सोयाबीन भाव Soybean Price को लेकर हो रहे विरोध प्रदर्शन के बीच कृषि मंत्री ने क्या कहा जानिए..
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Soybean Price | सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म से लेकर स्थानीय स्तर पर अधिकारियों को सोयाबीन भाव के संबंध में किसान संगठन ज्ञापन दे रहे हैं। किसानों की मांग है कि सोयाबीन की लागत लगातार बढ़ती जा रही है, वहीं भाव लगातार काम होते जा रहे हैं। सोयाबीन के भाव पिछले 12 साल पहले जो थे यह भाव उससे भी अब कम हो गए हैं।
किसानों का आरोप है कि अभी ऊपज 3500 से 4200 प्रति क्विंटल पर बिक रही है जो साल 2012 के आसपास के दाम हैं। साथ ही न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर खरीद नहीं होने से लागत भी नहीं निकल पाती।
सरकार ने आगामी खरीफ मार्केटिंग सीजन के लिए सोयाबीन का न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) 4892 रुपए प्रति क्विंटल तय किया है, पर मंडियों में 3500 से 4200 रुपए पर ही बिक रहा है। Soybean Price
यही कारण है कि सरकार के विरोध में अब किसान लामबंद हो गए हैं इस बीच कृषि मंत्री ने सोयाबीन के भाव को लेकर बड़ा बयान दिया है, आईए जानते हैं डिटेल..
एमपी में कम हुआ सोयाबीन बुवाई का रकबा
Soybean Price ; मध्य प्रदेश को सोया स्टेट के तौर पर जाना जाता है खरीफ में सबसे अधिक यहां सोयाबीन की खेती होती है। लेकिन सोया स्टेट में पिछले 5 साल में 6 लाख हैक्टेयर सोयाबीन बुवाई का रकबा घट चुका है।
कृषि विभाग द्वारा प्राप्त आंकड़ों के अनुसार वर्ष 2020 में प्रदेश के 59 लाख हैक्टेयर कृषि भूमि पर सोयाबीन की खेती बुवाई हुई थी, जो 2021 में 55 लाख हेक्टेयर, 2022 में 57 लाख हेक्टेयर 2023 में 56 लाख हेक्टेयर एवं 2024 वर्तमान वर्ष में 53 लाख हेक्टेयर रह गई। सोयाबीन खेती का रकबा लगातार कम हुआ, लेकिन इसके बावजूद सोयाबीन के भाव नहीं बढ़े।
भाव में पिछले वर्ष से इस वर्ष 1500 रु. की गिरावट
सोयाबीन प्रोसेसर्स, एसोसिएशन ऑफ इंडिया (सोपा) के अनुसार 2013-14 में सोयाबीन का औसत भाव 3823 रु. प्रति क्विंटल था, जो वर्तमान कीमतों के करीब आ गया। यानी सोयाबीन के दाम दस से बारह साल पहले की कीमतों पर पहुंच गए और लागत बढ़ गई है। Soybean Price
पिछली जुलाई में सोयाबीन 5000 रुपए प्रति क्विंटल थी, जिसमें भी 800 से 1500 रुपए की गिरावट दर्ज हुई है। इससे किसानों की फसल आने से एक माह पहले ही चिंता बढ़ गई।
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यह है सोयाबीन की प्रति एकड़ लागत
Soybean Price : किसानों के अनुसार सोयाबीन की प्रति एकड़ लागत 20 से 22 हजार रुपए आती है, जबकि अभी के मूल्य पर 18 हजार से 19 हजार ही आय हो रही है। भारतीय किसान संघ के प्रान्त प्रवक्ता राहुल धूत ने भी कहा है कि अभी 12 साल पुराने रेट मिल रहे हैं।
आयत शुल्क घटाने से सोयाबीन के दाम गिरे हैं, वहीं सोयाबीन प्रोसेसर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया के एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर डीएन पाठक ने कहा कि गिरते मूल्य की वजह से किसान इसकी खेती छोड़ रहे हैं।
मालवा-निमाड़ और नर्मदापुरम जैसे संभागों में सोयाबीन के गिरते दामों पर किसान आक्रोशित हैं। कई जिलों में विरोध और सरकार को ज्ञापन देने का सिलसिला जारी है। बीते सालों में नर्मदापुरम और आसपास के जिलों के किसान धान पर तो मालवा के किसान कपास जैसी फसलों पर शिफ्ट हो चुके हैं। Soybean Price
सितंबर में आएगी नई फसल
किसानों के मुताबिक अभी पिछले साल की ऊपज बाजारों में आ रही है और 15 सितंबर के बाद से ही नई ऊपज आएगी। अभी बाजारों में मूल्य औसत रूप से 3800 रुपए प्रति क्विंटल है। बारिश से भीगी ऊपज आने पर दाम और भी कम हो सकते हैं। Soybean Price
भारतीय किसान संघ के पदाधिकारी कहते हैं कि सोयाबीन घाटे का सौदा साबित हो रही है। नई सोयाबीन की कीमतें 4000 रुपए Soybean Price से नीचे गिरती है तो किसानों को नुकसान होगा।
किसानों का कहना है कि एक बीघा में सोयाबीन पर खर्च 9480 रुपए है। प्रति बीघा जुताई पर 700 रुपए, बुआई पर 350 रुपए, बीज पर 1500, कीटनाशक पर 2000, खाद पर 930 रुपए, मजदूरी पर 3000 रुपए, खरपतवार मजदूर पर 1000 रुपए की लागत आ रही है।
समर्थन मूल्य पर खरीदी नहीं हो रही
Soybean Price ; साल 2012-13 में सोयाबीन के लिए एमएसपी 2240 रुपए प्रति क्विंटल थी, जो अब बढ़कर 4892 रुपए प्रति क्विंटल हो चुकी है। हालांकि सरकार तिलहन फसलों की खरीदी नहीं करती है।
सरकार ने सोयाबीन का 4892 रुपए प्रति क्विंटल की दर से एमएसपी रखा है पर प्रदेश में इस की सरकारी खरीद नहीं होती है। इसकी मुख्य वजह है कि सरकार के पास सार्वजनिक वितरण प्रणाली और तेल उत्पादन जैसी सरकारी सुविधाएं नहीं हैं।
सरकार द्वारा आयात शुल्क में कमी किए जाने के कारण आयातीत खाद्य तेलों की मात्रा में बढ़ोतरी हुई है। यही कारण है कि सोयाबीन का रकबा लगातार घटने के बावजूद सोयाबीन के भाव नहीं बढ़ पा रहे हैं। सोयाबीन में लागत ज्यादा आने और मुनाफा कम होने से एमपी में किसान सोयाबीन की जगह ज्यादा पैसे देने वाली फसलें बोने लगे हैं।
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सोयाबीन के भाव को लेकर कृषि मंत्री ने यह कहा
सोयाबीन भाव Soybean Price को लेकर किसानों का आक्रोश बढ़ता जा रहा है। किसान केंद्र सरकार से आयात शुल्क बढ़ाने की मांग करने के साथ-साथ सोयाबीन की न्यूनतम समर्थन मूल्य पर खरीदी करने की मांग कर रहे हैं।
इस बीच मध्य प्रदेश के कृषि मंत्री एंदल सिंह कंसाना ने सोयाबीन भाव Soybean Price को लेकर बयान दिया है कि किसानों का नुकसान नहीं होने देंगे। कृषि मंत्री एंदल सिंह कंसाना ने कहा कि मप्र में किसान हितैषी सरकार है। सोयाबीन के किसानों की मदद के पूरे प्रयास करेंगे। उनको नुकसान से बचाया जाएगा । यहां क्लिक कर पढ़ें पूरी खबर….
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संतरे में अभी फल गिरने का सिलसिला जारी है किसानों द्वारा सभी तरह कि दवाई का स्प्रे कर दिया है लेकिन समस्या का हल नहीं हो पा रहा है इस विषय को लेकर कृषि अधिकारी का वर्जन लेकर ख़बर चलाएं,,,,,
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