फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य में बढ़ोतरी MSP increase को लेकर जरूरी खबर है, पढ़िए पूरी जानकारी..
MSP increase | लोकसभा के चुनाव परिणाम आ चुके हैं देशभर देश में एक बार फिर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में बीजेपी सरकार बनाने वाली है। लेकिन इस बार उम्मीद से कम सीटें भाजपा एवं उसके गठबंधन को मिली है। बीजेपी को कम सीटें मिलने की एक बड़ी वजह किसानों की बेरुखी को भी बताया जा रहा है।
न्यूनतम समर्थन मूल्य को कानूनी दर्जा दिलवाने के लिए किसान संगठन कई दिनों से आंदोलन कर रहे हैं। नई सरकार के गठन के बाद किसानों की कुछ मांगों पर पुनर्विचार होने वाला है इनमें सबसे बड़ी मांग एमएसपी में वृद्धि करने की है। बताया जा रहा है कि सरकार का गठन होते ही एमएसपी में 8 से 10% की बढ़ोतरी होने की पूरी संभावना है, MSP increase आईए जानते हैं पूरी डिटेल..
मोदी की गारंटी फेल होने से हुआ बीजेपी को नुकसान
2023 में हुए पांच राज्यों के विधानसभा चुनावों के दौरान प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा था कि धान का MSP increase समर्थन मूल्य बढ़कर 3100 रुपए एवं गेहूं का समर्थन मूल्य 2700 रुपए प्रति क्विंटल किया जाएगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इसे “मोदी की गारंटी” कहा था।
विधानसभा चुनाव में बीजेपी को मध्य प्रदेश, राजस्थान और छत्तीसगढ़ में सफलता मिली, लेकिन इन राज्यों में बीजेपी में सरकार बनाने के बावजूद धान एवं गेहूं का समर्थन मूल्य MSP increase नहीं बढ़ाया। जिसके कारण किसानों में खासी नाराजगी रही। यही कारण रहा कि लोकसभा चुनाव में बीजेपी को नुकसान उठाना पड़ा। अब बताया जा रहा है कि बीजेपी इस मामले पर केंद्र में सरकार के गठन के पश्चात निर्णय लेने वाली है। सरकार एमएसपी में वृद्धि करके किसानों को राहत देगी।
एमएसपी में 8-10% इजाफे के आसार
MSP increase बताया जा रहा है कि केंद्र में सरकार के गठन के पश्चात खरीफ फसलों की एमएसपी में वृद्धि की जाएगी। धान, दलहन, तिलहन, मोटे अनाज और कपास के जैसी खरीफ फसलों के किसानों को एमएसपी से बढ़ने से खासा प्रोत्साहन मिलेगा।
खरीफ फसलों MSP increase के एमएसपी में वृद्धि करने से खासकर सोयाबीन एवं धान उत्पादक किसानों को फायदा मिलेगा। आधिकारिक सूत्रों के मुताबिक भाजपा शासित केंद्र सरकार 2024-25 के खरीफ सीजन में उत्पादित फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य यानी एमएसपी में 5 से 10 प्रतिशत की बढ़ोतरी की घोषणा करने की तैयारी में थी, किंतु महंगाई दर में वृद्धि होने के दर से यह नहीं कर पाई। एमएसपी में बढ़ोतरी से खाद्य महंगाई भी बढ़ने का डर बना हुआ था। लेकिन अब चुनाव खत्म होने के बाद एमएसपी में वृद्धि होना तय हैं।
आयोग ने कि एमएसपी में वृद्धि की सिफारिश
MSP increase एमएसपी बढ़ाने के लिए कृषि लागत व मूल्य आयोग (सीएसीपी) की सिफारिश पर विशेष ध्यान रखा जाता है। वहीं जानकारों का मानना है कि केंद्र में सरकार किसी की भी बने, तुअर जैसी दलहन फसलों के समर्थन मूल्य में 8-10 प्रतिशत का इजाफा हो सकता है। लेकिन मूंग के एमएसपी में मामूली बढ़ोतरी हो सकती है, क्योंकि इसमें पहले ही भारी वृद्धि हो चुकी है। इसके अलावा सोयाबीन के एमएसपी में भी वृद्धि होगी।
एमएसपी में वृद्धि से किसानों का होगा फायदा
दलहन फसलों में सबसे ऊंचा समर्थन मूल्य MSP increase मूंग का ही है। दलहनों की मांग व आपूर्ति में विशाल अंतर होने से कीमत काफी ऊंची हो गई है। जहां तक तिलहन फसलों का सवाल है तो 2023-24 सीजन के लिए सोयाबीन का न्यूनतम समर्थन मूल्य 4600 रुपए प्रति क्विंटल नियत किया गया, जो 2022-23 सीजन से 7 प्रतिशत ज्यादा था। 2024-25 सीजन के लिए भी इसके एमएसपी में अच्छी बढ़ोतरी होने की उम्मीद है।
आधिकारिक सूत्रों के अनुसार वर्तमान समय में दलहनों का उत्पादन मुख्यतः देश के 50-55 जिलों तक सीमित है। यदि समर्थन मूल्य में अच्छी बढ़ोतरी हुई तो गैर परंपरागत जिलों में भी किसानों को इसकी खेती करने का प्रोत्साहन मिल सकता है। मालूम हो कि तुअर दाल में मंगलवार 4 जून को फिर से 200 रुपए की नरमी दर्ज की गई है। वहीं चना में भी नरमी आई है। इधर, मतगणना के बाद तुअर के भविष्य से जुड़ा बढ़ा फैसले पर संशय की स्थिति बन गई है। अब सरकार बनने के बाद ही तुअर का भविष्य तय होगा।
गेहूं एवं अन्य रबी फसलों के एसपी में कब वृद्धि होगी
रबी सीजन में सबसे अधिक गेहूं की फसल बोई जाती है। गेहूं का MSP increase समर्थन मूल्य फिलहाल 2275 रुपए प्रति क्विंटल है। किसान लंबे समय से गेहूं के समर्थन मूल्य में बढ़ोतरी करने की मांग कर रहे हैं। भाजपा की केंद्र सरकार ने भी 2023 के विधानसभा चुनाव के दौरान किसानों से वादा किया था कि गेहूं का समर्थन मूल्य 2700 रुपए प्रति क्विंटल किया जाएगा।
आगामी रबी सीजन के पहले गेहूं का समर्थन मूल्य MSP increase बढ़ने की संभावना है। आधिकारिक सूत्रों के अनुसार गेहूं का समर्थन मूल्य 2550 रुपए प्रति क्विंटल होने की संभावना है। संभवतः गेहूं का समर्थन मूल्य बढ़ाने का फैसला खरीफ फसलों की कटाई के पश्चात लिया जाएगा।
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