कोकिला-33 धान किस्म (Paddy Variety) कम पानी, कम लागत और रोग प्रतिरोधक क्षमता के कारण किसानों के बीच काफी लोकप्रिय है। आइए जानते है इसके बार में।
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Paddy Variety | भारत एक कृषि प्रधान देश है, जहाँ धान प्रमुख खाद्यान्न फसल के रूप में उगाई जाती है। लेकिन बदलते पर्यावरण, घटते जलस्त्रोत और बढ़ती लागत के कारण आज किसानों को ऐसी धान किस्मों की आवश्यकता है जो कम पानी में भी बेहतर उत्पादन दे सके।
इसी आवश्यकता को ध्यान में रखते हुए वैज्ञानिकों नई नई किस्मों को विकसित करते है। ऐसी ही एक किस्म है कोकिला-33 धान, जो कम लागत में अधिक लाभ दिलाने में सक्षम हैं।
ये किस्म न केवल जल की कम खपत करती हैं, बल्कि रोगों के प्रति भी इनकी प्रतिरोधक क्षमता अत्यधिक मजबूत होती है। साथ ही, उपयुक्त देखभाल और तकनीकी खेती से इनसे प्रति एकड़ लगभग 32 क्विंटल तक का उत्पादन प्राप्त किया जा सकता है। कई किसान इसके अच्छे नतीजों से बेहद संतुष्ट हैं। आइए इस किस्म (Paddy Variety) के बारे में जानते है…
कोकिला-33 धान किस्म की जानकारी
कोकिला-33 धान किस्म को शक्ति वर्धक हाइब्रिड सीड्स प्राइवेट लिमिटेड (SVHSPL) द्वारा तैयार किया गया है और यह किस्म (Paddy Variety) धीरे-धीरे पूरे भारत में किसानों के बीच लोकप्रिय हो रही है। कोकिला-33 की सबसे बड़ी खासियत यह है कि, ये मात्र 110 दिनों में तैयार होकर बढ़िया उत्पादन देती है।
कोकिला-33 धान किस्म की विशेषताएं एवं गुण
पौधे एवं दाने के गुण : कोकिला-33 धान किस्म के पौधे की ऊंचाई 92-96 सेमी और मजबूत तना होता है, जिससे फसल गिरने का जोखिम नहीं रहता। दाने लंबे, पतले, और चमकदार होते हैं, जिससे बाजार में इसकी कीमत अधिक मिलती है। Paddy Variety
किस्म की अवधि : कोकिला-33 की सबसे बड़ी खासियत इसकी कम अवधि (105-110 दिन) में तैयार होने की क्षमता है। जहां पारंपरिक किस्मों को पकने में 120-130 दिन लगते हैं, वहीं कोकिला-33 की 50% पुष्पन अवधि मात्र 88 दिन है।
रोगप्रतिरोधकता एवं उत्पादन : अमेरिकन सूक्ष्म कवच तकनीक से उपचारित यह किस्म रोगों से लड़ने की क्षमता रखता है। कोकिला-33 किस्म पी.बी.-1692 और पी.बी.-1509 सेगमेंट की है, लेकिन किसानों द्वारा इसे इन दोनों किस्मों की तुलना में अधिक सराहा जाता है। ये प्रति एकड़ 30-32 क्विंटल तक की उपज और कम सिंचाई की आवश्यकता के कारण यह किसानों की पहली पसंद बन चुकी है। Paddy Variety
किस्म की बुवाई का समय : कोकिला-33 धान किस्म की नर्सरी की बुवाई 15 मई से 30 जून के बीच करें एवं नर्सरी बोने के 20–25 दिन बाद खेत में पौधे लगाएं।
कोकिला-33 धान किस्म का बीजोपचार एवं बीज दर
बुवाई से पहले बीज को फफूंदनाशक (fungicide) जैसे कार्बेन्डाजिम से उपचारित करना जरूरी है ताकि फसल जड़ की बीमारियों से बच सके। 1 लीटर पानी में 2 ग्राम कार्बेन्डाजिम मिलाकर बीज या पौधों को भिगोना चाहिए एवं प्रति एकड़ 8–10 किलो बीज की मात्रा रखें। Paddy Variety
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