मिट्टी की उपजाऊ क्षमता बढ़ाने एवं फसल की अच्छी पैदावार के लिए बेस्ट खाद है जिप्सम (Gypsum Khad), आइए जानते है इसके फायदे एवं अन्य जानकारी..
Gypsum Khad | फसल से अच्छी पैदावार लेने के लिए किसान कई तरह के खाद और उर्वरकों का इस्तेमाल करते हैं। कुछ किसान ऐसे भी है जो फसल की उपजाऊ क्षमता बढ़ाने के लिए जैविक खाद का भी उपयोग करते है। ताकि वह अपनी फसल से अधिक पैदावार ले सके।
ऐसे में किसानों को हम आज जिप्सम खाद Gypsum Khad के बारे में बताने वाले है। जिससे की किसान मिट्टी की उपजाऊ क्षमता बढ़ाकर अपनी फसल से अच्छी पैदावार ले सकता है और अपना मुनाफा बढ़ा सकता है। तो आइए सबसे पहले जानते है जिप्सम खाद के फायदे एवं फिर आपको बताते है इसके इस्तेमाल के तरीके…
क्या है जिप्सम खाद /Gypsum Khad?
जिप्सम एक भूमि सुधारक उर्वरक है, जिसमें सल्फर (S) 18.6%, कैल्शियम (Ca) 23.3%, कैल्शियम कार्बोनेट (CaCO3) और जिप्सम की शुद्धता 76% होती है। इसका उपयोग मिट्टी को सुधारने और उपजाऊ बनाने के लिए किया जाता है।
रसायनिक खादों के ज्यादा प्रयोग करने के बाद भूमि निष्क्रिय हो जाती है, और उसके बाद वापस भूमि की उपजाऊपन लाने के लिए जिप्सम खाद Gypsum Khad को काम में लिया जाता है। आपको बता दें की, अगर मिट्टी की उपजाऊ क्षमता अच्छी बनी रहेगी तो किसान अपनी फसल से अच्छी पैदावार ले सकता है।
क्यों करें जिप्सम खाद का उपयोग
Gypsum Khad | खेतों की मिट्टियों का उपजाऊपन खत्म होने लगता है, जिससे की रसायनिक खाद काम नहीं करती है। दिनों-दिन मिट्टी कठोर होती जाती है बरसात या सिंचाई का पानी ज्यादा समय तक भरा रहता है या सूखता नहीं है। ऐसे में किसान जिप्सम खाद का इस्तेमाल कर सकता है।
खेत में पानी सोखने की क्षमता दिनों दिन कम हो जाती है और जब पानी सूख जाता है तो मिट्टी में दरारे पड़ जाती है जैसे तालाब या जलभराव वाले क्षेत्रों में देखने को मिलती है। इस Gypsum Khad का उपयोग किसान भाई दलहन, तिलहन, धान, सब्जियों, कंद वर्ग की प्याज, लहसुन, मूली, आलू आदि फसलों में प्रयोग कर सकते है।
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कैसे काम करता है जिप्सम खाद
Gypsum Khad | मिट्टी में जिप्सम उर्वरक डालने के बाद जिप्सम मिट्टी में मौजूद नमक के साथ प्रतिक्रिया करता है और परिणामस्वरूप सोडियम सल्फेट और कैल्शियम ऑक्साइड का उत्पादन होता है। सोडियम सल्फेट घुलनशील होने के कारण मिट्टी में पानी की निकासी होती है और इससे मिट्टी का पीएच स्तर नियंत्रित रहता है, जिससे मिट्टी की उर्वरता में सुधार होता है।
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जानें जिप्सम खाद के फायदे..
मिट्टी में जिप्सम खाद Gypsum Khad डालने से किसानों को कई फायदे एक साथ मिलेंगे। जैसे की…
- फसल की कैल्शियम और सल्फर की जरूरतें पूरी हो जाती हैं।
- पौधों का विकास और वृद्धि एक समान होती है।
- जिप्सम में सल्फर की उपस्थिति के कारण फसलों पर लगने वाले रोग नियंत्रित होते हैं।
- तिलहनी फसलों में तेल की मात्रा बढ़ाने में जिप्सम बहुत फायदेमंद है।
- जमीन में जिप्सम के प्रयोग से नाइट्रोजन, फास्फोरस, पोटाश, कैल्शियम और सल्फर की मात्रा बढ़ती है, जिससे उत्पादन बढ़ता है।
- Gypsum Khad से मिट्टी के पीएच स्तर को नियंत्रित करने में मदद करता है
- जमीन में जिप्सम के प्रयोग से जल निकास और परिवहन की क्षमता बढ़ती है।
कब एवं कैसे करें जिप्सम खाद का उपयोग
आपको एक बात का हमेशा ध्यान रखना चाहिए कि जिप्सम या मिट्टी सुधारक का उपयोग मिट्टी की जांच के बाद ही करें। जिप्सम को खाद Gypsum Khad के रूप में प्रयोग फसलों की बुवाई से पहले करते है। जिप्सम डालने से पहले खेत को अच्छे से 2-3 गहरी जुताई एवं पाटा लगाकर 30-32 डिग्री सेंटीग्रेड तापमान में जिप्सम का बुरकाव करना चाहिए। बुरकाव के बाद में एक हल्की जुताई उचित मानी जाती है, जिससे खाद मिट्टी के साथ मिल जाए।
क्षारीय भूमि में जिप्सम को बार-बार मिलाने की आवश्यकता नहीं होती है। यह पाया गया है कि यदि धान की फसल को क्षारीय भूमि में लगातार उगाते रहें तो भूमि के क्षारीयपन में कमी आती है। खेतों को भी लम्बी अवधि के लिए खाली नहीं छोड़ना चाहिए। खेत में जिप्सम उर्वरक का उपयोग करते समय ध्यान रखें कि मौसम का तापमान 30-32 डिग्री सेंटीग्रेड के आसपास हो यानी कि धूप में खाद Gypsum Khad का छिड़काव करना सबसे उचित माना गया है।
प्रति एकड़ इतना डालें जिप्सम खाद
Gypsum Khad | जिप्सम की मात्रा निर्धारित करने के लिए मृदा परीक्षण की रिपोर्ट के अनुसार प्रति एकड़ जिप्सम की मात्रा लगती है। सामान्य रूप से 100 किलोग्राम प्रति एकड़ जिप्सम का उपयोग कर सकते है। यदि लक्षण कम या ज्यादा है तो इसमें 50 किलोग्राम ऊपर नीचे और मात्रा जोड़ सकते है या घटा सकते है।
जिप्सम खाद को उपयोग करने से पहले इन बातों का रखें ध्यान : Gypsum Khad
- जिप्सम को अधिक आर्द्रता वाले स्थानों पर न रखें।
- जिप्सम का प्रयोग मृदा परीक्षण रिपोर्ट के अनुसार करें।
- जब हवा बहुत तेज़ हो तो जिप्सम का प्रयोग न करें।
- जिप्सम की गांठों को पीसकर खेत में डालें।
- जिप्सम डालते समय हाथ सूखे होने चाहिए।
- जिप्सम डालने के बाद इसे मिट्टी में अच्छी तरह मिला दें।
- जिप्सम को बच्चों से दूर रखें।
- खड़ी फसल में दानेदार जिप्सम का प्रयोग करें। : Gypsum Khad
जिप्सम खाद 50KG बोरी की कीमत कितनी है?
सरकार हर साल किसानों को खाद एवं उर्वरक पर करोड़ो रूपये की सब्सिडी अनुदान देती है। इस समय जिप्सम खाद की कीमत 120 रुपये क्विंटल के आस-पास है, लेकिन बिना सब्सिडी के जिप्सम खाद की कीमत 480 प्रति क्विंटल तय रखी गई है। वहीं यदि जिप्सम खाद Gypsum Khad की 50 kg बोरी कीमत की बात करें तो किसानों को 50 किलोग्राम बोरी 300 रुपये से लेकर 500 रुपये में मिलती है।
यह खाद हर क्षेत्र में अलग-अलग रेट में मिलती है, लेकिन समान्यतः 6 से 10 रुपये प्रति किलो रेट के आस-पास ही मिलती है। किसान अपने नजदीक के कृषि ब्लॉक कार्यालय या जिला कृषि अधिकारी कार्यालय से भी जिप्सम खाद प्राप्त किया जा सकता है। निजी क्षेत्र में कार्यरत विश्वासपूर्ण कृषि खाद-बीज केंद्र से भी खरीद सकते है। ; Gypsum Khad
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