8 क्विंटल बीघा तक उत्पादन देने वाली चने की टॉप 5 रोग प्रतिरोधी वैरायटी, किसान होंगे मालामाल

Best gram variety : कौन सी है वह चने की टॉप 5 वैरायटी एवं इनकी खासियत क्या है?, जानें आर्टिकल में.. 

Best gram variety | चना भारत की सबसे महत्वपूर्ण दलहनी फसल है। चने को दालों का राजा भी कहा जाता है.। मुख्य रूप से चना की खेती मुख्य रूप से उत्त्तरप्रदेश, कर्नाटक, मध्यप्रदेश, महाराष्ट्र, राजस्थान तथा बिहार में की जाती है। सबसे ज्यादा मध्यप्रदेश में चने की खेती की जाती है। चना शुष्क एवं ठंडी जलवायु की फसल है इसे रबी मौसम में उगाया जाता है। सोयाबीन फसल की कटाई होने के बाद नवंबर दिसंबर यानी रबी सीजन में चने की बुवाई शुरू कर दी जाती है।

देश का हर किसान चाहता है की, वह फसल से ज्यादा से ज्यादा उपज ले सकें। आपको बता दे की, चने के अच्छे उत्पादन के लिए बेशक उन्हें बिजाई हेतु एक अच्छी किस्म (Variety) का चयन करना होता है। ऐसे में कई किसानों की क्वेरी रहती है, की वह चने की कौन सी किस्म लें जिससे उसे ज्यादा से ज्यादा उपज मिले ? चने की सबसे अच्छी किस्म कौन सी है? आज हम आपको इन्हीं प्रश्नों के जवाब डिटेल में देंगे। चने की टॉप 5 किस्म Best gram variety के बारे में जानकारी जानने के लिए आर्टिकल को अंत तक पढ़ें…

यह है चने की टॉप 5 वैरायटी – Best gram variety

  • चना- फूले विक्रांत
  • चना-विशाल
  • चना फूले जी 08108 (फूले विक्रम)
  • चना-फूले
  • चना – आर. वी. जी. 204 (RVSSG 8102)

चने की टॉप 5 वैरायटी की विस्तारपूर्वक जानकारी..

1. चना- फूले विक्रांत 

चने की यह किस्म Best gram variety एक अत्यंत उरत नवीनतम किस्म महात्मा फुले कृषि विश्वविद्यालय, शहरी से हाल ही में जारी की गई है। फूले विश्वविद्यालय से पूर्व में चने की अत्यंत लोकप्रिय किस्में विजय, विशाल एवं विधिजय पूर्व में प्रसारित की जा चूंकि है। किन्तु यह किस्में बहुत पुरानी हो चुकी थी अतः नई परिस्थिति एवं वातावरण के अनुरूप एक नवीन किस्म जो कि बीमारियों एवं कीटों के प्रति प्रतिरोधकता के साथ किसानों को अधिकतम उत्पादन के साथ अधिकतम लाभ प्रदान कर सके ऐसी एक आवश्यकता थी।

इसी बात को ध्यान रखते हुए मध्यम एवं गहरी जमीनों हेतु 20 अक्टूबर से रबी की बीजाई हेतु बीज दर 30 कि.ग्रा. एकड़ रखने एवं 1 से 2 सिंचाई देने पर आदर्श परिणाम। असिंचित स्थितियों के लिए भी उपयुक्त किस्म। इस किस्म का दाना आकर्षक, रंग पीला ब्राउन, आकार मध्यम व विल्ट(उक्टा) के लिए प्रतिरोधकता वाली किस्म सिंचित स्थितियों में अधिकतम उत्पादन क्षमता 42 क्विंटल हेक्टेयर एवं व्यवहारिक परिस्थितियों में किसानों द्वारा इससे भी अधिक उत्पादन लेकर चने की खेती Best gram variety को लाभ की खेती बनाने का कार्य इस किस्म का उत्पादन लेकर किसान प्राप्त कर सकेगें। इस किस्म की अवधि 105 से 110 दिवस है।

2. चना-विशाल

आकर्षक बड़े टपोरे दाने, नाम के अनुसार विशाल आकार व विशाल गुणों के चने की सर्वश्रेष्ठ किस्म Best gram variety चनों का राजा कहलाने योग्य सर्वगुण सम्पन्न जाति। आकर्षक पौधा, मध्यम ऊँचाई गर्व हरी व चौड़ी पत्तियों, पर्याप्त शास्त्रीय (ब्रांचिग) वृद्धि।अधिकतम उत्पादन क्षमता: 35 क्विंटल / हेक्टर, दाने का बड़ा आकार, पीला रंग उच्च गुणवत्ता के कारण अन्य चने की किस्मों Best gram variety से 300-400 प्रति क्विंटल अधिक बाजार भाव तथा मण्डी में सर्वाधिक माँग पर बिकने वाली एक मात्र जाति। सिंचित खेती हेतु सर्वोत्तम।

Best gram variety दाल की मात्रा 80 प्रतिशत होने से दाल मील वालों की अच्छी माँग। भुगडे हेतु सर्वोत्तम चना प्रोटीन व निथिओनाईन का प्रमाण अधिक। उपसुक व कीटों के प्रति प्रतिरोधक जाति। फसल पकने की अवधि 110 से 115 दिवस। फूल आने की अवधि 40-45 दिवस। 100 दानों का वजन 28 ग्राम। बीजदर 50 किलो प्रति एकड़। बोनी का आदर्श समय 20 अक्टूबर से 10 नवंबर तक।

3. चना फूले जी 08108 (फूले विक्रम) 

आवश्यकता अविष्कार की जननी है, इस सिद्धांत का आदर्श उदाहरण चने Best gram variety की अन्तर्राष्ट्रीय स्तर की किस्म फूले विक्रम है जो कि महात्मा फुले कृषि विद्यापीठ, राहुरी से जुलाई 2017 में म.प्र. व महाराष्ट्र के लिये जारी की है। जो कि गजट में नोटिफाईड भी हो चुकी है। अपनी अच्छी ऊँचाई के कारण मेकेनिकल हार्वेस्ट हेतु हारवेस्टर से काटने के लिए काफी उपयोगी सिद्ध होगी व हाथ से कटाई हेतु मजदूरों की समस्या से किसानों को मुक्ति दिलाएगी। जिससे समय एवं कटाई लागत में भारी बचत होगी।

इस किस्म Best gram variety के पौधे सीधे ऊँचाई लगभग 30 इंच (2 फीट) व जमीन से 30 से.मी. (1 फीट), ऊपर से फल (घेघरा) लगने से हारवेस्टर से काटना काफी आसान हो जाता है व इससे कटाई के दौरान फली को किसी प्रकार का कोई नुकसान भी नहीं होता है। चने की यह नवीन किस्म विक्रम फूले पूर्व में प्रचलित किस्मों से 10 से 22 प्रतिशत अधिक उत्पादन देने वाली तथा फ्यूजेरियम विल्ट (उपसुक) के लिये उच्च प्रतिरोधकता रखने वाली, जल्दी पकने वाली, अवधि लगभग 105 से 110 दिवस।

बीज दर 30 किलो एकड़ या 75 किलो हेक्टेयर, लाईन से लाईन की दूरी 16 इंच पौधे से पौधे की दूरी 4 इंच रखने पर आदर्श परिणाम, 100 दानों का वजन लगभग 21 ग्राम, फूल आने की अवधि 45 दिन, फूलों का रंग गुलाबी। इस किस्म का दाना काफी आकर्षक, बोल्ड व खाने में अत्यंत स्वादिष्ट होने से बाजार भाव भी अधिक प्राप्त होते हैं व चने की परम्परागत किस्मों Best gram variety से एकदम हटकर यह नई किस्म चने के उत्पादन में एक नई दिशा व नई तकनीक का आगाज कर नए आयाम बनाएगी। यह एडवांस जनरेशन की किस्म होने से इसे भारतीय चना खेती के भविष्य की किस्म के रूप में भी देखा जा रहा है।

4. चना-फूले 

विश्वराज बने की यह किस्म Best gram variety हाल ही में महात्मा फूले विश्वविद्यालय, राहुरी से जारी सबसे नवीनतम किरम है। इस किस्म का दाना पीला-ब्राउन, आकर्षक, मध्यम आकार, 100 दानों का वजन 23 ग्राम सिंचित एवं असिंचित दोनों परिस्थितियों के लिए उपयुक्त।

कीट एवं बीमारियों जैसे फ्यूजेरियम विल्ट (उक्टा) के लिए प्रतिरोधकता का गुण। इस किस्म का बीज 30 कि.ग्रा. एकड़ एवं 20 अक्टूबर से 10 नवंबर तक बोनी के लिए उत्तम। इस किस्म की अवधि अली किस्म Best gram variety होने से 95 से 105 दिवस है। चने की यह नवीनतम किस्म अपनी उत्पादन क्षमता एवं गुणों के कारण अपने नाम के अनुरूप विश्व पर राज करेगी।

5. चना – आर. वी. जी. 204 (RVSSG 8102)

Best gram variety चने की यह अत्यंत उन्नत किस्म मैकेनिकल हार्वेस्ट हेतु ऊँची किस्म होने से हार्वेस्टर से काटने हेतु उपयुक्त किस्म है। चने यह किस्म राजमाता सिंधिया कृषि विश्वविद्यायल के सिहोर केन्द्र से वर्ष 2021 में जारी की गई है। देश के मध्य क्षेत्र मध्यप्रदेश, राजस्थान, गुजरात, महाराष्ट्र, बुंदेलखण्ड हेतु समय से बोनी के लिए अनुशंसित की गई है। इस किस्म को ICCV 10 व ICCL 87322 चने की किस्मों के क्रास से यह किस्म विकसीत की गई है।

इसका दाना आकर्षक, मध्यम आकार, 100 दानों का वजन लगभग 24 ग्राम इस किस्म की अवधि 110 दिवस सिंचित अवस्था में रहेगी। चने की इस किस्म को एडवांस जनरेशन की किस्म के रूप में एक बड़ा नाम किसानों के बीच मिलने वाला है क्योंकि रोग प्रतिरोधकता, उच्च उत्पादकता, हार्वेस्टर से काटने की सुविधा जिससे मजदूरी, समय व लागत की बचत ऐसे गुण है जो इस किस्म Best gram variety को बहुत जल्दी एक बड़े कृषि क्षेत्र में आच्छादित कर देंगे।

चने की खेती के लिए भूमि का प्रकार

Best gram variety चने की खेती दोगट भूमि से मटियार भूमि में सफलतापूर्वक की जा सकती है एवं मृदा का पी. एच. मान 6-7.5 उपयुक्त रहता है।

चने की बुवाई का समय एवं बीज की मात्रा

चने की बुवाई Best gram variety का उचित समय अक्टूबर का दूसरा पखवाड़ा उपयुक्त रहता है यदि धान की फसल के बाद चने की बुवाई करनी है तो नवम्बर के प्रथम सप्ताह तक कर लेनी चाहिए।

बीज की मात्रा बीज के आकार पर निर्भर करती है। सामान्य दानों वाला चना 70-80 कि.ग्रा. प्रति हेक्टेयर मोटे दाने वाला चना 80-100 कि.ग्रा. प्रति हेक्टेयर एवं काबुली चना (गोटा दाना) 100-120 कि.ग्रा. प्रति हेक्टेयर की दर से प्रयोग करना चाहिए।

खेत की तैयारी एवं बुवाई की विधि

मृदा में वायु संचरण Best gram variety चने के पौधों की वृद्धि एवं विकास के लिए आवश्यक है। एक गहरी जुताई मिट्टी पलटने वाले हल से करने के उपरान्त एक जुताई विपरीत दिशा में हैरो या कल्टीवेटर द्वारा करके पाटा लगाना पर्याप्त है। Best gram variety चने की बुवाई सीड ड्रिल द्वारा 7-10 से.मी. की गहराई तक करनी चाहिए जिसमें कतार से कतार की दूरी 30 से.मी. एवं पौधे से पौधे की दूरी 8 से 10 से.मी. रहनी चाहिए।

बीज उपचार 

चने की फसल Best gram variety में अनेक प्रकार के कीट एवं बीमारियां हानि पहुंचाते हैं इनके प्रकोप से फसल को बचाने के लिए बीज को उपचारित करके ही बुवाई करनी चाहिए। बीज को उपचारित करते समय सावधानी रखना चाहिए कि सर्वप्रथम बीज को फफूंदनाशी, फिर कीटनाशी तथा अन्त में राइजोबियम कल्चर से उपचारित करें। बीज को कार्बेन्डाजिम या मैन्कोजेब या थाइरस की 1.2 से 2 ग्राम मात्रा प्रति किलोग्राम बीज की दर से उपचारित करें। दीमक एवं अन्य भूमिगत कीटो की रोकथाम के लिए क्लोरोपाइरीफोस 20 ई.सी. की 8 मिली. मात्रा प्रति किलोग्राम बीज की दर से उपचारित करें।

अन्त में बीज को राइजोबियम कल्चर एवं फास्फोरस घुलनशील जीवाणु की 500 ग्राम प्रति हेक्टेयर क्षेत्र के लिए आवश्यक बीज की मात्रा को उपचारित करें। बीज को उपचारित करने के लिए एक लीटर पानी में 250 ग्राम गुड़ को गर्म करने के बाद ठंडा होने पर उसमें राइजोबियम कल्चर व फास्फोरस घुलनशील जीवाणु को अच्छी तरह मिलाकर उसमें बीज Best gram variety उपचारित करना चाहिए। उपचारित बीज को लगभग 2 घंटे तक छाया में सुखाकर शीघ्र बुवाई करनी चाहिए।

खाद एवं उर्वरक प्रबंधन 

Best gram variety खाद एवं उर्वरको के प्रयोग एवं बुवाई से पहले खेत की मिट्टी की जांच करानी आवश्यक है। अच्छी पैदावार के लिए 10-15 टन सड़ी गोबर की खाद खेत की तैयारी के समय मिलायें दलहनी फसल होने के कारण चने की फसल में कम नाईट्रोजन की आवश्यकता होती है।

चने के लिए 20 किलो ग्राम नाईट्रोजन, 40 किलोग्राम फारफोरस, 30 किलोग्राम पोटाश, एवं 30 किलोग्राम सल्फर प्रति हेक्टेयर की दर से बुवाई के समय प्रयोग करना चाहिए। सिंचाई प्रबंधन: सिंचाई की आवश्यकता पड़ने पर पहली सिंचाई शाखाएँ बनते समय तथा दूसरी सिंचाई फली बनते समय देनी चाहिए। फूल बनने की अवस्था में सिंचाई नहीं करनी चाहिए। इस समय सिंचाई करने पर फूल झड़ जाते है।

खरपतवार प्रबंधन

Best gram variety पहली निराई-गुड़ाई बीज बुवाई के 25-30 दिन बाद और दूसरी 60 दिन बाद करनी चाहिए। रसायनों द्वारा खरपतवारों को नियंत्रण करने के लिए फ्लूक्लोरेलिन की 1.5 से 2 लीटर मात्रा को 700-800 लीटर पानी में घोलकर प्रति हेक्टेयर की दर से बुवाई से पूर्व सतह की मिट्टी में अच्छी तरह मिलाए। यदि बुवाई के 15-20 दिन बाद खेत में खरपतवार ज्यादा दिखाई दे तो कुजालोफॉप ईथाइल की 1 लीटर मात्रा, 700-800 लीटर पानी में मिलाकर छिड़काव करें।

पादप सुरक्षा

उकठा रोग :- उकठा रोग Best gram variety का प्रमुख करक फ्यूजेरियम ऑक्सीस्पोरम प्रजाति साइसेरी नामक फफूँद है। यह एक मृदा एवं बीज जनित बीमारी है। इसकी रोकथाम के लिए गर्मियों में गहरी जुताई करें 1 ग्राम कार्बेन्डाजिग (काविस्टीन) या कार्येक्सिन एवं 4 ग्राम टाइकोडर्मा विरिडी प्रति कि.ग्रा. डालना चाहिए।

यहां मिलेंगे चने की उन्नत किस्मों के बीज

वसुंधरा बायो ऑर्गेनिक से सीड्स लेने के लिए संपर्क करें –

  • पता – 51, राजस्व कॉलोनी, टंकी पथ, उज्जैन-456010 (म.प्र.)
  • फोन – 2530547 , फेक्स – 0734-2530547
  • मोबाईल – 9301606161 , 94253-32517
  • ई-मेलvasundharabio@yahoo.co.in

DISCLAIMER : उपरोक्त समस्त फसलों एवं बीजों Best gram variety का विवरण/विशेषताएं आदर्श कृषि कार्यशाला एवं आदर्श परिस्थितियों के अनुसार प्राप्त व्यावहारिक/वास्तविक आँकड़ों के आधार पर दिये गये हैं। इन आदर्श स्थितियों में उपरोक्त समस्त फसलों एवं बीजों का जानकारी के आधार पर तथा कृषकों से प्राप्त परिवर्तन होने पर उपरोक्त विशेषताओं/आँकड़ों में भी परिवर्तन हो सकता है।

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