अच्छी उपज प्राप्त करने के लिए गन्ने की फसल में इस समय कौन सा उर्वरक देना चाहिए, जानिए..

इस समय गन्ने की फसल (Sugarcane Cultivation) कल्ले बनने की अवस्था में, अब कौन सा उर्वरक देना चाहिए जानिए..

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Sugarcane Cultivation | देश के कई राज्यों में गन्ने की जाती है। इसमें मुख्य रूप से उत्तर प्रदेश में सबसे अधिक गन्ने का उत्पादन होता है।

इसके बाद दूसरे नंबर पर महाराष्ट्र में गन्ने का उत्पादन होता है। इसके अलावा कर्नाटक हरियाणा बिहार तमिलनाडु गुजरात पंजाब आंध्र प्रदेश और उत्तराखंड में भी गाने की उपज ली जाती है।

मार्च अप्रैल में गन्ने की ग्रीष्मकालीन बुवाई (Sugarcane Cultivation) हो चुकी है, यह फसल अब करले बनने की अवस्था में आ गई है।

गन्ना (कल्ले बनने की अवस्था) जिन खेतों में गन्ने की फसल घुटने की ऊँचाई तक आ गई हो उन खेतों में निंदाई-गुड़ाई के साथ-साथ वर्तमान में उर्वरक प्रबंधन कैसे किया जाए, आइए जानते हैं..

यूपी में सबसे अधिक गन्ना किसान

उत्तर प्रदेश और महाराष्ट्र राज्य ऐसे हैं जहां गन्ने का सबसे अधिक उत्पादन होता है और यहीं पर सबसे अधिक चीनी मिलें भी हैं। इसके बाद नंबर आता है कर्नाटक का जहां गन्ने का बेहतर उत्पादन होता है।

इसके अलावा हरियाणा, बिहार, तमिलनाडु, गुजरात, पंजाब, आंध्रप्रदेश और उत्तराखंड में भी गन्ने की खेती की जाती है। इनमें सबसे अधिक यूपी में गन्ना किसान है। ऐसे में गन्ना उत्पादक राज्यों के लिए गन्ने की खेती (Sugarcane Cultivation) को सुरक्षित तरीके से करने की ओर ध्यान देना जरूरी है।

कल्ले बनने की अवस्था क्या करें

गन्ना (कल्ले बनने की अवस्था ) जिन खेतों में गन्ने की फसल घुटने की ऊँचाई तक आ गई हो उन खेतों में निंदाई-गुड़ाई करने के उपरांत नत्रजन की शेष मात्रा का आधा हिस्सा डाल कर मिट्टी चढ़ाने के बाद सिंचाई करें।

इधर दूसरी ओर महिमा के शुरुआती सप्ताह में मौसम द्वारा जारी किए गए पूर्वानुमान के अनुसार आने वाले दिनों में हल्के बादल छाए रहने की संभावना हैं। अतः ग्रीष्मकालीन गन्ना फसल में तथा सिंचाई का कार्य एवं निंदाई-गुड़ाई व उर्वरक का छिड़काव करें। (Sugarcane Cultivation)

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गन्ने की फसल में उर्वरक प्रबंधन का सही तरीका

गन्ने की फसल (Sugarcane Cultivation) में मृदा परीक्षण के आधार पर उर्वरकों का प्रयोग करना चाहिए। यदि मृदा परीक्षण न हुआ हो तो बुआई के समय प्रति हैक्टर 60-75 कि.ग्रा. नाइट्रोजन, 80 कि.ग्रा. फॉस्फोरस व 60 कि.ग्रा. पोटाश का प्रयोग करें।

गन्ने की पेड़ी की फसल में प्रति हैक्टर 90 कि.ग्रा. नाइट्रोजन गन्ना काटने के बाद तथा इतनी ही मात्रा तीसरी सिंचाई के समय प्रयोग करें। इसकी पेड़ी से अच्छी फसल लेने के लिए खरपतवार नियंत्रण हेतु, उगने से पहले एट्राजिन 2 कि. ग्रा. सक्रिय तत्व के रूप में प्रति हैक्टर की दर से छिड़काव करें। पेड़ी की फसल में 12-15 दिनों के अंतराल पर सिंचाई अवश्य करते रहें। (Sugarcane Cultivation)

गन्ने की फसल उगते समय दीमक पोरी की आंखों को नष्ट कर देती है। कनसु के आक्रमण से पौधों की गोभ सूख जाती है। अतः इन दोनों कीटों से फसल को बचाने के लिए बुआई के समय 2.5 लीटर क्लोरपायरीफॉस 20 ई.सी. या 2.5 लीटर गामा बी.एच.सी. 20 ई.सी.

या 600 मि.ली. फिप्रोलिन 5 एस. सी. को 600-800 लीटर पानी में घोलकर प्रति एकड़ कूड़ों में बीज के ऊपर फव्वारे से छिड़काव करें। 150 मि.ली. इमिडाक्लोरोप्रिड 200 एम.एल. को 250-300 लीटर पानी में मिलाकर छिड़काव किया जा सकता है। (Sugarcane Cultivation)

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