फसल बीमा की राशि वितरण में बड़ा घोटाला Crop insurance scam सामने आया है। किसानों ने इसकी शिकायत की है, पूरा मामला जानें..
Crop insurance scam | प्राकृतिक आपदा से होने वाले नुकसान की भरपाई करने के लिए सरकार मुआवजा प्रदान करती है, वहीं फसल बीमा योजना के अंतर्गत किसानों को आर्थिक सुरक्षा देता है। फसल बीमा योजना अलग-अलग जिलों में अलग-अलग कंपनियों द्वारा संचालित की जा रही है। केंद्र सरकार की इस महत्वपूर्ण योजना में एक बड़ा घोटाला सामने आया है।
पिछले दिनों मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव ने किसान कल्याण की राशि एवं फसल बीमा की राशि एक साथ किसानों को जारी की। इसी दौरान यह घोटाला पकड़ में आया बताया जा रहा है कि फसल बीमा कंपनी ने 150 करोड़ की बीमा राशि में से किसानों को केवल 97 लाख रु. ही बांटे। किसानों ने अब इसकी शिकायत की है। घोटाले की जानकारी मिलते ही कृषि विभाग ने जांच की तैयारी कर ली है आईए जानते हैं Crop insurance scam का पूरा मामला..
यह है पूरा मामला..
फसल बीमा राशि वितरण में घोटाले Crop insurance scam का यह कथित मामला एमपी के खंडवा जिले का है। जिले के किसानों व जिला संयुक्त कृषक संगठन ने बीमा राशि में हुई गड़बड़ी को लेकर कृषि उप संचालक केसी वास्केल को ज्ञापन सौंपा। ज्ञापन में बताया गया कि 2023 में खरीफ सीजन में किसानों के किए गए बीमे की जांच कराई जाए।
शासन ने फसल खराब होने पर राहत राशि के 162 करोड़ रु. तो किसानों के खाते में डाल दिए। लेकिन 150 करोड़ के मुकाबले फसल बीमे के 97 लाख रु ही किसानों तक पहुंच पाए। ऐसे में कहीं ना कहीं घोटाले Crop insurance scam की आशंका है।
ऐसे हुआ घोटाले का खुलासा
Crop insurance scam किसानों एवं किसान संगठन के अनुसार जिले के किसानों ने खरीफ 2023 में फसल बीमा करवाते हुए 150 करोड़ की प्रीमियम जमा की। प्रीमियम की तुलना में किसानों को फसल बीमा मुआवजा के रूप में 97 लख रुपए ही किसानों को दिए गए। ऐसे में फसल बीमा कंपनी ने करोड़ों रुपए की राशि का घोटाला किया। किसानों ने बताया कि पूरे मामले की निष्पक्षता से जांच होती है तो करोड़ों रुपए की हेरा फेरी Crop insurance scam का खुलासा हो जाएगा।
1.25 लाख किसानों के साथ हुआ घोटाला
बताया जाता है कि खंडवा जिले के 1.25 लाख किसानों के साथ बीमा कंपनी ने बड़ा घोटाला Crop insurance scam किया है। 150 करोड़ के बीमे में केवल 97 लाख रु. ही बांटे, ऐसे भ्रष्टाचार की सरकार जांच कराए। अगर जांच करवाकर किसानों को न्याय नहीं दिलाया जाता है तो लोकसभा चुनाव में राजनीतिक पार्टियों को गांव में नहीं घुसने देंगे, चुनाव का बहिष्कार करेंगे।
किसानों ने मांग की है कि शासन किसानों की संख्या, जमा की गई प्रीमियम राशि व कितने किसानों के खाते में 97 लाख रुपए फसल बीमा के दिए गए उसकी जानकारी सात दिन में दी जाए अन्यथा संगठन के द्वारा आंदोलन किया जाएगा।
किसानों ने जानकारी देते हुए बताया कि जिले के किसान लोकसभा चुनाव का बहिष्कार करेंगे एवं ग्रामीण क्षेत्रों में किसी भी राजनीतिक दल को आने नहीं दिया जाएगा। कृषि उपसंचालक को ज्ञापन प्रदान करते हुए जिलाध्यक्ष नरेंद्र पटेल, जिला मंत्री आशीष बरोले, महेश यादव, रमेशसिंह राजपूत, विकास वागुडदे, विवेक गुप्ता, राहुल खोरे, जय पटेल सहित कई किसान उपस्थित रहे।
जांच के लिए लिखा पत्र
इस मामले Crop insurance scam को लेकर कृषि विभाग के उपसंचालक केसी वास्केल बताया कि मामले में कार्यवाही के लिए भोपाल आरएम को लिखा है। बीमा राशि वितरण में गड़बड़ी को लेकर किसान व किसान संगठन शिकायत लेकर आए थे। शिकायत की कॉपी जांच के लिए भोपाल आरएम को भेजी है। वहीं स्थानीय प्रबंधक को भी मामले की जांच के लिए कहा है। उन्होंने बताया कि जांच रिपोर्ट आने आने के पश्चात ही पूरी स्थिति स्पष्ट हो पाएगी।
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