अगर आप पूसा की उन्नत बासमती किस्मों का चयन करतें तो, आइए आपको बताते है टॉप 8 बासमती किस्मों (Basmati Top Rice) के बारे में…
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Basmati Top Rice | भारत के पश्चिम बंगाल, पंजाब, बिहार, उड़ीसा, उत्तर प्रदेश, आंध्र प्रदेश, छत्तीसगढ़ व तेलंगाना आदि राज्यों में प्रमुखता से धान की खेती की जाती है।
गर्मियों के खत्म होते ही मानसून की बारिश के साथ लाखों किसान अपने खेतों में खरीफ की प्रमुख फसल धान की बुवाई करेंगे। ऐसे में धान की खेती से बेहतर पैदावार के लिए किसानों को बेहतर किस्म के बीज की आवश्यकता होगी।
ऐसे में यहां आर्टिकल में आज हम आपको बताने वाले धान की टॉप 8 बासमती किस्मों के बारे में, जिन्हें लगाकर किसान अधिक उपज प्राप्त कर सकते है और बढ़िया मुनाफा ले सकते है।
अगर आप बासमती धान की किस्में (Basmati Top Rice) लगाना पसंद करते है तो, आइए आपको चौपाल समाचार के इस आर्टिकल में बताते है बासमती धान की टॉप 8 किस्मों के बारे में…
1. धान की पूसा बासमती 1121 किस्म | Basmati Top Rice
धान की पूसा बासमती 1121 किस्म अर्ध-बौनी किस्म है। इसके पौधों की ऊंचाई 110 से 120 सेमी तक होती है। इस किस्म को संस्थान ने 2003 में पूसा 1121 जिसे पूसा सुगंध 4 के रूप में जारी किया गया था और बाद में साल 2008 में पूसा बासमती 1121 के रूप में अधिसूचित किया गया।
यह किस्म पंजाब, हरियाणा, दिल्ली, यूपी, उत्तराखंड और जम्मू-कश्मीर राज्यों के लिए अनुशंसित है। इस किस्म के चावल के दाने लंबे पतले और सुगंधित होते हैं। धान की यह किस्म 145 दिन में पककर तैयार हो जाती है। धान की पूसा बासमती 1121 किस्म की उपज क्षमता करीब 4.5 टन प्रति हैक्टेयर है। : Basmati Top Rice
2. धान की पूसा बासमती 1985 किस्म
धान की पूसा बासमती 1985 किस्म को पूसा बासमती- 1509 को सुधार करके विकसित किया गया है। यह किस्म 115 से 120 दिन में पककर तैयार हो जाती है। यह किस्म हर्बिसाइड इमाजेथापियर 10 प्रतिशत एसएल के प्रति सहनशील है।
सिंचित रोपाई में इस किस्म की औसत उपज 22 से 25 क्विंटल प्रति एकड़ है। यह किस्म जीआई (Glycemic index- GI) क्षेत्र के राज्यों – दिल्ली, पंजाब और पश्चिमी उत्तर प्रदेश के लिए उपयुक्त है। : Basmati Top Rice
बता दें की, यह किस्म सीधी बुवाई के लिए उपयुक्त है। सीधी बुवाई से पानी की बचत होती है और पर्यावरणीय प्रभाव कम होते हैं। खरपतवार नाशक दवा का इस्तेमाल करके धान को नुकसान नहीं पहुंचता, जबकि खरपतवार खत्म हो जाते हैं। इससे खरपतवार निकालने के लिए निराई-गुडाई की मेहनत और लागत बचेगी।
3. धान की पूसा बासमती 1979 किस्म
Basmati Top Rice | धान की पूसा बासमती 1979 किस्म को पूसा बासमती-1121 को अपग्रेड करके तैयार किया गया है। यह किस्म बिजाई के करीब 130-133 दिन बाद तैयार हो जाती है।
यह किस्म खरपतवारनाशी इमाज़ेथापायर 10% एसएल के प्रतिरोधी है। सीधी बुवाई में कारगर होने के कारण पानी की बचत होती है। सीधी बुवाई में खरपतवार निकालने के लिए निराई-गुडाई की मेहनत और लागत नहीं लगती।
सिंचित रोपाई में इस किस्म से औसत पैदावार 45.77 क्विंटल प्रति हैक्टेयर प्राप्त होती है। सीधी बुवाई में कारगर होने के कारण पानी की बचत होती है। सीधी बुवाई में खरपतवार निकालने के लिए निराई-गुडाई की मेहनत और लागत नहीं लगती। : Basmati Top Rice
4. धान की पूसा बासमती 1592 किस्म
पूसा बासमती 1592, बासमती धान की एक उन्नत और उच्च उत्पादक किस्म है, जिसे विशेष रूप से पंजाब, हरियाणा, दिल्ली और जम्मू-कश्मीर के बासमती उत्पादक क्षेत्रों में उगाया जाता है। यह किस्म खरीफ ऋतु में सिंचित अवस्था में उगाई जाती है।
औसतन, इस किस्म से 47.3 क्विंटल प्रति हेक्टेयर की उपज होती है, और संभावित उपज 67.3 क्विंटल प्रति हेक्टेयर तक पहुंच सकती है। यह लगभग 120 दिनों में पककर तैयार हो जाती है। धान की उन्नत किस्म पूसा बासमती 1592 की प्रमुख विशेषता यह है कि यह झुलसा रोग के लिए प्रतिरोधी है, जो इसे अन्य किस्मों से बेहतर बनाता है। : Basmati Top Rice
इस किस्म के दाने लंबे (14.0 मिमी), पतले और पारभासी होते हैं। पकने के बाद दानों की सुगंध अत्यधिक होती है, जिससे यह किस्म बाजार में अधिक मूल्य प्राप्त करती है. इसके अलावा, इस किस्म से 58.2% चावल प्राप्ति होती है, जो इसे उत्पादन के दृष्टिकोण से लाभकारी बनाता है।
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5. धान की पूसा बासमती 1609 किस्म
Basmati Top Rice | पूसा बासमती 1609 किस्म उत्तराखंड, पंजाब और राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (दिल्ली) के बासमती उत्पादक क्षेत्रों में उगाई जाती है। उगाने के लिए अनुमोदित यानी स्वीकृत है। यह भी सिंचित अवस्था में उगाई जाने वाली किस्म है और खरीफ ऋतु में इसकी खेती की जाती है।
औसतन उपज 46.0 क्विंटल प्रति हेक्टेयर होती है, और संभावित उपज 67.5 क्विंटल प्रति हेक्टेयर तक हो सकती है। इस किस्म की परिपक्वता भी 120 दिनों में होती है। धान की उन्नत किस्म पूसा बासमती 1609 की विशेषता यह है कि यह झौंका रोग के लिए प्रतिरोधी है।
इसके दाने अतिरिक्त लंबे (7.9 मिमी), पतले और सुगंधित होते हैं। पकने के बाद दाने की लंबाई 13.9 मिमी होती है, जो इसे आकर्षक और गुणवत्तापूर्ण बनाती है। इस किस्म का उत्पादन किसानों के लिए लाभकारी है, क्योंकि यह उच्च गुणवत्ता वाले चावल का उत्पादन करती है, जो बाजार में अच्छा मूल्य प्राप्त करता है। : Basmati Top Rice
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6. धान की पूसा बासमती 1692 किस्म
Basmati Top Rice | पूसा बासमती 1692 एक अर्ध-बौनी किस्म है, जिसे विशेष रूप से दिल्ली, हरियाणा और पश्चिमी उत्तर प्रदेश के बासमती उत्पादक क्षेत्रों में उगाया जाता है। इसकी औसत उपज 52.6 क्विंटल प्रति हेक्टेयर होती है, और संभावित उपज 73.5 क्विंटल प्रति हेक्टेयर तक हो सकती है।
इसकी परिपक्वता 115 दिनों में होती है, जो इसे अन्य किस्मों से जल्दी पकने वाली बनाती है। धान की उन्नत किस्म पूसा बासमती 1692 की प्रमुख विशेषता यह है कि यह उच्च उपज वाली और छोटी अवधि वाली किस्म है, जो किसानों के लिए अत्यधिक लाभकारी है।
इसके दाने अतिरिक्त लंबे और पतले होते हैं, और पकने के बाद दानों की लंबाई 17.0 मिमी तक पहुंचती है, जो इसे और भी आकर्षक बनाती है। इसके दाने में तेज खुशबू होती है, जो इसकी गुणवत्ता को और बढ़ाती है। यह किस्म विशेष रूप से बाजार में अधिक मूल्य प्राप्त करने में मदद करती है। : Basmati Top Rice
7. धान की पूसा बासमती 1886 किस्म
पूसा बासमती 1886 किस्म हरियाणा और उत्तराखंड के बासमती उत्पादक क्षेत्र में उगाई जाती है। यह सिंचित अवस्था में खरीफ ऋतु में उगाई जाती है। इसकी औसत उपज 44.9 क्विंटल प्रति हेक्टेयर होती है, जबकि संभावित उपज 80.0 क्विंटल प्रति हेक्टेयर तक हो सकती है। इसकी परिपक्वता 145 दिनों में होती है।
धान की इस उन्नत किस्म की प्रमुख विशेषता यह है कि यह बैक्टीरियल ब्लाइट और ब्लास्ट रोगों के लिए प्रतिरोधी है, क्योंकि इसमें xa13 और Xa21 जीन बैक्टीरियल ब्लाइट के प्रति प्रतिरोधी होते हैं, और Pi2 और Pi54 जीन ब्लास्ट रोग के प्रति प्रतिरोधी होते हैं। : Basmati Top Rice
इस किस्म के दाने लंबे और पतले होते हैं (7.8 मिमी), और पकने के बाद दानों की लंबाई 15.2 मिमी होती है। इसमें मध्यवर्ती एमाइलोज (23.7%) और तीव्र सुगंध होती है, जो इसे अन्य किस्मों से अलग करती है।
8. धान की पूसा बासमती 1637 किस्म
पूसा बासमती 1637 किस्म पश्चिमी उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, पंजाब, हरियाणा और दिल्ली के बासमती उत्पादक क्षेत्रों में उगाई जाती है। इसकी औसत उपज 42.0 क्विंटल प्रति हेक्टेयर होती है, जबकि संभावित उपज 70.0 क्विंटल प्रति हेक्टेयर तक हो सकती है। : Basmati Top Rice
यह किस्म भी खरीफ ऋतु में उगाई जाती है और इसकी परिपक्वता 130 दिनों में होती है। धान की उन्नत किस्म पूसा बासमती 1637 की विशेषता यह है कि यह भी झौंका रोग के लिए प्रतिरोधी है।
इसके दाने लंबे (7.3 मिमी), पतले और अत्यधिक सुगंधित होते हैं। पकने के बाद दानों की लंबाई 13.8 मिमी होती है, जो इसकी गुणवत्ता को और बढ़ाती है। यह किस्म किसानों को उच्च उत्पादकता और गुणवत्ता प्रदान करती है, जिससे वे अच्छे मूल्य पर अपनी फसल बेच सकते हैं। : Basmati Top Rice
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