भारत में विदेश से गेहूं आयात की खबरों के बीच आइए जानते हैं कि विश्व बाजार में गेहूं की क्या कीमतें Gehun Rate हैं..
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Gehun Rate | इस वर्ष गेहूं का उत्पादन कृषि मंत्रालय के अनुमान से कम होने, सरकारी खरीद में तय लक्ष्य से काफी पीछे रहने और बड़े-बड़े उत्पादकों द्वारा स्टॉक रोके जाने से गेहूं का घरेलू बाजार भाव ऊंचे स्तर पर मजबूत बना हुआ है। फ्लोर मिलर्स व प्रोसेसर्स के साथ-साथ व्यापारियों, स्टॉकिस्टों को भी समुचित मात्रा में इसकी खरीद के लिए कठिन संघर्ष करना पड़ रहा है।
इसे देखते हुए अब विदेशों और खासकर रूस से गेहूं का आयात शुरू करने की आवश्यकता पर जोर दिया जा रहा है। गेहूं आयात की इन्हीं खबरों के बीच आइए यह जानते हैं कि विदेशों खासकर रूस, अमेरिका एवं यूरोप में गेहूं के वर्तमान भाव क्या है एवं गेहूं आयात की दिशा में भारतीय बाजारों पर गेहूं की कीमतों Gehun Rate पर इसका क्या प्रभाव पड़ेगा..
वर्तमान में गेहूं आयात पर 40% शुल्क लागू
केंद्र सरकार ने गेहूं आयात पर 40% शुल्क लागू कर रखा है वहीं गेहूं निर्यात पर प्रतिबंध। भारत में खाद्यान्न उपलब्धता को देखते हुए गेहूं का निर्यात पिछले वर्ष से ही बंद है। इतना ही नहीं इस वर्ष गेहूं के आयात पर भी सरकार विचार कर रही है। गेहूं का आयात तभी हो सकता है जब गेहूं पर लगा आयात शुल्क Import duty हटाया जाए।
इसमें कोई संदेह नहीं कि 40 प्रतिशत के सीमा शुल्क को हटाने की घोषणा होते ही व्यापारी एवं मिलर्स गेहूं का आयात शुरू कर देंगे। एक व्यापारी के अनुसार 30 लाख टन गेहूं का आयात करना पर्याप्त होगा और रूस इसका प्रमुख आपूर्तिकर्ता देश हो सकता है। गेहूं कारोबारी के अनुसार अक्टूबर से गेहूं का भाव Gehun Rate उछलना शुरू हो जाता है, लेकिन विदेशों से आयात के जरिए इस तेजी को नियंत्रित किया जा सकता है।
जून के बाद हट सकता है गेहूं पर लगा आयात शुल्क
गेहूं पर अभी 40 प्रतिशत का आयात शुल्क लगा हुआ है, जिसे हटाने के लिए सरकार को मनाने का प्रयास किया जा रहा है। रोलर फ्लोर मिलर्स फेडरेशन ऑफ इंडिया के अध्यक्ष ने कहा है कि विदेशों से गेहूं का आयात शुरू करना घरेलू बाजार में पर्याप्त आपूर्ति व उपलब्धता सुनिश्चित करने का सर्वोत्तम तरीका है और इसलिए सरकार को आयात को प्रोत्साहित करने के लिए आवश्यक कदम उठाना चाहिए। उम्मीद की जा रही है कि जून के बाद गेहूं पर लगे आयात शुल्क को हटाया जा सकता है। Gehun Rate
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गेहूं आयात की खबर से गेहूं की तेजी रुकी
गेहूं आयात की खबरों से फिलहाल गेहूं Gehun Rate की तेजी रुक गई है। व्यापार ठंडा हो गया। बेस्ट क्वालिटी का गेहूं व्यापार महानगरों का जाम हो गया। आटा निर्माण का गेहूं एक बार फिर 25 रुपए नीचे भाव पर चलने की खबर है। स्टॉक वाले अभी से गेहूं बेचने को आने लगे हैं। हालांकि व्यापारियों के पास सेंपल भेजे जा रहे हैं। जून में आया गेहूं ड्यूटी फ्री होने की खबरों को बल मिलने से आगामी 400 से 500 रुपए की संभावना धूमिल हो चुकी है। अब तो भाव घटने की स्थिति बन गई है। गेहूं कारोबारी सतीश राजवानी ने बताया इस समय व्यापार अभाव चल रहा है।
गेहूं आयात का भारतीय बाजारों पर इसका क्या असर पड़ेगा
फ्लोर मिलर्स व प्रोसेसर्स ने केंद्र सरकार से गेहूं पर लगा 40% आयात शुल्क हटाए जाने की मांग की है। इसके पीछे की वजह गेहूं के भाव Gehun Rate को नियंत्रित करना है, हालांकि यह इतना संभव भी नहीं है। आया शुल्क हटाने की खबरों से भले ही पूरी तौर पर गेहूं के बाजार भाव पर असर पड़ा, गेहूं में लगातार जो तेजी बनी हुई थी वह रुक गई लेकिन लंबी अवधि में गेहूं के भाव Gehun Rate में आने वाली तेजी थमने वाली नहीं है। क्योंकि इस वर्ष गेहूं के वैश्विक बाजार भाव में भी तेजी आई है। पिछले 1 महीने के दौरान ही गेहूं के वैश्विक बाजार में 25 डॉलर प्रति टन का उछाल दर्ज हो चुका है।
रूस, अमेरिका एवं यूरोप में गेहूं के भाव क्या है
विश्व में रूस एवं यूक्रेन सबसे प्रमुख गेहूं उत्पादक देश हैं। गेहूं की सबसे कम कीमतें Gehun Rate रूस के गेहूं की है। लेकिन रूस में भी गेहूं के उत्पादन की स्थिति बेहतर नहीं है। इसकी वजह रूस एवं यूक्रेन के मध्य चल रहा युद्ध है। दोनों देशों के बीच चल रहे युद्ध के कारण गेहूं की खेती पर विपरीत असर पड़ा है।
यही कारण है कि विश्व के स्तर पर भी गेहूं के भाव Gehun Rate में तेजी आ रही है। पिछले महीने रूस में गेहूं के भाव 199 डॉलर (भारतीय मुद्रा में16607 रुपए) प्रति टन थे, जो अब बढ़कर 224 डॉलर (भारतीय मुद्रा में18693 रुपए) प्रति टन हो गए हैं। रूस, अमेरिका और यूरोप में गेहूं के भाव यह है..
- रूस में गेहूं का रेट 22.5 डॉलर अर्थात 1,870 रुपए प्रति क्विंटल है।
- यूरोप में गेहूं का भाव 26 डॉलर अर्थात 2170 रुपए प्रति क्विंटल है।
- अमेरिका में गेहूं का भाव 29 डॉलर अर्थात 2420 रुपए प्रति क्विंटल है।
कितना संभव है गेहूं का आयात
भारत में गेहूं का केंद्रीय समर्थन मूल्य 2275 रुपए प्रति क्विंटल है। मध्य प्रदेश एवं राजस्थान में गेहूं का औसत भाव 2400 रुपए प्रति क्विंटल है। इन दोनों राज्यों में गेहूं के समर्थन मूल्य पर राज्य सरकारों द्वारा 120 रुपए प्रति क्विंटल का बोनस दिया गया। देश में गेहूं के औसत भाव Gehun Rate को देखा जाए तो यह 2400 रुपए प्रति क्विंटल के लगभग है। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार गेहूं पर लगा हुआ आयात शुल्क हटाकर सरकार रुस से 30 लाख टन गेहूं आयात की योजना बना रही है, लेकिन यह योजना किसी भी एंगल से कारगर नजर नहीं आ रही है।
इसके संबंध में विशेषज्ञ बताते हैं कि रुस से गेहूं आयात 224 डॉलर प्रति टन के मान से हो पाएगा। फिलहाल गेहूं का आयात 40% आयात शुल्क लागू होने के कारण आर्थिक रूप से व्यवहार्य नहीं है। आयात शुल्क हटाने के पश्चात भी 224 डॉलर प्रति टन के साथ शिपिंग एवं भाड़ा जोड़ा जाए तो यह 275 डॉलर प्रति टन के कीमत का हो जाएगा।
भारतीय मुद्रा में देखें तो 22950 रुपए प्रति टन अर्थात 2295 प्रति क्विंटल रहेगा। इस लिहाज से देखें तो भी गेहूं के भारतीय बाजार भाव Gehun Rate एवं आयात गेहूं के बाजार भाव में ज्यादा अंतर नहीं होगा। हालांकि भारत में गेहूं की उपलब्धता बढ़ जाएगी। इसका असर यह भी देखा जा सकता है कि गेहूं में आने वाली तेजी रुक जाएगी, गेहूं के भाव Gehun Rate स्थिर बने रहेंगे।
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