मूंग की फसल में कीट- इल्ली नियंत्रण‌ के लिए कोनसे कीटनाशक का उपयोग करें, जानें..

मूंग की खेती (Mung Cultivation) के लिए कृषि वैज्ञानिकों ने एडवाइजरी जारी की है, आईए जानते हैं पूरी जानकारी..

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Mung Cultivation | प्रदेश में जायद (ग्रीष्मकालीन) फसलों की बुवाई किसानों द्वारा शीघ्रता से की जा रही है। अभी तक 7.36 लाख हेक्टेयर में जायद फसलों की बुवाई की जा चुकी है । गत वर्ष समान अवधि में 4.88 लाख हेक्टेयर में बुवाई की गई थी। इस वर्ष 13.47 लाख हेक्टेयर में जायद फसलों की बुवाई प्रस्तावित है।

कृषि संचालनालय से प्राप्त जानकारी अनुसार सबसे अधिक मूंग की बुवाई 6.16 लाख हेक्टेयर में की गई है। पिछले साल समान अवधि में 3.99 लाख हेक्टेयर में बुवाई की गई थी।

चालू सीजन में 11.58 लाख हेक्टेयर में मूंग बोने (Mung Cultivation) का लक्ष्य रखा गया है। लक्ष्य की तुलना में 53 प्रतिशत मूंग की बुवाई की जा चुकी है। उड़द की बुवाई 50 हजार 703 हेक्टेयर में की गई है जो गत वर्ष की बुवाई 36 हजार 343 हेक्टेयर से काफी कम है।

जायद की अन्य फसलों में धान 51 हजार 314 हेक्टेयर, मक्का 8 हजार 463 हेक्टेयर एवं मूंगफली 9 हजार 488 हेक्टेयर में बोयी गई है। फसलों की बुवाई के साथ-साथ अब इनमें रोग भी बढ़ने लगे हैं। मूंग की फसल (Mung Cultivation) में कई रोगों का प्रकोप देखने का मिल रहा है। ऐसी स्थिति में किसानों को कौन सी दवाई का छिड़काव करना है, आईए जानते हैं..

फसल में इन किट – रोगों की संभावना

मूंग की फसल (Mung Cultivation) में रसचूसक कीट माहू, जैसिड व फल मक्खी का प्रकोप देखा जा रहा है। नियंत्रण के लिए अनुशंसित कीटनाशक का उपयोग करें।

माहू :– शिशु व वयस्क माहू नए पौधे, पत्तियों, फलों व फलियों पर समूह में एकत्र होकर रस चूसती हैं। इससे नई पत्तियां सिकुड़ जाती हैं। शरीर से मधु स्राव छोड़ते हैं, जिससे पत्तियों पर काली फफूंद लग जाती है।

जैसिड :– शिशु व वयस्क कीट पत्तियों की निचली सतह से रस चूसते हैं, जिससे पत्तियों के किनारे पीले-तकनुमा हो जाते हैं।

थ्रिप्स :– ऊपर की पत्तियों, फूलों व फलियों को खाती हैं, जिससे पौधे छोटे रह जाते हैं। फलियों का बनना व विकास रुक जाता है।

सफेद मक्खी :– फसल की शुरुआती अवस्था में इनका प्रकोप होता है। शिशु व वयस्क निचली सतह से पत्तियों का रस चूसते हैं। सफेद मक्खी पीला मोजेक वायरस की प्रमुख वाहक और फसल क्षति का मुख्य कारक है। (Mung Cultivation)

इस प्रकार करें इनका नियंत्रण

कृषि वैज्ञानिक बताते हैं कि रस चूसक कीट माहू, जैसिड, थ्रिप्स व फल मक्खी पर नियंत्रण के लिए थायोमिथाक्जाम 25 डब्ल्यू. जी. या एसिटामिप्रिड 20 एस.पी. या थायोमिथाक्जाम + लेम्डासाइलोथ्रिन मात्रा 125 ग्राम प्रति हैक्टेयर या फिप्रोनिल + इमिडाक्लोप्रिड मात्रा 150 ग्राम प्रति हैक्टेयर किसी एक दवा का छिड़काव करें। ध्यान रखें रसचूसक कीट नियंत्रण के लिए दूसरा छिड़काव दवा को बदल कर करें। (Mung Cultivation)

फसल में इल्ली का भी प्रकोप

चने की इल्ली :– यह सूंडी से फली में गोलाकार छेद बनाकर सिर अंदर डालकर नुकसान पहुंचाती है। शुरुआती अवस्था में पत्तियों को काटती है।

मारूका इल्ली :– इस कीट की सूंडी कलिकाओं, फूलों एवं फलियों में छेद करती है।

चने की इल्ली व मारूका इल्ली पर नियंत्रण

मूंग की फसल की शुरुआती अवस्था में चने की इल्ली व मारूका इल्ली पर नियंत्रण के लिए इण्डोक्साकार्ब मात्रा 350 मिली प्रति हैक्टेयर या क्लोरेंट्रानिलीप्रोल 150 मिली प्रति हैक्टेयर की दर से छिड़काव करें। बाद की अवस्था में नियंत्रण के लिए नोवाल्यूरॉन + इण्डोक्साकार्ब मात्रा 850 मिली या क्लोरेंट्रानिलीप्रोल + लेम्डासाइलोथ्रिन मात्रा 200 मिली या इमाबैक्टिन + लूफीन्यूरॉन मात्रा 75 ग्राम प्रति हैक्टेयर की दर से छिड़कें। ध्यान रखें खेत में कीटनाशक व फफूंदनाशक का छिड़काव सुबह 10 बजे तक या शाम को 4 बजे के बाद करें। (Mung Cultivation)

मूंग में खरपतवार नियंत्रण

मूंग की फसल में बुवाई के 15-20 दिन बाद खरपतवार नियंत्रण आवश्यक है। रसायनिक खरपतवार नियंत्रण के लिए खरपतवारनाशक इमेजेथपायर मात्रा 1 लीटर या प्रोपाक्विजाफॉफ + इमेजेथपायर मात्रा 2 लीटर या इमेजेथपायर + इमिझामोक्स मात्रा 100 मिली या सोडियम एसिफ्लोरफेन + क्लोडिनोफॉफ मात्रा 1 लीटर प्रति हैक्टेयर की दर से किसी एक दवा का 500 से 600 लीटर पानी में घोल बनाकर छिड़काव करें। छिड़काव सुबह 10 बजे तक या शाम को 4 बजे के बाद करें। (Mung Cultivation)

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