लहसुन की फसल (Garlic Farming) में 70 से 90 दिन के बीच की अवस्था में किस खाद का उपयोग करें जिससे पैदावार में बढ़ोतरी होगी। आइए जानते है…
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Garlic Farming | लहसुन की फसल में समय-समय पर कई कार्यों को करने की आवश्यकता होती है। कई बार पोषक तत्वों की कमी के कारण गुणवत्ता में कमी आ जाती है।
बात करें लहसुन के कंदों की तो लहसुन की बुवाई के करीब 90 दिनों बाद पौधों में कंद बनने लगते हैं। इस समय पोषक तत्वों की कमी होने पर कंदों का आकार छोटा रह जाता है।
ऐसे में किसानों को कुछ खास बातों का ध्यान रखना, उन्हें अपनी लहसुन की फसल में किस खाद का उपयोग करना चाहिए ताकि उनकी लहसुन का साइज बढ़े और पैदावार में भी बढ़ोतरी हो। : Garlic Farming
इस समय पर गलतियां करने से आपके पौधों की सेहत और उत्पादन दोनों पर नकारात्मक प्रभाव पड़ सकते हैं।
आइए चौपाल समाचार के इस आर्टिकल में जानते है लहसुन की फसल में 70 से 90 दिन की अवस्था में किसानों को क्या क्या करना चाहिए और क्या नहीं करना चाहिए….
लहसुन की 70 से 90 दिनों की फसल में किए जाने वाले कार्य
Garlic Farming | खरपतवारों की अधिकता से फसल को उचित मात्रा में पोषक तत्व नहीं मिलते हैं। इसलिए खेत में खरपतवारों पर नियंत्रण करें।
इस समय फसल में पोटाश का प्रयोग करें।
पोटाश की पूर्ति के लिए प्रति एकड़ भूमि में एन.पी.के 0:0:50 खाद का प्रयोग करें।
प्रति एकड़ खेत में 200 ग्राम बोरोन का भी प्रयोग करें।
लहसुन के पौधों का विकास होने पर कई बार कंदों का आकार छोटा रह जाता है। ऐसे में प्लांट ग्रोथ रेगुलेटर का प्रयोग करें। बाजार में यह दवा सिजेंटा की कल्चर नाम से उपलब्ध है। प्रति एकड़ भूमि में 150 लीटर पानी में 80 मिलीलीटर कल्चर मिला कर छिड़काव करें। : Garlic Farming
लहसुन की फसल में प्लांट ग्रोथ रेगुलेटर प्रयोग करने से पत्तियों की वृद्धि रुक जाती है और सभी पोषक तत्व कंद में जाने लगते हैं। फलस्वरूप कंदों का आकार बढ़ने लगता है।
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90 दिन की अवस्था में प्लांट ग्रोथ रेगुलेटर का उपयोग ना करें
Garlic Farming | किसान साथियों, लहसुन की फसल की लगभग 90 दिन की अवस्था के बाद, एक बड़ी गलती जो कई किसान करते हैं, वह है प्लांट ग्रोथ रेगुलेटर (PGR) का उपयोग। यह एक प्रकार का रसायन होता है, जिसे पौधों की बढ़ोतरी को नियंत्रित करने के लिए इस्तेमाल किया जाता है।
हालांकि, लहसुन के 90 दिन के बाद इसको इस्तेमाल करना आपके लिए हानिकारक हो सकता है। क्योंकि अगर आपने उटी फर्स्ट लहसुन या किसी अन्य वैरायटी का बीज लगाया है, तो इस समय पर प्लांट ग्रोथ रेगुलेटर का स्प्रे करने से पौधों की ऊपरी वृद्धि रुक जाती है और पौधे की सारी ऊर्जा कंद की ओर शिफ्ट हो जाती है। : Garlic Farming
इससे कंद का आकार तो बढ़ सकता है, लेकिन पौधे की अन्य ज़रूरी विकास प्रक्रिया रुक सकती है, जिससे फसल का सामान्य विकास प्रभावित हो सकता है। इसलिए, प्लांट ग्रोथ रेगुलेटर का स्प्रे आपको हार्वेस्ट के लगभग 20-25 दिन पहले करना चाहिए। यह समय सही है, क्योंकि उस समय पौधा पूरी तरह से तैयार हो जाता है और कंद में ऊर्जा सही से जा सकती है।
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Garlic Farming | इस समय एनपीके 00:00:50 और बोरान का स्प्रे करें
किसान भाइयों, 70 से 90 दिन की अवस्था में, लहसुन की फसल में पोषक तत्वों की आवश्यक आपूर्ति बेहद जरूरी होती है, क्योंकि इस समय लहसुन की फसल के कंद में बढ़ोतरी का एक महत्वपूर्ण समय होता है।
वह इस समय जरूरी पोषक तत्वों की आवश्यकता इसलिए होती है ताकि कंद का आकार और गुणवत्ता अच्छी बनी रहे। इन पोषक तत्वों की पूर्ति करने के लिए आपको एनपीके 00:00:50 और बोरान का स्प्रे करना चाहिए।
क्योंकि एनपीके यह स्प्रे लहसुन में पोटाश और सल्फर की कमी को पूरा करता है, जिससे कंद का आकार बढ़ता है और उसकी गुणवत्ता में सुधार होता है। इसके अलावा बोरान का स्प्रे लहसुन के कंद को फटने से बचाता है, जिससे कंद की गुणवत्ता बनी रहती है और उत्पाद का बाजार मूल्य भी बेहतर होता है। : Garlic Farming
सिंचाई का सही तरीका
किसान साथियों, लहसुन की फसल में सिंचाई भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है, लेकिन 80 से 100 दिन के बीच की अवस्था में आपको सिंचाई का विशेष ध्यान रखना होता है। क्योंकि इस समय तक, लहसुन के पौधे में लगभग 70% तक कंद विकसित हो चुका होता है।
इस अवस्था में पानी की मात्रा यदि कम या ज्यादा हो जाती है तो उसकी फसल पर नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है क्योंकि कम और ज्यादा पानी देने से कंद का बाहरी कवर खराब हो सकता है। : Garlic Farming
इसलिए सिंचाई करते वक्त ध्यान रखें कि पानी का दबाव कम हो, ताकि कंद का ऊपरी हिस्सा प्रभावित न हो। अधिक पानी देने से कंद सड़ सकता है और उसका जीवनकाल कम हो सकता है। इससे फसल की गुणवत्ता पर भी असर पड़ता है, इसलिए सिंचाई के दौरान सावधानी बरतें और कभी भी आवश्यकता से ज्यादा पानी न दें।
Garlic Farming : थ्रिप्स की समस्या
किसान भाइयों, थ्रिप्स लहसुन की फसल में एक सामान्य कीट समस्या है, जो फसल में लगभग 80 से 100 दिन की अवस्था में दिखाई देती है। ये कीट पौधों के तने और पत्तियों पर हमला करते हैं और पौधों की वृद्धि को रोकते हैं। जिसका सीधा असर फसल की पैदावार के साथ-साथ उसकी गुणवत्ता पर भी पड़ता है।
इस समय अगर आपके पौधों में थ्रिप्स की समस्या दिखाई दे रही है, तो आपको कीटनाशक का स्प्रे करना चाहिए। फसल पर रोग के लक्षण दिखाई देने पर कीटनाशक का छिड़काव करने से यह कीटों को नष्ट कर देता है, जिससे पौधों की सामान्य वृद्धि को बढ़ावा मिलता है। : Garlic Farming
इसके लिए बाजार में कई अच्छे कीटनाशक उपलब्ध हैं, लेकिन हमेशा उच्च गुणवत्ता वाले कीटनाशकों का उपयोग करें। इसके लिए किसान भाई डाइमिथोएट 30 ईसी का 1 मिलीलीटर दवा का 1 लीटर पानी के हिसाब से छिड़काव कर सकते हैं या फिर लैंब्डा साइहेलोथरिन 2.5 प्रतिशत वाली दवा का उपयोग 400 मिली मीटर प्रति एकड़ के हिसाब से भी कर सकते हैं। : Garlic Farming
नोट : फसलों में दवाइयों का इस्तेमाल करने से पहले अपने नजदीकी कृषि विशेषज्ञ या दुकानदार से अवश्य सलाह ले लेवे।
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