर उपरोक्त विशेषताओं/परिणाम के आंकड़े में भी परिवर्तन हो सकता है।

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