रबी फसलों को पाले से कैसे बचाए? कृषि विभाग से जानें पाला का प्रभाव (Frost protection) और इसके बचाव के आसान उपाय…
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Frost protection | मध्यप्रदेश सहित कई राज्यों में इस समय तेज ठंड का बारिश का दौर जारी है। ऐसे में अपनी सेहत के साथ साथ किसानों को अपनी रबी फसलों पर भी ध्यान अवश्य देना चाहिए।
शीत लहर में जब तापमान शून्य डिग्री सेल्सियस से नीचे गिर जाता है तथा आकाश साफ होने के साथ हवा रूक जाती है तो रात्रि को पाला पड़ने की सम्भावना रहती है।
अगर ध्यान ना दिया जाए पाला के चलते रबी फसलों की उपज पर असर पड़ता है। कृषि विभाग ने पाला का प्रभाव और उसके बचाव को लेकर जानकारी दी है।
आइए कृषि विभाग से जानते है पाला की संभावना कब रहती है। पाला का प्रभाव (Frost protection) और इसके बचाव के आसान उपाय…
कब रहती है पाला गिरने की सम्भावना
Frost protection | शीत लहर में जब तापमान शून्य डिग्री सेल्सियस से नीचे गिर जाता है तथा आकाश साफ होने के साथ हवा रूक जाती है तो रात्रि को पाला पड़ने की सम्भावना रहती है।
प्रायः पाला पड़ने की सम्भावना 25 दिसम्बर से 15 फरवरी तक अधिक रहती है। वैसे साधारणतः पाले का अनुमान दिन के वातावरण से लगाया जा सकता है। जब आसमान साफ हो हवा न चल रही हो और तापमान काफी कम हो जाये तब पाला पड़ने की सम्भावना बढ़ जाती है। : Frost protection
दिन के समय सूर्य की गर्मी से पृथ्वी गर्म हो जाती है तथा जमीन से यह गर्मी विकिरण द्वारा वातारण में स्थानान्तरित हो जाती है इसलिये रात्रि में जमीन का तापमान गिर जाता है तथा कई बार तापमान शून्य डिग्री सेल्सियस या इससे भी कम हो जाता है। ऐसी अवस्था में ओस की बूंद जम जाती है।
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किस तरह रबी फसलों पर पड़ता है पाला का प्रभाव
Frost protection | पाले के प्रभाव से पौधों की पत्तियां एवं फूल झुलसे हुए दिखाई देते हैं एवं झड़ भी जाते हैं। यहां तक कि अधपके फल सिकुड़ जाते है उनमे झुर्रियां पड़ जाती हैं एवं कई फल गिर जाते हैं।
फलियों एवं बालियों में दाने नहीं बनते हैं। बन रहे दाने सिकुड़ जाते हैं। दाने कम भार के एवं पतले हो जाते हैं। उपज की गुणवत्ता गिर जाती हैं।
रबी फसलों में फूल आने एवं बालियाँ / फलियाँ आने व बनते समय पाला पडने की सर्वाधिक सम्भावनाएं रहती है। अतः इस समय कृषकों को सतर्क रहकर फसलों की सुरक्षा के उपाय अपनाने चाहिये। : Frost protection
पाला से बचाव के आसान उपाय
पाला पड़ने की सम्भावना को देखते ही संभव हो तो फसल की सिंचाई करें। ऐसा करने से नमीयुक्त जमीन में काफी देरी तक गर्मी रहती है जिससे तापमान पून्य डिग्री सेल्सियस से नीचे नहीं गिरेगा। : Frost protection
जिन दिनों पाला पड़ने की संभावना हो उन दिनों फसलों पर घुलनषील गंधक 0.2 प्रतिषत (2 ग्राम प्रति लीटर पानी) का घोल बनाकर छिडकाव करें। ध्यान रखे कि पौधौ पर घोल की फुहार अच्छी तरह लगे।
छिड़काव का असर दो सप्ताह तक रहता है। यदि इस अवधि के बाद भी शीत लहर व पाले की सम्भावना बनी रहे तो छिडकाव को 15-15 दिन के अन्तर से दोहराते रहे या थायो यूरिया 500 पी.पी.एम. (आधा ग्राम) प्रति लीटर पानी का घोल बनाकर छिडकाव करे। : Frost protection
दीर्घकालीन उपाय के रूप में फसलो को बचाने के लिये खेत की उत्तरी-पश्चिमी मेड़ों पर तथा बीच-बीच में उचित स्थानों पर वायु अवरोधक पेड़ जैसे हतूत, शीशम, बबूल, खेजडी, अरडू आदि बड़े पौधों की एक बाड लगा दी जाये तो पाले और ठण्डी हवा के झोंको से फसल का बचाव हो सकता है।
अधिक जानकारी के लिए संपर्क करें (अधिक जानकारी के लिए संपर्क करें)- Phone: 7597004107 – डा. अशोक कुमार शर्मा, प्रधान वैज्ञानिक
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