नई सरकार के गठन के पश्चात किसानों की निगाह समर्थन मूल्य में वृद्धि पर है, सरकार द्वारा इस संबंध Samarthan mulya 2024-25 में क्या तैयारी की जा रही है जानिए..
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Samarthan mulya 2024-25 | अपनी कुशल नेतृत्व क्षमता के कारण अलग पहचान रखने वाले मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को केंद्र में कृषि विभाग का दायित्व सौंपा गया है। कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान के समक्ष कृषि क्षेत्र को ऊंचाइयों पर ले जाने के लिए कई चुनौतियां हैं इनमें सबसे बड़ी चुनौती फसलों का न्यूनतम समर्थन मूल्य है।
फसलों का समर्थन मूल्य तय करने एवं इसको कानूनी दर्जा दिए जाने को लेकर किसान संगठन लंबे समय से आंदोलन कर रहे हैं। इधर दूसरी ओर केंद्र में सत्तारूढ़ बीजेपी ने भी विधानसभा चुनाव 2023 के पहले खरीफ एवं रबी सीजन की प्रमुख फसल धान एवं गेहूं का समर्थन मूल्य क्रमशः 3100 और 2700 रुपए प्रति क्विंटल किए जाने की घोषणा की थी।
लेकिन विधानसभा चुनाव खत्म होने के बाद यह मूल्य वृद्धि समर्थन मूल्य में यह वृद्धि नहीं हुई इसके स्थान पर मध्य प्रदेश एवं राजस्थान सरकार ने गेहूं की खरीदी पर 125 रुपए प्रति क्विंटल का बोनस दिया। इन दोनों राज्यों में गेहूं का समर्थन मूल्य 2400 रुपए प्रति क्विंटल रहा। अब एक बार फिर सरकार इस विषय Samarthan mulya 2024-25 में सक्रिय हो गई है, आईए जानते हैं पूरी जानकारी..
शिवराज सिंह ने किसानों के लिए कई बड़े काम किया
केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान अपने कुशल नेतृत्व के लिए जाने जाते हैं। मप्र के मुख्यमंत्री रहते शिवराज सिंह चौहान ने प्रदेश में कृषि क्षेत्र और किसानों के लिए कई बढ़े काम किए हैं। उनके कार्यकाल में प्रदेश को सात बार कृषि कर्मण अवॉर्ड मिला है। उनकी इसी कार्यप्रणाली को ध्यान में रखते हुए मोदी सरकार ने उन्हें कृषि मंत्रालय की जिम्मेदारी दी गई है। Samarthan mulya 2024-25
मध्य प्रदेश में लाडली बहन योजना एवं लाडली लक्ष्मी योजना शिवराज सिंह चौहान की ही देन है। अब शिवराज सिंह चौहान के जिम्मे केंद्रीय कृषि एवं ग्रामीण विकास मंत्रालय है। इन दोनों विभागों का बजट करीब 3.07 लाख करोड़ है। ऐसे में यह साफ है कि मध्य प्रदेश में मामा के नाम से चर्चित शिवराज अब देश के किसानों के भाई बनकर उनका दर्द बांटेंगे और उनकी समस्याओं को हल करेंगे। किसानों की सबसे बड़ी समस्या न्यूनतम समर्थन मूल्य की है, फसलों का न्यूनतम समर्थन मूल्य सही तरीके से तय हो एवं मिले तो किसानों को बहुत फायदा हो सकता है। Samarthan mulya 2024-25
क्या है एमएसपी एवं कैसे तय होती है
MSP यानी मिनिमम सपोर्ट प्राइस, जिसे न्यूनतम समर्थन मूल्य भी कहते हैं। किसानों के हित के लिए सरकार ने ये व्यवस्था बनाई है। इसके तहत सरकार फसल की एक न्यूनतम कीमत तय करती है। अगर बाजार में फसलों के दाम कम भी हो जाएं, तो किसान आश्वस्त रहता है कि उसकी फसल सरकार कम से कम इस कीमत में जरूर खरीद लेगी। इसे ऐसे समझिए कि किसी फसल की MSP 1000 रुपए क्विंटल है। Samarthan mulya 2024-25
खुले मार्केट में वही फसल 500 रुपए में मिल रही है, तो भी सरकार किसान से वह फसल 1000 रुपए क्विंटल में ही खरीदेगी। इसे ही न्यूनतम समर्थन मूल्य कहा जाता है। आमतौर पर MSP किसान की लागत से कम से कम डेढ़ गुना ज्यादा होती है। हालांकि MSP सरकार की नीति है, कानून नहीं। इसे सरकार घटा-बढ़ा सकती है। Samarthan mulya 2024-25
फसलों का उचित दाम दिए जाने के लिए केंद्र सरकार ने 1965 में कृषि लागत और मूल्य आयोग यानी कमीशन फॉर एग्रीकल्चर कॉस्ट एंड प्राइज (CACP) का गठन किया था। CACP ही MSP तय करता है। देश में पहली बार 1966-67 में MSP की दर से फसलों की खरीदी की गई थी। Samarthan mulya 2024-25
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23 फसलों पर MSP देती है केंद्र सरकार
Samarthan mulya 2024-25 ; केंद्र सरकार फिलहाल 23 फसलों के लिए MSP तय करती है। 7 अनाज गेहूं, धान, मक्का, बाजरा, ज्वार, रागी एवं जौ है। 6 ऑयल सीड सोयाबीन, सरसों, सूरजमुखी, मूंगफली, तिल एवं काला तिल है। 5 दालें अरहर, चना, मूंग, उड़द है। इसके अलावा 4 अन्य फसलें मसूर गन्ना, कपास, नारियल जूट की खरीदी भी एमएसपी पर होती है।
आयोग ने MSP बढ़ाने की सिफारिश की
नई सरकार के गठन के बाद किसानों की कुछ मांगों पर पुनर्विचार होने वाला है, इनमें सबसे बड़ी मांग एमएसपी में वृद्धि Samarthan mulya 2024-25 करने की है। बताया जा रहा है कि सरकार का गठन होते ही एमएसपी में 8 से 10% की बढ़ोतरी होने की संभावना है। धान, दलहन, तिलहन, मोटे अनाज और कपास के जैसी खरीफ फसलों के किसानों को एमएसपी से बढ़ने से खासा प्रोत्साहन मिलेगा। खरीफ फसलों के एमएसपी में वृद्धि करने से खासकर सोयाबीन एवं धान उत्पादक किसानों को फायदा मिलेगा।
आधिकारिक सूत्रों के मुताबिक भाजपा शासित केंद्र सरकार 2024-25 के खरीफ सीजन Samarthan mulya 2024-25 में उत्पादित फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य यानी एमएसपी में 5 से 10 प्रतिशत की बढ़ोतरी की घोषणा करने की तैयारी में थी, किंतु महंगाई दर में वृद्धि होने के दर से यह नहीं कर पाई। एमएसपी Samarthan mulya 2024-25 में बढ़ोतरी से खाद्य महंगाई भी बढ़ने का डर बना हुआ था। चुनाव खत्म होने के बाद एमएसपी में वृद्धि होना तय हैं।
हालांकि यह वृद्धि कितनी होगी यह अभी तक क्लियर नहीं है बताया जा रहा है कि भाजपा अपने घोषणा पत्र के अनुरूप धान का समर्थन मूल्य 33100 एवं गेहूं का समर्थन मूल्य 2700 रुपए प्रति क्विंटल कर सकती है इसका फायदा बीजेपी को अगले वर्ष इसी वर्ष महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में हो सकता है। Samarthan mulya 2024-25
कृषि विभाग ने बनाया 100 दिन का प्लान
कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कृषि मंत्रालय का 100 दिन का एजेंडा जारी किया गया है। इसमें मुख्य फोकस खाद्य तेल और दालों में देश को आत्मनिर्भर बनाना है। इसके अंतर्गत सरकार तूर और उड़द दाल की उपज बढ़ाने के लिए खरीद गारंटी योजना लाएगी। 2027 तक दलहन के मामले में आत्मनिर्भरता के लिए नई पॉलिसी आएगी। खाद्य तेल का इंपोर्ट घटाने और इथेनॉल सप्लाई बढ़ाने पर फोकस होगा। उत्पादन बढ़ाने के लिए सरकारी प्रोत्साहन और SoPs जारी होंगे। दाल के लिए नए देशों में कॉन्ट्रैक्ट फार्मिंग के लिए सरकार अन्य मंत्रालयों के साथ आगे बढ़ रही है। MSamarthan mulya 2024-25
किसान सम्मेलन में होगी बड़ी घोषणा
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी काशी में आयोजित होने वाले किसान सम्मेलन के दौरान किसान और कृषि कल्याण के लिए कुछ बड़ी घोषणाएं कर सकते हैं। पीएम काशी में किसान सम्मेलन को संबोधित करेंगे। अनुमान है कि इस दौरान किसानों और कृषि क्षेत्र के विकास के लिए कई बड़े ऐलान कर सकते हैं।
कृषि क्षेत्र में बड़े बदलाव होंगे इसका इसके संकेत पीएम नरेंद्र मोदी ने अपने कार्यकाल के पहले दिन ही जता दिया है तीसरे कार्यकाल के पहले दिन उन्होंने किसान कल्याण पर फैसला लेते हुए पीएम किसान सम्मान निधि जारी करने के लिए फाइल को मंजूरी देकर इसके स्पष्ट संकेत दे दिए हैं। Samarthan mulya 2024-25
MSP को लेकर केंद्रीय कृषि राज्य मंत्री ने यह कहा
केंद्रीय कृषि राज्य मंत्री भागीरथ चौधरी ने न्यूनतम समर्थन मूल्य को लेकर कहा कि- मोदी सरकार किसानों की भलाई के लिए हर दिन काम कर रही है, लेकिन विपक्ष किसानों को दबी कुचली व्यवस्था में रखना चाहता है। ताकि वे आगे नहीं बढ़े। किसानों को फसल का पूरा मूल्य देने के लिए पिछले 10 साल में समर्थन मूल्य पर भारी बढ़ोतरी की है। कांग्रेस ने 70 साल में किसानों को उपज का पूरा मूल्य दिया होता तो आज देश का किसान संपन्न होता।
कृषि मंत्रालय ने 100 दिन की कार्य योजना तैयार की है, जिसमें किसानों की छोटी-छोटी समस्याओं का समाधान किया जाएगा। कृषि मंत्रालय के अफसरों के साथ बैठक की है। पीएम मोदी के साफ निर्देश हैं कि किसानों के हितों से किसी तरह का समझौता नहीं हो, किसान हित में इस तरह काम किया जाए कि किसान संपन्न बनें। जब किसान संपन्न होगा तो देश संपन्न होगा। Samarthan mulya 2024-25
धान का समर्थन मूल्य इस राज्य में हुआ 3100 रु. क्विंटल
Samarthan mulya 2024-25 ; देश में धान एवं गेहूं के समर्थन मूल्य बढ़ाएं जाने की चर्चा के बीच ओडिशा की मोहन चरण माझी सरकार ने किसानों के हित में बड़ा फैसला लिया है। ओडिशा ने सीएम मोहन चरण माझी ने पद और गोपनीयता की शपथ लेते ही कैबिनेट मंत्रियों की बैठक बुलाई थी। बैठक में सीएम मोहन चरण और मंत्रिमंडल के सदस्यों ने कई अहम फैसलों पर मुहर लगाई।
कैबिनेट ने किसानों के हित में सबसे बड़ा फैसला लिया है। मंत्रिमंडल ने धान कीमत में ताबड़तोड़ बढ़ोतरी करने का फैसला लिया है, जिसके बाद अब किसानों को प्रति क्विंटल धान का 3100 रुपए भुगतान किया जाएगा। बता दें कि इससे पहले ओडिशा में धान का समर्थन मूल्य 2180 रुपए था। यानि धान कीमतों में सीधे 920 रुपए की बढ़ोतरी हुई है। Samarthan mulya 2024-25
धान, गेहूं एवं अन्य फसलों का समर्थन मूल्य
2024-25 के लिए गेहूं का न्यूनतम समर्थन मूल्य 150 रुपये प्रति क्विंटल, मसूर के समर्थन मूल्य में 425 रुपये प्रति क्विंटल की वृद्धी के अलावा अन्य फसलों के समर्थन मूल्य में भी वृद्धि की गई थी। 2023- 24 की तुलना में 2024- 25 के दौरान गेहूं के समर्थन मूल्य में 7.05% की बढ़ोतरी की गई थी 2023 24 में गेहूं का समर्थन मूल्य 2125 रुपए प्रति क्विंटल था। इधर दूसरी ओर धान के समर्थन मूल्य में 2024 -25 में बढ़ोतरी नहीं की गई है। 2024-25 सीज़न में सरकारी खरीद के लिए रबी फ़सलों का न्यूनतम समर्थन मूल्य Samarthan mulya 2024-25 यह है :–
- गेहूं – 2,275 रुपये/क्विंटल।
- जौ – 1,850 रुपये/क्विंटल।
- चना – 5,440 रुपये/क्विंटल।
- मसूर – 6,425 रुपये/क्विंटल।
- तोरिया-सरसों – 5,650 रुपये/क्विंटल।
- कुसुम – 5,800 रुपये/क्विंटल।
- धान (सामान्य) – 2183 रुपये/क्विंटल।
- धान (ग्रेड ए) – 2203 रुपये/क्विंटल।
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Dhan ka samarthan mulya kab tak badhaaoge Aur gehun Ka jumla to nhi