सोयाबीन के भाव में किसानों को रुलाया, आने वाले साल में गेहूं के भाव किसानों को अच्छा मुनाफा देंगे, क्या रहेंगे भाव जानिए

नए वर्ष में सोयाबीन एवं गेहूं के भाव Wheat price 2024 क्या रहने वाले हैं आईए जानते हैं पूरा विश्लेषण..

Wheat price 2024 : खेती किसानी के लिहाज से 2023 मिला-जुला रहा। किसानों को इस वर्ष प्राकृतिक आपदाओं के कारण नुकसान उठाना पड़ा। हालांकि 2023 की शुरुआत के दौरान रबी सीजन की प्रमुख फसल गेहूं के भाव से किसानों को कुछ फायदा भी दिया। दूसरी ओर सोयाबीन के भाव के कम रहने के कारण किसानों को नुकसान भी उठाना पड़ा।

सोयाबीन के भाव Wheat price 2024 अभी भी कम ही बने हुए हैं। इस वर्ष खेती किसानी पर अल नीनो का असर भी हुआ। देश के कई राज्यों में कहीं अधिक तो कहीं कम वर्षा हुई। यह स्थिति अगले वर्ष सुधरने की संभावना है। इन सब के बीच अब गेहूं की फसल देढ़ से दो माह की हो चुकी है। दो माह बाद गेहूं पककर तैयार हो जाएगा ऐसे में आईए जानते हैं कि वर्ष 2024 में गेहूं के भाव क्या रहने वाले हैं..

 

देश में गेहूं का रकबा 3% तक कम हुआ

आने वाले 2024 में विशेषज्ञ बताते हैं कि गेहूं के उत्पादन में 4% की गिरावट आ सकती है। देश में बुवाई का रकबा घटने के बाद गेहूं का उत्पादन करीब 10.64 करोड़ टन रह सकता है। Wheat price 2024 पिछले साल (2022-23) में गेहूं का उत्पादन 11.05 करोड़ टन रहा था। सरकारी आंकड़ों के अनुसार, 3 दिसंबर तक देश में गेहूं का रकबा पिछले साल के मुकाबले 12.6% तक कम था। यह पिछले साल के मुकाबले इस साल बुवाई का रकबा 3% तक कम है।

गेहूं का रकबा क्यों कम हुआ

इस वर्ष देशभर में करीब 3.04 करोड़ हेक्टेयर क्षेत्र में गेहूं की बुवाई हुई है। पिछले साल यह 3.14 करोड़ हेक्टेयर था।सीएमआईई की रिपोर्ट के मुताबिक, Wheat price 2024 गेहूं की बुवाई कम होने के दो प्रमुख कारण हैं। पहला- इस बार किसानों को चने के दाम ज्यादा मिल रहे हैं, इसलिए चने की बुवाई ज्यादा हो रही है। चने के दाम 12.3% बढ़े हैं, जबकि गेहूं के दाम 6.6% बढ़े हैं।

दूसरा- अल नीनो के चलते देश के मध्य और उत्तरी हिस्से में तापमान सामान्य से ज्यादा रहा। इसके चलते गेहूं की उत्पादकता प्रति हेक्टेयर 1% घटकर 3,480 किग्रा प्रति हेक्टेयर रह गई। मध्यप्रदेश, राजस्थान, महाराष्ट्र और गुजरात में गेहूं के उत्पादन Wheat price 2024 में ज्यादा गिरावट की आशंका है। संभव है कि पंजाब और हरियाणा में उत्पादन पिछले साल के बराबर ही रहे ।

गेहूं का सरकारी स्टॉक 36.60% तक घटा

Wheat price 2024  देश का कुल उत्पादन घटने की आशंका है, इसलिए आटे के दाम सामान्य से ज्यादा बढ़ सकते हैं। इस वर्ष अगस्त 2023 में गेहूं के दाम पिछले साल के मुकाबले 7.6% ज्यादा थे। दाम नियंत्रण में रखने के लिए फूड कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया (एफसीआई) अपने बफर स्टॉक से गेहूं बाजार में उतारा। इसके बाद इसके बावजूद गेहूं के भाव में अधिक कमी नहीं हो पाई।

गेहूं का समर्थन Wheat price 2024 मूल्य 2,275 रु./क्विंटल है। बाजार का औसत मूल्य 2,459 रु./क्विंटल चल रहा है। यानी गेहूं का समर्थन मूल्य बाजार मूल्य से कम है। इसके चलते अगले फसल सत्र में सरकारी गेहूं की खरीद पिछले साल के मुकाबले 2.61 करोड़ टन कम रह सकती है। देश में मौजूदा समय में गेहूं का स्टॉक 2.39 करोड़ टन है, जो पिछले साल के 3.77 करोड़ टन से 36.60% तक कम है।

सरकारी भंडार में 1.38 करोड़ टन कम गेहूं

Wheat price 2024 केंद्र सरकार ने साल भर दामों को नियंत्रित करने के लिए अपने भंडारों से खुले बाजार में गेहूं बेचा। नतीजतन गेहूं का संरक्षित भंडार केवल 2.39 करोड़ टन ही बचा है जो पिछले साल 3.77 करोड़ टन था। यानी सरकारी भंडार में गेहूं 36.60% तक कम हो चुका है।

पिछले दिनों गेहूं पर आयात शुल्क 15% से 20% तक घटाया था। पहले चरण में 10 लाख टन गेहूं का आयात संभव है। गेहूं का 2023-24 में उत्पादन 10.64 करोड़ टन रहने का अनुमान, पिछले साल 11.05 करोड़ टन था। 41 लाख टन कम। सीएमआईई के अनुसार 2023-24 में गेहूं का रकबा 3.04 करोड़ हेक्टेयर रहेगा, गत साल 3.14 करोड़ हेक्टेयर था।

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सरकार ने गेहूं भंडारण सीमा घटाई

Wheat price 2024 केंद्र सरकार ने जमाखोरी पर अंकुश और कीमतों पर नियंत्रण के लिए प्याज के निर्यात पर अगले साल मार्च तक प्रतिबंध लगा दिया गया है। विदेश व्यापार महानिदेशालय ने शुक्रवार को इसकी अधिसूचना जारी कर दी। दूसरी ओर, व्यापारियों एवं थोक विक्रेताओं के लिए गेहं भंडारण की सीमा 2,000 टन से घटाकर 1,000 टन कर दी गई है। खुदरा विक्रेता के लिए गेहूं की भंडारण सीमा 10 टन के बजाय पांच टन, बड़े खुदरा विक्रेताओं के हर डिपो के लिए पांच टन और उनके सभी डिपो के लिए सीमा कुल 1,000 टन होगी।

गेहूं 2500 से 3200 रुपए नीलाम हो रहा

Wheat price 2024 इस वर्ष बोवनी के बाद बारिश और ज्यादा ठंडा मौसम मिलने से गेहूं को फायदा अच्छा मिल रहा है। अमूमन मालवा क्षेत्र गेहूं व चना उपज का प्रमुख क्षेत्र माना जाता है। यहां का गेहूं पौष्टिकता से भरा चमकदार होता है। गेहूं में प्रीमियम क्वालिटी शरबती गेहूं की कहलाती है। गेहूं का समर्थन दाम 2275 रुपए हो जाने के बाद भी मंडियों में 2500 से 3200 रुपए के भाव से नीलाम हो रहा है।

किसानों के अनुसार मौसम गेहूं के लिए अनुकूल बना हुआ है जबकि इसके पूर्व जानकार अलनीनो का खतरा भी बता चुके हैं। इधर मालवा खासकर उज्जैन क्षेत्र गेहूं पैदावार में मप्र में आगे बना हुआ है। वर्तमान में मंडियों में गेहूं की ऑफ सीजन की आवक चल रही है। गेहूं कारोबारी महेश मेहता ने बताया नया गेहूं आने में समय होने से पुराना गेहूं भाव  Wheat price 2024 बिकता रहेगा।

गेहूं के भाव में मंदी के संयोग नहीं

गेहूं के भाव Wheat price 2024 में बड़ी गिरावट आने की आशा कम है। इसकी बड़ी वजह यह है। नई फसल आने तक आटा-मैदा मिलों के साथ आम उपभोक्ताओं के पास भी स्टॉक समाप्त हो जाता है। नए गेहूं में चारों तरफ की मांग रहेगी और कहीं ऐसा न हो कि एमएमपी पर गेहूं की खरीदी फिर से पिछड़ जाए। यदि खाद्य मंत्रालय का मार्च में खाद्य निगम का स्टॉक बचने का अनुमान सही निकाला तब तक तो सही, किंतु गलत निकलने पर देश में भारी संकट की स्थिति खड़ी हो सकती है।

यह देश की करोड़ों जनता एवं सरकार के लिए भी संकट की घड़ी सिद्ध हो सकती है। मंडियों में गेहूं की आवक कमजोर है। मैदा- आटा मिलों की मांग निकलना ही है। अतः तेजी को रोक पाना कठिन है। देखना यह है कि ऐसे समय में सरकार कौन- सी नीति अख्तिार करती है। Wheat price 2024 लोकल मंडी में मालवराज में मांग कम रहने से भाव घटकर 2375 से 2400 रुपए रह गए।

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वर्तमान में यह है गेहूं के भाव

Wheat price 2024 मंडियों में गेहूं मिल क्वालिटी 2350 से 2500 रुपए बिक रहा है। गेहूं की आवक कम होने से खरीदार भी ज्यादा हो गए। गेहूं का व्यापार इस समय ज्यादा सुर्खियों में है क्योंकि कभी भी इतने ऊंचे भाव गेहूं के नहीं रहे। मिलर्स को इस समय 2550 से 2600 रुपए का गेहूं किसानी आवक का खरीदना पड़ रहा है। मार्के वाले का गेहूं का व्यापार कमजोर चल रहा है।

देशभर में गेहूं की बोवनी का काम निपट गया। अब तो बोवनी के बाद बचा हुआ गेहूं मंडी नीलाम में बिकने आ रहा है। इधर स्टॉक में गेहूं डंप होने से तेजी वाले भाव पर बिक्री कमजोर चल रही है। खेरची बाजार में भी गेहूं कम बिक Wheat price 2024 रहा है। 35 रुपए किलो बाजार में तैयार आटा मिल रहा है।

गेहूं के भाव वर्ष 2024 में क्या रहेंगे

Wheat price 2024 देश की अर्थव्यवस्था पर निगाह रखने वाली एजेंसी सेंटर फॉर मॉनिटरिंग इंडियन इकोनॉमी (सीएमआईई) और कुछ सरकारी एजेंसियों के अनुमान के अनुसार अगले तीन महीनों के दौरान भी गेहूं एवं अन्य खाद्यान्नों के दाम 14.55% महंगे रहने की आशंका है। खाद्यात्रों के दामों में उछाल की वजह कमजोर मानसून, किसानों का दूसरी फसलों पर शिफ्ट होने और ज्यादा गर्मी के कारण उत्पादन प्रभावित होना है।

गेहूं के उत्पादन में कमी का बड़ा कारण पानी की कमी के चलते किसानों का चने पर शिफ्ट होना रहा। इसके बाद यह अनुमान लगाया जाने लगा है कि गेहूं के भाव वर्ष 2024 में औसत 2500 रुपए प्रति क्विंटल से अधिक रहेंगे। पिछले वर्ष की तुलना में यह भाव 300 रुपए प्रति क्विंटल अधिक रहेंगे। इधर दूसरी ओर सरकार भी गेहूं के समर्थन Wheat price 2024 मूल्य बढ़ने पर विचार कर सकती है। सरकार गेहूं का समर्थन मूल्य बढ़ती है तो गेहूं के बाजार भाव में भी इजाफा होगा।

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