एमपी में न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP Purchase) पर किसानों को अब यह सुविधा भी मिलेगी खाद्य मंत्री में दिए निर्देश पढ़ें पूरी जानकारी..
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MSP Purchase | मध्य प्रदेश में न्यूनतम समर्थन मूल्य पर 2600 रुपए प्रति क्विंटल के भाव से गेहूं खरीदी का कार्य चल रहा है। गेहूं का भाव अच्छा मिलने से किस भी इस वर्ष न्यूनतम समर्थन मूल्य पर गेहूं उपार्जन को लेकर रुचि दिखा रहे हैं।
इधर मध्य प्रदेश में न्यूनतम समर्थन मूल्य पर गेहूं खरीदी (MSP Purchase) को लेकर प्रशासनिक स्तर पर पूरी निगरानी की जा रही है। राज्य के खाद्य मंत्री गोविंद सिंह राजपूत ने सभी जिला कलेक्टरों को सख्त हिदायत देते हुए निर्देश जारी किए हैं की खरीदी के दौरान किसी भी प्रकार से किसानों को परेशानी नहीं होना चाहिए। उन्होंने कहा कि उपार्जन कार्य में किसी भी प्रकार की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
खाद्य मंत्री श्री राजपूत ने बताया कि अब तक किसानों को 5,027 करोड़ का भुगतान किया जा चुका है। शेष भुगतान जल्द ही पूर्ण कर लिया जाएगा। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार किसानों को समय पर उचित मूल्य और पारदर्शी व्यवस्था उपलब्ध कराने के लिए संकल्पबद्ध है।
उपार्जन प्रक्रिया को सरल, व्यवस्थित और किसान हितैषी बनाने के लिए सभी आवश्यक प्रबंध किए गए हैं। खाद्य मंत्री ने अधिकारियों को क्या-क्या निर्देश जारी किए हैं, MSP Purchase आईए जानते हैं।
किसानों की सुविधा के लिए इन दिनों में भी करें खरीद
मध्य प्रदेश के अन्नदाताओं की सुविधा और हित को सर्वोच्च प्राथमिकता देते हुए राज्य सरकार ने निर्णय लिया है कि अब सभी उपार्जन केन्द्रों पर आगामी 18 और 19 अप्रैल को सार्वजनिक अवकाश होने के बावजूद गेहूं की खरीदी (MSP Purchase) का कार्य निर्बाध रूप से जारी रहेगा। इसके लिए किसान स्लॉट बुक करा सकते हैं।
खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण मंत्री श्री गोविंद सिंह राजपूत ने बताया कि यह निर्णय किसानों की सुविधा को ध्यान में रखते हुए लिया गया है, ताकि उपार्जन प्रक्रिया में किसी प्रकार का व्यवधान उत्पन्न न हो। किसान इन तिथियों में स्लॉट बुक कर बिना किसी परेशानी के गेहूं विक्रय कर सकेंगे। इसके लिए सभी व्यवस्थाएं सुनिश्चित की जा रही हैं।
खाद्य मंत्री ने सभी कलेक्टरों को दिए यह निर्देश
खाद्य मंत्री श्री राजपूत ने समस्त जिलों के कलेक्टरों को निर्देशित किया है कि वे अपने-अपने जिलों में उपार्जन केन्द्रों की निरंतर मॉनीटरिंग करें।
उपार्जन कार्य से जुड़े कर्मचारियों, अधिकारियों और एजेंसियों को भी सख्त हिदायत दी गई है कि किसानों को कतारों में लंबा इंतजार न करना पड़े, तुलाई, रख-रखाव, भुगतान और परिवहन की सभी व्यवस्थाएँ समय पर और पारदर्शिता से हों। MSP Purchase
किसानों को किसी प्रकार की असुविधा न हो
MSP Purchase ; खाद्य मंत्री श्री राजपूत ने कहा कि सरकार किसान हितैषी है। यह सुनिश्चित करना हमारा दायित्व है कि किसानों को अपने उत्पाद बेचने के लिए अनावश्यक परेशानियों का सामना न करना पड़े। इसलिए अवकाश के दिन भी उपार्जन कार्य जारी रखा जाएगा।
सभी संबंधित विभागों को आवश्यक संसाधनों और कर्मचारियों की उपलब्धता सुनिश्चित करने के निर्देश जारी किए जा चुके हैं। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि यदि किसी भी उपार्जन केन्द्र से लापरवाही या अनियमितता की शिकायत प्राप्त होती है तो जिम्मेदार अधिकारियों एवं कर्मचारियों के विरुद्ध तत्काल कठोर कार्रवाई की जाएगी।
गेहूं उपार्जन के लिए 15.33 लाख ने कराया पंजीयन
गौरतलब है कि प्रदेश में समर्थन मूल्य पर गेहूं उपार्जन (MSP Purchase) हेतु पंजीयन की प्रक्रिया 20 जनवरी से 9 अप्रैल 2025 तक संचालित की गई। इस अवधि में प्रदेश के 15 लाख 33 हजार किसानों ने अपना पंजीयन कराया।
खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण मंत्री गोविन्द सिंह राजपूत ने बताया कि उपार्जन की अवधि 15 मार्च से 5 मई 2025 तक निर्धारित है। किसानों को गेहूं के लिए 2,425 प्रति क्विंटल समर्थन मूल्य के साथ 175 प्रति क्विंटल बोनस, कुल 2,600 प्रति क्विंटल का भुगतान किया जा रहा है। खाद्य मंत्री श्री राजपूत ने बताया कि प्रदेश में 3,528 उपार्जन केंद्रों की स्थापना की गई है।
अब तक कुल 3.09 लाख किसानों से 31 लाख मीट्रिक टन गेहूं का उपार्जन किया गया है। इसमें से 24.44 लाख मीट्रिक टन का परिवहन तथा 21.86 लाख मीट्रिक टन का भंडारण किया जा चुका है। MSP Purchase
समर्थन मूल्य पर अब तक यह खरीदी हुई
वर्तमान में मध्यप्रदेश, राजस्थान व उत्तरप्रदेश के साथ हरियाणा में भी बेहतर प्रदर्शन के चलते गेहूं की सरकारी खरीदी 30 लाख टन से ऊपर पहुंच गई है। MSP Purchase पंजाब सहित अन्य राज्यों में खरीद की रफ्तार जल्द ही जोर पकड़ने की उम्मीद है।
उपलब्ध आंकड़ों के अनुसार चालू रबी मार्केटिंग सीजन में 12 अप्रैल 2025 तक केंद्रीय पूल के लिए 31 लाख टन से अधिक गेहूं खरीदा गया जो पिछले साल की समान अवधि की खरीद 17 लाख से काफी अधिक है। शानदार घरेलू उत्पादन की उम्मीद को देखते हुए सरकार ने इस वर्ष 313 लाख टन गेहूं खरीदने का लक्ष्य रखा है।
गेहूं की खरीद (MSP Purchase) पर इस बार किसानों को 2425 रुपए प्रति क्विंटल के न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर मध्यप्रदेश में 175 रुपए प्रति क्विंटल और राजस्थान में 150 रुपए प्रति क्विंटल का अतिरिक्त बोनस देने की घोषणा की गई है।
देश के सभी राज्यों में खरीदी शुरू हुई
गौरतलब है कि देश के सभी प्रमुख उत्पादक राज्यों उत्तरप्रदेश, मध्यप्रदेश, पंजाब, हरियाणा, राजस्थान, बिहार और गुजरात में खरीद की प्रक्रिया आरंभ हो चुकी है।
केंद्रीय खाद्य मंत्रालय के नए आंकड़ों के अनुसार 12 अप्रैल तक मध्यप्रदेश में गेहूं की सरकारी खरीद उछलकर 27 लाख टन पर पहुंच गई जो गत वर्ष की इसी तिथि तक की खरीद 12 लाख टन के दोगुने से भी ज्यादा है। इसके अलावा राजस्थान में करीब 2.03 लाख टन और उत्तर प्रदेश में 1.42 लाख टन से कुछ अधिक गेहूं की सरकारी खरीद (MSP Purchase) हो गई।
केंद्रीय पूल में पंजाब का स्थान सबसे अधिक
पिछले साल 12 अप्रैल तक राजस्थान में करीब 53 हजार टन और उत्तर प्रदेश में 1.16 लाख टन से कुछ अधिक गेहूं खरीदा गया था। पंजाब और हरियाणा में 1 अप्रैल 2025 से गेहूं की खरीद (MSP Purchase) का सीजन औपचारिक तौर पर आरंभ हुआ है और अब मंडियों में तथा सरकारी क्रय केन्द्रों पर इस खाद्यान्न की आपूर्ति बढ़ने लगी है।
वैसे इन राज्यों में सरकारी एजेंसियों के साथ व्यापारिक फर्मों व फ्लोर मिलर्स द्वारा भी गेहूं की खरीद में भारी सक्रियता दिखाई जा रही है। पंजाब में 12 अप्रैल तक केवल 2909 टन गेहूं खरीदा गया। वहां बैसाखी के बाद अब गेहूं की जोरदार आपूर्ति शुरू हो जाने की संभावना है।
पंजाब केंद्रीय पूल गेहूं का सर्वाधिक योगदान देने वाला राज्य है। हरियाणा में 12 अप्रैल तक 15204 टन गेहूं की सरकारी खरीद हुई। आगामी समय में आपूर्ति की रफ्तार तेजी से बढ़ने की उम्मीद है। MSP Purchase
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