बढ़ते तापमान के चलते प्याज की पत्तियां सूख रही एवं कंद नही बन रहे है ? जानें इस समस्या का समाधान

यदि आपके खेत में प्याज की पत्तियां (Onion Farming Tips) ऊपर से पीली पड़कर सूख रही हैं तो इस आर्टिकल को अंत तक पढ़ें..

Onion Farming Tips | सब्जियों और मसाले दोनों रूप में प्याज एक महत्वपूर्ण फसल है। इसमें कुछ मात्रा में प्रोटीन और विटामिन पाए जाते हैं। इसके आलावा प्याज में औषधीय गुणों की एक विस्तृत श्रृंखला भी पायी जाती है। इसका उपयोग सलाद, अचार और सूप में किया जाता है। प्याज की खेती भारत के निम्न राज्यों में की जाती है जिसमें महाराष्ट्र, गुजरात, उत्तर प्रदेश, उड़ीसा, कर्नाटक, तमिलनाडु, मध्य प्रदेश, आंध्र प्रदेश और बिहार आदि शामिल हैं।

भारत में प्याज का सबसे अधिक उत्पादन मध्य प्रदेश राज्य में किया जाता है। इस समय रबी प्याज की रोपाई का कार्य तेजी से चल रहा है। प्याज की रोपाई Onion Farming Tips करने के बाद ही मौसम परिवर्तन के चलते फसल में कई तरह की दिक्कतें आती रहती है। हमारे पास किसानों की क्वेरी आ रही है की, प्याज की पत्तियां पीली पड़कर सुख रही है एवं कंद भी नही बन रहे है। ऐसे में किसानों को क्या करना चाहिए, ताकि वह इस समस्या से निजात पा सके। तो आइए जानते है इसका समाधान..

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Onion Farming Tips | इस कारण पीली पड़ जाती है प्याज की पत्तियां

यदि आपके खेत में प्याज की पत्तियां ऊपर से पीली पड़कर सूख रही हैं तो यह पोटाश की कमी के कारण हो सकता है। पोटाश की कमी के कारण पुरानी पत्तियां पूर्ण रूप से सूख कर झड़ भी सकती हैं। नई पत्तियों का निचला भाग गहरा हरा रहेगा। ऊपरी भाग में पीलापन आ जाता है और तेज धूप के चलते वह पीली पत्तियां सूखकर झड़ने लग जाती है।

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पोटाश की कमी से कंद अच्छे नहीं पड़ेंगे..

पोटाश की कमी के कारण कंद Onion Farming Tips अच्छे नहीं पड़ेंगे तथा उनका छिलका भी पतला रह जाता है। यदि यह लक्षण हो तो आप घुलनशील पोटाश का छिड़काव कर देख लें। परिणाम आपको नई पत्तियों में ही दिखाई देंगे। फसल कटाई के बाद खेत से मिट्टी के नमूने लेकर मिट्टी की जांच करा लें, ताकि भविष्य में आप संतुलित उर्वरक की आवश्यकता अनुसार डाल सकें।

प्याज की फसल में कितना डाले पोटाश

प्याज की फसल Onion Farming Tips को पोटाश की मात्रा अधिक लगती है। जहां इसे 100 किलो नत्रजन व 50 किलो फास्फोरस प्रति हेक्टेयर लगता है, वहीं पोटाश की भी 100 किलो प्रति हेक्टेयर मात्रा की इसे आवश्यकता होती है। इनके अतिरिक्त इस फसल को गंधक की भी आवश्यकता होती है। यह हो सकता है। आपने पोटाश की मात्रा कम दी हो।

प्याज की फसल में लगने वाले रोग एवं प्रबंधन जानें

1. डैम्पिंग ऑफ / आर्द्र गलन रोग : इस रोग के चलते फसल Onion Farming Tips के तने मुरझा जाते है और झड़ने लगते है। जड़ों में सड़न पैदा होने के कारण संक्रमित पौधों के तने भूरे या काले हो जाते हैं। आमतौर पर संक्रमित पौधे सूखे हुए दिखाई दे सकते हैं। इसके समाधान के लिए किसान अमृत एलकेयर तरल का 2 – 3 मिली/लीटर पानी में मिलाकर छिड़काव करें।

2. कोमल फफूंदी रोग : पत्तियों की निचली सतह पर भूरे फफूंद जैसे धब्बों का विकास हो जाता है, जिससे पत्तियां मुड़ जाती हैं। साथ ही संक्रमित पौधों की पत्तियाँ पीली पड़ना शुरू हो जाती हैं और अंततः भूरी होकर सूखी जाती हैं। इसके समाधान के लिए किसानों को डाइथेन एम45 कवकनाशी का 2 – 2.5 ग्राम/लीटर पानी में घोलकर छिड़काव करना चाहिए।

3. सफेद सड़न रोग : पत्तियों Onion Farming Tipsकी नोक पीली एवं मुरझा जाती है एवं क्षयकारी शल्कों और बल्ब के आधार पर सफेद, रुईदार फफूंद का विकास हो जाता है। इसके नियंत्रण के लिए किसान कात्यायनी तेबुसुल टेबुकोनाज़ोल फफूंदनाशी का 2.5 ग्राम/लीटर पानी में घोलकर छिड़काव करें।

 4. एन्थ्रेक्नोज़ रोग : इससे प्रभावित पत्तियां मुड़ जाती हैं और पत्ती के ब्लेड पर पानी से लथपथ हल्के-पीले धब्बे विकसित हो जाते हैं। इसके नियंत्रण के लिए किसानों को रोको कवकनाशी का 0.5 ग्राम/लीटर का छिड़काव करना चाहिए।

5. आयरिश पीला धब्बा वायरस रोग : पत्तियों Onion Farming Tips पर पीले या भूरे रंग की सीमाओं के साथ सूखे, भूसे के रंग के, भूरे, धुरी के आकार के घाव विकसित हो जाते हैं। जिसके लिए किसान टेरा विरोकिल को 3 मिली/लीटर पानी में मिलाकर छिड़काव करें।

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