सोयाबीन कीटनाशक के पहले डोज की अवस्था में, कौन सी दवाई छिड़कें जानिए..

किसान कीटनाशक के पहले छिड़काव Soybean me kit nashak ka pahala dose में निम्न कॉम्बिनेशन को ले सकते है, फायदा मिलेगा..

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Soybean me kit nashak ka pahala dose | सोयाबीन की खेती किये जाने वाले क्षेत्रों में बोवनी की तिथियों में भिन्नता होने से इस समय सोयाबीन की 30-40 दिन की है। कुछ क्षेत्रों में वर्षा हो रही हैं जबकि कुछ क्षेत्रों में पर्याप्त वर्षा नहीं होने से फसल की बढ़वार अपेक्षाकृत नहीं हैं। जहा सबसे पहले बोवनी हुई और इस सप्ताह फूल आने की अवस्था में है। ऐसे में सोयाबीन की फसल में एमपी के कुछ इलाकों से फसल में इल्लियां गर्डल बीटल एवं तना मक्खी दोनों प्रकार के रोग देखा जाने लगा है। किसानों को सोयाबीन कीटनाशक के पहले डोज की अवस्था में, कौन सी दवाई छिड़कें जानिए डिटेल..

पहले सुनिश्चित करें की इल्ली है यह नहीं

Soybean me kit nashak ka pahala dose | अपने खेत की नियमित निगरानी करें एवं खेत में जाकर 3-4 स्थानों के पौधों को हिलाकर सुनिश्चित करें। कि क्या आपके खेत में किसी इल्ली या कीट का प्रकोप हुआ है या नहीं और यदि हैं, तो कीड़ों की अवस्था क्या हैं? जिसके बाद ही कीटनाशक दवाई का प्रयोग करें।

चक्र भृंग के लिए नियंत्रण

सोयाबीन की फसल धनी होने पर चक्र भृंग का प्रकोप अधिक होने की सम्भावना होती हैं। इसके लिए प्रारंभिक अवस्था में ही (एक सप्ताह के अन्दर दो रिंग दिखाई देने वाली ऐसी मुरझाई लटकी हुई ग्रसित पत्तियों को तने से तोड़कर जला दे या खेत से बाहर करें। फीट एवं रोगों से फसल सुरक्षा हेतु उपयुक्त रसायनों का छिडकाव किया जाना चाहिए, भले ही सोयाबीन फसल फुल आने की अवस्था में हो। : Soybean me kit nashak ka pahala dose

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सोयाबीन में कौन सा कीटनाशक डालें?

सोयाबीन में कीटनाशक के पहले डोज की अवस्था में फसल में थायमेथोक्साम 12.6% + लैम्डा-साइहेलोथ्रिन 9.5% ZC (अलीका) के साथ 200 ml/ हैक्टर + Quinalphos 25% EC 750 से 1000ml / हैक्टर या फिर दूसरा डोज प्रोफेनोफोस 50% EC @ 750 – 1000 मिली/हेक्टेयर + कार्टाप हाइड्रोक्लोराइड 50% SP @ 500 – 750 ग्राम/हेक्टेयर के हिसाब से दवाई का छिड़काव करें। : Soybean me kit nashak ka pahala dose

शुरुआती अवस्था की इल्लियां गर्डल बीटल ,तना मक्खी उपरोक्त दोनों में से किसी भी कांबिनेशन से नियंत्रित हो जाएगी। इमामेक्टिन बेंजोएट को पहले छिड़काव में नहीं लिया जा रहा है।

सोयाबीन कृषकों को जरूरी सलाह

Soybean me kit nashak ka pahala dose | कृषकों को सलाह हैं कि जलभराव से होने वाले नुकसान से सोयाबीन फसल को बचाने हेतु अतिरिक्त जल निकासी सुनिश्चित करें। इसके अलावा सूखे की स्थिति में भूमि में दरारे पड़ने से पूर्व ही फसल की सिंचाई करें। इसके लिए स्प्रिंकलर/ट्रिप / BBF/ रिज फरो से बनी नालियों का उपयोग किया जा सकता है। कृषकगण अन्य उपाय जैसे भूसे/खरपतवारों की पलवार लगा कर नमी संरक्षण का काम कर सकते हैं।

डिसक्लेमर : यहां दी गई दवाइयों को उपयोग करने से पहले अपने नजदीकी कृषि विशेषज्ञ या दुकानदार से अवश्य सलाह ले लेवे।(Soybean me kit nashak ka pahala dose)

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