प्याज की फसल में लगने वाले पर्पल ब्लाउज रोग (Onion Disease) के लक्षण क्या है एवं इसके नियंत्रण के लिए क्या करना होगा, जानिए..
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Onion Disease | किसानों के लिए प्याज प्रमुख नगदी फसल है, इसकी खेती रबी एवं खरीफ दोनों सीजन के दौरान की जाती है।
मौसम की प्रतिकूलता के कारण प्याज की फसल में रोग लगा आम बात हो गई है। इन लोगों में पर्पल ब्लॉच रोग प्रमुख रूप से प्याज की फसल को नुकसान पहुंचता है।
कृषि विशेषज्ञ बताते हैं कि पर्पल ब्लॉच रोग की रोकथाम के लिए किसानों को इस रोग के लक्षण मिलते ही उपाय करना होंगे।
पर्पल ब्लॉच रोग Onion Disease के लक्षण क्या है एवं इसकी रोकथाम के लिए क्या करना होगा आइए जानते हैं..
पर्पल ब्लॉच रोग क्या है
Onion Disease | प्याज की फसल में रोग लगने के कारण पैदावार पर गंभीर असर पड़ता है। प्याज की फसल में पर्पल ब्लॉच रोग एक प्रमुख समस्या है।
यह रोग पत्तियों और तनों पर असर डालता है, जिससे पौधों का विकास रुक जाता है और फसल उत्पादन पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है। रोग की गंभीरता को कम करने और फसल की गुणवत्ता बनाए रखने के लिए इसका प्रभावी प्रबंधन ज़रूरी है।
Onion Disease : पर्पल ब्लॉच रोग के लक्षण
पत्तियों पर धब्बे – शुरूआत में छोटे, पानी से भरे हल्के पीले धब्बे दिखाई देते हैं। ये धब्बे धीरे-धीरे बढ़कर भूरे या बैंगनी रंग के हो जाते हैं। चारों ओर पीले रंग का घेरा बनता है।
पत्तियों का झुलसना- गंभीर संक्रमण होने पर पत्तियां सूख जाती हैं। तने भी प्रभावित हो सकते हैं।
बल्ब का विकास रुकना पत्तियों का समय से पहले सूखना बल्ब के विकास को रोकता है, जिससे उत्पादन में कमी आती है।
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पर्पल ब्लॉच रोग का प्रसार
यह Onion Disease रोग मुख्य रूप से हवा, संक्रमित पौधों के अवशेष, और नमी के कारण फैलता है। अनुकूल परिस्थितियां, जैसे उच्च आर्द्रता (80-90%), 18-25 डिग्री सेल्सियस तापमान और बारिश या भारी सिंचाई, रोग के प्रसार को तेज करती हैं।
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Onion Disease | रोग प्रबंधन के उपाय
कृषि वैज्ञानिक प्रबंधन फसल चक्र अपनाएं प्याज को अन्य
फसलों के साथ चक्रीय रूप से उगाएं।
साफ-सफाई खेत में पुराने पौधों के अवशेषों को हटा दें। ये रोग का मुख्य स्रोत होते हैं।
जल निकासी का प्रबंधन – खेत में पानी का जमाव न होने दें।
संतुलित उर्वरक का उपयोग- नाइट्रोजन, फॉस्फोरस और पोटाश का संतुलित मात्रा में उपयोग करें नाइट्रोजन की अधिकता रोग के प्रकोप को बढ़ा सकती है।
प्रतिरोधी किस्मों का चयन करें
Onion Disease | उस क्षेत्र विशेष के लिए संस्तुति रोग प्रतिरोधी किस्मों का चयन करें। जैसे प्याज की प्रतिरोधी किस्में रोग के प्रसार को रोकने में मदद करती हैं।
पर्पल ब्लॉच रोग का जैविक प्रबंधन
ट्राइकोडर्मा जैसे जैव – एजेंट का उपयोग करें। ट्राइकोडर्मा, पर्पल ब्लॉच रोग के रोगजनक पर नियंत्रण पाने में सहायक है।
निमोल (नीम का तेल ) – 5त्न निमोल का छिड़काव करें।
काउ डंग स्लरीजैविक खाद का उपयोग पौधों की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने में मदद करता है।
पर्पल ब्लॉच रोग के नियंत्रण के लिए रासायनिक प्रबंधन
रोग के प्रकोप की प्रारंभिक अवस्था में निम्न रासायनिक फफूंदनाशकों का उपयोग करें। जैसे मैनकोजेब 2.5 ग्राम प्रति लीटर पानी में घोलकर छिड़काव करें या प्रोपिकोनाजोल की 1 मि.ली. प्रति लीटर पानी में मिलाकर छिड़काव करें या क्लोरोथैलोनिल नामक कवकनाशक की 2 ग्राम प्रति लीटर पानी में मिलाकर छिड़काव करें। छिड़काव 10-15 दिन के अंतराल पर दो बार करें। : Onion Disease
सिंचाई प्रबंधन से भी करें फसल सुरक्षा
इन उपायों के अलावा कृषि विशेषज्ञ किसानों को यह भी सलाह दे रहे हैं कि प्याज की फसल में सुबह के समय ड्रिप सिंचाई का उपयोग करें। इससे रोग पनपने की संभावना कम होगी।
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