किसानों को शासकीय योजना के अंतर्गत कुंआ खुदवाने पर 100% अनुदान की राशि Agriculture subsidy मिलती है, जानिए योजना एवं प्रक्रिया के बारे में..
Agriculture subsidy | छोटी जोत वाले एवं सीमांत किसानों की आय बढ़ाने हेतु केंद्र सरकार प्रधानमंत्री राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना (मनरेगा) चला रही है। इसी में से एक योजना है, किसानों को सिंचाई की सुविधा उपलब्ध करवाने के लिए फ्री में कुआं खुदाई करने की। इस योजना के तहत किसानों को फ्री में कुआं निर्माण करवाया जाता है। संपूर्ण राशि केंद्र सरकार एवं राज्य सरकार मिलकर वहन करती है।
कूप निर्माण योजना को लेकर ग्रामीण विकास विभाग ने निर्देश जारी किए हैं। जहां सिंचाई की वैकल्पिक सुविधा नहीं है। वहां इस योजना से कुएं का निर्माण कराया जाएगा। योजना का लाभ अधिक से अधिक किसानों को मिले इसके लिए केंद्र सरकार योजना के नियमों में बदलाव करती रहती है। सरकार ने योजना में नए नियम बनाए हैं, इसके तहत ही कुआं निर्माण होगा। योजना के तहत फ्री में कुआं निर्माण के नए नियम एवं कुआं निर्माण की संपूर्ण जानकारी चौपाल समाचार के इस लेख में पढ़िए ….
100% अनुदान पर कुआं की यह है योजना
केंद्र सरकार सिंचाई का रकबा बढ़ाने के लिए कई योजनाएं चला रही है इसी के तहत फ्री में कुआं निर्माण Agriculture subsidy भी सरकार द्वारा करवाया जाता है। ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज विभाग ने कुआं निर्माण के लिए जारी की गई गाइडलाइन के अनुसार मनरेगा अधिनियम 2005 की संशोधित अनुसूची एक के पैरा 4 (1) के तहत कमजोर वर्ग के किसानों के लिए निजी भूमि पर सिंचाई सुविधा के लिए कुआं निर्माण किया जाना है।
किसानों को उनकी जमीन पर कूप निर्माण के लिए सरकार ने वृहद रूप से पंचायतों में कुआं निर्माण की योजना तैयार की है। योजना के तहत प्रतिवर्ष हर पंचायत में 20 से 25 कुआं निर्माण की योजना तैयार की जाती है। योजना के अन्तर्गत नए कुएं का ही निर्माण कराया जा सकता है साथ ही कुएं Agriculture subsidy के रिचार्ज संरचना बनाया जाना भी अनिवार्य है।
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मनरेगा के अधिकारीयों के अनुसार इस योजना के तहत किसी पुराने कुएं का जीर्णोद्धार नहीं किया जाएगा। जहां सिंचाई Agriculture subsidy की व्यवस्था नहीं होगी। वहां कुआं का निर्माण कराया जाएगा। सार्वजनिक स्थलों के साथ-साथ निजी जमीन पर भी कुआं का निर्माण होगा। इससे संबंधित विभाग का निर्देश मिला है।
यह नियम इसलिए बनाया गया है ताकि कुआं निर्माण से जिले के सुदूर ग्रामीण क्षेत्र के किसानों को विशेष लाभ मिल सके। सरकार की योजना है कि, जिन प्रखंडों में सिंचाई की वैकल्पिक साधन नहीं है। वहां कुआं निर्माण कराकर सिंचाई का साधन उपलब्ध कराया जाए। कुआं निर्माण से क्षेत्र का जलस्तर बना रहता है। यह प्राकृतिक रूप से वाटर रिचार्जर Agriculture subsidy है। वहीं पर्यावरण के लिए भी काफी महत्वपूर्ण भी है।
मनरेगा फ्री कुआं निर्माण का लाभ इन्हें मिलेगा (पात्रता)
मनरेगा योजना Agriculture subsidy के अंतर्गत जिन्हें फ्री कुआं निर्माण कार्य जायेगा। उसकी पात्रता इस प्रकार से है :-
- अनुसूचित जाति,
- अनुसूचित जनजाति,
- घुमन्तु जनजाति,
- अन्य बी.पी.एल. परिवार,
- अधिसूचना में से निकाली गई अनुसूचित जनजाति,
- ऐसे परिवार जिनकी मुखिया महिला हो,
- ऐसे परिवार जिनके मुखिया विकलांग हो,
- भूमि सुधार के लाभार्थी परिवार,
- इंदिरा आवास योजना के हितग्राही,
- अनुसूचित जनजाति एवं अन्य पारंपरिक वनवासी (का अधिकार मान्यता) अधिनियम 2006 (2 of 2007) अन्तर्गत लाभान्वित Agriculture subsidy हक प्रमाण-पत्र धारक,
- लघु व सीमान्त किसान (कृषि ऋण माफी एवं राहत योजना 2008 में लिए गए) भी योजना का लाभ ले सकते हैं।
इस प्रकार होगा हितग्राही की चयन प्रक्रिया
- प्रथम प्राथमिकता में ऐसी विधवा अथवा परित्याक्ता महिला जिस पर परिवार की आजीविका निर्भर हो।
- द्वितीय प्राथमिकता में अनुसूचित जनजाति क्षेत्र में अनुसूचित जनजाति के परिवार एवं (ii) अन्य क्षेत्रों में अनुसूचित जाति/जनजाति के परिवार।
- जिन कृषकों के क्षेत्र में पूर्व से कुए Agriculture subsidy अथवा सिंचाई के साधन हो, वे अपात्र माने जाएं।
- पंचायती राज पदाधिकारियों/सेवकों/मानदेय पर कार्यरत व्यक्तियों तथा शासकीय सेवको के परिवारों के किसी सदस्य का चयन आवश्यक हो तो हितग्राही के लिए स्वीकृति जारी करने के पूर्व मुख्य कार्यपालन अधिकारी, जिला पंचायत से लिखित अनुमति ली जाए।
- हितग्राही का चयन करने के उपरांत चयनित हितग्राही के लिए कपिलधारा कूप ग्राम पंचायत की कार्य योजना में सेल्फ ऑफ प्रोजेक्ट में शामिल किया जाएगा।
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कुआं खुदाई का स्थल चयन
Agriculture subsidy : कुंए बनाने का स्थल चयन हितग्राही की पसंद अनुसार किया जाए स्थल चयन के लिए भू-जलविद् की मदद ली जा सकती है। कूप से कूप की दूरी 150 से 200 मीटर होना चाहिये। 4.2 रिर्चाजिंग संरचना आकार 3 मी. x 3 मी. x 3 मी. हेतु स्थल चयन सामान्यतः खेत के ऊपरी क्षेत्र में किया जाना चाहिए ताकि जल के भूमिगत रिचार्ज का लाभ कुए में जल संग्रहण के रूप में मिल सके। कूप निर्माण का स्थल चयन सामान्यतः खेत के निचले हिस्से में किया जाना चाहिए।
कुआं खुदाई की प्रक्रिया यह रहेगी
- यदि हितग्राही आजीविका मिशन Agriculture subsidy के तहत स्वसहायता समूह का सदस्य हो तो सामान्यत: संबंधित स्वसहायता समूह निर्माण एजेंसी होगा। अन्य परिस्थितियों में संबंधित ग्राम पंचायत निर्माण एजेंसी होगी।
- मजदूरी के लिए मस्टर रोल स्वसहायता समूह / ग्राम पंचायत को जारी किए जायेंगे।
- कपिलधारा उपयोजना के तहत मेट का कार्य (जैसे की मजदूरों की हाजिरी भरना, छुट्टी देना इत्यादि) अनिवार्य रूप से हितग्राही द्वारा किया जाएगा। अन्य किसी व्यक्ति से मेट का कार्य नहीं कराया जाएगा।
- हितग्राही के परिवार के सदस्यों को एवं उसके सुझाव अनुसार मजदूरों को नियोजित करने में प्राथमिकता दी जाएगी।
- सामग्री का भुगतान हितग्राही Agriculture subsidy को सीधे उसके बैंक खाते में एफटीओ से जारी किया जाएगा।
- निर्माण कार्य हितग्राही स्वयं करवाएगा। इसमें ग्राम पंचायत सहयोग कर सकती हैं।
कुएं खुदवाने के लिए भुगतान प्रक्रिया
- प्रथम चरण : हितग्राही को कूप की खुदाई 6 मीटर तक के लिए 43,440 रुपए।
- द्वितीय चरण : कुंआ खुदाई 12 मीटर तक के लिए 91,040 रुपए।
- तृतीय चरण : कूप बंधाई खेत स्तर तक के लिए 62000 रुपए।
- चतुर्थ चरण : रिचार्जिंग संरचना, मुंडेर (पेरापेट) एवं जगत पूर्ण सूचना फलक निर्मित कर कार्य पूर्ण करने के लिए 43,547 रुपए।
योजना का लाभ देने के लिए आवेदन कैसे करें ?
Agriculture subsidy के तहत हितग्राही को फ्री कुआं निर्माण हेतु आवेदन करने के लिए ग्राम पंचायत जाना होगा। ग्राम पंचायत में आवेदन की प्रक्रिया पूरी होगी।
2023 से फ्री कूआं निर्माण के नियम में हुआ बदलाव
मनरेगा अंर्तगत संचालित हितग्राही मूलक उपयोजनाओं का लाभ लक्षित वर्ग के ऐसे हितग्राही, जो नवीन जिलों के गठन उपरांत जिनका निवास एक जिले के ग्राम में एवं भूमि दूसरे जिले के ग्राम में हो जाने से लाभ नहीं ले पा रहे थे, को किसी एक जगह का जाब कार्डधारी होने के विकल्प के साथ लाभ Agriculture subsidy लेने हेतु प्रक्रिया का निर्धारण विभाग के संदर्भित पत्र से किया गया है।
विभाग द्वारा जारी निर्देशों के अनुक्रम में यह स्पष्ट किया जाता है कि लक्षित वर्ग के पात्र हितग्राही की निजी स्वामित्व की भूमि अन्य ग्राम पंचायत या जनपद पंचायत या जिले के ग्रामीण क्षेत्र में होने पर या एक से अधिक स्थलों के ग्रामीण क्षेत्रों में भूमि व निवास होने पर उसे किसी एक जगह हितग्राहीमूलक उपयोजना का लाभ इस शर्त के साथ प्राप्त होगा कि “हितग्राही को MGNREGA का जॉबकार्ड Agriculture subsidy वापस कर जिस क्षेत्र में जमीन है उसी ब्लाक / जिले का कार्ड लेना होगा तभी हितग्राही मूलक योजना का लाभ मिल सकेगा।”
संबंधित हितग्राही को हितग्राही मूलक कार्य का लाभ लेने हेतु प्रस्तुत आवेदन पत्र के साथ उसके द्वारा या जाबकार्ड में अंकित उसके परिवार के सदस्यों द्वारा दोहरा लाभ नहीं लिया जा रहा है, इस आशय का घोषणा पत्र संलग्न कर ग्राम पंचायत को प्रस्तुत करना होगा। उपरोक्तानुसार लाभ प्राप्त किये जाने हेतु विभाग के संदर्भित पत्र में निर्धारित प्रक्रिया के अनुरूप ही कार्यवाही की जा सकेगी।
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