इस वर्ष गेंहू की इन टॉप 3 नई किस्मों ने किया कमाल, निकाला सबसे बढ़िया उत्पादन, देखें डिटेल

आइए जानते है कौन सी है गेंहू की वह टॉप 3 किस्मों (Top Wheat Variety)? एवं इनकी पैदावार और खासियत क्या रही…

Top Wheat Variety | गेंहू की कटाई का काम जोरों पर है। एमपी सहित अन्य राज्यों में गेंहू की कटाई काम भी समाप्त होने वाला है। बता दें की, इस बार गेंहू का बंपर उत्पादन हुआ है।

हर वर्ष की तरह किसानों द्वारा इस बार भी गेंहू की नई उन्नत किस्में बोई गई थी। जिससे किसानों ने अच्छा उत्पादन भी प्राप्त किया है। इसमें एचआई 1650 से लेकर कई अन्य किस्में शामिल थी।

हालांकि, हम यहां आर्टिकल में आज आपको बताने वाले इस वर्ष सबसे ज्यादा चर्चा में रही उन टॉप 3 नई किस्मों के बारे में, जिन्होंने किसानों को बेहतर उत्पादन निकालकर दिया है।

आइए चौपाल समाचार के इस आर्टिकल में जानते है कौन सी है गेंहू की टॉप 3 उन्नत किस्में (Top Wheat Variety), जिन्होंने अच्छा उत्पादन दिया है…

1. गेंहू एचडी 3385 किस्म (Wheat HD 3385 variety)

पहले नंबर पर हम बात करने जा रहे है इस वर्ष गेंहू की सबसे ज्यादा चर्चा में रहने वाली गेंहू की एचडी 3385 किस्म के बारे में। मिली जानकारी के मुताबिक, किसान ने बुवाई के दौरान 20 से 25 किलो गेंहू बीज बोया था। जिससे उसने 6 सिंचाई में 13 से 14 क्विंटल बीघा यानी 65 से 70 क्विंटल प्रति हेक्टेयर तक उपज निकाली है।

कृषि वैज्ञानिकों द्वारा अलग-अलग क्षेत्र में किए गए परीक्षणों में इसकी उत्पादन क्षमता करीब 75 क्विंटल प्रति हेक्टेयर तक पाई गई है। यह किस्म Top Wheat Variety भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान क्षेत्रीय स्टेशन करनाल ने विकसित की है, जो उत्तर भारत के राज्यों के लिए अनुशंसित की गई है।

खासियत : गेहूं की यह नवीनतम वैरायटी गेहूं में लगने वाले करनाल बंट रोग के प्रति अत्यधिक रोग प्रतिरोधक है। इस किस्म की अगेती बुवाई करने पर मार्च के अंत में यदि तापमान बढ़ेगा तो इसके पकते समय दानों पर असर नहीं पड़ेगा।

गेहूं की या वैरायटी तापमान सहनशील है। जैसे कि 2021-22 में अचानक तापमान में वृद्धि होने से गेहूं की कच्ची बालियों में दूधिया दानों पर असर हुआ था। इस प्रजाति में तापमान के प्रति सहनशीलता है।

गेंहू की नई किस्म Top Wheat Variety एचडी 3385 किस्म के पौधे की ऊंचाई 98 सेमी है। गेहूं की नई किस्म एचडी 3385 किस्म येलो, ब्राउन और ब्लैक रस्ट के लिए अत्यधिक प्रतिरोधी है। इस किस्म में टिलरिंग की समस्या नहीं देखी गई है।

खेती की जानकारी : गेंहू की एचडी-3385 की बिजाई अक्तूबर अंत व नवम्बर का प्रथम सप्ताह (25 अक्तूबर से 5 नवम्बर तक ) उपयुक्त समय और तापमान की स्थिति अनुसार शुरू की जाएगी।

उत्तर भारत के राज्यों में गेहूं Top Wheat Variety की अन्य सभी अनुशंसित किस्मों की बिजाई के लिए किसानों को उपयुक्त समय और तापमान का भी ध्यान रखना है। रात का तापमान 16 से 20 डिग्री और दिन का तापमान 25 से 30 डिग्री सेल्सियस के आसपास होना चाहिए।

2. गेंहू डीबीडब्लयू 377 करण बोल्ड किस्म (Wheat DBW 377 Karan Bold Variety)

( Top Wheat Variety ) दूसरे नंबर पर हम बात करने वाले है भारतीय गेंहू एवं जौ अनुसंधान केंद्र करनाल, हरियाणा द्वारा विकसित की गई गेंहू की डीबीडब्ल्यू 377 (करण बोल्ड) किस्म। किसान द्वारा इस वर्ष 20 से 25 क्विंटल बीघा के हिसाब से बुवाई की गई थी।

जिससे 6 पानी में 13 से 14 क्विंटल बीघा यानी प्रति हेक्टेयर 65 से 70 क्विंटल पैदावार ली गई है। हालांकि, कृषि वैज्ञानिकों द्वारा इस किस्म Top Wheat Variety से अधिकतम 86.3 प्रति क्विंटल हेक्टेयर तक पैदावार ली गई थी।

खासियत : बता दें की, कृषि संबंधी परीक्षणों में उर्वरकों की अनुशंसित खुराक पर प्रयोग में गेंहू डीबीडब्लयू 377 को प्रथम स्थान मिला। परीक्षण प्रविष्टियों और जांच किस्मों के बीच इसने सबसे अधिक हज़ार अनाज का वजन (48 ग्राम) दिखाया है।

गेंहू डीबीडब्लयू 377 पत्ती  Top Wheat Variety और तने के जंग के लिए अत्यधिक प्रतिरोधी है। एपीआर अध्ययनों के तहत, इसने गेहूं की प्रमुख प्रजातियों भूरा रतुआ और तना रतुआ रोग के प्रति प्रतिरोध दिखाया है।

जीन अभिधारणा ने भूरे रतुआ के लिए जीन संयोजन Lr23+1+ और काले रतुआ के लिए R का संकेत दिया। डीबीडब्ल्यू 377 गेहूं ब्लास्ट रोग के प्रति प्रतिरोधी है (औसत स्कोर 10.0) और इसने करनाल बंट के प्रति बेहतर प्रतिरोध प्रदर्शित किया है।

खेती की जानकारी : भारतीय गेंहू एवं जौ अनुसंधान केंद्र करनाल, हरियाणा के मुताबिक, खेती के लिए अनुशंसित क्षेत्र छत्तीसगढ़, झारखंड, ओडिशा, राजस्थान, मध्य प्रदेश, गुजरात, उत्तर प्रदेश के झांसी संभाग और राजस्थान के कोटा और उदयपुर संभाग में उपज परीक्षण में बेहतर प्रदर्शन देखा गया है। इस किस्म की बुवाई 1 से 10 नवंबर, बीज दर 100 किलोग्राम/हेक्टेयर तक है। Top Wheat Variety

3. गेंहू एचआई 1650 पूसा ओजस्वी किस्म (Wheat HI 1650 Pusa Ojaswi variety)

तीसरे नंबर पर हम बात करने वाले है भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान के इंदौर स्थित क्षेत्रीय गेहूं अनुसंधान केंद्र द्वारा विकसित की गई गेंहू एचआई 1650 पूसा ओजस्वी किस्म Top Wheat Variety के बारे में। जिसने 5 पानी ने 12 से 13 क्विंटल बीघा यानी 60 से 65 क्विंटल हेक्टेयर तक उत्पादन निकाला है।

किसान ने बुवाई के दौरान 20 से 25 किलो बीघा गेंहू डाला था। इस किस्म से वैज्ञानिकों द्वारा 70 से 75 क्विंटल हेक्टेयर तक उत्पादन लिया गया था। कृषि वैज्ञानिकों के मुताबिक, इस किस्म की औसत उत्पादन 60 से 80 क्विंटल प्रति हेक्टेयर तक है। तेजस गेहूं की हाइट के समान ही इस किस्म के गेहूं की हाइट है।

विशेषताएं : कृषि वैज्ञानिकों के मुताबिक गेंहू की इस किस्म की हाइट मीडियम सामान्य होने के कारण बारिश एवं हवा के दौरान गिरने की समस्या नहीं रहती है। मोटे तने और कम लंबाई के कारण फसलें जमीन पर नहीं लेटेंगी और खूब पैदावार निकाली जा सकती है। इसके अलावा इसकी प्रमुख खासियत विशेषता यह है ही इसकी बाली में 70 से 80 दाने रहते हैं एक रो में चार दाने रहेंगे। Top Wheat Variety

खेती की जानकारी : Top Wheat Variety यह खासकर अधिक सिंचाई वाले क्षेत्र में नवंबर माह में बोई जाएगी। औसत उत्पादन 60 से 80 क्विंटल प्रति हेक्टेयर रहेगा। एक हेक्टेयर में 100 किग्रा बीज की बुआई होगी। 90 से 95 सेमी पौधे की ऊंचाई होगी और 115 से 120 दिन में फसल पक जाएगी। 1000 दानों का वजन 45 से 50 ग्राम है। लंबे आकार का दाना चमकीला और कठोर होता है।

खेती किसानी की नई नई जानकारी से अपडेट रहने के लिए आप हमारे व्हाट्सएप चैनल को फॉलो कर सकते है।

👉 व्हाट्सऐप चैनल से जुड़े।

यह भी पढ़िए….👉 अप्रैल महीने में करें इन टॉप 5 सब्जियों की खेती, 50 से 60 दिनों में होगी जोरदार कमाई…

👉 मार्च से लेकर जून-जुलाई तक करें बाजरे की इन टॉप किस्मों की बुवाई, मिलेगा जबरदस्त फायदा..

👉 एमपी के 11.50 लाख हेक्टेयर रकबे में होगी मूंग की खेती, कृषि वैज्ञानिकों ने किसानों के लिए जारी की जरूरी एडवाइस…

👉 95 से 100 टन प्रति हेक्टेयर की उपज देने वाली रोग प्रतिरोधी शरदकालीन गन्ने की टॉप किस्मों के बारे में जानिए..

👉 मार्केट में आई बुवाई की नई मशीन, अब खेतों में आसानी से होगी बीज की बुवाई, जानें खासियत एवं कीमत

प्रिय पाठकों…! 🙏 Choupalsamachar.in में आपका स्वागत हैं, हम कृषि विशेषज्ञों कृषि वैज्ञानिकों एवं शासन द्वारा संचालित कृषि योजनाओं के विशेषज्ञ द्वारा गहन शोध कर Article प्रकाशित किये जाते हैं आपसे निवेदन हैं इसी प्रकार हमारा सहयोग करते रहिये और हम आपके लिए नईं-नईं जानकारी उपलब्ध करवाते रहेंगे। आप हमारे टेलीग्राम एवं व्हाट्सएप ग्रुप से नीचे दी गई लिंक के माध्यम से जुड़कर अनवरत समाचार एवं जानकारी प्राप्त करें.

Leave a Comment