सोयाबीन की पिछली वैरायटियों में खतरनाक इल्लियों का आक्रमण, फसल को बचाने के लिए यह दवाई छिड़कें..

सोयाबीन में खतरनाक इल्लियों Caterpillar control in soybean के आक्रमण से किसान परेशान होने लगे हैं कौन सी दवाई छिड़कें जानें…

Caterpillar control in soybean : खरीफ सीजन में प्रमुखत: सोयाबीन की फसल करने वाले किसानों को इस वर्ष खासी मुसीबतों का सामना करना पड़ा। सर्वप्रथम लगातार पानी गिरता रहा, वहीं इसके बाद मानसून ने इतनी लंबी खेंच दी की सोयाबीन की अर्ली वैरायटियां लगभग लगभग सूख गई। बारिश की लंबी खेंच के कारण सोयाबीन की अर्ली वैरायटीयों के साथ-साथ देर से आने वाली पिछली वैरायटीयों पर भी असर पड़ा।

कृषि विशेषज्ञ बताते हैं कि सोयाबीन की अर्ली वैरायटी में जहां 50% नुकसान हुआ है। वही सोयाबीन की लेट आने वाली वैरायटी में 25% तक का नुकसान है। इस बीच सोयाबीन की पिछली वैरायटीयों पर अब एक नया खतरा  Caterpillar control in soybean  छाया हुआ है। पानी गिरने के बाद पिछली वैरायटी में इल्लियों का आक्रमण हुआ है जो पत्तियां चट कर रही है, वहीं फलियों को भी नुकसान पहुंचा रही है।

वहीं इसी के साथ सफेद मक्खी भी सोयाबीन को नुकसान पहुंचा रही है। सोयाबीन की पत्तियां खाने वाली इन इल्लियों से कैसे निजात मिलेगी, इसके  Caterpillar control in soybean लिए कौन सी दवाई छिड़कना होगी आईए जानते हैं…

सफेद मक्खी के नियंत्रण हेतु यह उपाय करें

कृषि वैज्ञानिकों ने किसानों को सलाह दी है कि सोयाबीन में पीला मोजेक जैसी गंभीर बीमारी व्हाइट फ्लाई (सफेद मक्खी) के कारण होती है, यह समस्या गंभीर समस्या है।इस बीमारी के संबंध में सतर्क रहना चाहिए।

कृषि वैज्ञानिक डॉ. नेमा ने कहा कि पीला मोजेक के संबंध में जागरूकता जरूरी है, फिर भी यदि समस्या शुरूआती अवस्था में है, तो पौधों को उखाड़कर जमीन में गाड़ दें। थायोमिथोक्सम+इमिडाक्लोप्रिड का स्प्रे करें। इससे रस चूसक कीट और सफेद मक्खी का नियंत्रण हो जाएगा। Caterpillar control in soybean

तना मक्खी के नियंत्रण हेतु यह उपाय करें

सोयाबीन की फसल  Caterpillar control in soybean को भारी क्षति पहुंचाने वाली तना मक्खी कीट नियंत्रण के लिए कृषि वैज्ञानिकों का सुझाव है है कि पूर्वमिश्रित कीटनाशक थायोमिथोक्सम 12.60 प्रतिशत+लैम्ब्डा सायहेलोथ्रिन 9.50 प्रतिशत+जेडसी (125 मिली प्रति हेक्टेयर) का छिडकाव करें।

इल्ली एवं कीट नियंत्रण के लिए पहचान आवश्यक

पत्ती भक्षक इल्ली, तम्बाकू की इल्ली, चने की इल्ली और अर्ध कुंडलक इल्ली, रोमिल इल्लियों की पहचान के बाद सावधानी पूर्वक अनुशंसित कीटनाशक का प्रयोग करके उनका निदान करना चाहिए। इसी तरह तना छेदक मक्खी, चक्र भृंग और रस चूसक कीटों, गर्डल बीटल के साथ इल्लियों का प्रकोप होने पर उचित कीटनाशक / मिश्रित कीटनाशक का सावधानीपूर्वक उपयोग करना चाहिए। Caterpillar control in soybean

40 दिन से ऊपर की अवस्था पर इन दवाइयां का प्रयोग करें

तना मक्खी, सफेद मक्खी Caterpillar control in soybean 

  • थायमिथोक्सम 12.6+ लेम्ब्डा सायहेलोथ्रिन 9.5
  • (अलीका) 125 मि.ली./हेक्टर
  • बीटासायफ्लूथिन 8.49 इमिडाक्लोप्रिड 19.81
  • (सोलोमोन) 125 मिली / हेक्टेयर

गर्डल बीटल के नियंत्रण के लिए यह दवाई छिड़कें 

  • थायक्लोप्रिड 21.7 एससी मात्रा 650 मिली/ हेक्टेयर
  • प्रोफेनोफॉस 50 ईसी मात्रा 1000 मिली/हेक्टेयर
  • टेट्रानिलिप्रोल 18.18 एससी (बायगो) मात्रा 250-300 मिली/हेक्टेयर।
  • गर्डलबीटल के साथ इल्लियों के नियंत्रण के लिए यह दवाई छिड़कें
  • लेम्ब्डा सायहेलोथ्रिन 9.5% थायमिथोक्स 12.6% 125 मिली/हेक्टेयर।
  • लेम्ब्डा सायहेलोथ्रिन 4.6% क्लोरएंट्रानिलिप्रोल 9.3%200 मिली/ हेक्टेयर।
  • बीटासायफ्लूचिन 8.49% + इमिडाक्लोप्रिड 19.81% 350 मिली/हेक्टेयर।
  • इमामेक्टिन बेन्जोएट 1.9 ईसी 450 मिली / हेक्टेयर।

किसान साथी यह सावधानी रखें..

स्प्रेयर के नोजल को अलग-अलग दवाई के इस्तेमाल के दौरान बदलें। यदि ऐसा नहीं कर सकते तो टंकी को अच्छी तरह धोएं । वर्षा काल के गंदे पानी का उपयोग न करें। क्योंकि गंदे पानी में मौजूद मिट्टी के सूक्ष्म कण के घर्षण से नोजल पत्ती (रिवल प्लेट) छानकर का छेद बड़ा हो जाता है, जिससे दवाई की मात्रा ज्यादा जाती है, पानी भी ज्यादा लगता है। सभी सावधानियों के साथ मुंह ढंककर ही छिड़काव करें। Caterpillar control in soybean

इसके अलावा चिकनी पत्ती वाली फसलें जैसे मक्का, ज्वार, पत्ता गोभी फूलगोभी आदि पर कीटनाशक के साथ 1 ग्राम / मिली चिपक का प्रयोग करने को कहा। इसके लिए सस्ता डिटर्जेंट 1 ग्राम/लीटर पानी में मिलाकर छिड़काव भी कर सकते हैं छिड़काव तब करें जब पत्तियों पर पानी कम हो प्रातः 10 बजे के बाद या शाम के समय छिड़काव करना ठीक रहता है। Caterpillar control in soybean

👉 WhatsApp से जुड़े।

यह भी पढ़िए….सोयाबीन को सबसे अधिक चने की इल्ली 95% नुकसान पहुंचाती है, इससे बचाव एवं अन्य उपायों के बारे में जानें 

👉कही ज्यादा बारिश से आपकी सोयाबीन में तो नहीं पड़ रही इल्ली, फसल हो सकती है चौपट! इल्ली के लिए यह दवाई डालें

👉 सोयाबीन में ज्यादा नमी से लग रही एंथ्रोक्रनोज बीमारी, उपज पर पड़ेगा असर, नियंत्रण के लिए यह दवाई डाले

👉 सोयाबीन में कौन सा खाद कब एवं कितना डालें जिससे उत्पादन अधिक मिलेगा, कृषि विशेषज्ञों से जानें

👉सोयाबीन में फैलने वाला पीला मोजेक वायरस क्या है? कैसे फैलता है? इससे फसल को कैसे बचाएं, जानिए

Choupalsamachar.in में आपका स्वागत हैं, हम कृषि विशेषज्ञों कृषि वैज्ञानिकों एवं शासन द्वारा संचालित कृषि योजनाओं के विशेषज्ञ द्वारा गहन शोध कर Article प्रकाशित किये जाते हैं आपसे निवेदन हैं इसी प्रकार हमारा सहयोग करते रहिये और हम आपके लिए नईं-नईं जानकारी उपलब्ध करवाते रहेंगे। आप हमारे टेलीग्राम एवं व्हाट्सएप ग्रुप से नीचे दी गई लिंक के माध्यम से जुड़कर अनवरत समाचार एवं जानकारी प्राप्त करें.

Leave a Comment