एमपी के कई जिलों में डायग्नोस्टिक टीम ने फसलों पर कीट का निरीक्षण किया। खेतों में यह किट मिलें। Soybean Pest Control कैसे करें जानिए…
Soybean Pest Control | मध्य प्रदेश में बारिश नहीं होने के कारण किसने की चिंता बढ़ गई है। प्रदेश के कई ऐसे जिले हैं जहां औसत से कम बारिश हुई है जिसके कारण फसलों खरीफ की फसलों को खासा नुकसान होने की संभावना बन गई है। इधर सोयाबीन की फसल पर एक और खतरा मंडराने लगा है।
प्रदेश के कई जिलों में डायग्नोस्टिक टीम ने फसलों का सर्वे कर निरीक्षण किया इस निरीक्षण के दौरान सोयाबीन की 9560 किस्म एवं 2018, 2016 और ब्लेक बोल्ड वैरायटियों में सोयाबीन की फसल को नष्ट करने वाले खतरनाक किट मिले। आईए Soybean Pest Control कीटों के बारे में एवं इनसे बचाव के उपाय जानते हैं..
कृषि विभाग की डायग्नोस्टिक टीमें कर रही है सर्वे
प्रदेश के कई जिलों में कृषि विभाग की डायग्नोस्टिक टीम फसलों का सर्वे कर रही है। डायग्नोस्टिक टीम खेतों में भ्रमण कर फसल में कीट व्याधि का सर्विलियेन्स एवं निरीक्षण कर रही है। अलग-अलग जिलों की टीमों से प्राप्त सूचना के अनुसार निरीक्षण के दौरान सोयाबीन फसल में कीट (Soybean Pest Control) एवं व्याधि का प्रकोप देखा गया।
कृषि विभाग के अधिकारियों एवं कृषि वैज्ञानिकों ने कीट व्याधि की सघनता से जांच की। जांच के दौरान टीम को चौंकाने वाली जानकारियां मिली है। बारिश की खेंच के कारण फसलों पर खतरनाक किट का अटैक होने लगा है।
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सोयाबीन की फसल पर यह किट पाये गए
Soybean Pest Control : हरदा जिले के कृषि उपसंचालक एमपीएस चंद्रावत ने बताया कि निरीक्षण के दौरान कीटों में प्रमुख रूप से सोयाबीन स्टेम फ्लाई एवं व्हाइट फ्लाई का संक्रमण पाया गया है। उन्होंने बताया कि यह प्रकोप सोयाबीन की प्रजाति जेएस 9560 तथा निजी कंपनियों की रिसर्च प्रजातियां जैसे 2018, 2016 एवं ब्लेक बोल्ड आदि में पाया गया है।
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व्हाइट फ्लाई के नियंत्रण के लिए यह करें
Soybean Pest Control : किसान व्हाइट फ्लाई के नियंत्रण के लिए अपने खेत की नियमित निगरानी करें एवं 3.4 जगह के पौधों को हिलाकर सुनिश्चित करें कि क्या आपके खेत में किसी इल्ली किट का प्रकोप हुआ है या नहीं और यदि हैं, तो कीडों की अवस्था क्या हैं। तदानुसार उनके नियंत्रण के उपाय अपनाएं।
पीला मोजेक रोग से सुरक्षा हेतु रोगवाहक कीट सफेद मक्खी के नियंत्रण के लिए अपने खेत में विभन्न स्थानों पर पीला स्टिकी ट्रैप लगाएं। कृषि वैज्ञानिकों ने किसानों को सलाह दी है कि सोयाबीन में पीला मोजेक जैसी गंभीर बीमारी व्हाइट फ्लाई (सफेद मक्खी) के कारण होती है, यह समस्या गंभीर समस्या है।
इस बीमारी के संबंध में सतर्क रहना चाहिए। कृषि वैज्ञानिक डॉ. नेमा ने कहा कि पीला मोजेक (Soybean Pest Control) के संबंध में जागरूकता जरूरी है, फिर भी यदि समस्या शुरूआती अवस्था में है, तो पौधों को उखाड़कर जमीन में गाड़ दें। थायो मिथोक्सम+इमिडाक्लोप्रिड का स्प्रे करें। इससे रस चूसक कीट और सफेद मक्खी का नियंत्रण हो जाएगा।
स्टेम फ्लाई के नियंत्रण हेतु यह उपाय करें
Soybean Pest Control : सोयाबीन की फसल को भारी क्षति पहुंचाने वाली तना मक्खी कीट नियंत्रण के लिए कृषि वैज्ञानिकों का सुझाव है है कि पूर्वमिश्रित कीटनाशक थायोमिथोक्सम 12.60 प्रतिशत+लैम्ब्डा सायहेलोथ्रिन 9.50 प्रतिशत+जेडसी (125 मिली प्रति हेक्टेयर) का छिडकाव करें। सोयाबीन की फसल में पक्षियों की बैठने हेतु ‘टी’ आकार के बर्ड. पर्चेस लगाये। इससे कीटभक्षी पक्षियों द्वारा भी इल्लियों की संख्या कम करने में सहायता मिलती है।
फसल को बचाने के लिए किसान साथी यह उपाय करें
Soybean Pest Control : किसानों से कहा तना मक्खी एवं पीला मोजेक रोग प्रबंधन के लिए बीटासायफ्लूथ्रीन एवं इमिडाक्लोप्रिड की 140 मिली प्रति एकड़ मात्रा अथवा एसिडामाप्रिड व बायफेथ्रिन की 100 ग्राम प्रति एकड़ मात्रा की दर से 100 से 120 लीटर पानी में घोल बनाकर पावर पंप से स्प्रे फफूंदनाशक टेबूकोनाजोल सल्फर की 500 ग्राम मात्रा प्रति करें व प्रति एकड़
अथवा पायराक्लोस्ट्रोबीन व इपिक्साकोनेजोल की 30 मिली प्रति एकड़ की दर से पानी की वांछित मात्रा में घोल बनाकर घोल का 100 से 120 लीटर प्रति एकड़ की दर से छिड़काव करें।
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फफूंद नाशक के रूप में इसका इस्तेमाल करें (Soybean Pest Control)
सभी किसान BASF का प्रयाकसर या अन्य कोई BASF का माल किसी भी दुकानदार से खरीद रहे है तो ध्यान रखें कि बोतल के ऊपर जो क्यूआर कोड आता है उसको गूगल QR Code स्कैनर से स्कैन करें यदि जैसा आप देख रहे हे इस प्रकार का मैसेज आता हे तो इस तरह का माल आप बिलकुल भी दुकानदार से ना खरीदे। यदि किसानों को कहीं ऐसा माल मिलता है तो इसकी सूचना कृषि विभाग (Soybean Pest Control) के अधिकारियों को दें। सूचना देवे।
नोट:- फंगीसाइड में आप BASF का प्रयाक्सर ही खरीदें इससे अच्छा कोई विकल्प नहीं है।
कीटनाशक का इस्तेमाल इस प्रकार करें
Soybean Pest Control : कृषि वैज्ञानिकों के अनुसार सोयाबीन की फसल में कई बार विपरीत परिणाम इसलिए मिलते हैं क्योंकि किसान सही प्रकार के कीटनाशकों का उपयोग नहीं कर पता है। सही कीटनाशक नहीं मिलने या डोज़ कम होने से सोयाबीन की फसल में किट / इल्लियों का सफाया नहीं हो पता है। कम ज्यादा मात्रा डालने से भी ऐसा होता है।
इसलिए किसान अनुशंसित दवाइयों का ही प्रयोग करें। पर्ण भक्षी कीटों के लिए क्लोरइंट्रानिलिप्रोल बेहतर है। इसके अलावा मेड़ के किनारे गेंदे या बीबीएफ तरीके से बोई फसल के बीच में निश्चित अंतराल से सुआ फसल भी लगा सकते हैं। इससे इल्लियां सोयाबीन को छोड़कर सुआ फसल के पौधों को ही खाएगी।
केवल एक कतार पर स्प्रे से दवाई का खर्च बचेगा गेंदे के फूल दशहरे तक आते हैं, तो अतिरिक्त कमाई भी हो जाएगी। कृषि वैज्ञानिकों के मुताबिक 15 दिन से बारिश नहीं हुई है। पत्ते मुरझा रहे हैं। सेमीलूपर और तम्बाकू की इल्ली (Soybean Pest Control) दिख रही है फूल आ गए हैं और कीट है, तो स्प्रे अवश्य करें कई किसान फूल आने पर स्प्रे नहीं करते हैं।
(नोट :– किसान साथी किसी भी प्रकार का कृषि आदान क्रय करते समय दुकानदार से हमेशा पक्का बिल लें जिस पर बैच नंबर एवं एक्सपायरी दिनांक स्पष्ट लिखा हो।)
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