एमपी एवं राजस्थान के किसानों को सोयाबीन की यह वैरायटी देगी अच्छा फायदा, पढिए पूरी जानकारी..

सोयाबीन किस्म Soybean Variety JS 2218 की खासियत, गुण एवं कैरेक्टर, उत्पादन के बारे में,आइए जानते है..

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Soybean Variety JS 2218 | मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र के बाद सबसे अधिक सोयाबीन की खेती राजस्थान में होती है। महाराष्ट्र में मानसून की अधिक बारिश होती है, इसलिए वहां पर सोयाबीन की लंबी अवधि वाली किस्मों को बोया जाता है। इनमें केडीएस वैरायटी की किस्में प्रमुख है, इनका उत्पादन भी अच्छा मिलता है। मध्य प्रदेश एवं राजस्थान की बात अलग है, यहां पर मानसून की कम बारिश होती है।

मानसून जाते-जाते कई बार इन दोनों राज्यों में नहीं बरसता है जिसके कारण सोयाबीन की फसल को अंतिम पानी नहीं मिल पाता। इसलिए इन दोनों राज्यों के किसान सोयाबीन की जल्दी आने वाली वैरायटी को बोते हैं। मध्य प्रदेश के पश्चिमी भाग एवं राजस्थान के लिए सोयाबीन की नवीन किस्म Soybean Variety JS 2218 बहुत लाभदायक रहने वाली है।

जवाहरलाल नेहरू कृषि विश्वविद्यालय जबलपुर से विकसित JS 2034 वैरायटी राजस्थान में सबसे ज्यादा प्रचलित है। एमपी एवं राजस्थान के किसानों को जेएस 9560 जेएस 2034 के अलावा एक अन्य वैरायटी जेएस 2218 मिली है, जो बहुत लाभदायक होगी। सोयाबीन की इस नवीन वैरायटी Soybean Variety JS 2218 के बारे में जानिए..

जेएस 2218 सोयाबीन किस्म

विगत कई वर्षों में देर से वर्षा, बाद में अवर्षा की स्थिति में रबी में अगाती फसलों डॉलर एवं देसी चना, आलू, मटर, लहसुन-प्याज, शरबती गेहूँ लगाने वाले किसान, बिजली संकट से जूझ रहे किसान खेती में बढ़ते हुए खर्चों को देखते हुए अधिकतम प्रतिफल (आउटपुट) निकालने हेतु तीन फसल लेने की योजना का समायोजन करने हेतु, कृषकों का आकर्षण अर्ली (जल्दी) आने वाली किस्मों की तरफ बढ़ता जा रहा है।

कई वर्षों से किसान इस बात से परेशान थे कि एक अच्छी प्रमाणिक अर्ली सोयाबीन किस्म में उनके पास जे.एस. 95-60 किस्म के अतिरिक्त कोई विकल्प नहीं था, किंतु वर्षों के गहन अनुसंधान के पश्चात् जवाहरलाल नेहरू कृषि विश्वविद्यालय नोटिफिकेशन क्रमांक एस.ओ. 1146 (E) दि. 24.04.214 है जो कि देश के मध्यक्षेत्र मध्यप्रदेश, राजस्थान, महाराष्ट्र हेतु Soybean Variety JS 2218 अनुशंसित है।

यह Soybean Variety JS 2218 किस्म जे. एस. 95-60 के लगभग व जे.एस. 93-05 से लगभग 8-10 दिन पूर्व पककर तैयार हो जाती है। इसी उत्पादन क्षमता एवं गुण शीघ्र पकने वाली अन्य सोयाबीन किस्मों की तुलना में सर्वाधिक है।

जेएस 2218 की पैदावार (उत्पादन क्षमता)

सोयाबीन एवं आगे की रबी अगाती फसलों का उत्पादन भी जल्दी प्राप्त होने से मण्डी में उसे जल्दी विक्रय कर किसान मण्डी में भीडभाड़ से मुक्तितथा उच्चतम भाव का लाभ ले सकते हैं। इस किस्म Soybean Variety JS 2218 का बीज उत्तम अंकुरण क्षमता होने के कारण 75-80 किलो प्रति हेक्टेयर, कतार से कतार की दूरी 30 से.मी. (एक फीट) रखने पर फसल की अवधि कम होने की स्थिति में भी इस किस्म में आदर्श परिस्थितियों में 28 क्विं. प्रति हेक्टेयर या इससे अधिक उत्पादन देने की क्षमता भी इस किस्म में है (आदर्श परिस्थितियों में)।

जेएस 2218 सोयाबीन वैरायटी 2023 में लांच की गई है। सोयाबीन की इस किस्म Soybean Variety JS 2218 की अच्छी खासी पैदावार पाई गई है। इस किस्म को अभी ट्रायल के तौर पर ही उपयोग में लिया जा रहा है। किसानों के मुताबिक, सोयाबीन की इस किस्म से गर्मी के मौसम में प्रति एकड़ 11-12 क्विंटल का उत्पादन हुआ है। वही बारिश में सोयाबीन का प्रति एकड़ 7-8 क्विंटल उत्पादन होता है। वही अगर बात की जाए इसकी अवधि/उम्र की तो, यह किस्म 90 से 92 दिन में पककर तैयार हो जायेगी।

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जेएस 2218 सोयाबीन वैरायटी की विशेषताएं

सम्राट एवं पूर्व में प्रचलित शीघ्र पकने वाली अन्य किस्मों, जिसमें कीट व्याधि का अत्यधिक प्रकोप, निरन्तर गिरती उत्पादन क्षमता के कारण उत्पादन ठीक प्राप्त नहीं हो रहा था, को विस्थापित करके एक आदर्श विकल्प के रूप में यह किस्म शीघ्र ही अपना एक उच्च स्थान किसानों में बना लेगी। Soybean Variety JS 2218 गोल अण्डाकार पत्तियाँ होने के कारण कॉम्पेक्ट या सघन प्लांट होने से शाखाएं बहुत अधिक न होने के कारण हवा प्रकाश एवं पौध संरक्षण औषधि छिड़काव के समय नीचे तक आसानी से पहुँचते हैं। जिससे कीट-व्याधि नियंत्रण अधिक आसान एवं प्रभावशाली रहता है।

देरी से बोनी होने, आखरी पानी न गिरने या देरी से गिरते रहने इन सभी परिस्थितियों में समायोजन कर उच्च उत्पादन क्षमता वाली कीट व्याधि हेतु सहनशील बहुरोधी क्षमता वाली शीघ्र पकने वाली, सीधे बढ़ने वाले गुण के कारण मिश्र एवं अन्तवर्तीय फसल पद्धति के लिए मध्यम व भारी जमीनों तथा मध्यम से अधिक वर्षा वाले क्षेत्रों के लिये यह एकदम उपयुक्त किस्म है। साथ ही बहु फसल चक्र सोया-आलू-लेट गेहूँ या सोया मटर-लेट गेहूँ या सोया-लहसुन- प्याज आदि के लिये यह एक अत्यंत उपयोगी सोया किस्म Soybean Variety JS 2218 है।

जेएस प्रमुख गुण (केरेक्टर)

Soybean Variety JS 2218 दानों का आकार – गोलाकार, मध्यम बोल्ड, 100 दानों का वजन 11-12 ग्राम, दाने का प्रकार पीला चमकदार, नाभिका (हायलम) काला, अंकुरण क्षमता – उत्तम 80-90 प्रतिशत तक, पौधे का प्रकार – बौनी किस्म 40-45 से.मी. परिमित वृद्धि (डिटरमिनेट प्लांट), कम फैलने वाला, सीधा प्लांट (इरेक्ट), पत्तियों का रंग – गहरा हरा, पत्ती का आकार – गोल अण्डाकार, रोएं – फलियाँ रोएंदार नहीं।

Soybean Variety JS 2218 आधे फूल आने की अवधि 34-36 दिवस (अर्ली) फूलों का रंग – सफेद, फली का रंग- पीला, फली का प्रकार – 2-3 दाने की फलियाँ, फलियाँ चटकने की समस्या नहीं, आदर्श पोध संख्या – 6 लाख पौधे प्रति हेक्टेयर फसल की अवधि 85-88 दिवस, तेल की मात्रा 20-22 प्रतिशत, प्रोटीन की मात्रा 40-41 प्रतिशत।

जेएस 2218 सोयाबीन अधिक उत्पादन देने में सक्षम

सामान्य सोयाबीन किस्मों को आलू, प्याज, लहसुन के खेतों में लगाने पर जो कि अधिक खाद होने के कारण काफी उर्वरा शक्ति वाले होते हैं जिसके कारण सोयाबीन की वानस्पतिक वृद्धि काफी (Over Vegitative Growth) अधिक होती है। किन्तु इस किस्म Soybean Variety JS 2218 के विशेष गुण के कारण इस किस्म के पौधों की वृद्धि अधिक नहीं होती है, जिससे अधिक प्राप्त होने वाले तत्वा (Nutrients) का रूपान्तरण एवं प्रवाह पूरी तरह से पौधे की वानस्पतिक वृद्धि की ओर न जाकर फलियाँ/दाने की तरफ अधिक जाता है, परिणामस्वरूप इस किस्म में अधिकतम उत्पादन प्राप्त होती है।

इस सोया जाति Soybean Variety JS 2218 में जल्दी कटाई होने के गुण के कारण खेत में उपलब्ध वर्षाकाल की नमी का उपयोग करते हुए असिंचित अवस्था में भी रबी फसलों की सुखा निरोधक किस्मों का भी उत्पादन लिया जा सकता है। साथ ही जल्दी कटाई होने के कारण खेत खाली होने की स्थिति में अगाती (अर्ली) रबी की फसलें लहसुन-आलू-प्याज, मटर, चना डॉलर चना, शरबती गेहूँ लेने वाले किसानों के लिये यह किस्म एक आदर्श विकल्प है। इससे किसानों का फसल चक्र प्रबंधन अधिक आसान एवं सुविधाजनक हो जावेगा।

जेएस 2218 सोयाबीन के लिए खरपतवार नियंत्रण

किसान साथी इस किस्म Soybean Variety JS 2218 में खरपरवार नियंत्रण के लिए उर्वरक प्रबंधन एवं खेतों में जल भराव (वॉटर लाकिंग) न हो इसका पूरा ध्यान रखें। ड्रेनेज मैनेजमेंट – चैनल पतली नालियाँ निकलकर इसे नियंत्रित करें। दाना भरने की अवस्था में अधिकतम उत्पादन लेने हेतु इस किस्म में भी उचित नमी बनाए रखना आवश्यक है। वर्षा में अधिक विलम्ब की दशा में सिंचाई की व्यवस्था शीघ्र करें। बोनी के समय सीड ड्रिल के साथ पावड़ी का उपयोग अवश्य करें।

जेएस 2218 के अलावा अन्य उन्नत किस्में यह है..

  • अंकुर अग्रसर(Ankur agrsar)
  • M-85
  • JS 2303
  • RVS 18
  • RVS 1210
  • RVS 2024
  • RVSM 1135
  • JS 9560
  • JS 5315
  • JS 2172
  • JS 2117
  • JS 2069
  • JS 2034
  • JS 9305
  • Ruchi 1516
  • NRC 150

नोट :- उपरोक्त समस्त फसलों एवं बीजों का विवरण/ विशेषता आदर्श कृषि कार्य माला एवं आदर्श परिस्थितियों के अनुसार प्राप्त जानकारी के आधार पर तथा कृषकों से प्राप्त व्यवहारिक/ वास्तविक आंकड़ों के आधार पर दिए गए हैं। इन आदर्श स्थितियों में परिवर्तन होने पर उपरोक्त विशेषताओं/परिणाम के आंकड़े में भी परिवर्तन हो सकता है।

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श्री गायत्री ट्रेडर्स, उज्जैन 

सीड्स & फर्टिलाइजर
9575699947
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