मौसम का आने वाले दिनों में गेहूं के भाव (Wheat Prices) पर क्या असर पड़ेगा आइए विशेषज्ञों से जानते हैं..
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Wheat Prices | फरवरी माह के दौरान पिछले कुछ दिनों में तापमान में तेजी से वृद्धि हुई है। दिन का पारा सामान्य से 3 से 6 डिग्री सेल्सियस अधिक दर्ज किया जा रहा है।
इससे उत्तर और मध्य भारत के ज्यादातर हिस्सों में गेहूं समेत कई रबी फसलों का उत्पादन प्रभावित होने की आशंका बढ़ गई है। तापमान बढ़ने के कारण सरसों और काबुली चने जैसी फसलों के जल्दी पकने की संभावना है।
मौसम विभाग के अनुसार उत्तरी राजस्थान, उत्तरी मध्य प्रदेश, पश्चिमी उत्तरप्रदेश, उत्तरी छत्तीसगढ़ और झारखंड आदि के कुछ हिस्सों में तापमान लगातार सामान्य से 5 या इससे अधिक दर्ज किया जा रहा है। : Wheat Prices
इसके अलावा उत्तर-पश्चिमी, मध्य और उससे सटे पूर्वी क्षेत्र में यह सामान्य से 3 से 5 डिग्री अधिक है। उत्तरी प्रायद्वीपीय पठारी क्षेत्र में सामान्य से 1 से 3 डिग्री सेल्सियस अधिक चल रहा है।
इधर तापमान बढ़ने का असर अभी से गेहूं के भाव पर पड़ने लगा है। पैदावार घटने से गेहूं के भाव Wheat Prices में बढ़ोतरी होगी। यह बढ़ोतरी कितनी होगी एवं सरकार की आगे क्या प्लानिंग है आइए विशेषज्ञों से जानते हैं..
तापमान बढ़ने पर कृषि विशेषज्ञों ने जारी की यह सलाह
Wheat Prices | मौसम विभाग के अनुसार पश्चिमी उत्तर प्रदेश, हरियाणा, उत्तरी राजस्थान, गुजरात, उत्तर-पूर्वी उत्तर प्रदेश, बिहार, ओडिशा, छत्तीसगढ़ में रात के तापमान में भी 1 से 3 डिग्री की वृद्धि हुई है। जबकि मध्यप्रदेश, विदर्भ, आंतरिक महाराष्ट्र, कर्नाटक और आंध्रप्रेदश के रायलसीमा में रात के पारे में 1 से 3 डिग्री सेल्सियस की गिरावट आई है।
कृषि वैज्ञानिक बताते हैं कि सामान्य से अधिक तापमान रहने से उत्तरी-पश्चिमी और मध्य भारत में गेहूं, प्याज, लहसुन और टमाटर जैसी फसलें प्रभावित हो सकती हैं।
इस समय फसलों में फूल आने का समय होता है और तापमान बढ़ने से इनके जल्दी पकने या फूल सूखने की आशंका बढ़ जाएगी जिसका सीधा असर फसल उत्पादन पर पड़ सकता है। : Wheat Prices
यही नहीं, गर्म मौसम का असर पालतू पशुओं पर भी पड़ता है और उन्हें अधिक देखभाल की जरूरत पड़ेगी। साथ ही उनके चारे में भी मौसम अनुकूल बदलाव करना होगा। बदलते मौसम को देखते हुये कृषि विशेषज्ञों ने किसानों को फसलों में सिंचाई आदि के लिये सावधानी बरतने की सलाह दी है।
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Wheat Prices | पिछले वर्ष से अधिक हुई इस वर्ष गेहूं की बुवाई
उल्लेखनीय है कि इस साल देश भर में 661 लाख हेक्टेयर में रबी फसलों की 3 बुवाई की गई है जो गत वर्ष की बुवाई 651.23 लाख हेक्टेयर से अधिक है।
गेहूं की बुवाई 324.18 लाख हेक्टेयर में की गई 1 है जो पिछले साल की बुवाई 318.33 लाख हेक्टेयर से 2 प्रतिशत अधिक है। धान उत्पादक क्षेत्रों में जहां गेहूं की बुवाई दिसंबर में की गई है, वहां गेहूं के उत्पादन पर विपरीत असर पड़ने की आशंका है। : Wheat Prices
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एमपी में भी हो सकता है गेहूं उत्पादन प्रभावित
इस साल फरवरी महीने से तापमान जल्दी बढ़ने से देश के प्रमुख गेहूं उत्पादक राज्य मध्यप्रदेश में भी गेहूं उत्पादन प्रभावित होने की आशंका बढ़ गई है। चालू रबी सीजन में प्रदेश में 94 लाख हेक्टेयर में गेहूं की बुवाई की गई है जो पिछले साल की गेहूं बुवाई से अधिक है। : Wheat Prices
प्रदेश में लगभग 38 प्रतिशत क्षेत्र का गेहूं जिसका रकबा 36 लाख हेक्टेयर है, दिसंबर में बोया गया है। धान की कटाई के पश्चात बोये गये गेहूं की अवधि अभी मात्र डेढ़ से दो माह की हुई है। गेहूं की अच्छी बढ़वार एवं पैदावार के लिये 90 दिनों तक 20 डिग्री से नीचे तापमान की जरूरत होती है।
वर्तमान में अधिकांश धान उत्पादक क्षेत्रों में दिन का तापमान 30 डिग्री से ऊपर एवं रात का 15 के ऊपर चल रहा है। ऐसी स्थिति में गेहूं का भरपूर उत्पादन मिलना मुश्किल है। प्रदेश के मालवा एवं निमाड़ क्षेत्र में जहां अक्टूबर-नवंबर मे गेहूं बोया गया है, वहां अच्छे उत्पादन की उम्मीद है। : Wheat Prices
तापमान बढ़ने से गेहूं के भाव पर यह पड़ेगा असर
मध्य प्रदेश एवं देश की अन्य प्रमुख कृषि उपज मंडियों में इस समय गेहूं की हल्की आवक होने लगी है। तापमान बढ़ने से पैदावार घटने की आशंका को देखते हुए गेहूं के भाव में अभी एक तरफ तेजी की स्थिति देखी जा रही है।
दूसरी और केंद्र सरकार के अलावा राज्य सरकारों ने अपने-अपने राज्यों में बोनस दिए जाने की घोषणा कर दी है। इससे भी गेहूं के भाव में तेजी को बल मिला है। : Wheat Prices
इधर पैदावार में कमी की आशंका से व्यापारी वर्ग गेहूं को ऊंचे भाव में खरीदने की तैयारी में जुट गए हैं। गेहूं का व्यापार करने वाले कारोबारी बताते हैं कि पिछले 3 साल से गेहूं के कारोबार से अच्छा लाभ मिल रहा है, इसका फायदा किसानों को भी मिल रहा है।
गेहूं के भाव में किस प्रकार की तेजी आने की संभावना है इसका अंदाजा इस बात से लगाए जा सकता है कि हाल ही में केंद्र सरकार ने टेंडर प्रक्रिया के दौरान एमपी में गेहूं विक्रय के लिए नीलामी शुरू की तो उसमें गेहूं के भाव में 200 रुपए की तेजी देखने को मिली। : Wheat Prices
सरकारी गेहूं के भाव में बड़ा उछाल आया। अब तक का सबसे ऊंचे भाव 3100 रुपए का टेंडर 19 फरवरी को खुला। गत हफ्ते का 11वां टेंडर अधिकतम 2900 का खुला था। इसी प्रकार 12वां टेंडर 200 रुपए उछाल वाले भाव का होने से गेहूं व्यापार में हड़कंप की स्थिति देखी गई।
इधर मंडियों में पुराना गज्जर मिल क्वालिटी गेहूं 3000 रुपए से अधिक भाव पर नीलामी में बिका। मध्य प्रदेश में औसत रूप से गेहूं के भाव को देखा जाए तो यह अभी 2750 रुपए प्रति क्विंटल है। गेहूं ब्रोकरेज संजय खंडेलवाल ने बताया पुराना गेहूं आटा मिल को एक माह तक गेहूं चाहिए। इधर बाजार में पुराना गेहूं नहीं मिलने से ढाई लाख क्विंटल गेहूं भी ऊंचे भाव (Wheat Prices) के टेंडर में बिक गया।
भारतीय खाद्य निगम को 25 लाख मैट्रिक टन गेहूं मार्च माह तक टेंडर के माध्यम से रिलीज करना है। इसके तहत अभी तक साप्ताहिक बिक्री के 12 टेंडर हो चुके है। इधर अगले हफ्ते से नए गेहूं की आवक बढ़ जाएगी। उसे दौरान भाव पलट जाएंगे। विशेषज्ञ बताते हैं कि गेहूं के भाव में सीजन के दौरान करीब 200 से 300 रुपए क्विंटल की कमी आने की संभावना बताई जा रही है।
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