एमपी के लिए सोयाबीन की 3 नई किस्मों को मिली मंजूरी, मध्यम अवधि में पकेगी यह रोगप्रतिरोधी किस्में

Soyabean new variety mp 2023 : मध्य प्रदेश के किसानों के लिए सोयाबीन की 3 नई उन्नत किस्मों को मंजूरी मिल गई है, देखें इनकी खासियत एवं अन्य जानकारी..

Soyabean new variety mp 2023 | सभी किसान साथी खरीफ सीजन की तैयारियों में जुट गए है। आपको बता दे की, मध्यप्रदेश में किसानों के लिए सोयाबीन की 3 नई किस्मों को मंजूरी मिल गई है। सोयाबीन की यह किस्में एनआरसी (NRC) की है। जहाँ एक तरफ नई किस्में कीट रोगों की प्रतिरोधक होती है वहीँ जल्दी पकने के साथ इनसे अधिक उत्पादन भी प्राप्त होता है।

Soyabean new variety mp 2023 यह तीनों ही किस्में इंदौर अनुसंधान संस्थान द्वारा तैयार की गई है। तो आज हम चौपाल समाचार के इस लेख के माध्यम से NRC की उन 3 नई किस्मों के बारे में जानेंगे जो मध्यप्रदेश के लिए अनुसंशित की गई है…

यह है सोयाबीन की 3 नई किस्में mp के लिए अनुसंशित – Soyabean new variety mp 2023 

Soyabean new variety mp 2023: सोयाबीन पर अनुसंधान एवं विकास कार्यक्रमों के लिए भारतीय सोयाबीन अनुसंधान संस्थान’ (IISR), इंदौर द्वारा पिछले कुछ वर्षों से लगातार नई किस्मों का विकास किया जा रहा है। आईसीएआर-आईआईएसआर द्वारा किए गए लगातार प्रयासों में, संस्थान ने सोयाबीन की 3 किस्में जारी की गई है। जिसमे एनआरसी 157, एनआरसी 131 और एनआरसी 136 शामिल हैं, जिन्हें मध्य प्रदेश सरकार द्वारा अनुमोदित किया गया है।

आइए अब विस्तृत में जानें इन किस्मों की खासियत के बारे में…

1. सोयाबीन की नई एनआरसी 157 किस्म (Soyabean Variety NRC 157)

Soyabean new variety mp 2023: सोयाबीन की एनआरसी 157 किस्म के बारे में प्रधान वैज्ञानिक और ब्रीडर डॉ संजय गुप्ता बताते है की, एनआरसी 157 मध्यम अवधि की किस्म है जो सिर्फ 90 से 94 दिनों में पककर तैयार हो जाती है। यह किस्म अल्टरनेरिया लीफ स्पॉट, बैक्टीरियल पस्ट्यूल और टारगेट लीफ स्पॉट जैसी बीमारियों के लिए भी मध्यम प्रतिरोधी है। इसकी औसत उपज 26.5 क्विंटल प्रति हेक्टेयर है एवं अधिकतम उपज क्षमता 32 तक देखी गई है।

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संस्थान में फील्ड परीक्षणों ने एनआरसी 157 को न्यूनतम उपज हानियों के साथ देरी से रोपण (20 जुलाई तक) के लिए उपयुक्त पाया है। एक अन्य किस्म, एनआरसी 131 (आईएस 131) के बारे में उन्होंने कहा कि यह 93 दिनों की मध्यम अवधि की किस्म है, जिसकी औसत उपज 25 क्विंटल प्रति हेक्टेयर है। यह किस्म चारकोल रॉट और टार्गेट लीफ स्पॉट जैसी बीमारियों के लिए मध्यम प्रतिरोधी है। सोयाबीन की यह नई किस्में एनआरसी 157 एवं एनआरसी 131 दोनों की मध्यप्रदेश (Soyabean new variety mp 2023) के लिए अधिसूचित की गई है।

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2. सोयाबीन की नवीनतम किस्म एनआरसी 136 (Soyabean Variety NRC 136)

Soyabean new variety mp 2023: एनआरसी 136 (आईएस 136) जो पहले से ही देश के पूर्वी क्षेत्र में खेती के लिए अधिसूचित है, इसे मध्य प्रदेश में खेती के लिए जारी किया गया है। इस किस्म के ब्रीडर और संस्थान के प्रधान वैज्ञानिक डॉ ज्ञानेश कुमार सतपुते ने कहा कि यह किस्म 105 दिनों में 27 क्विंटल/हेक्टेयर की औसत उपज के साथ परिपक्व हो जाती है, एनआरसी 136 एमवायएमवी (मूंग बीन येलो मोज़ेक वायरस) के लिए मध्यम प्रतिरोधी है और भारत की पहली सूखा सहिष्णु किस्म है।

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3. सोयाबीन की नई किस्म एनआरसी 149 (Soyabean Variety NRC 149)

Soyabean new variety mp 2023: सोयाबीन की नवीनतम किस्म में एनआरसी 149 उत्तरी मैदानी क्षेत्र के अनुसंशित की गई है। यह वैरायटी प्रमुख पीला मोेक रोग, राइोक्टोनिया एरियल ब्लाइट के साथ-साथ गर्डल बीटल और पर्णभक्षी कीटों के लिए प्रतिरोधी हैं। एनआरसी 152 नामक किस्म अतिशीघ्र पकने वाली (90 दिनों से कम), खाद्य गुणों के लिए उपयुक्त तथा अपौष्टिक क्लुनिट् ट्रिप्सिंग इनहिबिटर और लाइपोक्सीजेनेस एसिड-2 जैसे अवांछनीय लक्षणों से मुक्त है।

मध्य प्रदेश के जवाहरलाल नेहरू कृषि विश्वविद्यालय से संबद्ध जबलपुर केंद्र से विकसित (Soyabean new variety mp 2023) सोयाबीन की एक अन्य किस्म जेएस 21-72 पीला मोजेक वायरस, चारकोल रोट, बैक्टीरियल पस्ट्यूल और लीफ स्पाट रोग के लिए प्रतिरोधी होने के साथ 98 दिन में पककर उत्पादन देने में सक्षम है। समापन सत्र सहायक महानिदेशक तिल एवं दलहन डा. संजीव गुप्ता की अध्यक्षता में हुआ। इस बैठक में देशभर के 33 केंद्रों के 150 विज्ञानियों ने भाग लिया।

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