आइए जानते है इस वर्ष 2024 में गेंहू की कौन कौन सी किस्में रही सबसे ज्यादा डिमांड (Demanding Wheat Variety) में एवं इनकी खासियत क्या है…
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Demanding Wheat Variety | रबी सीजन की बुवाई का कार्य पूरा हो चुका है, जिसके चलते कृषि मंत्रालय ने रबी बुवाई के आंकड़े भी जारी कर दिए है।
सभी किसान भाई रबी फसलों की देखभाल में लगे हुए है। इसी बीच हमारे किसान साथी यह जानने को उत्सुक जरूर होंगे, की इस बार सबसे ज्यादा डिमांड में कौन सी गेंहू की किस्में रही एवं उसका कारण क्या है?
तो आज हम चौपाल समाचार के इस लेख के माध्यम से आपको बताने वाले गेंहू की उन टॉप किस्मों के बारे में, जो इस वर्ष रबी सीजन 2024-25 में सबसे ज्यादा डिमांड में रही एवं उसके पीछे का कारण क्या है।
तो आइए जानते है चौपाल समाचार के इस आर्टिकल में गेंहू की टॉप किस्मों (Demanding Wheat Variety) के बारे में, जो किसानों के बीच चर्चा में रही…
गेंहू की यह टॉप किस्में रही सबसे ज्यादा डिमांड में (Demanding Wheat Variety)
1. गेंहू की एचडी 3385 किस्म (Wheat Variety HD 3385),
2. श्रीराम 303 गेंहू किस्म (Wheat Variety Shree Ram 303),
3. डीबीडब्ल्यू 377 किस्म (Wheat Variety DBW 377),
4. एच.आई. 1650 किस्म (Wheat Variety HI 1650),
5. डीबीडब्ल्यू 303 किस्म (Wheat Variety DBW 303),
6. एच.आई. 8759 पूसा तेजस किस्म (Wheat Variety HI 8759 Pusa Tejas),
7. डीबीडब्ल्यू 327 किस्म (Wheat Variety DBW 327)।
आइए अब इन Demanding Wheat Variety की जानकारी विस्तारपूर्वक जानें…
1. गेंहू की एचडी 3385 किस्म (Wheat Variety HD 3385)
Demanding Wheat Variety | हाल ही में विकसित की गई गेहूं की नवीन किस्म HD 3385 एक उच्च उपज देने वाली किस्म है। यह वैरायटी सिंचित, समय पर बोई गई परिस्थितियों में उत्तर पश्चिमी और उत्तर पूर्वी मैदानी क्षेत्र के लिए उपयुक्त है। HD 3385 ने NWPZ में सभी परीक्षण प्रविष्टियों में पहला स्थान प्राप्त किया और NEPZ में सभी स्थानों पर तीसरा स्थान प्राप्त किया।
कृषि वैज्ञानिकों के अनुसार गेहूं की यह वैरायटी प्रति हेक्टेयर 80 से 100 क्विंटल का उत्पादन देगी। इस किस्म की औसतन उपज क्षमता 59.7 प्रति हेक्टेयर है। जबकि सामान्य परिस्थितियों में उपज क्षमता 73.3 क्विंटल प्रति हेक्टेयर तक है। इस किस्म की अधिकतम उपज क्षमता 80 क्विंटल से अधिक भी रही है। गेहूं की यह नवीनतम वैरायटी गेहूं में लगने वाले करनाल बंट रोग के प्रति अत्यधिक रोग प्रतिरोधक है। : Demanding Wheat Variety
इस किस्म की अगेती बुवाई करने पर मार्च के अंत में यदि तापमान बढ़ेगा तो इसके पकते समय दानों पर असर नहीं पड़ेगा। गेहूं की या वैरायटी तापमान सहनशील है। जैसे कि 2021-22 में अचानक तापमान में वृद्धि होने से गेहूं की कच्ची बालियों में दूधिया दानों पर असर हुआ था। इस प्रजाति में तापमान के प्रति सहनशीलता है। गेहूं की नवीन किस्म HD 3385 की अधिक जानकारी यहां क्लिक कर देखें…
2. श्रीराम 303 गेंहू किस्म (Wheat Variety Shree Ram 303)
Demanding Wheat Variety | गेंहू की श्री राम सुपर 303 किस्म को श्रीराम फ़र्टिलाइज़र्स एण्ड कैमिकल्स के विश्व-विख्यात वैज्ञानिकों ने तैयार किया है। यह प्रदेश, पूर्वांचल, बिहार, उत्तराखण्ड एवं तराई क्षेत्रों में बुवाई के लिए उपर्युक्त है।
इस किस्म की खास बात यह है की, इसके गेहूं का दाना अन्य गेहूं की अपेक्षा लम्बा रहता है एवं इसके पौधों में कल्लो की संख्या अधिक होती है। श्रीराम सुपर 303 गेहूँ किस्म के दाने मोटे, चमकदार और ज्यादा वजन के कारण बाजार भाव भी अधिक मिलता हे।
इसका औसत उत्पादन प्रति हेक्टेयर 75 क्विंटल तक है। वही अधिकतम उपज 80 क्विंटल हेक्टेयर तक ले सकते है एवं गेंहू की यह श्री राम 303 वैरायटी नॉर्मल 105 से 110 दिन में पककर तैयार हो जाती है। : Demanding Wheat Variety
इस किस्म के उपयोग से किसान भाई अच्छा मुनाफा कमा रहे है। मध्य प्रदेश के किसानों ने श्रीराम सुपर 252 और श्रीराम सुपर 303 गेंहू बीज की उत्पादकता पर खुशी ज़ाहिर की है। वही साथ ही श्री राम सुपर 111 भी काफी चर्चा में रही। गेंहू की श्री राम सुपर 303 किस्म की अधिक जानकारी यहां क्लिक कर देखें…
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3. गेंहू की डीबीडब्ल्यू 377 किस्म (Wheat Variety DBW 377)
Demanding Wheat Variety | गेंहू की डीबीडब्ल्यू 377 किस्म का अनुशंसित क्षेत्र छत्तीसगढ़, झारखंड, ओडिशा, राजस्थान, मध्य प्रदेश, गुजरात, उत्तर प्रदेश के झांसी संभाग और राजस्थान के कोटा और उदयपुर संभाग में उपज परीक्षण में बेहतर प्रदर्शन देखा गया है।
गेंहू डीबीडब्लयू 377 ने उच्च औसत उपज (63.9 क्विंटल/हेक्टेयर) दर्ज की तथा चेक किस्मों डीबीडब्लयू 303 (6.25%), डीबीडब्लू 187 (4.4%) तथा जीडब्लू 322 (1.3%) की तुलना में उपज में श्रेष्ठता स्थापित की। गेंहू डीबीडब्लयू 377 ने सिंचित शीघ्र बुआई स्थितियों के तहत उच्च उपज क्षमता (86.4 क्विंटल/हेक्टेयर) दर्ज की गई है। : Demanding Wheat Variety
बात करें अवधि की तो गेंहू डीबीडब्लयू 377 किस्म 124 दिन में पककर तैयार की जा सकती है एवं 87 सेमी पौधे की हाइट है। गेंहू डीबीडब्लयू 377 पत्ती और तने के जंग के लिए अत्यधिक प्रतिरोधी है। एपीआर अध्ययनों के तहत, इसने गेहूं की प्रमुख प्रजातियों भूरा रतुआ और तना रतुआ रोग के प्रति प्रतिरोध दिखाया है। गेंहू की डीबीडब्ल्यू 377 किस्म की अधिक जानकारी यहां क्लिक कर देखें…
4. गेंहू की एच.आई. 1650 किस्म (Wheat Variety HI 1650)
Demanding Wheat Variety | गेंहू की एच.आई. 1650 किस्म को भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान के इंदौर स्थित क्षेत्रीय गेहूं अनुसंधान केंद्र द्वारा विकसित किया गया है। गेहूं की इस वैरायटी को मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, गुजरात, राजस्थान के कोटा, उदयपुर और उत्तर प्रदेश के झांसी संभाग के लिए कृषि वैज्ञानिकों द्वारा अनुशंसित की गई है।
कृषि वैज्ञानिकों के मुताबिक तेजस गेहूं की हाइट के समान ही इस गेहूं की हाइट है। हाइट मीडियम सामान्य होने के कारण बारिश एवं हवा के दौरान गिरने की समस्या नहीं रहेगी। मोटे तने और कम लंबाई के कारण फसलें जमीन पर नहीं लेटेंगी और खूब पैदावार होगी। इसके अलावा इसकी प्रमुख खासियत विशेषता यह है ही इसकी बाली में 70 से 80 दाने रहते हैं एक रो में चार दाने रहेंगे। : Demanding Wheat Variety
पूसा ओजस्वी का विज्ञानी नाम एचआइ 1650 है। अधिक सिंचाई वाले क्षेत्र में नवंबर माह में बोई जाएगी। औसत उत्पादन 60 से 80 क्विंटल प्रति हेक्टेयर रहेगा। एक हेक्टेयर में 100 किग्रा बीज की बुआई होगी। (Demanding Wheat Variety) 90 से 95 सेमी पौधे की ऊंचाई होगी और 115 से 120 दिन में फसल पक जाएगी। 1000 दानों का वजन 45 से 50 ग्राम रहेगा। लंबे आकार का दाना चमकीला और कठोर रहेगा। गेंहू की एच.आई. 1650 किस्म की अधिक जानकारी यहां क्लिक कर देखें…
ये भी पढ़ें 👉 गेंहू की पत्तियां पीली पड़ी? अच्छी उपज के लिए कृषि वैज्ञानिकों से जानें इसकी वजह और प्रबंधन के 10 तरीके…
5. गेंहू की डीबीडब्ल्यू 303 किस्म (Wheat Variety DBW 303)
Demanding Wheat Variety | गेंहू की DBW 303 “करण वैष्णवी” किस्म करनाल स्थित गेंहू एवं जौं अनुसंधान संस्थान द्वारा 2021 विकसित की गई है। यह पंजाब, हरियाणा, दिल्ली, राजस्थान (कोटा और उदयपुर डिवीजन को छोड़कर) और पश्चिमी उत्तरप्रदेश (झांसी डिवीजन को छोड़कर), जम्मू-कश्मीर (जम्मू और कठुआ जिले), हिमाचल प्रदेश (ऊना जिला और पांवटा घाटी) और उत्तराखंड (तराई क्षेत्र) के कुछ हिस्सों के लिए अधुसीचित की गई है।
करनाल के कृषि वैज्ञानियों का कहना है की, यह किस्म डीबीडब्ल्यू 327 की तुलना में ज्यादा बेहतर उत्पादन निकालने में सक्षम है। रिसर्च सेंटर का दावा था कि अनुकूल परिस्थितियों में उत्पादन 37 क्विंटल प्रति एकड़ से ज्यादा होगा। : Demanding Wheat Variety
यही खुबिया इस किस्म को सबसे अलग बनाती है। गेहूं की डीबीडब्ल्यू 303 किस्म की फसल 145 से 156 दिन में पूरी तरह पककर तैयार हो जाती है। लगभग 70 से 80 दिनों के आसपास पौधे में बाली आ जाती है।
करण वैष्णवी डीबीडब्ल्यू 303 किस्म Demanding Wheat Variety से औसत पैदावार 81.2 क्विंटल प्रति हेक्टेयर तथा अधिकतम पैदावार 97.4 क्विंटल हेक्टेयर तक प्राप्त कर सकते है। गेंहू की यह डीबीडब्ल्यू 303 किस्म 2021 से ही चर्चा में रही है। इसका मुख्य कारण है, अधिकतम उपज क्षमता 97 क्विंटल हेक्टेयर होना। गेंहू की डीबीडब्ल्यू 303 किस्म की अधिक जानकारी यहां क्लिक कर देखें…
6. गेंहू की एच.आई. 8759 पूसा तेजस किस्म (Wheat Variety HI 8759 Pusa Tejas)
Demanding Wheat Variety | गेंहू की पूसा तेजस HI-8759 कठिया किस्म समय से बोनी हेतु म.प्र., राजस्थान, छत्तीसगढ़ आदि मध्य क्षेत्र हेतु वर्ष 2017 में पूसा के सहयोगी संस्थान गेहूँ अनुसंधान केन्द्र, इन्दौर से जारी की गई है। इसमें आज तक जारी समस्त कठिया गेहूँ की किस्मों की तुलना में लगभग 10-12 प्रतिशत अधिक उत्पादन देने की क्षमता वैज्ञानिकों एवं व्यावहारिक रूप से किसानों द्वारा लिये गये उत्पादन के आंकड़ों के अनुसार बताई गई है।
गेंहू की यह बाफले, लड्डू, थुली, रवा, बेकरी आयटम, सिवैय्या / नूडल्स पास्ता आदि बनाने हेतु सर्वश्रेष्ठ किस्म। पूसा तेजस किस्म में बाली का रंग सफेद, रोएंदार नहीं, पौधे की ऊँचाई लगभग 85 से.मी. कम ऊँचाई वाली किस्म होने व कूचे (टिलरिंग) अधिक छोड़ने की क्षमता तथा काड़ी कड़क होने के कारण आधी / वर्षा की स्थिति में पौधों में आड़ा (लाजिंग) पड़ने की समस्या नहीं होने से नुकसान कम होता है व उत्पादन भी अधिकतम प्राप्त होता है। : Demanding Wheat Variety
किसानों द्वारा पूसा तेजस का उत्पादन अभी तक व्यावहारिक रूप से 85 क्विंटल प्रति हेक्टेयर से ज्यादा उत्पादन लिया गया है। यदि इस किस्म की खेती के दौरान 6 से 7 सिंचाई/पानी देते है, तो निश्चित ही 90 से 100 क्विंटल प्रति हेक्टेयर तक उत्पादन ले सकते है। पूसा तेजस किस्म की अवधि लगभग 115 से 120 दिवस है। गेंहू की एच.आई. 8759 पूसा तेजस किस्म की अधिक जानकारी यहां क्लिक कर देखें…
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7. गेंहू की डीबीडब्ल्यू 327 किस्म (Wheat Variety DBW 327)
Demanding Wheat Variety | गेंहू की डीबीडब्ल्यू 327 (करण शिवानी) किस्म को भारतीय गेंहू एवं जौ अनुसंधान केंद्र करनाल हरियाणा ने विकसित किया गया है। आईसीएआर-आईआईडब्ल्यूबीआर, करनाल द्वारा विकसित जलवायु अनुकूल और जैव-सशक्त (ज़ेडएन- 40.6 पीपीएम) किस्म, जिसे सीवीआरसी द्वारा उत्तर पश्चिमी मैदानी क्षेत्र, मध्य क्षेत्र, हरियाणा और उत्तर प्रदेश में खेती के लिए जारी किया गया है।
बता दें की, पिछले वर्ष गेंहू की डीबीडब्ल्यू 327 (करण शिवानी) किस्म दो प्रमुख गेहूं उत्पादक राज्यों में असाधारण प्रदर्शन करने वाली किस्म के रूप में उभरी है। गेंहू DBW 327 (करण शिवानी) किस्म कई रोगों से लड़ने की प्रतिरोधक क्षमता है। इन किस्म में ब्लास्ट और बैक्टीरियल लीफ ब्लाइट जैसे रोग नहीं लगते है। : Demanding Wheat Variety
बता दें की, रोग प्रतिरोधक क्षमता रासायनिक कीटनाशकों की आवश्यकता को कम करने में मदद करती है, जिससे यह अधिक पर्यावरण के अनुकूल बन जाता है। गेंहू की DBW 327 किस्म में आड़ा पड़ने (लॉजिंग) एवं खिरने की समस्या नहीं देखी गई है। साथ ही साथ यह एक तापमान सहनशील किस्म है। : Demanding Wheat Variety
गेंहू की DBW 327 किस्म की उपज क्षमता 87.7 क्विंटल प्रति हेक्टेयर है, जिसकी औसत उपज 79.4 क्विंटल प्रति हेक्टेयर है। गेंहू की डीबीडब्ल्यू 327 किस्म की अधिक जानकारी यहां क्लिक कर देखें…
इन किस्मों का बीज कहां से ले?
यदि आप बुवाई में लेट हो गए है और सोच रहे कोई बढ़िया सी गेन्हू की किस्म लेने की, तो हम आपको बता दे की, गेंहू किस्म GW 513 एवं गेंहू किस्म पूसा अहिल्या (HI 1634) बेस्ट रहेगी। : Demanding Wheat Variety
इस किस्मों का बीज आप अपनी नजदीकी सीड्स कंपनी से ले सकते है या फिर दिए गए नंबरों पर संपर्क कर लें :- 9301606161 , 94253-32517
एमपी में 90 फीसदी रबी बुवाई पूरी
चालू रबी सीजन 2024-25 में अब तक 124 लाख 80 हजार हेक्टेयर में बोनी हो गई है। जो लक्ष्य के विरुद्ध लगभग १० फीसदी है। जबकि गत वर्ष इस अवधि में 123.56 लाख हेक्टेयर में बोनी हुई थी। राज्य की प्रमुख फसल गेहूं की बोनी अव तक 81.60 लाख हेक्टेयर में हो गई है। : Demanding Wheat Variety
इस वर्ष रबी फसलों का लक्ष्य 140.08 लाख हेक्टेयर रखा गया है। गत वर्ष की तुलना में इस वर्ष बुवाई समान गति से चल रही है। कृषि विभाग के मुताबिक प्रदेश में रबी फसलों का सामान्य क्षेत्र 133 लाख 82 हजार हेक्टेयर है।
इस वर्ष 140.08 लाख हेक्टेयर में रबी फसलें ली जाएंगी। कृषि विभाग के मुताबिक अब तक 124.80 लाख हेक्टेयर में बोनी कर ली गई है। इसमें राज्य की प्रमुख रवी फसल गेहूं की बोनी 81.60 लाख हेक्टेयर में हुई है। जबकि गत वर्ष अब तक 75.43 लाख है. में गेहूं बोया गया था।
दूसरी प्रमुख फसल चने की बोनी अब तक 19.21 लाख हेक्टेयर में हो गई है जो गत वर्ष समान अवधि में 21.87 लाख है, में हुई थी। अन्य फसलों में अब तक मटर 2.40 लाख है. में, मसूर 7.31 लाख है. में बोई गई है। राज्य की प्रमुख तिलहनी फसल सरसों की बोनी 12.16 लाख है. में हुई है वहीं अलसी की बोनी 1.02 लाख हेक्टेयर में हुई है। इस वर्ष गन्ना 1.07 लाख हेक्टेयर में लिया जायेगा।
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