खाद की उपलब्धता को लेकर मध्य प्रदेश सरकार ने की बड़ी तैयारी अगले सीजन से किसानों को यह मिलेगा लाभ..

एमपी में खाद की उपलब्धता (Fertilizer Management) को लेकर सरकार ने नई योजना तैयार की है, आईए देखते हैं डिटेल..

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Fertilizer Management | रबी एवं खरीफ सीजन के दौरान फसलों की बेहतर उपज के लिए उर्वरक अनिवार्य हैं। फसलों को समय पर उर्वरक देना अनिवार्य होता है, समय पर उर्वरक नहीं मिलने की दशा में उपज प्रभावित होती है।

किसान प्रतिवर्ष रबी एवं खरीफ सीजन के दौरान उर्वरकों की अनुपलब्धता के कारण परेशान होते हैं। जिसके कारण पैदावार कम होती है और किसानों को घाटा उठाना पड़ता है।

पिछले कुछ वर्षों से खाद की पर्याप्त उपलब्धता नहीं होने के कारण मध्य प्रदेश के कई जिलों में हंगामे और विवाद की स्थिति भी निर्मित हुई। : Fertilizer Management

मध्य प्रदेश सरकार ने मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव के निर्देश के पश्चात किसानों की इसी समस्या को देखते हुए नए सिरे से कार्य योजना तैयार की है। आईए देखते हैं सरकार की पूरी प्लानिंग..

सीएम ने निर्देश दिया – एक्शन प्लान तैयार करें अधिकारी

Fertilizer Management | मध्य प्रदेश में खाद संकट के स्थाई समाधान के लिए राज्य सरकार अगले वर्ष से प्रमुख उर्वरक वितरण केंद्रों पर अग्रिम भंडारण व्यवस्था लागू करेगी। जिन जिलों में यूरिया समेत अन्य खाद की सर्वाधिक डिमांड रहती है, फसल सीजन शुरू होने से पहले ही खाद पहुंचाया जाएगा।

Fertilizer Management

सीएम मोहन यादव ने शनिवार को प्रदेश में खाद वितरण प्रबंधन की समीक्षा करते हुए फसल चक्र के अनुसार अग्रिम भंडारण का एक्शन प्लान बनाने के निर्देश अफसरों को दिए। सीएम हाउस में हुई इस बैठक में अफसरों ने सीएम को बताया कि प्रदेश में रबी सीजन की 97 फीसदी बोवनी हो चुकी है।

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Fertilizer Management | अधिकारी इस योजना पर भी करें फोकस

मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा है कि यूरिया, डीएपी जैसे रासायनिक उर्वरकों की समय रहते उपलब्धता सुनिश्चित करते हुए गौवंश आधारित जैव उर्वरकों के उपयोग को प्रदेश में प्रोत्साहित किया जाए।

कृषक, पारम्परिक अनुभव और स्वयं की पहल पर बड़े पैमाने में जैविक खाद का उपयोग कर रहे हैं। यह मिट्टी की गुणवत्ता और धरती की सेहत के लिए भी लाभप्रद है। उपयोग की जा रही जैविक खाद की मात्रा की गणना और दस्तावेजीकरण की आवश्यकता है। : Fertilizer Management

इस आधार पर प्रदेश में जैविक खाद के उपयोग को बढ़ाने के लिए कृषकों को प्रोत्साहित करने का मॉडल विकसित किया जाए। राज्य की यह पहल अन्य प्रदेशों के लिए भी अनुकरणीय होगी। रासायनिक उर्वरकों के उपयोग को हतोत्साहित करने के लिए जैविक तथा प्राकृतिक खाद जैसे विकल्प किसानों को उपलब्ध कराए जाएं।

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उर्वरकों का अग्रिम भंडारण सुनिश्चित करें

Fertilizer Management | मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि किसानों को फसल चक्र के अनुसार समय रहते उर्वरक उपलब्ध कराने के लिए उर्वरक वितरण के प्रमुख केन्द्रों पर अग्रिम भंडारण सुनिश्चित किया जाए। इसके लिए कार्य योजना विकसित करने के निर्देश दिए गए। बैठक में बताया गया कि प्रदेश में फसलों की बुवाई लगभग 97 प्रतिशत है।

सीएम डॉ. मोहन यादव ने यह भी दिए निर्देश

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने प्रदेश में उर्वरक प्रबंधन की समीक्षा के दौरान कहा कि किसानों को प्रत्येक सीजन के दौरान उर्वरक की उपलब्धता सुनिश्चित की जाए। इसके लिए सीजन के पहले पूरी तैयारी की। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि उर्वरकों की समय रहते उपलब्धता सुनिश्चित की जाएं। : Fertilizer Management

मुख्यमंत्री के समत्व भवन में हुई बैठक में सहकारिता मंत्री श्री विश्वास सारंग, अपर मुख्य सचिव श्री राजेश राजौरा, अपर मुख्य सचिव श्री अशोक बर्णवाल तथा अन्य अधिकारी उपस्थित थे।

इस वर्ष यह रही व्यवस्था

बैठक के दौरान अधिकारियों ने बताया कि वर्तमान वर्ष में यूरिया, एन.पी.के.,एस.एस.पी और एम.ओ.पी. उर्वरकों की उपलब्धता गत चार वर्षों में सर्वाधिक है। वर्तमान तक उपलब्ध 35 लाख 68 हजार मीट्रिक टन में से 32 लाख मीट्रिक टन से अधिक यूरिया का वितरण हो चुका है। : Fertilizer Management

इसी प्रकार 9 लाख 29 हजार मीट्रिक टन एन.पी.के., 10 लाख 58 हजार मीट्रिक टन एस.एस.पी, 91 हजार मीट्रिक टन एम.ओ.पी. वितरित हो चुका है। इसी प्रकार 10 लाख 82 मीट्रिक टन डीएपी और 20 लाख 11 हजार मीट्रिक टन डीएपी + एन.पी.के. वितरित किया जा चुका है। बैठक में विभिन्न जिलों में मासिक उर्वरक व्यवस्था पर चर्चा हुई तथा आवश्यक दिशा-निर्देश दिए गए।

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