राष्ट्रीय कृषि अभियान (National Agriculture Campaign) के तहत किसानों को कई फायदे मिलने वाले हैं, आईए जानते हैं डिटेल..
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National Agriculture Campaign | देश भर में कल से राष्ट्रीय कृषि संकल्प अभियान शुरू होने वाला है। इस अभियान के तहत देश के सभी कृषि विज्ञान केन्द्रों के कृषि वैज्ञानिक, कृषि अधिकारी कर्मचारी, गांव के जन प्रतिनिधि एवं उन्नतशील कृषकों की टीम प्रत्येक गांव में भ्रमण करेगी एवं खेतों में जाकर वस्तु स्थिति को जानेंगी।
केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने बताया कि इन टीमों में कृषि विश्वविद्यालय के प्रोफेसर, राज्य सरकार के अधिकारी, केंद्रीय कृषि विभाग की टीमें, प्रगतिशील किसान और किसान उत्पादक संगठन भी होंगे।
केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने बताया कि 29 मई से शुरू होने वाले विकसित कृषि संकल्प अभियान (National Agriculture Campaign) के लिए 2,170 वैज्ञानिक टीमों का गठन किया गया है। जिनमें प्रत्येक में कम से कम चार वैज्ञानिक होंगे। उनके साथ कृषि विश्वविद्यालयों के विशेषज्ञ शामिल होंगे।
इस अभियान के दौरान कृषि वैज्ञानिकों के दल देशभर के 700 से अधिक जिलों में जाकर लगभग 1.5 करोड़ किसानों से सीधे संवाद करेंगे। इस अभियान से किसानों को कई फायदे मिलने वाले हैं आईए जानते हैं डिटेल..
National Agriculture Campaign – अभियान का उद्धेश्य
National Agriculture Campaign | शिवराजसिंह चौहान बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में विकसित भारत के निर्माण का संकल्प लिया गया है और इस लक्ष्य को पाने के लिए विकसित कृषि क्षेत्र और समृद्ध किसान अनिवार्य हैं। कृषि भारत की अर्थव्यवस्था की रीढ़ है, जो लगभग आधी आबादी को रोजगार देती है और खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित करने में अहम भूमिका निभाती है। केंद्रीय कृषि मंत्री ने बताया कि इस अभियान के यह प्रमुख उद्देश्य हैं :–
- उत्पादन में वृद्धि करना।
- उत्पादन लागत में कमी लाना।
- फसल के लिए उचित मूल्य।
- प्राकृतिक आपदाओं से हुए नुकसान की भरपाई।
- फसल विविधीकरण और प्रोसेसिंग के ज़रिए मूल्य संवर्धन।
- प्राकृतिक और जैविक खेती को बढ़ावा देना।
इसके साथ ही कृषि मंत्री ने इस अभियान (National Agriculture Campaign) के उद्देश्य के बारे में बताते हुए कहा कि देश की 1.45 अरब जनसंख्या को ध्यान में रखते हुए, आवश्यक है कि हर नागरिक को पर्याप्त अनाज, सब्जियां और फल मिलें। साथ ही, खेती को लाभकारी व्यवसाय भी बनाया जाए। उन्होंने भोजन की मात्रात्मक उपलब्धता के साथ-साथ पोषण गुणवत्ता पर भी जोर दिया। उन्होंने प्राकृतिक संसाधनों के संरक्षण और उनके कुशल उपयोग की आवश्यकता पर बल दिया।
कल से शुरू होकर 12 जून तक चलेगा अभियान
कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने बताया कि यह अभियान (National Agriculture Campaign) 12 जून तक चलेगा। इस दौरान कृषि वैज्ञानिकों की टीमें गांवों का दौरा करेंगी, रोज़ाना सुबह, दोपहर और शाम के सत्रों में किसानों के साथ संवाद करेंगी, उन्नत कृषि पद्धतियों की जानकारी साझा करेंगी, जलवायु लचीली और लागत कटौती तकनीकों को बढ़ावा देंगी और खेत में किसानों की समस्याओं का मौके पर समाधान करेंगी।
किसानों को आधुनिक तकनीक की देंगे जानकारी
कृषि मंत्री ने कहा कि खेती की दुनिया में अब बदलाव की नई कहानी लिखी जा रही है, जहां किसान सिर्फ लाभार्थी नहीं बल्कि विज्ञान के सह-निर्माता बनेंगे। खेती अब प्रयोगशाला की चारदीवारी तक सीमित नहीं रही। गांवों के खेत अब नवाचार की प्रयोगशाला बन चुके हैं और किसान स्वयं शोधकर्ता।
उन्होंने बताया कि सरकार के विकसित कृषि संकल्प अभियान के तहत 29 मई से 12 जून तक जिले के कृषि विज्ञान केन्द्रों की अगुवाई में चलने वाला यह विशेष अभियान (National Agriculture Campaign) खेती में किसानों के अनुभव और नवाचारों को राष्ट्रीय स्तर पर पहचान दिलाने की दिशा में एक ऐतिहासिक पहल है जो मील का पत्थर साबित होगा। विकसित कृषि संकल्प अभियान में किसानों को नवीनतम कृषि तकनीकों, उन्नत बीज, उर्वरक और सिंचाई प्रणालियों से अवगत करवाया जाएगा।
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इस अभियान (National Agriculture Campaign) के तहत कृषि वैज्ञानिक किसानों के खेतों पर जाकर न केवल तकनीक साझा करेंगे, बल्कि खेत में अपनाई गई विधियों का अवलोकन भी करेंगे। उदाहरण के तौर पर जलवायु अनुकूल बीज चयन, सस्ते जैविक कीटनाशक, स्थानीय संसाधनों से बनाई गई खाद, और पारंपरिक ज्ञान आधारित खेती के तौर-तरीकों को संकलित किया जाएगा।
कृषि विभाग के अधिकारी बताते हैं कि इस अभियान का सबसे खास पहलू यह है कि किसान जो खुद के अनुभव से बेहतर फसल उगा रहे हैं, उनके प्रयोगों को वैज्ञानिक दृष्टिकोण से परखा जाएगा और उन्हें देशभर में साझा किया जाएगा। वैज्ञानिक इन्हें दस्तावेजी कृत कर शोध के लिए कृषि विश्वविद्यालयों में पहुंचाएंगे।
खेती में दिखेगा किसान की सोच का असर
अभियान (National Agriculture Campaign) के दौरान इस बात पर भी फोकस रहेगा की बदलते मौसम, घटती उर्वरक क्षमता और कीट प्रकोप जैसी समस्याओं से जूझ रहे किसान अब अपने नवाचारों से खुद को किस प्रकार से समाधान दे रहे हैं। अभियान का मकसद है कि इन नवाचारों को सुनना, समझना और आगे बढ़ाना। इसमें समय पर बुवाई, प्रमाणित बीजों का प्रयोग, बीजोपचार, मिट्टी की सेहत का ध्यान, फसलों के बीच उचित दूरी और कतार बंदी, जिप्सम का उपयोग, ड्रिप एवं फव्वारा सिंचाई प्रणालियों का विस्तार, फसल बीमा एवं उन्नत कृषि उपकरणों का उपयोग शामिल है।
प्रगतिशील किसान बनेंगे गांव के रोल मॉडल
इस अभियान (National Agriculture Campaign) के तहत हर क्षेत्र में चुने गए प्रगतिशील किसानों को मंच दिया जाएगा। जिनकी कहानियां दूसरे किसानों को प्रेरित करेंगी। इन नवाचारों को कृषि विभाग के माध्यम से डिजिटल प्लेटफॉर्म्स, सोशल मीडिया और विभागीय वेबसाइट पर भी प्रचारित किया जाएगा। प्रत्येक कार्यक्रम स्थल पर छाया, पानी, भोजन, कृषि साहित्य और किसान संवाद की समुचित व्यवस्थाएं की जाएंगी।
इधर दूसरी ओर अभियान (National Agriculture Campaign) की निगरानी के लिए राज्य स्तर पर आत्मा निदेशालय और जिला स्तर पर परियोजना निदेशक आत्मा / कृषि विभाग में नियंत्रण कक्ष स्थापित किया जाएगा। हर पंचायत स्तर पर कृषि अधिकारी और कृषि पर्यवेक्षक कम से कम 200 किसानों की भागीदारी सुनिश्चित करेंगे।
किसान ही बनेगा शिक्षक और शोधकर्ता
यह अभियान (National Agriculture Campaign) आने वाली खरीफ फसलों के उन्नत तरीकों से खेती के तरीकों को सिखाएगा साथ ही दिखाएगा कि ग्रामीण भारत में ज्ञान की गंगा खेतों से बहती है। अब किसान केवल उपभोक्ता नहीं, बल्कि बदलाव के वाहक और शोधकर्ता के रूप में अपनी भूमिका निभाएगा। सरकार की मंशा है कि नीति खेत से बनें, किताबों से नहीं। किसानों के अनुभव, सुझाव और आविष्कार देश की खाद्य सुरक्षा को नया आयाम देंगे।
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