भरपूर बारिश के बाद गेहूं की बिजाई बढ़ेगी, किसानों को गेहूं की यह वैरायटियां करेगी मालामाल..

अक्टूबर महीने से गेहूं की बुवाई शुरू होने की संभावना है, आईए जानते हैं गेहूं की टॉप वैरायटियों Top Wheat Variety के बारे में..

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Top Wheat Variety | मानसून की विदाई को लेकर स्काईमेट में हाल ही में अनुमान जारी किया है कि मानसून की विदाई 15 सितंबर से हो जाएगी।

इधर इस वर्ष मानसून सीजन के दौरान भरपूर बारिश हुई है। कुएं, नदी, तालाब सभी भर चुके हैं। रबी की फसल के रूप में गेहूं की बिजाई जोरदार होने की संभावना बन गई है।

किसान अभी से गेहूं की वैरायटियों के संबंध में तलाश करने लगे हैं। एमपी के मालवा क्षेत्र के अधिकांश किसान लोकवन वैरायटी को बौना पसंद करते हैं। इस वैरायटी के भाव भी अच्छे मिलते हैं।

इसके अलावा इस वर्ष और कौन-कौन सी वेरायटियों Top Wheat Variety की सबसे ज्यादा डिमांड रहेगी एवं किसानों के लिए सबसे उपयुक्त किस्में कौन-कौन सी रहेगी, आईए जानते हैं..

1. जीडब्ल्यू 513 गेंहू किस्म (GW 513 Wheat Variety)

गेंहू की जीडब्ल्यू 513 किस्म Top Wheat Variety को गुजरात जौ एवं अनुसंधान संस्थान द्वारा 10 वर्षों की गहन रिसर्च के पश्चात् तैयार किया था।

पिछले साल जारी की गई किस्म को मंडियों में लोकवन, पूर्णा गेहूं के साथ अच्छे भाव मिल रहे है।

समय पर बोनी के लिए इसे मध्यप्रदेश, गुजरात, राजस्थान के साथ देश के मध्यक्षेत्र हेतु बोनी के लिये अनुशंसित की गई है।

जीडब्ल्यू 513 गेंहू किस्म Top Wheat Variety की खासियत, पैदावार एवं अवधि :-

जीडब्ल्यू 513 गेंहू किस्म कम ऊंचाई वाली चपाती / बिस्कीट के लिए बाजार में अच्छी कीमत मिल रही है।

इस किस्म में जिंक (39.00 पी.पी.एम.)आयरन ( 36.00 पी.पी.एम.) व प्रोटीन (11% ) की मात्रा अधिकतम होने से अच्छी डिमांड है।

322 जीडब्लू गेंहू की तुलना में कम पौधे की ऊंचाई अधिक होने से आड़ा होने की समस्या एवं इस किस्म का दाना आकर्षक-चमकदार है। इसके 1000 दानों का वजन 47 ग्राम है।

गेहूँ की इस किस्म Top Wheat Variety में अपनी चेक किस्म जी. डब्ल्यू. 322 से लगभग 18 से 21 प्रतिशत अधिक उत्पादन दिया है। जिसका औसतन उत्पादन 77.8 जबकि, अधिकतम 87 क्विंटल/हेक्टेयर उत्पादन है।

जी. डब्ल्यू. 513 किस्म की अवधि 322 किस्म से काफी कम है। क्षेत्र व परिस्थिति अनुसार 105 से 117 दिवस है एवं कम से कम 1 सिंचाई की बचत करके परम्परागत पुरानी शरबती किस्मों में बेहतर है।

इस किस्म की ऊँचाई कम लगभग 78 से 90 से.मी. है व टिलरिंग या कुचे काफी अधिक है तथा इस किस्म की काड़ी (स्ट्रा) कड़क होने से आड़ा पड़ने (लॉजिंग) की समस्या नहीं देखी गई है। इस किस्म का अंकुरण व टिलरिंग अधिक होने से बीज भी कम लगता है।

बीज दर : इस किस्म Top Wheat Variety की बीज दर 45 से 50 किलो प्रति एकड़ या 100 से 120 किलो हेक्टेयर लाईन से लाईन की दूरी 9″ से 10″ इंच रखने व 4 से 5 सिंचाई देने पर आदर्श परिणाम।

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2. पूसा मंगल HI 8713 गेंहू किस्म (Pusa Mangal 8713 wheat variety)

पूसा मंगल HI 8713 गेंहू किस्म Top Wheat Variety को पूसा के सहयोगी संस्थान गेहूँ अनुसंधान केन्द्र इन्दौर से जारी कठिया (ड्यूरम) गेहूँ की यह नवीनतक किस्म विकसित की है।

इस किस्म को मध्यप्रदेश, गुजरात, राजस्थान, महाराष्ट्र, छत्तीसगढ़ वाले मध्य क्षेत्र हेतु अनुशंसित पूर्व में जारी शक्ति से लगभग 5-10 प्रतिशत अधिक उत्पादन देने वाली किस्म है।

इसमें सर्वाधिक प्रोटीन, विटामिन ए, झींक तथा अन्य पोषक किस्म मानवीय स्वास्थ्य एवं देश में कुपोषण की समस्या को दूर करने के लिए खासतौर पर निर्मित की गई है।

पूसा मंगल HI 8713 गेंहू किस्म की खासियत अवधि एवं पैदावार :-

इस गेहूँ किस्म Top Wheat Variety का दाना अत्यन्त आकर्षक, बड़ा, सुनहरा चमकदार रंग गेहूँआ (अंबर) तथा खाने में अत्यन्त स्वादिष्ट है।

इसमें प्रोटीन, विटामिन व पोषक तत्वों की प्रचूर मात्रा होने से सुपर न्यूट्रीशनल वेल्यू के कारण बाफले, लड्डू, हलवा, पराठा, थुली, रवा, बेकरी, पदार्थ, इटेलियन व चायनीज खाद्य पदार्थ, पास्ता, नूडल्स, सिवय्या आदि बनाने के लिये गेहूँ की सर्वश्रेष्ठ/सर्वोत्तम किस्म है जिससे मंडियों में इसके उच्चतम भाव मिलते है।

गेहूँ की इस किस्म में पत्तियों की चौड़ाई मध्यम, सीधी पत्तियाँ, मोमयुक्त, जो इसे सूखा सहन करने की क्षमता देता है। बाली का रंग सफेद, रोंएदार नहीं।

गेहूँ की यह किस्म कम ऊँचाई वाली लगभग 83-88 से.मी. काफी कुचे (टिलरिंग) छोड़ने वाली तथा इसकी काड़ी मोटी कड़क होने से आँधी या वर्षा की स्थिति में सामान्यतः आड़ी (लाजिंग) नहीं पडती है।

इस किस्म में लॉजिंग की समस्या नहीं होने के कारण अधिकतम उत्पादन प्राप्त होता है। इस जाति के गेहूँ की अंकुरण क्षमता 90 प्रतिशत से अधिक होने के कारण तथा कुचे अधिक छोड़ने की क्षमता तथा दाने का आकार मध्यम बोल्ड होने से इसकी बीज दर, मौसम एवं स्थानीय स्थितियों को ध्यान में रखते हुए लगभग 50 से 55 किलो प्रति एकड़ या 125-130 किलो हेक्टेअर बोना चाहिए।

इसकी बुवाई के समय लाईन से लाईन की दूरी 9″ से 10″ इन्च पर रखने तथा 10 नवम्बर से 15 दिसंबर तक बोवनी, 3 से 4 सिंचाई, अवधि/समय 120 से 125 दिवस एवं पूसा मंगल 8713 का औसत उत्पादन 80 क्विंटल प्रति हेक्टेअर से अधिक देने की क्षमता है।

यह किस्म Top Wheat Variety रोग प्रतिरोधकता, खिरने की समस्या (शेटरिंग) नहीं, गेरूआ, कर्नाल बंट, लूज स्मट आदि रोगों के लिए प्रतिरोधक किस्म होने से तथा अधिकतम उत्पादन देने के कारण गेहूँ की यह एक आदर्श कठिया किस्म भविष्य में किसानों के लिए वरदान सिद्ध होगी।

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➡️ पूसा मंगल HI 8713 गेंहू किस्म की पूरी जानकारी पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें।

3. पूसा अहिल्या HI 1634 गेंहू किस्म (Pusa Ahilya HI 1634 wheat variety)

गेहूँ की यह किस्म Top Wheat Variety गेहूँ अनुसंधान केन्द्र, इंदौर (IARI) से वर्ष 2021 में जारी की गई है। इसका गजट नोटिफिकेशन क्र. एस.ओ. 500 (E) दिनांक 29.1.2021 है।

गेहूँ की पूसा अहिल्या किस्म चपाती एवं बिस्कीट हेतु एक सर्वश्रेष्ठ आदर्श किस्म के रूप में म.प्र., राजस्थान, गुजरात, छत्तीसगढ़, झाँसी क्षेत्र देश के मध्यक्षेत्र में बोनी हेतु अनुंशसित की गई है।

पूसा अहिल्या HI 1634 गेंहू किस्म की खासियत, पैदावार एवं अवधि :-

इस किस्म ने अपनी चेक किस्मों के विरूद्ध 17 से 30 प्रतिशत तक अधिक उत्पादन दिया है। इस किस्म में अधिक तापमान की स्थितियों में भी अपनी उम्र उत्पादन क्षमता के गुण के कारण लगभग 30 क्विंटल एकड़ या 70.60 क्विंटल हेक्टेयर तक उत्पादन देने की क्षमता है।

इस किस्म की सबसे बड़ी खासियत यह है कि उच्च तापमान होने पर भी यह किस्म जल्दी नहीं पकती है, जिससे इसका उत्पादन कम नहीं होता है।

फरवरी / मार्च में तापमान बढ़ने पर अन्य पुरानी किस्मों Top Wheat Variety में जो 20 प्रतिशत तक की क्षति उत्पादन में होती है वह इस किस्म की बढ़े तापमान को सहन करने की क्षमता के कारण इसमें नहीं होती है।

पूसा अहिल्या एक अर्ली किस्म अवधि 105 से 110 दिवस होने से इस किस्म को देरी बोनी हेतु दिसम्बर के अंत तक बोने के लिये भी एक सर्वश्रेष्ठ किस्म के रूप में अनुशंसित किया गया है। जिसके कारण आलू-मटर व अन्य अगाती फसल लेने वाले किसानों के लिये यह किस्म वरदान सिद्ध होगी।

इस किस्म में तापमान की सहनशीलता के गुण के कारण दो सिचाई में भी अच्छा उत्पादन देने की क्षमता जिससे बिजली पानी की बचत तीन से चार सिचाई देने पर उत्पादन में स्वाभाविक रूप से वृद्धि होगी।

इस किस्म की ऊँचाई कम 80 से 85 से.मी. होने व कुचे (टिलरिंग) काफी होने से आड़ा पड़ने की (लॉजिंग) की समस्या नहीं।

इसके 1000 दानों का वजन लगभग 40 ग्राम से 5/- इस किस्म में कर्नाल बंट, लुज स्मट, स्टेम रस्ट, लीफ ब्लाईट, फ्यूजेरियम हेड ब्लाईट, रूट राट, फ्लेग स्मट आदि बीमारियों के प्रति प्रतिरोधकता होने से सुरक्षित उत्पादन की गारंटी। Top Wheat Variety

इस किस्म की बीज दर प्रति एकड 40/45 किलो प्रति हेक्टेयर लगभग 100 किलो व लाईन से लाईन की दूरी 9″ से 10″ इंच रखने आदर्श कार्यमाला अनुसार अनुशंसित फर्टीलाईजर एवं सिंचाई प्रबंधन करने पर आदर्श परिणाम देखने को मिलता है।

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4. पूसा तेजस HI 8759 गेंहू किस्म (Pusa Tejas HI 8759 Wheat Variety)

गेंहू की पूसा तेजस HI-8759 नवीनतम कठिया किस्म समय से बोनी हेतु म.प्र., राजस्थान, छत्तीसगढ़ आदि मध्य क्षेत्र हेतु वर्ष 2017 में पूसा के सहयोगी संस्थान गेहूँ अनुसंधान केन्द्र, इन्दौर Top Wheat Variety से जारी की गई है।

इसमें आज तक जारी समस्त कठिया गेहूँ की किस्मों की तुलना में लगभग 10-12 प्रतिशत अधिक उत्पादन देने की क्षमता वैज्ञानिकों एवं व्यावहारिक रूप से किसानों द्वारा लिये गये उत्पादन के आंकड़ों के अनुसार बताई गई है।

पूसा तेजस HI 8759 गेंहू किस्म की खासियत, पैदावार एवं अवधि :-

इस किस्म का दाना अत्यन्त आकर्षक, थोड़ा कड़क, बड़ा, चमकदार, लम्बाकार, 1000 दानों का वजन 50-55 ग्राम, प्रोटीन एवं विटामिन ए, झोंक तथा अन्य पोषक तत्वों से भरपूर यह किस्म बाफले, लड्डू, थुली, रवा, बेकरी आयटम, सिवैय्या / नूडल्स पास्ता आदि बनाने हेतु सर्वश्रेष्ठ है , जिससे बाजार में इसके भाव अच्छे देखने को मिलते है।

गेंहू की इस किस्म Top Wheat Variety में में पत्तियों की चौड़ाई मध्यम, सीधी एवं पत्तियों की सतह चिकनी मोमयुक्त मजबूत होने से इस किस्म में सूखा सहन करने की भी असाधारण क्षमता देखी गई है।

पूसा तेजस किस्म में बाली का रंग सफेद, रोएंदार नहीं, पौधे की ऊँचाई लगभग 85 से.मी. कम ऊँचाई वाली किस्म होने व कूचे (टिलरिंग) अधिक छोड़ने की क्षमता तथा काड़ी कड़क होने के कारण आधी / वर्षा की स्थिति में पौधों में आड़ा (लाजिंग) पड़ने की समस्या नहीं होने से नुकसान कम होता है व उत्पादन भी अधिकतम प्राप्त होता है।

इसकी अंकुरण क्षमता 90 प्रतिशत या अधिक होने व कूचे काफी होने के कारण लाईन से लाईन की दूरी 10″ (इंच) रखने तथा बीज दर 50-55 किलो एकड़ या 125 किलो प्रति हेक्टेयर, नवंबर से लेकर 15 दिसंबर तक बुवाई, अवधि लगभग 115 से 120 दिवस है।

इसमें सामान्यतः 3 से 5 सिंचाई दे सकते है। यदि आपके पास सिंचाई की उपलब्धता है, तो अधिकतम 5 से 6 सिंचाई भी दे सकते है। इसकी अधिकतम उपज क्षमता 90 से 95 क्विंटल प्रति हेक्टेयर है।

Top Wheat Variety ; गेंहू की पूसा तेजस HI-8759 किस्म सर्वोच्च उत्पादन वाली खिरने (शेटरिंग) की समस्या नहीं। गेरूआ, कर्नाल बंट, लूज स्मट आदि रोगों के लिए प्रतिरोधक किस्म है।

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एच आई पूसा ओजस्वी 1650 गेंहू किस्म की अधिक जानकारी के लिए यहां क्लिक करें..

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