हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय, हिसार ने जई (ओट्स) की तीन नई उन्नत किस्में (Oats New Variety) विकसित की हैं, जो अधिक चारा व बीज उत्पादन देती हैं। जानिए इनके बारे में।
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Oats New Variety | किसानों और पशुपालकों के लिए एक बड़ी खुशखबरी है। चौधरी चरण सिंह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय, हिसार के चारा अनुभाग की ओर से जई (ओट्स) की 3 नई उन्नत किस्में विकसित की हैं, जो न केवल अधिक चारा दे सकती हैं, बल्कि बीज उत्पादन के लिहाज से भी बेहतर मानी जा रही हैं। ये किस्में देश के विभिन्न जलवायु क्षेत्रों में उगाई जा सकेंगी, जिससे हर मौसम में भरपूर हरे चारे की उपलब्धता सुनिश्चित हो सकेगी।
जई की ये तीनों नई किस्में देश के अलग-अलग क्षेत्रों के लिए विशेष रूप से तैयार की गई हैं, ताकि हर मौसम में, हर क्षेत्र में पशुओं को क्वालिटीयुक्त चारा मिल सके। इससे न केवल पशुपालन की लागत घटेगी, बल्कि दूध उत्पादन और पशु स्वास्थ्य में भी बड़ा सुधार देखने को मिलेगा।
कम लागत में ज्यादा उत्पादन, यही इन किस्मों की सबसे बड़ी विशेषता है। किसान जई की इन किस्मों को उगाकर अपने पशुओं के लिए बेहतर चारे का इंतजाम कर सकते हैं, Oats New Variety तो आइए जानते हैं, इसके बारे में…
कौन सी हैं वो 3 नई किस्में?
विश्वविद्यालय के चारा अनुभाग द्वारा विकसित की गई जई की तीन किस्में हैं :-
HFO 917 – बीज और चारा दोनों के लिए उपयुक्त
HFO 1014 – दोहरे उपयोग वाली किस्म (बीज व चारा)
HFO 915 – एक से अधिक कटाई की सुविधा वाली किस्म Oats New Variety
इन किस्मों को भारत सरकार द्वारा मंजूरी दी जा चुकी है और अब ये किसानों के लिए उपलब्ध हैं।
किन राज्यों के लिए उपयुक्त?
HFO 917 और HFO 1014: हरियाणा, पंजाब, राजस्थान, उत्तराखंड, पूर्वी उत्तर प्रदेश, बिहार, झारखंड और असम.
HFO 915: हिमाचल प्रदेश और जम्मू-कश्मीर जैसे पर्वतीय क्षेत्रों के लिए बेहतर. Oats New Variety
क्यों हैं जई की नई किस्मों में खास?
HFO 917 किस्म : Oats New Variety
हरा चारा: 192 क्विंटल/हेक्टेयर
सूखा चारा: 28 क्विंटल/हेक्टेयर
बीज उत्पादन: 8 क्विंटल/हेक्टेयर
प्रोटीन: 4% (उत्तर-पश्चिम भारत में)
HFO 1014 किस्म :
हरा चारा: 185 क्विंटल/हेक्टेयर
सूखा चारा: 28 क्विंटल/हेक्टेयर
बीज उत्पादन: 3 क्विंटल/हेक्टेयर
प्रोटीन: 5% (उत्तर-पश्चिम भारत में) Oats New Variety
HFO 915 किस्म : Oats New Variety
हरा चारा: 234 क्विंटल/हेक्टेयर
सूखा चारा: 50 क्विंटल/हेक्टेयर
बीज उत्पादन: 7 क्विंटल/हेक्टेयर
प्रोटीन: 10%
HFO 917 और HFO 1014 हैं, दोहरे उपयोग वाली किस्में
जई की HFO 917 और HFO 1014 किस्मों को चारा अनुभाग के वैज्ञानिकों की टीम ने विकसित किया है, जिनमें डॉ. योगेश जिंदल, डॉ. डी.एस. फोगाट, डॉ. सत्यवान आर्य, डॉ. रवीश पंचटा, डॉ. एस.के. पाहुजा, डॉ. सतपाल और डॉ. नीरज खरोड़ शामिल हैं। यह किस्में दोहरे उपयोग वाली किस्में हैं, जिनसे बीज और चारा दोनों प्राप्त किया जा सकता है। Oats New Variety
चारे के संकट को दूर करेंगी जई की ये किस्में
विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. बी.आर. काम्बोज के मुताबिक वर्तमान में देश में 11.24% हरे चारे और 23.4% सूखे चारे की कमी है, जिसके कारण पशुओं की उत्पादकता प्रभावित हो रही है। Oats New Variety
ऐसे में अधिक उत्पादन देने वाली चारा फसलों की नई किस्मों का विकास बेहद आवश्यक हो गया है। जई की इन नई किस्मों के आने से पशुपालकों को न केवल चारे की भरपूर उपलब्धता होगी, बल्कि इससे पशुओं की दूध उत्पादन क्षमता और स्वास्थ्य में भी सुधार होगा।
उन्होंने बताया कि इन किस्मों को भारत सरकार के राजपत्र (गजट) में केंद्रीय बीज समिति की सिफारिश पर नोटिफाई किया गया है ताकि समय पर इनकी बुआई की जा सके। Oats New Variety
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