जानें, कौन सी है वह डीमांड वाली गेंहू की किस्में (Demanding wheat variety) एवं उनकी खासियत क्या है, आर्टिकल में पूरी जानकारी..
Demanding wheat variety | रबी सीजन की बुवाई का कार्य पूरा हो चुका है, जिसके चलते कृषि मंत्रालय ने रबी बुवाई का आंकड़ा भी जारी कर दिया है। सभी किसान भाई रबी फसलों की देखभाल में लगे हुए है। इसी के साथ हमारे किसान साथी यह जानने को उत्सुक जरूर होंगे, की इस बार सबसे ज्यादा डिमांड में कौन सी गेंहू की किस्में रही एवं उसका कारण क्या है? तो आज हम चौपाल समाचार के इस लेख के माध्यम से आपको बताने वाले गेंहू की उन टॉप 5 किस्मों के बारे में, जो इस वर्ष रबी सीजन २०२३/२४ (Demanding wheat variety) में सबसे ज्यादा डिमांड में रही एवं उसके पीछे का कारण क्या है। तो आइए जानते है..
यह है टॉप 5 डिमांड वाली गेंहू की वैरायटी (Demanding wheat variety)
- गेंहू किस्म जीडब्ल्यू 513 (GW 513)
- गेंहू किस्म श्री राम सुपर 303 (shree ram 303 wheat variety)
- गेंहू किस्म डीबीडब्ल्यू 303 (dbw 303 wheat variety)
- गेंहू किस्म पूसा अहिल्या (1634) और पूसा बकुला (1634)
- गेंहू किस्म किसान 444 (Kisan 444 wheat variety)
आइए अब इनकी जानकारी विस्तारपूर्वक जानें..
1. गेंहू किस्म जीडब्ल्यू 513 (GW 513)
गेंहू की GW 513 किस्म को गुजरात के वैज्ञानिकों ने तैयार किया है। इस किस्म (Demanding wheat variety) का दाना आकर्षक-चमकदार है, जो इसे चपाती एवं बिस्कीट के लिए बेस्ट बनाती है। इस किस्म की ऊँचाई कम लगभग 78 से 90 से.मी. है व टिलरिंग या कुचे काफी अधिक है तथा इस किस्म की काड़ी (स्ट्रा) कड़क होने से आड़ा पड़ने (लॉजिंग) की समस्या नहीं देखी गई है।
इस किस्म का अंकुरण व टिलरिंग अधिक होने से बीज भी कम लगता है। GW 513 किस्म 105 से 117 दिवस में पकेगी। बात करें इसकी उत्पादन क्षमता की तो, इसकी औसतन उपज 77.80 क्विंटल हेक्टेयर तक ली गई है। वही सिंचाई की सुविधा होने पर अधिकतम उपज क्षमता 85 क्विंटल प्रति हेक्टेयर तक ले सकते है। बता दे की, गेंहू की यह किस्म gw 522 (Demanding wheat variety) से लगभग 13 प्रतिशत तक अधिक उत्पादन देगी, जो यह दर्शाती है की GW 522 किस्म से भी अच्छी वैरायटी है GW 513 किस्म।
2. गेंहू किस्म श्री राम सुपर 303 (shree ram 303 wheat variety)
गेंहू की श्री राम सुपर 303 किस्म को श्रीराम फ़र्टिलाइज़र्स एण्ड कैमिकल्स के विश्व-विख्यात वैज्ञानिकों ने तैयार किया है। यह प्रदेश, पूर्वांचल, बिहार, उत्तराखण्ड एवं तराई क्षेत्रों में बुवाई के लिए उपर्युक्त है। इस किस्म की खास बात यह है की, इसके गेहूं का दाना अन्य गेहूं की अपेक्षा लम्बा रहता है एवं इसके पौधों में कल्लो की संख्या अधिक होती है। श्रीराम सुपर 303 गेहूँ किस्म (Demanding wheat variety) के दाने मोटे, चमकदार और ज्यादा वजन के कारण बाजार भाव भी अधिक मिलता हे।
इसका औसत उत्पादन प्रति हेक्टेयर 75 क्विंटल तक है। वही अधिकतम उपज 80 क्विंटल हेक्टेयर तक ले सकते है एवं गेंहू की यह श्री राम 303 वैरायटी नॉर्मल 105 से 110 दिन में पककर तैयार हो जाती है। इस किस्म के उपयोग से किसान भाई अच्छा मुनाफा कमा रहे है। मध्य प्रदेश के किसानों ने श्रीराम सुपर 252 और श्रीराम सुपर 303 गेंहू बीज (Demanding wheat variety) की उत्पादकता पर खुशी ज़ाहिर की है। वही इसी के साथ श्री राम सुपर 111 भी काफी चर्चा में रही।
3. गेंहू किस्म डीबीडब्ल्यू 303 (dbw 303 wheat variety)
गेंहू की DBW 303 “करण वैष्णवी” किस्म करनाल स्थित गेंहू एवं जौं अनुसंधान संस्थान द्वारा 2021 विकसित की गई है। यह पंजाब, हरियाणा, दिल्ली, राजस्थान (कोटा और उदयपुर डिवीजन को छोड़कर) और पश्चिमी उत्तरप्रदेश (झांसी डिवीजन को छोड़कर), जम्मू-कश्मीर (जम्मू और कठुआ जिले), हिमाचल प्रदेश (ऊना जिला और पांवटा घाटी) और उत्तराखंड (तराई क्षेत्र) के कुछ हिस्सों के लिए अधुसीचित की गई है।
करनाल के कृषि वैज्ञानियों का कहना है की, यह किस्म डीबीडब्ल्यू 327 (Demanding wheat variety) की तुलना में ज्यादा बेहतर उत्पादन निकालने में सक्षम है। रिसर्च सेंटर का दावा था कि अनुकूल परिस्थितियों में उत्पादन 37 क्विंटल प्रति एकड़ से ज्यादा होगा। यही खुबिया इस किस्म को सबसे अलग बनाती है। गेहूं की डीबीडब्ल्यू 303 किस्म की फसल 145 से 156 दिन में पूरी तरह पककर तैयार हो जाती है।
लगभग 70 से 80 दिनों के आसपास पौधे में बाली आ जाती है। करण वैष्णवी डीबीडब्ल्यू 303 किस्म से औसत पैदावार 81.2 क्विंटल प्रति हेक्टेयर तथा अधिकतम पैदावार 97.4 क्विंटल हेक्टेयर तक प्राप्त कर सकते है। गेंहू की यह डीबीडब्ल्यू 303 किस्म 2021 से ही चर्चा (Demanding wheat variety) में रही है। इसका मुख्य कारण है, अधिकतम उपज क्षमता 97 क्विंटल हेक्टेयर होना।
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4. गेंहू किस्म पूसा अहिल्या (1634) और पूसा बकुला (1634)
गेंहू की पूसा अहिल्या एवं पूसा बकुला दोनों ही किस्में गेहूँ अनुसंधान केन्द्र (IARI) इंदौर द्वारा विकसित की गई है। यह दोनों ही किस्में (Demanding wheat variety) म.प्र., गुजरात, राजस्थान, छत्तीसगढ़, झाँसी क्षेत्र, बुंदे एवं देश के मध्यक्षेत्र के लिए अनुशंसित की गई है। इन किस्मों की सबसे बड़ी खासियत यह है की, ये किस्में कम समय में पककर तैयार हो जाती है।
गेंहू किस्म पूसा अहिल्या मात्र 105 से 110 दिनों में पककर तैयार होगी, वही गेंहू किस्म पूसा बकुला 110 से 122 दिनों में पककर तैयार होगी। वही उत्पादन की बात करें तो, यह पीछे नहीं है। इस किस्म ने अपनी चेक किस्मों के विरूद्ध 17 से 30 प्रतिशत तक अधिक उत्पादन दिया है।
गेंहू की पूसा अहिल्या (1634) किस्म से औसतन उत्पादन 30 क्विंटल एकड़ या 70.60 क्विंटल/हेक्टेयर ले सकते है। वही गेंहू की किस्म (Demanding wheat variety) पूसा बकुला (1636) किस्म से 78.80 क्विंटल/हेक्टेयर उत्पादन ले सकते है। यह दोनों ही किस्में चपाती के लिए बेस्ट है, इसके साथ ही इन किस्मों में कर्नाल बंट, लुज स्मट, स्टेम रस्ट, लीफ ब्लाईट, फ्यूजेरियम हेड ब्लाईट, रूट राट, फ्लेग स्मट आदि बीमारियों के प्रति प्रतिरोधकता देखी गई है।
5. गेंहू किस्म किसान 444 (Kisan 444 wheat variety)
गेंहू की यह किसान 444 वैरायटी को कृषि वैज्ञानिक डॉ. तलीक गोसाई जी ने किसानों (Demanding wheat variety) के साथ मिलकर करनाल में बनाई गई थी। इसी के चलते का इस वैरायटी का नाम किसान 888 रखा गया। इसे 2019 में जारी किया गया है। यह किस्म मध्यप्रदेश के बुंदेलखंड, उत्तरप्रदेश हरियाणा, एवं पंजाब के कुछ क्षेत्रों के लिए अनुसंशित की गई है।
आपको बता दे की, इस किस्म में अति रोगप्रतिरोधी क्षमता है। यह वैरायटी दूसरी किस्मों के मुकाबले रोगों से लड़ने में सक्षम है। इस वैरायटी के पौधे की लंबाई 100 से 101 सेंटीमीटर बताई जा रही है। इसमें लॉजिंग एवं इटोलरिंग (ज्यादा गर्मी में गेंहू (Demanding wheat variety) की बाली नही खिरेगी) की समस्या नही है। यह किस्म ज्यादा गर्मी में भी बंपर उत्पादन देने की क्षमता रखती है। इसकी उत्पादन की बात करें तो यह किस्म 35 क्विंटल प्रति एकड़ उपज देगी। यह किस्म किसानों के लिए काफी फायदेमंद साबित हो रही।
यह किस्में भी रही डिमांड में..
गेंहू किस्म GW 513, DBW 303, श्री राम 303, पूसा अहिल्या और पूसा बकुला एवं किसान 444 किस्मों के अलावा गेंहू किस्म DBW 370, 371, 372, पूसा ओजस्वी (HI-1650) किस्में भी काफी डिमांड में रही। लेकिन इन नई किस्मों का बायो सर्टिफाइड बीज इस रबी सीजन 2023/24 में नही मिल पाया। इन किस्मों का बीज (Demanding wheat variety) अगले रबी सीजन यानी 2024/25 सत्र में उपलब्ध हो पायेगा।
इन किस्मों का बीज कहां से ले?
यदि आप बुवाई में लेट हो गए है और सोच रहे कोई बढ़िया सी गेन्हू की किस्म लेने की, तो हम आपको बता दे की, गेंहू किस्म GW 513 एवं गेंहू किस्म (Demanding wheat variety) पूसा अहिल्या (1634) और गेंहू किस्म पूसा बकुला (1636) बेस्ट रहेगी। इन किस्मों का बीज आप अपनी नजदीकी सीड्स कंपनी से ले सकते है या फिर दिए गए नंबरों पर संपर्क कर लें :- 9301606161 , 94253-32517
रबी सीजन में अब तक गेहूं की बुवाई 5 प्रतिशत कम
Demanding wheat variety | चालू रबी सीजन में अब तक गेहूं की बुआई 5% घटकर 86 लाख हेक्टेयर रह गया है। शुक्रवार को जारी कृषि मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक, पिछले साल की समान अवधि में गेहूं का रकबा 91 लाख हेक्टेयर से कुछ ज्यादा था।
मंत्रालय की तरफ से बताया गया कि अब तक उत्तर प्रदेश में 3.87 लाख हेक्टेयर, पंजाब में 2.28 लाख हेक्टेयर, हरियाणा में 2.14 लाख हेक्टेयर और गुजरात में 0.71 लाख हेक्टेयर में गेहूं की कम बुवाई हुई है। लेकिन मध्य प्रदेश में 3.44 लाख हेक्टेयर और राजस्थान में 0.68 लाख हेक्टेयर में गेहूं की फसल ज्यादा बोई गई है। अब बुआई का सीजन खत्म हो रहा है।
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