MSP guarantee law | लोकसभा चुनाव 2024 के पहले देशभर के किसानों को मोदी सरकार बड़ी सौगात देने की तैयारी में है। सरकार ने इसके लिए पूरी तैयारी कर ली है। आम चुनाव के ठीक पहले इसकी घोषणा होने की संभावना है। सरकार की ओर से यह तैयारी इस लिहाज से भी मायने रख रही है कि पिछले एक माह से किसान आंदोलन चल रहा है। ज्ञात हो कि दूसरे चरण के किसान आंदोलन को आज 29 दिन हो गए हैं। हरियाणा-पंजाब के हजारों किसान शंभू और खनौरी बॉर्डर पर डटे हुए हैं। अब तक किसान आंदोलन में 9 लोगों की मौत हो चुकी है।
MSP guarantee law | किसने की मांग पर एक्शन लेने की तैयारी
किसान MSP की गारंटी का कानून बनाने समेत अन्य कई मांगों पर अडिग हैं। अब तक सरकार के साथ हुई चार दौर की वार्ता विफल रही। किसानों का कहना है कि जब तक उनकी मांग पूरी नहीं होती वे धरने पर डटे रहेंगे। किसानों ने बीते रविवार दोपहर 12 से 4 बजे तक 4 घंटे के लिए हरियाणा, पंजाब, राजस्थान, तमिलनाडु, केरल, कर्नाटक, उत्तर प्रदेश व बिहार समेत कई राज्यों में रेल रोकीं।
वहीं, डबवाली बॉर्डर पर किसानों की संख्या बढ़ाई जाएगी। अब किसान जल्द ही मीटिंग कर आंदोलन MSP guarantee law को लेकर अगला ऐलान करेंगे। उधर, संयुक्त किसान मोर्चा (SKM) ने 14 मार्च को दिल्ली के रामलीला मैदान में महापंचायत रखी है। इसे किसान-मजदूर महापंचायत नाम दिया है। सरकार इस महापंचायत सरकार की नजर इस किसने की इस महापंचायत पर है संभवत इसके बाद एमएसपी कानून को लेकर अंतिम फैसला होगा।
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सरकार का MSP गारंटी वाला फॉर्मूला तैयार
MSP guarantee law | सरकार का न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) गारंटी वाला फॉर्मूला तैयार है। आम चुनाव (General Election 2024) से पहले सरकार किसानों के लिए बड़ा ऐलान कर सकती है। सरकार दाल, मक्का और कॉटन को MSP पर खरीद कर सकती है।
सूत्रों के मुताबिक, सरकार एजेंसी नेफेड, NCCF के जरिये 5 साल का कॉन्ट्रैक्ट कर MSP पर खरीद कर सकती है। इसके लिए पोर्टल की जल्द बन कर तैयार होगा। पोर्टल पर किसानों को रजिस्ट्रेशन करना होगा। किसान अपनी पैदावार को NCCF, NAFED और CCI जैसी एजेंसियों को बेच सकेंगे। MSP गारंटी का यह फॉर्मूला देशभर में लागू होगा।
दाल की खरीद में अरहर, उड़द और मसूर शामिल है क्योंकि सबसे ज़्यादा इम्पोर्ट इन दालों का होता है। सरकार इसके जरिये किसानों MSP guarantee law की आय बढ़ाने और आयात पर निर्भरता कम करना चाहती है। यही नहीं, MSP खरीद के किसान की मांग भी काफी हद तक पूरी होगी।
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क्या है फसलों पर MSP की गारंटी
MSP guarantee law | किसानों की प्रमुख मांग फसलों की MSP पर खरीद की गारंटी का कानून और स्वामीनाथन आयोग की रिपोर्ट के हिसाब से कीमत तय करवाना है। MSP यानी मिनिमम सपोर्ट प्राइस, जिसे न्यूनतम समर्थन मूल्य भी कहते हैं। किसानों के हित के लिए सरकार ने ये व्यवस्था बनाई है। इसके तहत सरकार फसल की एक न्यूनतम कीमत तय करती है। अगर बाजार में फसलों के दाम कम भी हो जाएं, तो किसान आश्वस्त रहता है कि उसकी फसल सरकार कम से कम इस कीमत में जरूर खरीद लेगी।
इसे ऐसे समझिए कि किसी फसल की MSP 1000 रुपए क्विंटल है। खुले मार्केट में वही फसल 500 रुपए में मिल रही है, तो भी सरकार किसान से वह फसल 1000 रुपए क्विंटल में ही खरीदेगी। इसे ही न्यूनतम समर्थन मूल्य MSP guarantee law कहा जाता है। आमतौर पर MSP किसान की लागत से कम से कम डेढ़ गुना ज्यादा होती है। हालांकि MSP सरकार की नीति है, कानून नहीं। इसे सरकार घटा-बढ़ा सकती है। बंद भी कर कर सकती है। किसानों को यही डर सताता है।
फसलों की MSP कैसे तय होती है
MSP guarantee law | फसलों का उचित दाम दिए जाने के लिए केंद्र सरकार ने 1965 में कृषि लागत और मूल्य आयोग यानी कमीशन फॉर एग्रीकल्चर कॉस्ट एंड प्राइज (CACP) का गठन किया था। CACP ही MSP तय करता है। देश में पहली बार 1966-67 में MSP की दर से फसलों की खरीदी की गई थी। केंद्र सरकार फिलहाल 23 फसलों के लिए MSP तय करती है। राज्य सरकार भी इसे लागू कर सकती है।
23 फसलों पर MSP देती है केंद्र सरकार (MSP guarantee law)
- 7 अनाज :–गेहूं, धान, मक्का, बाजरा, ज्वार, रागी, जौ।
- 6 ऑयल :– सीड सोयाबीन, सरसों, सूरजमुखी, मूंगफली, तिल, काला तिल।
- 5 दालें :– अरहर, चना, मूंग, गन्ना, उड़द।
- 4 अन्य फसलें :–मसूर, कपास, नारियल, जूट।
MSP स्वामीनाथन आयोग के हिसाब से 30% तक बढ़ेंगी
स्वामीनाथन आयोग के मापदंड से गेहूं की फसल MSP guarantee law पर लागत 1,652 रुपए प्रति क्विंटल है। गेहूं का सरकार ने समर्थन मूल्य 2,275 निर्धारित किया है जबकि लागत के अनुसार स्वामीनाथन आयोग की रिपोर्ट के अनुसार गेहूं का समर्थन मूल्य 2,478 रुपए प्रति क्विंटल होना चाहिए।
इसका अर्थ क्या हुआ कि स्वामीनाथन आयोग के अनुशंसा के तुलना में सरकार ने लगभग 30% कम समर्थन मूल्य घोषित कर रखा है स्वामीनाथन आयोग की रिपोर्ट के अनुसार समर्थन मूल्य घोषित होता है तो सभी फसलों पर 30% मूल्य के बढ़ोतरी होगी।
MSP की गारंटी मिलने से किसानों का यह होगा फायदा
MSP guarantee law | MSP किसानों को उनकी फसलों के लिए न्यूनतम मूल्य की गारंटी देता है। जब मार्केट में उतार-चढ़ाव आते हैं तो इससे किसान को स्थिर और अनुमानित आय तय होती है।
स्थिर मूल्य: MSP के जरिए बाजार की कीमतें स्थिर होती हैं। ये मार्केट में तेजी से होने वाले उतार-चढ़ाव को रोकता है। MSP से उत्पादन में बढ़ोतरी होगी।
MSP एक तरह से गारंटी होती है। किसान ने जो फसल लगाई है। वो सरकार MSP के माध्यम से ज्यादा दाम पर खरीदेगी। जब खरीदने वाला तय होता है तो किसान ज्यादा मात्रा में उत्पादन करता है। MSP किसानों को भरोसा दिलाती कि वो खाद्य फसलों MSP guarantee law की खेती करें। जब किसान खाद्य फसलें लगाता है तो देश में खाद्य की कमी नहीं होती है। इससे सरकार को आयात कम करना पड़ता है और स्टॉक होने से फूड सिक्योरिटी बनी रहती है।
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