गेहूं के समर्थन मूल्य को लेकर जीतू पटवारी ने CM को लिखा पत्र, क्या बढ़ेगा गेहूं का समर्थन मूल्य, जानिए..

गेहूं के समर्थन मूल्य Support price of wheat बढ़ाने को लेकर कांग्रेस ने मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव को पत्र लिखा है..

Support price of wheat | मध्य प्रदेश, हरियाणा, पंजाब, राजस्थान एवं उत्तर प्रदेश प्रमुख गेहूं उत्पादक राज्य हैं। यहां पर रबी सीजन में गेहूं की खेती अधिक होती है। गेहूं की खरीदी न्यूनतम समर्थन मूल्य पर सरकार करती है। उत्तर प्रदेश, राजस्थान के बाद मध्य प्रदेश में समर्थन मूल्य पर गेहूं खरीदी हेतु पंजीयन की प्रक्रिया शुरू हो गई है।

मध्य प्रदेश में 5 फरवरी से 1 मार्च तक गेहूं खरीदी हेतु पंजीयन होंगे। इसके बाद 15 मार्च से खरीदी शुरू होने की संभावना है। गेहूं खरीदी प्रक्रिया Support price of wheat शुरू होने के पहले पीसीसी चीफ जीतू पटवारी ने सीएम डॉ. मोहन यादव को पत्र लिखकर वादे के मुताबिक गेहूं की समर्थन मूल्य 2700 रुपये प्रति क्विंटल किए जाने की मांग की है।

समर्थन मूल्य को लेकर पीसीसी चीफ ने उठाई आपत्ति

Support price of wheat

Support price of wheat | प्रदेश में गेंहू के लिए 05 फरवरी से पंजीयन शुरू हो चुके है, जो कि 01 मार्च तक चलेंगे। उससे पहले कांग्रेस ने गेहूं के समर्थन मूल्य को लेकर आपत्ति उठाई है। पीसीसी चीफ जीतू पटवारी ने सरकार को पत्र लिखकर कहा कि आपकी सरकार के द्वारा किसानों को बताया जा रहा है कि रबी विपणन वर्ष 2023-24 समर्थन मूल्य पर गेहूं उपार्जन के लिए कृषक पंजीयन का कार्य ई-उपार्जन पोर्टल पर 5 फरवरी से 01 मार्च तक होगा।

Support price of wheat

किसान समिति/समूह स्तरीय पंजीयन केंद्र पर उपस्थित होकर भी पंजीयन करवा सकते हैं। इसके अलावा पंजीयन केंद्र Support price of wheat पर भीड़ से बचने के लिए कृषक खुद के मोबाइल से भी एमपी किसान एप, ग्राम पंचायत, जनपद पंचायत और तहसील सुविधा केंद्र में किसी भी विकल्प से निःशुल्क और अधिकृत एमपी ऑनलाइन, सीएसससी, लोक सेवा केंद्र व निजी साइबर कैफे के माध्यम से सशुल्क पंजीयन करवा सकते हैं। अधिकतम शुल्क राशि 50 रुपए ही निर्धारित है।

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पत्र में व्यवस्थाओं को लेकर जिक्र किया

Support price of wheat | जीतू पटवारी ने सरकार को लिखे पत्र में व्यवस्थाओं को लेकर जिक्र किया। उन्होंने पत्र के माध्यम से कहा कि गेहूं पंजीयन गिरदावरी में दर्ज फसल और रकबे एवं भू-अभिलेख में दर्ज किसान के नाम के आधार पर होगा। सफल पंजीयन की जानकारी एसएमएस के माध्यम से प्राप्त होगी, जिसका प्रिंट भी निकाला जा सकता है।

पंजीयन में इस साल यह आवश्यक है कि कृषक का सही मोबाइल नंबर और बैंक खाते आधार कार्ड से लिंक रहे. यह कार्य सभी कृषक पंजीयन से पूर्व ही सुनिश्चित कर लें, जिससे फसल उपार्जन Support price of wheat के समय कठिनाई का सामना न करना पड़े. साथ ही अपने बैंक खाते को आधार से लिंक भी करवा लें, जिससे भुगतान में कठिनाई न हो।

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पत्र में कहा – “मोदी की गारंटी” का क्या हुआ

Support price of wheat | जीतू पटवारी ने सरकार को लिखे पत्र में उल्लेख किया कि सभी तैयारियों के लिए मैं आपको इसलिए बधाई देता हूं कि आपने किसानों की परेशानियों को समझते हुए इस बार व्यापक व्यवस्थाएं की हैं. लेकिन मुझे आश्चर्य भी हो रहा है कि इतनी तमाम तैयारियों के बीच आपकी सरकार यह कैसे भूल गई है कि इस साल से गेहूं का समर्थन मूल्य 2700 रुपए प्रति क्विंटल देना है, क्योंकि “मोदी के गारंटी” और भाजपा के चुनावी घोषणा पत्र में गेहूं का समर्थन मूल्य 2700 रुपए प्रति क्विंटल ही निर्धारित किया गया था।

बीते विधानसभा चुनाव के दौरान भी भाजपा के छोटे से लेकर बड़े नेताओं ने गांव-गांव जाकर किसानों को इस बात का विश्वास दिलाया था कि भाजपा सरकार बनने के बाद गेहूं उत्पादक किसानों की सुविधाओं और अधिकारों का पूरा ध्यान रखा जाएगा। आपकी “डबल इंजन” सरकार पर विश्वास करने वाला किसान अब यह जानने के लिए बहुत उत्सुक है कि घोषित समर्थन मूल्य के निर्देश कब जारी होंगे।

ऐसा तो नहीं कि आपकी सरकार धान की तरह अब गेहूं उत्पादक Support price of wheat किसानों के साथ भी वादाखिलाफी की नीयत बना चुकी है, क्योंकि मैंने गेहूं की तरह धान की खेती करने वाले किसानों से जुड़े सवालों पर भी आपकी सरकार का ध्यान आकृष्ट किया था। यह भी बताया था कि धान की खरीदी 19 जनवरी से बंद हो गई। किसान इंतजार करते रहे लेकिन 3100 रुपये प्रति क्विंटल का समर्थन मूल्य नहीं दिया गया। जबकि चुनावी घोषणा पत्र में भी भाजपा ने किसानों की इस मांग को “मोदी की गारंटी” का नाम दिया था।

क्या “मोदी की गारंटी” का कोई मोल नहीं

Support price of wheat | जीतू पटवारी ने पत्र के माध्यम से सवाल उठाते हुए सरकार से पूछा कि क्या “मोदी की गारंटी” का कोई मोल नहीं है। उन्होंने पत्र में कहा कि साल 2022-23 में मध्य प्रदेश में लगभग 46 लाख मैट्रिक टन धान की खरीदी की गई थी। इस साल भी प्रदेश में इसी लक्ष्य के साथ धान की खरीदी की गई। लगभग 8 लाख किसानों ने धान बेचने के लिए रजिस्ट्रेशन भी करवाया। 2183 रुपये प्रति क्विंटल के हिसाब से धान बेचने वाले मप्र के लाखों किसान अब खुद को ठगा हुआ महसूस कर रहे हैं। किसानों का आरोप है कि प्रदेश में अब “मोदी की गारंटी” का भी कोई मोल नहीं है।

पड़ोसी राज्य छत्तीसगढ़ ने धान खरीदी के बाद किसानों को बोनस देना भी शुरू कर दिया. मेरा पुनः अनुरोध है कि अपने मध्य प्रदेश के किसानों को भी तत्काल बोनस दिया जाए। आपकी जानकारी के लिए मैं यह बताना भी चाहता हूं कि लगभग 46 लाख टन धान खरीदने Support price of wheat के बाद यदि 900 रुपये प्रति क्विंटल के हिसाब से सरकार किसानों को बोनस देगी तो करीब 400 करोड़ रुपए की मदद किसानों को मिल सकती है।

जीतू पटवारी ने कहा गेहूं का समर्थन मूल्य बढ़ाए सरकार 

Support price of wheat | जीतू पटवारी ने गेहूं का समर्थन मूल्य बढ़ाने को लेकर कहा कि “मैं यह उम्मीद भी करता हूं आपकी सरकार गेहूं उत्पादक किसानों को इस बात के लिए आश्वस्त कर देगी कि उनकी मेहनत को इस वर्ष 2700 रुपए प्रति क्विंटल के हिसाब से ही सम्मानित किया जाएगा। मुझे पूरा विश्वास है आप किसानों की गंभीर स्थिति को देखते हुए सहानुभूतिपूर्ण दृष्टिकोण से विचार करेंगे।”

राजस्थान में 2400 रुपए क्विंटल रहेगा गेंहू का MSP

गेहूं का एमएसपी पिछले वर्ष से 150 रुपये प्रति क्विंटल Support price of wheat बढ़ाया गया है, गेहूं का समर्थन मूल्य 2024-25 विपणन सत्र के लिए 2275 रुपए प्रति क्विंटल कर दिया गया है। जिस पर राज्य सरकार 125 रुपए प्रति क्विंटल बोनस के तौर पर दे रही है। किसानों से 2400 रुपए प्रति क्विंटल के अनुसार गेंहू की खरीद होगी।

गेहूं का समर्थन मूल्य बढ़ेगा या नहीं

Support price of wheat | केंद्र सरकार ने 2023 में गेहूं का न्यूनतम समर्थन मूल्य 7% बढ़ाया था पिछले वर्ष गेहूं का समर्थन मूल्य 2125 रुपए प्रति क्विंटल था जो 150 रुपए बढ़कर 2275 रुपए किया गया। इसके बाद विधानसभा चुनाव के दौरान 2700 रुपए प्रति क्विंटल किए जाने की गारंटी दी थी। खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति विभाग के सूत्रों के अनुसार सरकार किसानों को बोनस के रूप में 425 रुपए प्रति क्विंटल अतिरिक्त दे सकती है। इस आशय का अधिकृत आदेश समर्थन मूल्य पर गेहूं खरीदी के पहले ही जारी होने की संभावना है।

विधानसभा चुनाव के पहले पीएम मोदी ने यह दी थी गारंटी

विधानसभा चुनाव के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गेहूं 2700 रुपए प्रति क्विंटल Support price of wheat व धान 3100 रुपए प्रति क्विंटल के हिसाब से खरीदने की गारंटी थी, धान खरीदी पूरी हो चुकी है, लेकिन धान को मोदी की गारंटी नहीं मिली। अब गेहूं को प्रधानमंत्री मोदी की गारंटी मिलेगी या नहीं, यह स्पष्ट नहीं किया है। गाइड लाइन में इसका जिक्र नहीं है।

विधानसभा चुनाव में कांग्रेस व भाजपा ने किसानों को लुभाने के लिए प्रदेश में धान व गेहूं अधिक रेट पर खरीदने की गारंटी दी थी।

सरकार बनने के बाद दोनों ही उपजी के रेट भी घोषित किए थे। इसके बाद प्रधानमंत्री मोदी Support price of wheat ने गारंटी दी थी कि सरकार बनने पर प्रदेश में 3100 धान व 2700 रुपए क्विंटल गेहूं खरीदा जाएगा। चुनाव में किसानों के बीच 2700 रुपए की गारंटी का जिक्र था। किसान इसे एक बड़ी राहत समझ रहे है, क्योंकि 2700 रुपए क्विटल खरीदने पर किसान को मुनाफा होगा।

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