भारत के द्वारा प्याज निर्यात पर बैन से बांग्लादेश ने किया भारतीय संतरा उत्पादक किसानों को परेशान, पढ़िए डिटेल..

प्याज निर्यात बैन से परेशान किसानों के लिए एक और परेशानी खड़ी हो गई है, आईए जानते हैं Agri Export news की पूरी खबर..

Agri Export news | भारत सरकार ने पिछले वर्ष से प्याज के निर्यात पर प्रतिबंध लगाया हुआ है। कुछ शर्तों के साथ इस प्रतिबंध में ढिलाई जरूर दी गई है, लेकिन इसके बावजूद प्याज निर्यात पर सरकार का पूरी तरह नियंत्रण होने के कारण बड़ी मात्रा में भारत से प्याज का निर्यात नहीं हो पा रहा है। इधर प्याज उत्पादक किसान प्याज के निर्यात पर प्रतिबंध लगाए जाने से खासे परेशान हो रहे हैं।

किसानों को प्याज के भाव अच्छे नहीं मिलने से हानि हो रही है। प्याज निर्यात से परेशान हो रहे किसानों के साथ-साथ अब संतरा उत्पादक किसानों को भी प्याज निर्यात पर प्रतिबंध का खामियाजा भुगतना पड़ रहा है। क्या है पूरा मामला आइए जानते Agri Export news हैं..

दो सरकारों के ट्रेड वॉर में नुकसान किसानों का

Agri Export news दो सरकारों की लड़ाई में भारतीय किसानों को घाटा उठाना पड़ रहा है। दरअसल संतरे के लिए प्रसिद्ध महाराष्ट्र के विदर्भ क्षेत्र के हजारों किसानों के पास इस फल का अधिशेष भंडार है और परस्पर विरोधी विदेशी व्यापार नीतियों, बाजार शक्तियों और अंतरराष्ट्रीय व्यापार निर्भरता के जटिल ताने-बाने के कारण इसे अपने मुख्य निर्यात बाजार बांग्लादेश (Bangladesh) में बेचने में असमर्थ हैं।

प्याज निर्यात पर बैन से नागपुर के संतरा उत्पादक परेशान हो रहे हैं। किसानों को 10 से 20 रुपए प्रति किग्रा घाटे पर संतरे बेचने पर मजबूर होना पड़ रहा है। मध्य भारत के नागपुर के आसपास के तपते खेतों में प्याज ने ‘ट्रेड वार’ में संतरे को कड़ी टक्कर दी है। Agri Export news

बांग्लादेश ने यह उठाया कदम

विदर्भ के किसानों का मानना है कि घरेलू बाजार की सुरक्षा के लिए भारत द्वारा स्थानीय व्यंजनों के प्रमुख उत्पाद, प्याज के निर्यात (Onion Export) पर प्रतिबंध लगाने के बाद बांग्लादेश ने प्रतिशोध में आयात शुल्क बढ़ा दिया है। नागपुर संतरा फार्मर्स प्रोड्यूसर कंपनी के अध्यक्ष मनोज जावंजाल ने बताया, अब हम प्रतिदिन मुश्किल से 100 टन या पांच ट्रक संतरे भेज पाते हैं। Agri Export news

पिछले महीने के अंत में, सरकार ने प्याज पर निर्यात (Onion Export) प्रतिबंध में ढील दी, जो पिछले साल दिसंबर में लगाया गया था, जिससे बांग्लादेश, संयुक्त अरब अमीरात, भूटान, बहरीन, मॉरीशस और श्रीलंका को इसके निर्यात की अनुमति मिल गई। यह स्पष्ट नहीं है कि विशेष रूप से बांग्लादेश को प्याज का निर्यात शुरू होने से क्या वहां की सरकार संतरे पर Import Duty को कम कर देगी। अगर ऐसा होता है, तो देश में संतरे के सबसे बड़े उत्पादक महाराष्ट्र के किसानों को दिसंबर में अगली फसल के लिए कुछ राहत मिलेगी। Agri Export news

आयात शुल्क बढ़ने से भारतीय निर्यात कम हुआ

Agri Export news भारत के द्वारा प्याज निर्यात पर प्रतिबंध से बांग्लादेश में प्याज के आपूर्ति पर्याप्त मात्रा में नहीं हो रही है, क्योंकि भारत से ही बांग्लादेश को अधिकांश प्याज निर्यात होता है। बांग्लादेश सरकार ने प्याज निर्यात पर प्रतिबंध की नाराजगी संतरा के आयात पर आयात शुल्क (Import duty) बढ़ाकर दी है। बांग्लादेश सरकार के इस कदम के पश्चात भारतीय संतरा के निर्यात पर जबरदस्त प्रभाव पड़ा है।

संतरा उत्पादक किसानों को किस प्रकार से इसका खामियाजा भुगतना पड़ रहा है इसका अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि जहां संतरा उत्पादक (Orange Producers) पिछले साल तक रोजाना 6,000 टन फल बांग्लादेश भेजते थे, वहीं इस वर्ष ढाका द्वारा संतरे पर इम्पोर्ट ड्यूटी वर्ष 2019 में 20 रुपये प्रति किलोग्राम से बढ़ाकर नवंबर, 2023 में 88 रुपये प्रति किलोग्राम करने के बाद यह व्यापार कम हो गया। बांग्लादेश में संतरे की कीमत इतनी अधिक है कि स्थानीय व्यापारियों के लिए भारत से संतरे खरीदना लाभ का सौदा नहीं रह गया है। Agri Export news

किसानों को कम दाम पर बेचना पड़ रहा संतरा

किसानों का कहना है कि अगर निर्यात निर्यात नीतियां अच्छी होंगी, तो युवा खेती की ओर आकर्षित होंगे। किसानों का कहना है कि किसान उत्पादन लागत की तुलना में 10-20 रुपये प्रति किलोग्राम के घाटे पर संतरे बेच रहे हैं। नागपुर के संतरा उत्पादक किसान अपूर्वा ने कहा, जब हम बांग्लादेश को संतरे भेजते थे और अब कीमतों में, बहुत अंतर है।

पहले चीजें बेहतर थीं, लेकिन अब इस वर्ष ऐसी स्थिति नहीं है किसानों को घाटा हो रहा है इसके बावजूद सरकार का इस पर ध्यान नहीं है। किसानों का मानना है कि आयात-निर्यात नीतियों की वजह से किसान गंभीर रूप से प्रभावित हुआ है। Agri Export news

भारतीय संतरे की बांग्लादेश में जबरदस्त मांग

बताया जाता है कि बांग्लादेश में भारतीय संतरे की जबरदस्त मांग है। किसानों का कहना है कि बांग्लादेशियों को हर भोजन के बाद नागपुर का संतरा चाहिए, क्योंकि इसके रसदार फाइबर में सही पीएच मान होता है जो मांस से भरपूर आहार लेने के बाद पेट को आराम देने के लिए उस देश में आम तौर पर उपयोग होता है।

जैसे को तैसा की व्यापार लड़ाई में, केवल संतरे को ही नुकसान नहीं हुआ है। किसानों की मानें तो भारत द्वारा प्याज के निर्यात (Onion Export) पर प्रतिबंध लगाने के बाद बांग्लादेश ने प्रतिशोध में इम्पोर्ट ड्यूटी बढ़ाई है। Agri Export news

बांग्लादेश ने भारत के अनुरोध को ठुकराया

वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल ने दिसंबर में लोकसभा में स्वीकार किया था कि बांग्लादेश द्वारा आयात शुल्क दरों में वृद्धि से भारत के संतरा निर्यात पर असर पड़ा है।‌ वाणिज्य मंत्री गोयल ने कहा कि भारत ने बांग्लादेश से भारत में संतरा किसानों के हित में नीति पर फिर से विचार करने का अनुरोध किया था, लेकिन उन्हें बताया गया कि यह बिना किसी भेदभाव के सभी देशों से आयात के लिए लागू है।

इधर किसान एक खाद्य प्रसंस्करण संयंत्र पर भी अपनी उम्मीदें लगाए बैठे हैं, जिसे बहु-उत्पाद विशेष आर्थिक क्षेत्र, नागपुर (MIHAN) में मल्टीमॉडल इंटरनेशनल कार्गो हब और हवाई अड्डे के पास स्थापित करने की योजना है।  Agri Export news 

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