कृषि विशेषज्ञों से जानिए सोयाबीन एवं अन्य खरीफ फसलों की बंपर पैदावार के लिए बीजोपचार…

सोयाबीन, उड़द, अरहर, मक्का एवं अन्य खरीफ फसलों (Kharif Crops) में बुवाई के पूर्व किन बातों का ध्यान रखना चाहिए? कृषि विशेषज्ञों से जानिए बीजोपचार सहित अन्य जानकारी।

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Kharif Crops | मध्यप्रदेश में मानसून की मानसून की धमाकेदार एंट्री के बाद अब अधिकतर किसान भाई सोयाबीन एवं अन्य खरीफ फसलों की बुवाई में तेजी से जुट गए है। कृषि विभाग बीज की बुवाई से पहले बीजोपचार की सलाह देता है ताकि फफूंद एवं अन्य बीमारियों से बचा जा सके। किसानों को बीज की बुवाई से पूर्व किन कार्यों को करना चाहिए इसके संबंध में कृषि विभाग के विशेषज्ञों ने किसानों के लिए सलाह जारी की है। जिसमें उन्होंने ने बताया कि, उर्वरक प्रबंधन, कब बुवाई करें, बिजाई के समय बीज दर, बीजोपचार एवं बुवाई के समय किस तकनीक का उपयोग करना चाहिए। आइए आर्टिकल में जानते है सबकुछ….

खरीफ फसलों की कब बुवाई करें

Kharif Crops | कृषि विभाग के विशेषज्ञों ने बताया कि, भारतीय मौसम विभाग से प्राप्त जानकारी के अनुसार आगामी सप्ताह में मानसून आने की संभावना है। मानसून आने के पश्चात 3 से 4 बार एवं 100 मिमी बारिश होने पर खरीफ फसल की बुवाई पर्याप्त नमी में करें। अपने जलवायु क्षेत्र के लिए अनुकूल सोयाबीन की किस्मों का चयन करें। अंकुरण परीक्षण के माध्यम से सोयाबीन की बोवनी हेतु उपलब्ध बीज का न्यूनतम 70 प्रतिशत अंकुरण सुनिश्चित होने पर बुवाई करें।

खरीफ फसलों में इस प्रकार करें उर्वरक प्रबंधन

Kharif Crops | पोषण प्रबंधन के लिए अंतिम बखरनी से पूर्व गोबर की खाद 5-10 टन/हे. या मुर्गी की खाद 2.5 टन/हे. खेत में अच्छी तरह फैला दें। कार्बनिक खादों के अतिरिक्त सोयाबीन फसल के लिए आवश्यक पोषक तत्वों (20:60:40:20 किग्रा/हे. एनपीके सल्फर) की पूर्ति केवल बोवनी के समय करें।

जिसके लिए निम्नलिखित में से किसी एक समूह की खाद का प्रति हेक्टेयर उपयोग करें- 1. यूरिया 56 किग्रा + 375-400 किग्रा सिंगल सुपर फॉस्फेट व 67 किग्रा म्यूरेट ऑफ पोटाश, अथवा 2. डीएपी 125 किग्रा 67 किग्रा म्यूरेट ऑफ पोटाश + 25 किग्रा बेंटोनाइट सल्फर या 3. मिश्रित उर्वरक 12:32:16 मात्रा 200 किग्रा + 25 किया बेंटोनाइट सल्फर।

खरीफ फसलों के लिए बुवाई तकनीक | Kharif Crops

विगत कुछ वर्षों से फसल में सूखा, अतिवृष्टि या असामयिक वर्षा जैसी घटनाएं देखी जा रही हैं, ऐसी विपरीत परिस्थितियों में फसलों को बचाने हेतु सलाह दी जाती है कि सोयाबीन की बुवाई के लिए बीबीएफ (चौड़ी क्यारी प्रणाली) या रिज्ड फरो पद्धति (कूड़ मेढ़ प्रणाली) का उपयोग करें।

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सोयाबीन एवं अन्य खरीफ फसलों में बीज उपचार

Kharif Crops | सोयाबीन फसल की प्रारम्भिक अवस्था में रोग तथा कीटों से बचाव के साथ-साथ उपयुक्त पौध संख्या सुनिश्चित करने हेतु सोयाबीन में बीजोपचार अत्यंत आवश्यक है। इसके लिए अनुशंसा है कि बीज को अनुशंसित पूर्व मिश्रित फफूंदनाशक एजोक्सीस्ट्रोबिन 25 प्रतिशत थायोफिनेट मिथाइल 11.25% + कीटनाशक थायोमिथाक्जाम 25 प्रतिशत एफ.एस. (10 मिली/किग्रा) बीज से उपचारित करें।

अन्य विकल्प के रूप में अनुशंसित फफूंदनाशक पेनफ्लूफेन + ट्राईफ्लॉक्सीस्ट्रोब नि 38 एफ.एस. (0.8-1.0 मिली / किग्रा) बीज अथवा कार्बोक्सिन 375 प्रतिशत + थाइरम 375 प्रतिशत (3 ग्राम / किग्रा) बीज अथवा कार्बेन्डाजिम 25 प्रतिशत + मैन्कोजेब 50 प्रतिशत डब्ल्यूएस (3 ग्राम / किग्रा) बीज से उपचारित कर कुछ देर की लिए छाया में सुखाने तत्पश्चात अनुशंसित कीटनाशक थायोमिथाक्जाम 30 एफएस (10 मिली / किग्रा) बीज अथवा इमिडाक्लोप्रिड 48 एफएस (1.25 मिली/किग्रा) बीज की दर से उपचारित कर बुवाई करें। : Kharif Crops

जैविक बीज उपचार | Kharif Crops

बोवनी करते समय बीज को जैविक कल्चर ब्रेडी राइजोबियम + पीएसएम प्रत्येक को 5 ग्राम / किग्रा बीज की दर से उपयोग करें। रासायनिक फफूंदनाशक के स्थान पर जैविक फफूंदनाशक ट्राइकोडर्मा विरिडी 10 ग्राम / किग्रा बीज का उपयोग बीजोपचार के लिए कर सकते हैं।

बीज दर एवं बुवाई

बोवनी हेतु अनुशंसित 45 सेमी कतार की दूरी पर बुवाई करें साथ ही बीज को 2-3 सेमी की गहराई पर बुवाई करते हुए पौधे से पौधे की दूरी 5-10 सेमी रखें। सोयाबीन की बीज दर 60-70 किग्रा/हे. की दर से उपयोग करें। : Kharif Crops

खरपतवार नियंत्रण के लिए यह करें

सोयाबीन की फसल में बुवाई पूर्व खरपतवारनाशक दवा पेंडामिथलीन + इमेजाथापायर मात्रा 25 से 3 लीटर प्रति हेक्टेयर या डाइक्लोसुलम+पेंडामिथ लीन मात्रा 2.5 लीटर प्रति हैक्टेयर की दर से छिड़काव करें।

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