मूंग उत्पादक किसानों के लिए खुशखबरी, अब सरकार ने मूंग खरीदी की यह मात्रा तय की, देखें डिटेल..

किसान संगठनों द्वारा किए जा रहे विरोध प्रदर्शन के पश्चात सरकार ने मूंग खरीदी की मात्रा नए सिरे से Mung purchase limit तय की है जानें डिटेल..

👉 व्हाट्सऐप चैनल से जुड़े।

Mung purchase limit | मध्यप्रदेश में गेंहू की सरकारी खरीदी के बाद अब मूंग की सरकारी खरीदी की जा रही है। इसी बीच सरकार ने मूंग की नई खरीदी मात्रा तय कर दी है। किसान संगठनों द्वारा किए जा रहे विरोध प्रदर्शन के पश्चात सरकार ने मूंग खरीदी की मात्रा नए सिरे से तय की है।

अभी प्रदेश के कुल 32 जिलों में मूंग की खरीदी एवं 10 जिलों में उड़द की न्यूनतम समर्थन मूल्य पर खरीदी चल रही है। वही, मूंग एवं उड़द की सरकारी खरीद की अंतिम तिथि 31 जुलाई रखी गई है। सरकार ने इस वर्ष मूंग खरीदी Mung purchase limit के लिए प्रति हेक्टेयर की सीमा क्या निर्धारित की है, आईए जानते हैं..

इस साल यह है मूंग एवं उड़द का एमएसपी रेट

सरकार ने वर्ष 2024-25 के किए मूंग का एमएसपी – न्यूनतम समर्थन मूल्य 8682 रूपये क्विंटल रखा है। इससे पहले इसका एमएसपी रेट 8558 रूपये क्विंटल था, जोकि अब 124 रूपये बढ़ाकर 8682 रूपये क्विंटल किया है।

वही, उड़द के एमएसपी रेट की बात करें तो इस वर्ष 2024-25 के लिए सरकार ने 7400 रूपये क्विंटल रखा है। इससे पहले इसका एमएसपी रेट 6950 रूपये प्रति क्विंटल था। जोकि 450 रूपये बढ़ाकर 7400 रूपये क्विंटल किया गया है। जायद सीजन या विपणन वर्ष 2024-25 में सरकारी एजेंसियों द्वारा इसी तय कीमत पर किसानों से मूंग व उड़द की खरीदी Mung purchase limit जाएगी।

👉 व्हाट्सऐप चैनल से जुड़े।

प्रदेश में 31 जुलाई तक होगी मुंग व उड़द की खरीदी

मध्य प्रदेश में अब मूंग और उड़द की खरीदी 31 जुलाई तक होगी। प्रदेश सरकार ने यह फैसला किया है। प्रदेश सरकार प्राइस सपोर्ट स्कीम पर प्रदेश भर के जिलों में समर्थन मूल्य पर किसानों से मूंग और उड़द की खरीदी Mung purchase limit कर रही है।

भारत सरकार ने विपणन वर्ष 2024-25 के लिए मूंग और उड़द पर समर्थन मूल्य के दाम भी बढ़ाए हैं। इस साल सरकार मूंग को 8682 रुपए और उड़द को 7400 रुपए प्रति क्विंटल की दर से खरीदी कर रही है। ऐसे में किसानों को इस साल मूंग और उड़द की फसल पर पिछले साल की अपेक्षा फायदा भी हो रहा है।

इन जिलों में हो रही मूंग उड़द की खरीदी

ज्ञातव्य है कि मूंग की खरीद Mung purchase limit 32 जिले में जबकि उड़द की खरीद 10 जिलों में की जा रही है। मूंग की खरीद के 32 जिलों में नर्मदापुरम, नरसिंहपुर, रायसेन, हरदा, सीहोर, जबलपुर, देवास, सागर, गुना, खंडवा, खरगोन, कटनी, दमोह, विदिशा, बड़वानी, मुरैना, बैतूल, श्योपुर, भिण्ड, भोपाल, सिवनी, छिंदवाड़ा, बुरहानपुर, छतरपुर, उमरिया, धार, राजगढ़, मंडला, शिवपुरी, अशोकनगर, इंदौर और बालाघाट शामिल हैं। उड़द की खरीद के 10 जिलों में जबलपुर, कटनी, नरसिंहपुर, दमोह, छिंदवाड़ा, पन्ना, मंडला, उमरिया, सिवनी और बालाघाट शामिल हैं।

ये भी पढ़ें 👉 अधिकारियों को रोडमैप बनाने के निर्देश – 3100 में धान व 2700 रु. में गेहूं खरीदेगी सरकार, पढिए पूरी जानकारी..

सरकार ने प्रति हेक्टेयर मूंग खरीदी की यह मात्रा तय की..

मध्यप्रदेश सरकार अब 12 क्विंटल मूंग प्रति हेक्टेयर के हिसाब से Mung purchase limit खरीदी करेगी। पहले यह सीमा 8 क्विंटल प्रति हेक्टेयर थी। हरदा में परिवहन एवं स्कूल शिक्षा मंत्री श्री राव उदय प्रताप सिंह ने किसान संघ के धरना में शामिल होकर यह घोषणा की। श्री राव ने कहा कि मुख्यमंत्री के आदेश पर यह घोषणा की है।

इसके साथ ही भारतीय किसान संघ का कृषि उपज मंडी में धरना स्थगित कर दिया गया। किसान संघ समर्थन मूल्य पर की जा रही मूंग खरीदी Mung purchase limit से जुड़ी तीन प्रमुख मांगों पर पिछले 8 दिनों से धरना दे रहा था। उन्होंने कहा कि सरकार ने एक दिन में 25 की जगह 40 क्विंटल खरीदी का आदेश कर दिया है। जहां-जहां धर्म कांटे की व्यवस्था है, वहां धर्म कांटे से तुलाई भी होगी।

किसानों का आरोप – हो रहा है नुकसान

इस वर्ष पूरे प्रदेश के मूंग की खरीदी विवादों में है। पहले से ही नाराज किसानों के सामने अब बढ़ी समस्या आ रही है। दरअसल, सख्त नियमों के चलते प्रदेश के कई जिलों में किसान परेशान हो रहे हैं। किसानों का आरोप है कि जांच में उपज एफएक्यू निकलने के बाद भी उसका छलना लगाया जा रहा है। : Mung purchase limit

ऐसे में किसानों को ना सिर्फ 40 रूपये क्विंटल छलना कराने की मजदूरी देना पड़ रही है, वहीं छलना में निकल रही उपज का भी नुकसान हो रहा है। किसानों ने बताया कि जांच में उपज शासन के मानकों पर तो खरी उतर रही है लेकिन खरीदी केंद्रों पर उन्हें अमानक बताकर परेशान किया जा रहा है। 

छलना लगाई व हम्मालों की मजदूरी भी दे रहे किसान

Mung purchase limit | उपार्जन केंद्रों पर छलना लगाई व तुलाई की मजदूरी भी किसानों से वसूली जा रही है। सोमवार को सेंट्रल वेयर हाउस स्थित खरीदी केंद्र पर पांच किसान उपज लेकर पहुंचे। किसान शिवनारायण मीणा 25 क्विंटल उपज लेकर यहां पहुंचे थे। जांच में उनकी उपज सभी मानकों पर खरी उतरी बावजूद इसके सर्वेयर द्वारा उपज को छलना लगवाया गया। ऐसे में उन्हें 40 रु. प्रति क्विंटल छलना लगाई व 25 क्विंटल की तुलाई की हम्माली भी देना पड़ा। इधर छलने में निकली उपज का नुकसान अलग उठाया।

स्लॉट बुकिंग और बिल को लेकर भी किसान परेशान

समर्थन मूल्य पर मूंग खरीदी Mung purchase limit के चार दिन से उनके बिल नहीं बन पा रहे हैं। इतना ही नहीं मूंग विक्रय के लिए स्लाट बुकिंग भी नहीं हो पा रही है। किसान खरीदी केदो के चक्कर लगाकर थक चुके हैं। केंद्र कर्मचारी सॉफ्टवेयर में तकनीकी खराबी बता रहे हैं। किसानों ने इस समस्या से विधायक नारायण पटेल को भी अवगत कराया है।

उन्होंने अफसरों से बात करने का आश्वासन दिया। किसान बालकराम मंडलोई ने बताया सॉफ्टवेयर की दिक्कत के चलते बिल नहीं बन पा रहे हैं। इससे भुगतान में भी विलंब हो रहा है। इस संबंध में डीएमओ रोहित श्रीवास्तव ने बताया खरीदी केंद्रों पर सॉफ्टवेयर में तकनीकी खराबी की शिकायतें मिल रही हैं। समस्या का निराकरण जल्द हो इसके लिए भोपाल भी चर्चा की गई है। : Mung purchase limit

यह है मूंग उड़द खरीदी की प्रक्रिया

Mung purchase limit | बता दें कि केंद्र सरकार ने मार्केटिंग ईयर 2024-25 के लिए मूंग और उड़द की एमएसपी की घोषणा की थी। सरकार ने मूंग पर 8682 प्रति क्विंटल और उड़द पर 7400 प्रति क्विंटल समर्थन मूल्य तय किया है। इसी मूल्य पर खरीद केंद्रों पर किसानों से खरीद की जाएगी। खरीद केंद्रों पर हफ्ते में 5 दिन सुबह 8 बजे से रात 8 बजे तक खरीद की जाएगी। केंद्रों पर शाम 6 बजे तक तौल पर्ची जारी की जाएगी।

👉 व्हाट्सऐप चैनल से जुड़े।

यह भी पढ़िए….👉पूसा बासमती 1718 सहित उच्चतम विदेशी मुद्रा अर्जित करने वाली बासमती धान की 3 किस्मों के बारे में जानें..

👉धान की सीधी बुवाई के लिए बासमती धान की यह किस्में जल्दी पकेगी एवं देगी बंपर पैदावार, जानिए डिटेल

👉 किसानों को मिलेगा तगड़ा मुनाफा, धान की यह किस्म देगी बंपर पैदावार, जानें खासियतें..

👉45 दिन तक सोयाबीन की फसल में खरपतवार नियंत्रण करने वाली खरपतवार नाशक दवाई के बारे में जानिए ..

प्रिय पाठकों…! 🙏 Choupalsamachar.in में आपका स्वागत हैं, हम कृषि विशेषज्ञों कृषि वैज्ञानिकों एवं शासन द्वारा संचालित कृषि योजनाओं के विशेषज्ञ द्वारा गहन शोध कर Article प्रकाशित किये जाते हैं आपसे निवेदन हैं इसी प्रकार हमारा सहयोग करते रहिये और हम आपके लिए नईं-नईं जानकारी उपलब्ध करवाते रहेंगे। आप हमारे टेलीग्राम एवं व्हाट्सएप ग्रुप से नीचे दी गई लिंक के माध्यम से जुड़कर अनवरत समाचार एवं जानकारी प्राप्त करें.

Leave a Comment