सोयाबीन की कौनसी वैरायटियां इस वर्ष बेस्ट रही, किस वैरायटी का उत्पादन अधिक रहा एवं कौन सी अधिक भाव में बिक रही जानिए..

किसानों के लिए इस वर्ष सोयाबीन Soybean crop की कौन सी वेराइटी अच्छी रही जानिए..

Soybean crop : मौसम के लिहाज से किसानों के लिए इस वर्ष सोयाबीन का सीजन यानी खरीफ सीजन उतार चढ़ाव भरा रहा। सर्वप्रथम बीपरजाय तूफान के कारण मानसून लेट हुआ। मानसून के आगमन के पश्चात सोयाबीन एवं अन्य खरीफ फसलों की बोवनी में देरी हुई। इसके बाद जुलाई माह में एक महीना लगातार बारिश हुई जिससे फसलों की बढ़वार रुक गई थी।

वहीं सितंबर माह में एल नीनो के प्रभाव के चलते बारिश ही नहीं हुई। जिसके कारण मध्य प्रदेश सहित कई राज्यों में सोयाबीन सहित अन्य खरीफ की फसले लगभग सूख गई। हालांकि सितंबर माह में एक बार फिर मानसून के सक्रिय होने से देश के कई राज्यों में पर्याप्त बारिश हुई। कुल मिलाकर मौसम के लिए लिहाज से यह वर्ष किसानों के लिए विकट रहा। ऐसी विषम स्थिति में सोयाबीन Soybean crop की कौन-कौन सी वैरायटीयों ने किसानों को अच्छा उत्पादन दिया आईए जानते हैं..

किसानों ने सोयाबीन की इन वैरायटीयों को अधिक बोया

मध्य प्रदेश में खरीफ सीजन में सोयाबीन की खेती Soybean crop सबसे अधिक रकबे में होती है। प्रदेश के किसानों को सोयाबीन की अर्ली वैरायटी के रूप में सबसे अधिक JS 9560 किस्म पसंद है। सोयाबीन की यह वैरायटी कम समय में पकती है एवं कम पानी गिरने एवं ज्यादा पानी गिरने की दशा में अच्छी पैदावार देने में सक्षम है, इसलिए किसानों के बीच बहुत पॉप्युलर है।

इसके अलावा इस वर्ष सोयाबीन Soybean crop की नवीनतम वैरायटी में आरवीएसएम (RVSM) की 1135, जेएस JS 2172 एन.आर.सी.-130, एन.आर.सी.-131, एन.आर.सी.- 138, एन.आर.सी.- 142, एन.आर.सी.-136, जेएस 20-34, जेएस 20-69, जेएस 20-98, आरवीएसएम प्रज्ञा 2001-18।

👉चौपाल समाचार के व्हाट्सएप ग्रुप से जुड़ने के लिए क्लिक करें

इन वैरायटीयों की मांग अधिक रही

वर्ष 2023 के खरीफ सीजन Soybean crop में एनआरसी की नवीनतम विकसित किस्म एनआरसी NRC 150 की बीज के लिए सबसे अधिक मांग देखने को मिली। एनआरसी की यह वैरायटी गंध रहित होने के कारण सबसे अधिक चर्चा में रही। इसके अलावा पिछले वर्ष से सोयाबीन Soybean crop बीज के लिए के मामले में अच्छी पकड़ बनाने वाली आरवीएसएम 1135 की मांग भी इस वर्ष अधिक रही।

पीला मोजक समस्या के लिए रोग प्रतिरोधी नहीं होने संबंधी कृषि वैज्ञानिकों की चेतावनी के बावजूद जेएस 9560 वैरायटी हमेशा की तरह इस वर्ष भी अधिक बिकी। इसके अलावा इस वर्ष एनआरसी वैरायटी में एन.आर.सी.- 152, एन.आर.सी.-157 की मांग भी अधिक रही।

यह भी पढ़िए 👉..दीपावली बाद सोयाबीन के भाव बढ़ेंगे या नहीं, बाजार विशेषज्ञ क्या कहते हैं जानिए..

बोवनी की ईन विधियों से अधिक पैदावार मिली

सोयाबीन Soybean crop की परंपरागत बोवनी के अलावा वैज्ञानिक पद्धति से बोवनी करने का फायदा इस वर्ष किसानों को अधिक मिला। इसका कारण यह रहा कि इस वर्ष मौसम की प्रतिकूलता रही। सर्वप्रथम अधिक पानी गिरा एवं बाद में एक महीना पूरी तरह सुखा रहा। बीते सोयाबीन के सीजन में बी. बी. एफ. पद्धति एवं रेज्ड बेड पद्धति से जिन किसानों ने सोयाबीन की बोवनी की थी उन्हें अधिक लाभ मिला।

कृषि वैज्ञानिकों के अनुसार बारिश नहीं होने और ज्यादा बारिश होने दोनों ही स्थिति में बोवनी बी.बी.एफ. एवं रेज्ड बेड पद्धति कारगर रहती है इससे उत्पादन में 5 से 10% तक की बढ़ोतरी हो जाती है।

सोयाबीन की इन वैरायटीयों से मिला अधिक उत्पादन

इस वर्ष सोयाबीन Soybean crop की लेट वैरायटीयों ने किसानों को अच्छा उत्पादन दिया। हालांकि सोयाबीन की बुवाई जिन क्षेत्रों में जल्दी हो गई थी, उन क्षेत्रों में सोयाबीन की जेएस 9560 वैरायटी ने भी अच्छी पैदावार दी। किसानों एवं कृषि विशेषज्ञों से प्राप्त जानकारी के अनुसार इस वर्ष सोयाबीन की पैदावार औसत 15 क्विंटल प्रति हेक्टेयर की रही।

सोयाबीन Soybean crop की लेट वैरायटीयों से 20 क्विंटल प्रति हेक्टेयर की पैदावार भी हुई। काली मिट्टी वाली जमीन में सोयाबीन की जेएस 9560 वैरायटी ने अच्छी पैदावार दी, वहीं इस वर्ष आरवीएसएम 1135 सोयाबीन बहुत सक्सेस रही।

भाव में सोयाबीन की यह वैरायटी बाजी मार रही

वर्तमान में किसान रबी फसलों की बुवाई के कार्य में जुटे हुए हैं लेकिन किसान इसी दौरान अगले सीजन यानी कि खरीफ के लिए बीज की व्यवस्था में भी रहते हैं। किसानों का मानना है कि इसी समय बीज की व्यवस्था कर ली जाए तो खरीफ की बोवनी के दौरान ज्यादा भटकना नहीं पड़ेगा।

जानकार बताते हैं कि मंडियों में अब बीज वाले सोयाबीन की खरीदी भी होने लगी है। व्यापारियों एवं स्टॉक करने वाले अधिकांश लोग आरवीएसएम 1135 की खरीदी अधिक कर रहे हैं। सोयाबीन की यह किस्म मंडियों में 5500 से 6000 रुपए प्रति क्विंटल तक बिक रही है।

कृषि विशेषज्ञ बताते हैं कि विपरीत परिस्थितियों के दौरान सोयाबीन की इस किस्म से अच्छी पैदावार मिली, वहीं दूसरी ओर सोयाबीन प्लांट वाले भी सोयाबीन की इस किस्म को अधिक महत्व दे रहे हैं। इसका प्रमुख कारण यह है कि सोयाबीन की इस किस्म में तेल की मात्रा अधिक रहती है।

👉 व्हाट्सऐप से जुड़े।

यह भी पढ़िए…👉रबी फसलों का समर्थन मूल्य बढ़ने से सोयाबीन के भाव में आएगी तेजी! पढिए पूरी जानकारी..

👉 8 क्विंटल बीघा तक उत्पादन देने वाली चने की टॉप 5 रोग प्रतिरोधी वैरायटी, किसान होंगे मालामाल

👉 गाय की टॉप 5 बेस्ट नस्लें, जिनसे होगा दूध का भंडार, जानें कीमत एवं विशेषताएं

Choupalsamachar.in में आपका स्वागत हैं, हम कृषि विशेषज्ञों कृषि वैज्ञानिकों एवं शासन द्वारा संचालित कृषि योजनाओं के विशेषज्ञ द्वारा गहन शोध कर Article प्रकाशित किये जाते हैं आपसे निवेदन हैं इसी प्रकार हमारा सहयोग करते रहिये और हम आपके लिए नईं-नईं जानकारी उपलब्ध करवाते रहेंगे। आप हमारे टेलीग्राम एवं व्हाट्सएप ग्रुप से नीचे दी गई लिंक के माध्यम से जुड़कर अनवरत समाचार एवं जानकारी प्राप्त करें.👉 WhatsApp से जुड़े।

जुड़िये चौपाल समाचार से- ख़बरों के अपडेट सबसे पहले पाने के लिए हमारे WhatsApp Group और Telegram Channel ज्वाइन करें और Youtube Channel को Subscribe करें।

Leave a Comment