सोयाबीन के भाव को लेकर किसान असमंजस्य की स्थिति में है, जानिए सोयाबीन के भाव Soybean prices कब तक बढ़ेंगे..
Soybean prices | सोयाबीन की सबसे अधिक पैदावार मध्य प्रदेश में होती है इसके अलावा महाराष्ट्र, राजस्थान, तमिलनाडु, तेलंगाना में भी सोयाबीन की पैदावार होती है। पिछले दो वर्षों से लेकर अब तक सोयाबीन की पैदावार करने वाले किसान सोयाबीन के भाव को लेकर परेशान है।
पिछले वर्ष दिसंबर माह के पहले सप्ताह में सोयाबीन के भाव Soybean prices जहां 5500 रुपए प्रति क्विंटल थे, वहीं इस वर्ष सोयाबीन के भाव इससे कम 4800 रुपए प्रति क्विंटल के हैं। जबकि दूसरी ओर सोया डीओसी के भाव दो माह के ऊंचाई पर पहुंच गए हैं लेकिन फिर भी सोयाबीन के भाव नहीं बढ़ पाए हैं।
सोया डीओसी के भाव बढ़े
पिछले दो माह के अंतराल में वैश्विक स्तर पर सोयाबीन के भावों Soybean prices में तेजी बनी हुई है जिसके चलते भारत से सोया डीओसी की निर्यात मांग बनी है। पिछले दिनों सोया डीओसी के भाव दो माह की ऊंचाई पर पहुंच गए। इस वजह से आयातक देश भारत से खरीदी करने लगे हैं। पिछले महीनों में भारत से केवल बांग्लादेश, नेपाल, ईरान ही आयात कर रहे थे, लेकिन अब वियतनाम सहित अन्य एशियाई देशों से भी पूछपरख बढ़ी है। पिछले दिनों शिकागो में सोया डीओसी वायदा सवा माह में 20 प्रतिशत बढ़ा है।
लेकिन इसके बावजूद सोयाबीन के भाव Soybean prices में वृद्धि होने की बजाय सोयाबीन के भाव कम हो रहे हैं। दीपावली के बाद से लेकर अब तक सोयाबीन के भाव में काफी उतार-चढ़ाव रहा है। दीपावली के बाद सोयाबीन के भाव मुहूर्त के सौदों के बाद बड़े थे, लेकिन उसके बाद से ही भाव फिर कम हो गए। दिसंबर के पहले सप्ताह तक सोयाबीन के भाव 5000 रुपए प्रति क्विंटल से नीचे आ गए। इसकी प्रमुख वजह क्या है एवं सोयाबीन के भाव Soybean prices कब बढ़ने की संभावना है, आईए जानते हैं।
इस वजह से बढ़े सोया डीओसी के भाव
ब्राजील में प्रतिकूल मौसम बने रहने से सोया डीओसी के भाव बढ़े हैं। इसी समय निर्यातकों ने नवंबर-दिसंबर शिपमेंट के लिए करीब तीन लाख टन के सौदे किए थे। सौदे मुख्य रूप से बांग्लादेश, ईरान, नेपाल और वियतनाम के साथ हुए हैं।
अगले तीन माह (दिसंबर 2023, जनवरी एवं फरवरी 2024) में सोया डीओसी निर्यात के अच्छे अवसर बताए जा रहे हैं। बशर्ते भारतीय डीओसी के भाव सामान्य या स्थिर रहे। कुछ कारोबारियों का कहना है जब सोया मील के भावों Soybean prices में सुधार हुआ है, तब सोया तेल की रिकॉर्ड इंवेंट्री की वजह से क्रशिंग मार्जिन में काफी गिरावट आई है। इससे सोया तेल के भावों में गिरावट आई है। सोया डीओसी में निर्यात एवं पोलेंट्री उद्योग की मांग है।
ब्राजील में खराब मौसम से विदेशों में सोयाबीन मजबूत
अमेरिका में सोयाबीन Soybean prices की जबरदस्त मांग बनी हुई है। वहां क्रशिंग-प्रोसेसिंग इकाइयों में इसकी भारी खपत होने की सूचना है, जबकि जैव ईंधन निर्माण में भी सोया तेल का उपयोग बढ़ाया जा रहा है। दूसरी ओर ब्राजील में मौसम प्रतिकूल होने से न केवल सोयाबीन की बिजाई प्रभावित हो रही है, बल्कि कई क्षेत्रों में बीज में अंकुरण नहीं या नगण्य होने से दोबारा बिजाई की जरूरत भी महसूस की जा रही है। अर्जेन्टीना में सोयाबीन की बिजाई ने रफ्तार पकड़ी है, मगर वहां भी मौसम पूरी तरह अनुकूल नहीं है।
सोयाबीन का वैश्विक बाजार भाव सुधरने की संभावना
विशेषज्ञ बताते हैं कि चीन में सोयाबीन Soybean prices की अच्छी मांग निकल रही है। ब्राजील के बंदरगाहों पर जगह की कमी होने तथा भीड़-भाड़ बढ़ने से सोयाबीन एवं इसके उत्पादों का निर्यात शिपमेंट प्रभावित होने लगा है। ब्राजील में सोयाबीन के उत्पादन अनुमान में कटौती होने लगी है। वर्तमान समय में कनाडा में सोयाबीन का भाव 15.50-16.00 डॉलर प्रति बुशेल चल रहा है, लेकिन कैनोला का भाव कुछ नरम पड़ गया है। यदि पाम तेल बाजार में तेजी आई तो सोयाबीन का वैश्विक बाजार भाव कुछ सुधर सकता है।
चूंकि ब्राजील दुनिया में सोयाबीन Soybean prices का सबसे प्रमुख उत्पादक एवं निर्यातक देश है, इसलिए वहां फसल एवं मौसम की स्थिति पर सबकी नजर लगी हुई है। अमेरिका में सोयाबीन फसल की कटाई-तैयारी अंतिम चरण में पहुंच गई है और नए माल की जोरदार आवक है वहीं सीजन में वहां इसकी भारी मांग देखी जा रही है। समीक्षकों के अनुसार फरवरी-मार्च में ब्राजील में सोयाबीन की नई फसल की कटाई-तैयारी जोर पकड़ने तक इस महत्वपूर्ण तिलहन का वैश्विक बाजार भाव मजबूत रह सकता है।
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भारत में सोयाबीन के भाव (Soybean prices)कम क्यों है जानें
भारत में सोयाबीन की आवक अच्छी होने और तेलों में बिक्रा कमजोर होने के कारण प्लांटों की लेवाली सोयाबीन में कम है, जिससे सोयाबीन के दाम रोजाना धीमी गति से टूट रहे हैं।
इसके अलावा सोया तेल का स्टॉक एवं सोयाबीन का भी भरपूर स्टॉक होने के कारण सोयाबीन के भाव में गिरावट बनी हुई है जबकि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सोयाबीन की तेजी बताई जा रही है। वर्तमान में औसतन सोयाबीन प्लांट खरीदी भाव 5040 से लेकर 5100 रुपये प्रति क्विंटल Soybean prices तक बोले जा रहे है। इधर, सोया तेल में उपभोक्ता पूछताछ कमजोर होने और प्लांटों की बिकवाली बढ़ने के कारण भाव में नरमी रही।
सोयाबीन घटते भाव पर बेचने वालों का अभाव
सीजन के पहले ही सोयाबीन Soybean prices का सीजन समाप्त हो गया। दिसंबर तक मंडियों में सोयाबीन की आवक बनी रहती है। लेकिन पिछले 2 साल से इस प्रकार की आवक का अभाव बना रहा। इस साल सोयाबीन में बड़ी तेजी का अभाव बना रहा। 6000 रुपए भाव की आशा में 5750 रुपए के भाव पर स्टॉक वालों ने जमकर खरीदी कर ली लेकिन भाव 5300 से 5400 रुपए हो गए। भाव घटते ही मंडियों की आवक कम हो गई।
प्लांटों की कम भाव Soybean prices पर भी खरीदी कमजोर चलने से आगे भी तेजी का असर दिखाई नहीं दे रहा। ज्यादा भाव घटने के बाद मंगलवार को 25 से 40 रुपए का भाव सुधार जरूर आया लेकिन खरीदी में उत्साह का अभाव ही बना रहा। स्टॉक वाले भी बेचु दिखाई देने से प्लांटों को आसानी से अपने भाव पर सोयाबीन मिलने से खरीदी में जल्दबाजी नहीं है। हालांकि अब बताया जा रहा है कि डीओसी के सौदे बढ़ते ही मंडियों में फिर भाव तेज होने पर आवक बढ़ जाएगी।
सोयाबीन के वर्तमान भाव स्थिर
वर्तमान सप्ताह में सोयाबीन के भाव Soybean prices स्थिर हो गए हैं। बाहर तो भाव रिवर्स ही बताए गए हैं। सोयाबीन के भाव में आकस्मिक मंदी के संयोग की खबरे भी चल रही है। सोयाबीन की तेजी का भविष्य वायदा डिब्बे में छुपा हुआ है। अगर कमोडिटी में सोयाबीन पर छुट मिली तो इस व्यापार दशा बदल सकती है।
अगर कमोडिटी में सोयाबीन Soybean prices नहीं खुला तो विदेशी मार्केट वाले भावों की तेजी-मंदी चलती रहेगी। बड़ा रिस्की व्यापार सोयाबीन का ही माना जाता है। यही कारण है कि सोयाबीन की आवक कमजोर है। इसे अगले सप्ताह में बढ़ना चाहिए, अन्यथा प्लांटों के सामने नई दिक्कत खड़ी हो सकती है।
विदेशी बाजार तेजी के बाद फिर से रनिंग में मंदी लिए चल रहे हैं। एजेंसी एमबी एग्रो के अनुसार ब्राजील में मौसम शुष्क होने की वजह से उत्पादन में 10 मिलियन टन कम होकर 155 मिलियन टन हो सकता है। यदि उत्पादन में इतनी बड़ी गिरावट आती है, तब सोया तेल, डीओसी में भी तेजी को रोकना आसान नहीं होगा। इंडोनेशिया ने 1 से 15 दिसंबर के लिए सीपीओ रिफरेंस दर, निर्यात शुल्क Soybean prices एवं लेवी शुल्क में वृद्धि की है।
सोयाबीन की आवक और क्रशिंग पिछले साल से अधिक
सोयाबीन प्रोसेसर्स एसोसिएशन (सोपा) के अनुसार अक्टूबर 2023 में भारत की कुल सोयाबीन Soybean prices आवक 20 लाख टन रही, जो अक्टूबर 2022 की आवक 17 लाख टन से 17.6 फीसद ज्यादा है। अक्टूबर 2023 में भारत की सोयाबीन क्रशिंग 20 लाख टन रही, जो अक्टूबर 2022 की क्रशिंग 9.5 लाख टन से 21 फीसद ज्यादा है। अक्टूबर 2023 के अंत में किसानों, स्टाकिस्टो और प्लांटों के पास कुल 118.21 लाख टन सोयाबीन स्टाक बचा हुआ है।
यह अक्टूबर 2022 के बचे स्टाक 126.37 लाख टन से 6.5 फीसद कम है। इधर, आइटीसी के अनुसार 1-30 नवंबर में मलेशिया पाम तेल एक्सपोर्ट में 10.54 फीसद की बढ़ोतरी दर्ज की गई। मौसम खुलने से मंडियों में सोयाबीन की आवक Soybean prices बढ़ने के साथ ही दाम घटाकर बोले जा रहे हैं। देश में सोयाबीन की आवक पांच लाख 30 हजार बोरी की रही जिसमें से मध्य प्रदेश में दो लाख 25 हजार बोरी की आवक दर्ज की गई।
यूएसडीए ने सोयाबीन उत्पादन की रिपोर्ट जारी की
वर्ष 2023-24 में सोयाबीन Soybean prices का उत्पादन ब्राजील में 16.13 करोड़ टन, अर्जेंटीना में 4.80 करोड़ टन, अमेरिका में 11.23 करोड़ टन एवं चीन में 2.05 करोड़ टन होने की संभावना है। पिछले वर्ष से 20 लाख टन अधिक होगा। अमेरिकी कृषि विभाग की रिपोर्ट के अनुसार वैश्विक तिलहन उत्पादन में 2023-24 में 20 लाख टन की वृद्धि होने की संभावना व्यक्त की है। तिलहन का कुल उत्पादन अनुमान 6610 लाख टन का लगाया गया है।
रूस में रेपसीड और सोयाबीन, यूक्रेन में सोयाबीन, सनफ्लावर, अमेरिका में सोयाबीन Soybean prices का उत्पादन बढ़ने की संभावना है। पूरे विश्व में सोयाबीन का उत्पादन अक्टूबर माह के अनुमान 39.95 करोड़ टन से बढ़ाकर 40.4 करोड़ टन होने का लगाया गया है। सोयाबीन का उत्पादन वर्ष 2022-23 में 37.22 करोड़ टन, वर्ष 2021-22 में 36.04 करोड़ टन हुआ। वर्ष 2023-24 में अमेरिका में सोयाबीन का उत्पादन अक्टूबर 11.17 करोड़ टन की तुलना में 11.23 करोड़ टन होने का लगाया गया है। वर्ष 2022-23 में 11.62 करोड़ टन, 2021-22 में 12.15 करोड़ टन उत्पादन हुआ था।
सोयाबीन के भाव कब बढ़ेंगे
अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सोयाबीन के भाव Soybean prices मजबूत होने के बावजूद स्थानीय स्तर पर सोयाबीन के भाव नहीं बढ़ पा रहे हैं इसका प्रमुख कारण सोया तेल का स्टॉक अधिक होना है। यही कारण है कि सोयाबीन के भाव भारत में अस्थिर बने हुए हैं। ब्राज़ील एवं अर्जेंटीना में सोया फसल की पैदावार के पश्चात सोयाबीन के भाव में स्थिरता आएगी।
विशेषज्ञों के मुताबिक जनवरी एवं फरवरी में विदेशों में सोयाबीन पैदावार की पूरी स्थिति क्लियर हो जाएगी। इसके बाद सोयाबीन के भाव Soybean prices बढ़ने की संभावना है। क्योंकि अल नीनो का प्रभाव प्रमुख सोयाबीन उत्पादक देशों पर पड़ा है। भारत में अल नीनो के बाद 4-5 राज्यों में जोरदार वर्षा हो गई। यही स्थिति वैश्विक स्तर पर भी बनी हुई है।
ब्राजील में मौसम की मार के बावजूद सोयाबीन की फसल 1500 लाख टून होने का अनुमान लगाया जा रहा है, जबकि अर्जेंटीना में सोयाबीन का उत्पादन 450 लाख टन से अधिक होने का अनुमान है। यह आंकड़ा पिछले वर्ष से काफी अधिक है। ऐसा अनुमान लगाया जा सकता है कि ब्राजील में जितनी कम हो रही है, उससे अधिक अर्जेंटीना में उत्पादन Soybean prices हो सकता है। यदि ब्राजील में में वर्तमान अनुमान से अधिक फसल होने पर तेल बाजार पर मंदी का संकट गहरा सकता है। ऐसी दशा में सोयाबीन के भाव नहीं बढ़ पाएंगे।
सोयाबीन प्लांट खरीदी भाव
Soybean prices | सोयाबीन लक्ष्मी 510, एमएस पचोर 5000-5025, नीमच प्रोटीन 5075, खंडवा आइल 5100, प्रकाश 5120, अंबिका कालापीपल 5050, रामा 4950, धानुका 5080, धीरेंद्र सोया 5075, अमृत 5050, आरएच सिहोनी 5100, महेश आइल 5075, बैतूल 5125, सोनिका 5050 रूपये।
सालासर 5100, स्नेहिल 5050, अवी एग्रो 5025, सांवरिया 5100, एमएस साल्वेक्स 5000, सूर्या 5050, अडानी 5080-5100, लाभांशी 5050-5075, केपी निवाड़ी 4950, रुचि 4975, प्रेस्टीज 5050, अंबिका जावरा 5050, विप्पी 4980 रुपये।
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