आज से शुरू हुए कस्टम हायरिंग सेंटर के लिए आवेदन, एमपी के इन किसानों एवं एफपीओ को मिलेगा 10 लाख का अनुदान

मध्यप्रदेश में किन किसानों को दिया जायेगा कस्टम हायरिंग सेंटर (Custom Hiring Centre) पर अनुदान। इसकी पात्रता एवं शर्तें क्या है? आइए आर्टिकल में जानते है…

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Custom Hiring | मध्यप्रदेश में 2025-26 के लिए कस्टम हायरिंग सेंटर के लिए आज यानी 26 मई 2025 से आवेदन शुरू हो चुके है। किसान भाई एवं एफपीओ प्रदेश की कृषि अभियांत्रिकी की ऑफिशियल वेबसाइट पर जाकर ऑनलाइन आवेदन कर सकते है। बता दें कि, प्रदेश में अनुसूचित जनजाति, अनुसूचित जाति एवं एफपीओ के लिए लक्ष्य निर्धारित किए गए है।

कस्टम हायरिंग सेंटर खोलने के लिए अधिकतम 40% यानी 10 लाख रूपये तक का अनुदान दिया जायेगा। कस्टम हायरिंग केन्द्र (Custom Hiring Centre) के माध्यम से हितग्राही द्वारा कृषकों को कृषि कार्यों हेतु किराये पर मशीनें एवं यंत्र उपलब्ध कराकर सेवायें दी जायेगी। आइए आर्टिकल में जानते है कस्टम हायरिंग सेंटर पर अनुदान देने के लिए किन किसानों एवं एफपीओ को प्राथमिकता दी जायेगी…

कस्टम हायरिंग सेंटर अनुदान 2025-26 के लिए पात्रता एवं शर्तें

1. Custom Hiring योजनांतर्गत हितग्राही को स्वयं के गांव में कृषि कार्यों हेतु कस्टम हायरिंग केन्द्र स्थापित करने हेतु अनुदान दिया जाना है। कस्टम हायरिंग केन्द्र के माध्यम से हितग्राही द्वारा कृषकों को कृषि कार्यों हेतु किराये पर मशीनें एवं यंत्र उपलब्ध कराकर सेवायें दी जाना होगी।

2. प्रत्येक कस्टम हायरिंग (Custom Hiring) केन्द्र हेतु आवश्यक ट्रेक्टर एवं कृषि यंत्रों से संबंधित कृषि मशीनों के क्रय की लागत (अधिकतम राशि रू. 25.00 लाख) पर आवेदकों (सामान्य, अ.जा. एवं अ.ज.जा. एवं एफ.पी.ओ.) को 40 प्रतिशत अधिकतम रू. 10 लाख तक का ‘“क्रेडिट लिंक्ड बैंक एन्डेड सबसिडी (Credit Linked Back Ended Subsidy)” अनुदान दिया जायेगा। अनुदान की गणना सब मिशन ऑन एग्रीकल्चर मेकेनाइजेशन योजना अतंर्गत भारत सरकार द्वारा जारी परिपत्र दिनांक 05 मई 2025 में उल्लेखित प्रत्येक यंत्र हेतु दिये गये प्रावधान अनुसार अधिकतम सीमा तक की जावेगी।

3. प्रदेश में कस्टम हायरिंग (Custom Hiring) केन्द्र स्थापित किये जाने का लक्ष्य है। अतः कुल 1000 कस्टम हायरिंग केन्द्रों (सामान्य के कुल 599, अनुसूचित जन जाति के कुल 189, अनुसूचित जाति के कुल-157 तथा एफपीओ के कुल-55) हेतु आवेदन आमंत्रित किये जा रहे हैं। लक्ष्यों को कम करने अथवा बढ़ाने के अधिकार संचालक कृषि अभियांत्रिकी को होंगे।

4. कस्टम हायरिंग (Custom Hiring) केन्द्र राशि रू.10 लाख से अधिक तथा 25 लाख तक की लागत का स्थापित किया जा सकेगा।

5. बैंक ऋण के आधार पर केन्द्र स्थापित किया जाने पर ही अनुदान की पात्रता होगी।

6. अनुदान का भुगतान ऋण स्वीकृत करने वाले बैंक को किया जायेगा जो हितग्राही द्वारा बैंक ऋण की पूर्ण अदायगी किये जाने के उपरान्त हितग्राही के खाते में समायोजित होगा।

7. Custom Hiring योजनान्तर्गत आवेदकों को न्यूनतम 12वीं कक्षा उत्तीर्ण होना आवश्यक होगा।

8. योजनांतर्गत व्यक्तिगत श्रेणी के आवेदकों की उम्र दिनांक 01 जून 2025 को 18 वर्ष से कम एवं 40 वर्ष से अधिक नहीं होनी चाहिये।

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9. पूर्व से ही शासकीय अथवा अर्द्धशासकीय सेवाओं में कार्यरत् अथवा अन्य शासकीय योजना (भारत सरकार द्वारा प्रारंभ की गई ‘एग्रीकल्चर इंफ्रास्ट्रक्चर फंड” (ए.आई.एफ.) योजना को छोड़कर) से रोजगार हेतु लाभ प्राप्त करने वाले व्यक्ति इस Custom Hiring योजना के अंतर्गत पात्र नहीं होंगें। जानकारी गलत पाये जाने पर संबंधित का प्रकरण निरस्त योग्य होगा।

10. भारत सरकार द्वारा प्रारंभ की गई “एग्रीकल्चर इंफ्रास्ट्रक्चर फंड” (ए.आई.एफ.) योजना को इस योजना के साथ जोड़ा जा सकता है। ए.आई.एफ. योजनान्तर्गत स्वीकृत प्रोजेक्ट को 3 प्रतिशत की दर से ब्याज अनुदान तथा कोलेटेरल हेतु सीजीटीएमएसई अंतर्गत भारत सरकार की गांरटी प्राप्त होती है। यह लाभ कस्टम हायरिंग केन्द्र (Custom Hiring) स्थापना हेतु प्राप्त 40 प्रतिशत तक के अनुदान के अतिरिक्त होता है। कस्टम हायरिंग केन्द्र की योजनान्तर्गत प्राथमिकता सूची में आये आवेदकों को ए.आई.एफ. योजनान्तर्गत पृथक से आवेदन भारत सरकार के पोर्टल पर प्रस्तुत किये जाने होते है जिनमें पात्र पाये जाने पर ए.आई.एफ. के भी लाभ प्राप्त होते है।

11. एक ग्राम में एक ही कस्टम हायरिंग केन्द्र स्थापित किया जायेगा। पूर्व के ग्राम जिसमें कस्टम हायरिंग केन्द्र स्थापित किया जा चुका है, उन ग्रामों में पुनः केन्द स्वीकृत नहीं किया जायेगा। पूर्व के केन्द्रों व ग्रामों की जानकारी क्षेत्र से संबंधित कृषि यंत्री कार्यालयों से प्राप्त की जा सकती है।

12. एक परिवार/एक एफ.पी.ओ. को एक से अधिक कस्टम हायरिंग केन्द्र (Custom Hiring) प्राप्त करने की पात्रता नहीं होगी। अन्य योजनाओं अंतर्गत स्थापित कस्टम हायरिंग केन्द्रों को भी इस योजना अंतर्गत केन्द्र आवंटन के समय ध्यान में रखा जावेगा।

13. व्यक्तिगत आवेदक की स्थिति में जिस ग्राम में केन्द्र स्थापित किया जाना है आवेदक को उस ग्राम का मूल निवासी (मूल-निवासी प्रमाण-पत्र) होना अथवा उस ग्राम में स्वयं या माता-पिता के नाम से भूमि होने पर ही संबंधित ग्राम में केन्द्र के आवेदन हेतु पात्रता होगी।

14. एफ.पी.ओ. मध्यप्रदेश में ही पंजीकृत होना चाहिए। विगत दो वर्षों से लाभप्रद एवं न्यूनतम 300 किसान सदस्य आवश्यक है। एफ.पी.ओ. का आवेदन उनके पंजीयन प्रमाण-पत्र मे उल्लेखित जिले हेतु ही मान्य होगा।

15. आवेदक जिस जिले के अंतर्गत Custom Hiring केन्द्र स्थापित करना चाहता है, उसी जिले से आवेदन करना अनिवार्य होगा।

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16. आवेदक जिस जिले के अंतर्गत केन्द्र स्थापित करना चाहता है उसी जिले के किसी बैंक शाखा से ही अपना प्रकरण स्वीकृत कराना होगा। अन्य जिले में प्रकरण स्वीकृति हेतु नहीं भेजा जावेगा।

17. स्वीकृत बैंक ऋण में सबसिडी की राशि पर बैंक द्वारा हितग्राही से कोई ब्याज नहीं लिया जायेगा। ऋण राशि अदा करने में असफल होने की स्थिति में हितग्राही को अनुदान का लाभ प्राप्त नहीं होगा तथा बैंक की ऋण राशि, जिसमें अनुदान राशि एवं देय ब्याज सम्मिलित होगा, वापस चुकानी होगी।

18. स्वीकृत ऋण की वसूली अधिकतम 9 वर्ष में की जावेगी तथा ऋणस्थगन अवधि (Moratorium Period) अधिकतम 6 माह रहेगी।

19. स्वीकृत किये गये ऋण को 4 वर्ष की अवधि (Lock-in Period) के पूर्व पूर्णरूप से लौटाया नही जा सकेगा। इस अवधि के पूर्व हितग्राही द्वारा बैंक ऋण पूर्ण रूप से चुकाने पर हितग्राही को अनुदान की पात्रता नहीं रहेगी। इस स्थिति में बैंक द्वारा अनुदान की राशि शासन को वापस की जाना होगी।

20. Custom Hiring योजना के तहत क्रय की गई मशीनों/यंत्रों आदि को ऋण प्रदाय किये गये बैंक के अतिरिक्त अन्य किसी व्यक्ति/संस्था को हितग्राही द्वारा ऋण अवधि तक विक्रय/रेहन (Mortgage) अथवा हस्तांतरित नही किया जा सकेगा। इसका उल्लंघन किये जाने पर शासन नियमानुसार अनुदान राशि मय ब्याज के वापस करना होगी। राशि वापस न किये जाने की दशा में संपूर्ण राशि की वसूली भू-राजस्व वसूली की भांति की जा सकेगी।

21. हितग्राही को Custom Hiring अनुदान राशि केवल मशीनों/यंत्रों की लागत के आधार पर देय होगी। मशीनों/यंत्रों के रख-रखाव, शेड निर्माण एवं आवश्यकता अनुसार भूमि आदि की व्यवस्था आवेदक/हितग्राही को स्वयं करनी होगी। एक इकाई में रखी जाने वाली सामग्री/उपकरण निम्नानुसार होगी :-

श्रेणी (अ)- अनिवार्य रूप से रखे जाने वाले कृषि यंत्र –

  1. एक ट्रैक्टर
  2. एक प्लाऊ अथवा पावर हैरों
  3. एक रोटावेटर
  4. एक कल्टीवेटर अथवा एक डिस्क हैरो
  5. एक सीड कम फर्टिलाईज़र ड्रिल अथवा अन्य ट्रेक्टर चलित बुबाई यंत्र
  6. एक ट्रैक्टर चलित थ्रेशर अथवा स्ट्रॉ पर।

नोट – आवेदक केवल 01 ट्रैक्टर का क्रय कर सकता है। भारत सरकार द्वारा जारी परिपत्र दिनांक 05 मई 2025 के दिशा निर्देशानुसार प्रत्येक स्वचालित यंत्र पर AI-powered telematic kit (GPS System) होना अनिवार्य है। AI-powered telematic kit (GPS System) के बिना इन यंत्रो पर अनुदान देय नहीं होगा।

श्रेणी (ब)- ऐच्छिक यंत्र – Custom Hiring प्रोजेक्ट की लागत सीमा अंतर्गत यदि आवेदक चाहे तो स्थानीय तथा फसल की आवश्यकताओं को देखकर ऐच्छिक यंत्रो की सूची मे से यंत्रों का क्रय भी कर सकेगा परन्तु अधिकतम प्रोजेक्ट की लागत राशि रू. 25 लाख ही रहेगी।

Custom Hiring प्रोजेक्ट अंतर्गत यंत्रों का क्रय संचालनालय कृषि अभियांत्रिकी में पंजीकृत निर्माताओं के पोर्टल पर उनके पंजीकृत अधिकृत विक्रेताओं से किया जा सकेगा। क्रय किये जा रहे कृषि यंत्र, ट्रेक्टर के साथ मेचिंग के होना चाहिये तथा उनको पोर्टल पर दर्शायी दरों (पोर्टल हेतु अधिकतम दरें, GST सम्मिलित) से अधिक दर पर क्रय नहीं किया जा सकेगा। ई-कृषि यंत्र अनुदान पोर्टल में पंजीकृत निर्माताओं की सूची तथा अन्य विवरण कृषि अभियांत्रिकी संचालनालय की वेबसाईट www.dbt.mpdage.org पर उपलब्ध है।

22. कस्टम हायरिंग केन्द्र (Custom Hiring) द्वारा केवल कृषि संबंधित कार्य ही किये जा सकेंगे। वर्षाकाल आदि में जब कृषि कार्य नहीं होते हैं तब अकृषि कार्य भी किया जा सकेगा।

23. भारत सरकार द्वारा कृषको को ऑनलाईन कृषि यंत्र किराये से प्राप्त करने की सुविधा उपलब्ध कराने की दृष्टि से “KRISHI MAPPER”/ MP Kisan App प्रारंभ किया गया है। अनुदान प्राप्त सभी हितग्राहीयों को अपना पंजीयन भारत सरकार के “KRISHI MAPPER”/ MP Kisan App App पर करवाना अनिवार्य होगा। “KRISHI MAPPER” / MP Kisan App App पर पंजीयन की पुष्टि के बाद ही अनुदान भुगतान किया जावेगा।

24. कस्टम हायरिंग केन्द्र (Custom Hiring) अंतर्गत प्रदाय की गई मशीनों/उपकरणों/कृषि यंत्रों को सही हालत में आवेदक द्वारा रखा जाना होगा तथा किये गये कार्यो का विवरण कस्टम हायरिंग केन्द्र द्वारा एक पंजी में संधारित करके रखा जाना होगा।

नोट : पात्रता एवं शर्तों के बिन्दु क्रमांक- 7,8 एवं 11 एफ.पी.ओ. पर लागू नही होगें।

(क्रेडिट लिंक्ड बैक एन्डेड सबसिडी से ताप्तर्य यह है कि शासन द्वारा अनुदान बैंक को दिया जायेगा। अनुदान का समायोजन हितग्राही द्वारा बैंक के ऋण को पूर्ण रूप से चुकाने के बाद हितग्राही के खाते में किया जावेगा। इस Custom Hiring अनुदान राशि एवं मार्जिन मनी को कुल प्रोजेक्ट राशि से घटाने के उपरांत बची शेष राशि पर ही बैंक द्वारा ब्याज लिया जायेगा। हितग्राही द्वारा बैंक ऋण वापस न करने की स्थिति में (डिफाल्टर घोषित होने पर) अनुदान राशि उसे नहीं दी जायेगी तथा इस राशि को भी ऋण मानते हुये बैंकों द्वारा पूरी राशि की वसूली हितग्राही से की जायेगी।)

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