इस माह में इन टॉप 5 सब्जियों की खेती से मिलेगा भरपूर फायदा, 50 से 60 दिनों में होगी तैयार

सब्जियों की खेती करने वाले किसानों को मई माह में किन सब्जियों की खेती (Vegetables Cultivation) करनी चाहिए। आइए जानते है…

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Vegetables Cultivation | परंपरागत खेती के साथ ही किसान सब्जियों की खेती से अपनी आय में बढ़ोतरी कर सकते हैं। रबी फसलों की कटाई का कार्य पूरा हो चुका है। इस समय जिन किसानों के पास पानी की भरपूर व्यवस्था है।

वह अपने खाली पड़े खेतो में सब्जियों की खेती करके अच्छा फायदा ले सकते है। बाजारों में सब्जियों की मांग 12 महीने रहती है। वैसे तो पॉली हाउस में सभी प्रकार की सब्जियों की खेती की जा सकती है,

लेकिन बिना पॉली हाउस के चलते इस समय किसान टॉप 5 सब्जियों की खेती कर सकते है। किसान भाई मिर्च, मूली, भिंड़ी, बैंगन एवं फूलगोभी की खेती से अच्छा मुनाफा ले सकते है।

ये सब्जियां 50 से 60 दिनों में तैयार हो जायेगी और बेहतर मुनाफा भी देगी। आइए चौपाल समाचार के इस आर्टिकल में जानते है इन 5 सब्जियों की उन्नत किस्मों एवं खेती (Vegetables Cultivation) के बारे में…

1. मिर्च की खेती (Chilli Cultivation)

मिर्च एक मसाला फसल है। इसकी खेती काफी लाभकारी मानी गई है। इसकी मांग 12 महीने रहती है। इसलिए इस माह इसकी खेती की जाए तो किसान अच्छा पैसा कमा सकते हैं। मिर्च की खेती सभी प्रकार की मिट्‌टी में की जा सकती है।

मिर्च फसल जलभराव वाली स्थिति में नहीं करनी चाहिए, ये इसके लिए अच्छा नहीं होता है। इसकी खेती के लिए मिट्‌टी का पीएच मान 6.5 से 8.00 के बीच होना चाहिए। : Vegetables Cultivation

इसकी खेती के लिए 15 से 35 डिग्री सेल्सियस तापमान तथा गर्म आर्द्र जलवायु उपयुक्त रहती है। मिर्च की उन्नत किस्मों में अर्का मेघना, अर्का श्वेता, काशी सुर्ख, काशी अर्ली, पूसा सदाबहार किस्म काफी अच्छी मानी गई है। इसकी फसल के लिए सबसे पहले इसकी नर्सरी तैयार करते हैं।

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2. मूली की खेती (Radish Cultivation)

मूली की खेती (Vegetables Cultivation) पूरे साल की जा सकती है। हालांकि इसकी फसल के लिए अधिक तापक्रम अच्छा नहीं होता है लेकिन आजकल पॉलीहाउस तकनीक के माध्यम से इसकी खेती साल भर की जाती है।

इस माह आप इसकी खेती करके अच्छा मुनाफा कमा सकते हैं। मूली की खेती के लिए दोमट या बलुई दोमट मिट्‌टी अच्छी रहती है जिसमें जीवाश्म की प्रचुर मात्रा हो। मूली की बुवाई के लिए मिट्‌टी का पीएच मान 6.5 के आसपास होना चाहिए।

इसकी उन्नत किस्मों में जापानी सफेद, पूसा देशी, पूसा चेतकी, अर्का निशांत, जौनपुरी, बॉम्बे रेड, पूसा रेशमी, पंजाब अगेती, पंजाब सफेद, आईएचआर 1-1 एवं कल्याणपुर सफेद अच्छी किस्में मानी जाती है। : Vegetables Cultivation

3. भिंड़ी की खेती (Ladyfinger Cultivation)

भिंडी के बाजार भाव अच्छे मिल जाते हैं। ऐसे में इसकी खेती करके आप अच्छा मुनाफा कमा सकते हैं। सिंचाई की सुविधा होने पर भिंड़ी की खेती साल में तीन बार की जा सकती है। इसकी खेती के लिए अच्छे जल निकास वाली दोमट मिट्‌टी अच्छी रहती है। : Vegetables Cultivation

भिंडी की उन्नत किस्मों में परभन क्रांति, पूसा सावनी, पंजाब पद्‌मनी, अर्का भय, अर्का अनामिका, पंजाब-7, पंजाब -13 आदि है। इसके अलावा इसकी अन्य किस्में भी है जिनमें वर्षा, उपहार, वैशाली, लाल हाइब्रिड आदि किस्में हैं।

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4. बैंगन की खेती (Brinjal Cultivation)

बैंगन की खेती (Vegetables Cultivation) भी आप इस माह करके बेहतर मुनाफा कमा सकते हैं। इसकी खेती भी अच्छे जल निकास वाली सभी प्रकार की भूमियों में की जा सकती है। लेकिन इसकी अच्छी उपज के लिए बलुई दोमट से लेकर भारी मिट्‌टी जिसमें कार्बनिक पदार्थों की प्रचूर मात्रा हो अच्छी रहती है।

जमीन का पीएच मान 5.5 से 6.0 के बीच होना चाहिए। बैंगन की उन्नत किस्मों में स्वर्ण शक्ति, स्वर्ण श्री, स्वर्ण मणि, स्वर्ण श्यामली, स्वर्ण प्रतिभा किस्में अच्छी मानी जाती है। इसकी भी पहले नर्सरी में पौध तैयार की जाती है उसके बाद पौधे का खेत में रोपण किया जाता है।

5. फूलगोभी की खेती (Cauliflower Cultivation)

Vegetables Cultivation | मई माह में किसान भाई फूलगोभी की खेती से काफी अच्छा मुनाफा कमा सकते हैं। वैसे तो फूलगोभी की खेती सभी प्रकार की भूमि में की जा सकती है। लेकिन इसकी खेती के लिए अच्छी जल निकास वाली दोमट या बलुई दोमट भूमि जिसमें अधिक जीवांश की मात्रा हो अच्छी रहती है।

इसकी अगेती, पिछती और मध्यम किस्में आती हैं। इसकी स्थानीय और उन्नत दोनों किस्में होती है आप अपने क्षेत्र के हिसाब से किस्म का चयन कर सकते हैं।

अगेती किस्म में अर्ली कुंआरी, पूसा कतिकी, पूसा दीपाली, समर किंग, पावस, इम्प्रूब्ड जापानी है। अगेती किस्मों के लिए 600 से 700 ग्राम बीज की आवश्यकता होती है। सबसे पहले इसकी नर्सरी में बीज की बुवाई करके पौधा तैयार किया जाता है। : Vegetables Cultivation

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